गायत्री मंत्र का जादू : गायत्री मंत्र जाप कब और कैसे करें नियम जाने

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Gayatri mantra ka jadu नमस्कार दोस्तों गायत्री मंत्र को सर्वश्रेष्ठ वैदिक मंत्र माना जाता है हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है वैसे तो गायत्री मंत्र का स्मरण प्रतिदिन करना चाहिए, आगे जानेंगे गायत्री मंत्र का जादू .

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इससे आपके सभी संकट टल जाएंगे गायत्री मंत्र अत्यधिक शक्तिशाली और पराक्रमी मंत्र है जिस के स्मरण से रोग मुक्ति और शारीरिक कष्ट दूर किया जा सकते हैं गायत्री मंत्र का स्मरण करने से जीवन से जुड़ी कई समस्याएं खत्म हो जाती हैं.

स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी खत्म हो जाती हैं आमतौर पर इसका स्मरण प्रतिदिन अनिवार्य रूप से कुछ लोग करते हैं लेकिन कुछ लोग इस कारण कभी-कभी करते हैं लेकिन हो सके तो इसका स्मरण प्रतिदिन करना चाहिए.

इससे आपका जीवन सुखमय और आपका घर सुख शांति और समृद्धि से परिपूर्ण रहता है और आपके घर में धन संकट आदि बिल्कुल नहीं रहता है मानसिक तनाव और शरीर की थकान दूर करने के लिए भी गायत्री मंत्र का स्मरण करते हैं.

और गायत्री मंत्र की अपार शक्तियों के लिए गायत्री मंत्र सिद्धि की जाती है गायत्री मंत्र के स्मरण से आपके अंदर कई बदलाव होते हैं जिसके फलस्वरूप आपको इसके सकारात्मक विचार और संस्कार देखने को मिलेंगें आज हम बात करने वाले हैं गायत्री मंत्र का जादू क्या है?

गायत्री मंत्र का जाप कब और कैसे करें ?

गायत्री मंत्र का जाप करने का समय आमतौर पर सभी लोगों का अलग अलग होता है जिसका जब मन करता है तब गायत्री मंत्र का जाप करता है लेकिन गायत्री मंत्र का जाप हमेशा संध्याकाल में करना चाहिए ऐसा शुभ माना जाता है.

यदि आप संध्याकाल में जाप नहीं कर पा रहे हैं आप किसी और टाइम जाप करना चाहते हैं तो आप मौन होकर जाप कर सकते हैं संध्या काल में आप बोलकर जाप कर सकते हैं लेकिन अन्य किसी समय आप बोलकर जाप नहीं कर सकते आपको मौन रहकर ही जाप करना होगा.

गायत्री मंत्र को हमेशा धीमी आवाज में जाप करना चाहिए गायत्री मंत्र जाप करने के लिए शुक्रवार के दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करके गायत्री माता का ध्यान करना चाहिए.

गायत्री मंत्र का जाप करते समय गायत्री मंत्र के पहले और आखिरी में श्री लगाकर जाप करें ऐसा करना अत्यधिक लाभप्रद होता है और हो सके तो रविवार के दिन व्रत भी रखना चाहिए.

गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्

गायत्री मंत्र जाप के नियम

  1. गायत्री मंत्र जाप करने के लिए साफ-सुथरे वस्त्र धारण करने चाहिए.
  2. गायत्री मंत्र जाप करने वाले व्यक्ति का खानपान शुद्ध और पवित्र होना चाहिए.
  3. गायत्री मंत्र का जाप किसी आदर्श गुरु के मार्गदर्शन में ही करें.
  4. गायत्री मंत्र जाप करने से पहले स्नान अवश्य करना चाहिए.
  5. गायत्री मंत्र जाप करने के लिए मन और आचरण पवित्र रखना चाहिए.
  6. जमीन पर कुछ बिछाकर आसन लगाएं और फिर गायत्री मंत्र का जाप करें.
  7. गायत्री मंत्र का जाप करते समय तुलसी या चंदन की माला का इस्तेमाल करें.

गायत्री मंत्र का जादू

गायत्री मंत्र एक सर्वश्रेष्ठ शक्तिशाली मंत्र है और इसका मात्र जाप करने से कई समस्याओं का निवारण हो जाता है गायत्री मंत्र का जादू प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का 108 बार उच्चारण करना चाहिए इससे आपके अंदर ऐसी क्षमताएं उत्पन्न होंगी.

जो किसी भी कार्य को करने के प्रति आप को उत्तेजित और उत्साहित करेंगे जिससे कि आप किसी भी कार्य को आसानी से कर पाएंगे और आपका सभी कार्यों में मन भी लगेगा कुछ बच्चे होते हैं जिनका पढ़ाई में मन नहीं लगता है.

उन्हें गायत्री मंत्र का स्मरण अवश्य करना चाहिए गायत्री मंत्र में ऐसे जादू होते हैं जो आपके मन की विचारधारा को बदल देते हैं और आपको एक उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर करते हैं गायत्री मंत्र में ऐसी शक्तियां होती हैं.

जो आपके शरीर के रोगों के निवारण के लिए भी उपयुक्त मानी गई हैं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह माना गया है की गायत्री मंत्र का उच्चारण करने से बहुमूल्य फायदे होते हैं गायत्री मंत्र एक ऐसा वैदिक मंत्र है.

जिसकी शक्तियों का आकलन करना नामुमकिन है मोक्ष प्राप्ति के लिए एक पवित्र व्यक्ति गायत्री मंत्र की मदद के लिए सकता है.

गायत्री मंत्र का महत्व

हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र को विशेष महत्व दिया गया है गायत्री मंत्र 1 महाशक्तिशाली वैदिक मंत्र है जिसकी शक्तियों का आंकलन करना मुमकिन नहीं है इसकी शक्तियां अपार हैं धर्म शास्त्रों में और ग्रंथों में गायत्री मंत्र का उल्लेख किया गया है.

और इसके कई अर्थ बताए गए हैं इस मंत्र में पूरे ब्रह्मांड की शक्तियां उपस्थित हैं और पूरा ब्रह्मांड इस मंत्र में समा सकता है इस मंत्र के महत्व की बात करें तो धार्मिक ग्रंथों के अनुसार हिंदू धर्म में इसकी अत्यधिक मान्यता है.

इन मान्यताओं को मान में रखते हुए हिंदू धर्म के सभी लोग गायत्री मंत्र का स्मरण करते हैं और कई अन्य धर्मों के लोग भी गायत्री मंत्र के लाभ उठाने के लिए इसका स्मरण करते हैं.

आमतौर पर यदि कोई व्यक्ति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा के साथ पवित्र मन से इस मंत्र का उच्चारण करता है तो उसका कल्याण निश्चित हो जाता है इस मंत्र की मदद से अपने शरीर में बहुमूल्य क्षमताएं बढ़ाई जा सकती हैं.

और मन की स्मरण शक्ति को भी बढ़ाया जा सकता है इस प्रकार से इसके कई महत्व सामने आए हैं धर्म शास्त्र और ग्रंथों मैं इसके कई महत्व बताए गए हैं जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण लेख हमने आपके साथ शेयर किए हैं.

FAQ : गायत्री मंत्र का जादू

Q. गायत्री मंत्र में कितनी शक्ति है?

Ans. गायत्री मंत्र के 24 अक्षरों में 24 देवता विराजमान होते हैं जिनकी 24 चैतन्य शक्तियां उसमें उपस्थित होती हैं.

Q. गायत्री मंत्र कौन से भगवान का है?

Ans. सविता या सूर्य गायत्री मंत्र के भगवान हैं सूर्य पर ही गायत्री मंत्र शक्ति अवलंबित है.

Q. गायत्री मंत्र का दूसरा नाम क्या है?

Ans. गायत्री मंत्र का दूसरा नाम तारक मंत्र है और इसका अर्थ यह है कि तैराकर पार कराने वाला मंत्र तारक मंत्र होता है.

निष्कर्ष | Conclusion

हम आशा करते हैं कि आप ने गायत्री मंत्र का जादू अच्छे से जान लिया होगा यदि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों व अन्य जानने वालों के साथ अवश्य शेयर करें ताकि उनको भी ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी का लाभ मिल सके.

यदि इससे संबंधित आपका कोई अन्य सवाल है तो हमारे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं हम आपके सवाल का जवाब जल्द से जल्द देने का प्रयास करेंगे.

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