Kaal dosh kya hota hai : कालसर्प दोष सच या झूठ इस संबंध में यदि गहराई से अध्ययन किया जाए तो हिंदू सनातन धर्म में अनेक ग्रंथ हैं जो यत्र तत्र कालसर्प दोष का वर्णन नहीं करते हैं। यहां तक की लाल किताब जैसी किताब में भी कालसर्प दोष के विषय में वर्णन नहीं मिलता है।
परंतु आज के समय निकाल शपथ को लेकर कई सारे ज्योतिषी मनीषी विद्वान इसको एक ग्रह दोष के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं हालांकि कुछ विद्वान इस बात से सहमत हैं कि कालसर्प दोष एक अन्य ग्रह दोष की तरह योग है वहीं दूसरी तरफ कई सारे ज्योतिषी पंडित इस बात को पूरी तरह से खंडित कर देते हैं।
सनातन धर्म शास्त्रों के अनुसार मनुष्य अपने कर्मों के अनुसार फल प्राप्त करता है और जैसे कर्म करता है उसी प्रकार से उसी योनि में उसका जन्म होता है और इन्हीं कर्मों के आधार पर उसकी पीढ़ियों पर भी प्रभाव पड़ता है। गीता जैसे धर्म शास्त्र में कहा गया है कि जिसे वासना के कारण मनुष्य तथा अन्य जीवों की उत्पत्ति तथा मनुष्य जिस प्रकार का कर्म करेगा उसे काम क्रोध मद लोभ अहंकार का भोग भोगना पड़ता है अंत में सर्प योनि में जन्म लेना होता है।
सड़कों का वर्णन आदिकाल से ही कहा है और मनुष्य के साथ सर्प का जन्म माना जाता है जब किसी भी मनुष्य के बुरे कर्मों का प्रभाव व्यक्ति की संतानों पर पड़ता है तो इसी को सर्प दोष कहा जाता है।
कालसर्प दोष कब बनता है ?
मनुष्य की कुंडली में जब राहु और केतु बीच में अन्य ग्रह आ जाते हैं तो कालसर्प योग बनता है और इसे अशुभ फल देने वाला माना गया है। ज्योतिष में राहु को काल और सर्प का मुख तथा केतु को सर्प एवं सर्प की पूछ माना गया है।
कालसर्प दोष सच या झूठ | Kalsarp dosh sach ya juth
- कालसर्प दोष सच या झूठ को न तो सच कहा जा सकता है और ना ही झूठ कहा जा सकता है क्योंकि कालसर्प दोष जन्म कुंडली के आधार पर कर्मों का फल होता है जो कहीं ना कहीं शुभ या अशुभ फल देता है।
- कालसर्प दोष सच है या झूठ इस को सबसे ज्यादा मान्यता 12 ज्योतिर्लिंगों में त्र्यंबकेश्वर के विद्वान सच मानते हैं जबकि इसे मान्यता नहीं मिल पाई है क्योंकि ज्यादातर धार्मिक केंद्र एक व्यवसाय मात्र बन चुके हैं जिसकी वजह से लोगों को भ्रमित किया जाता है।
- फिर भी मनुष्य कहीं ना कहीं ग्रह दोस्तों को लेकर परेशान रहता है ऐसे में यही माना जाता है कि कालसर्प दोष होने की स्थिति में उसकी शांति करवाने के लिए विधिवत पूजा करवानी चाहिए।
- कहा जाता है कि कालसर्प दोष राहु और केतु से संबंधित दोष है क्योंकि जब सभी प्रकार के ग्रह राहु और केतु के मध्य आ जाते हैं तो सर्प दोष लगता है इसे ही हम काल सर्प दोष मानकर इस की शांति के लिए पूजा करवाएं। कहीं ना कहीं कालसर्प दोष सच है या झूठ में एक मान्यता निश्चित सही है।
- दूसरी तरफ कालसर्प दोष एक झूठा मिथ्या प्रचार है क्योंकि धर्म की आड़ में पैसे कमाने का एक व्यवसाय है और इस व्यवसाय को चलाने के लिए बहुत से ज्योतिषी विद्वान पंडित कालसर्प दोष जैसे प्रभाव को प्रचारित करके लोगों को भ्रमित कर देते हैं।
- जहां पर किसी धर्म शास्त्र में कालसर्प दोष का वर्णन नहीं किया गया है केवल कालसर्प योग के रूप में इस बात को समझाया गया है कि काल का अर्थ समय से लिया गया है और सर्प भगवान शिव के गले के हार के रूप में स्वीकार किया गया है ऐसे में कालसर्प योग या कालसर्प दोष एक प्रकार का मिथ्या झूठ है।
- दूसरी तरफ कालसर्प दोष को सच भी माना जाता है क्योंकि इसे ग्रह दोष के रूप में कुंडली में देखा जाता है और ग्रहों से संबंधित होने के कारण कहीं ना कहीं दूसरों का भी दिखाई देता है इस प्रकार से देखा जाए तो एक प्रकार का सच है।
- इस प्रकार से देखा जाए तो कालसर्प दोष सच है या झूठ तो सही मायने में कालसर्प दोष एक मिथ्या झूठ है केवल और केवल धर्म के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा है।
- फलित ज्योतिष जैसे ग्रंथों में सर्प योग की बात तो मिलती है लेकिन सर्पयोग दोष कि कहीं पर किसी भी ग्रंथ में कोई बात प्रमाणित नहीं मिलती है और ना ही कोई ग्रंथ इन तथ्यों को कहीं पर वर्णन करता है।
- अगर इसे राहु और केतु से संबंधित माना जाता है तो यह भी पता होना चाहिए कि राहु और केतु ग्रह ना होकर केवल छाया ग्रह जो पृथ्वी और चंद्रमा के कटान बिंदु होते हैं जिनकी वजह से ग्रहण होता है।
- कालसर्प योग या कालसर्प दोष को केवल सात ग्रहों के योग का एक भयावह संज्ञा के रूप में दिया गया है काल शब्द जोड़ देने से व्यक्ति को मृत्यु का आभास होता है जबकि यहां पर काल शब्द का अर्थ समय से लिया गया है ना की मृत्यु से।
- यहां पर काल और सर्प दोनों का अर्थ अलग-अलग है काल का मतलब समय से है और सर्प का मतलब एक रेंगने वाले जीव से है जो आदिकाल से हमारे बीच पाए गए और सर्प हमारे बीच पूजनीय है क्योंकि सर्प भगवान शिव के गले का हार है इसीलिए नागपंचमी के दिन इसकी पूजा की जाती है।
कालसर्प दोष मंत्र
कालसर्प दोष झूठ या सच के रूप में देखा जाए तो कहीं ना कहीं झूठ ही है परंतु जहां सच माना जाता हो वहां पर इसका समाधान भी करना आवश्यक हो जाता है ऐसे में यदि कालसर्प दोष आपके ऊपर है तो नीचे दिए गए मंत्र के माध्यम से कालसर्प दोष को हटाया जा सकता है।
‘ॐ नवकुलाय विद्यमहे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात्। ‘
इसके अलावा आप कालसर्प दोष को दूर करने के लिए भगवान शिव के इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
‘ॐ नमः शिवाय’
‘ॐ नागदेवताय नम:’
इन मंत्रों का जाप रुद्राक्ष माला के साथ 108 बार किया जाता है।
FAQ : कालसर्प दोष सच या झूठ
कालसर्प दोष कितने प्रकार के माने गए हैं
कालसर्प दोष हटाने के लिए क्या करना चाहिए
कालसर्प दोष का फायदा क्या है
निष्कर्ष
कालसर्प दोष झूठ या सच इस बात में इस तरह से सच्चाई है कि जब व्यक्ति पर मुसीबत आती है और वह किसी भी ऐसे तांत्रिक किया ओझा अथवा झाड़-फूंक करने वाले से मुलाकात करता है अथवा किसी ज्योतिषी से मिलता है तो निश्चित रूप से वह उसे इस विषय में डरा देता है।
मानव प्रकृति अपने भाग्य पर निर्धारित हो जाता है तो वह विभिन्न प्रकार के ग्रहों के दोषों के विषय में स्वीकार कर लेता है और जब कोई भी ज्योतिषी उसे यह बताता है कि कालसर्प दोष आपके ऊपर है तो व्यक्ति डर के कारण उसको स्वीकार भी करता है।