Tulsi ki puja kaise ki jaaye : तुलसी की पूजा कैसे करें आज हम आप लोगों को तुलसी की पूजा कैसे करें इसके बारे में बताएंगे और इससे जुड़ी कई और भी बातें बताएंगे जो तुलसी पूजा के लिए की जाती है दोस्तों तुलसी पूजन करने से घर में मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है लेकिन तुलसी की पूजा करते समय कुछ नियमों का पालन करना होता है ऐसा माना जाता है कि यदि आप तुलसी पूजन गलत तरीके से करते हैं और पूजा करते समय कुछ गलती कर देते हैं.
तो आपको धन हानि का सामना करना पड़ सकता है तो चलिए आज हम आप लोगों को बताएंगे कि तुलसी की पूजा कैसे करें और तुलसी पूजन की विधि क्या है तुलसी में जल चढ़ाने की विधि क्या है और तुलसी की आरती कौन सी है इन सारे विषयों पर पूरी जानकारी के साथ बात करने वाले हैं और आपको बताने वाले हैं.
कि तुलसी पूजा करने से आपको सुख शांति और समृद्धि मिलती हैं तुलसी पूजन करने से आपके कई कार्य जो रुके हुए होते हैं वह पूरे हो जाते हैं तो चलिए शुरू करते हैं कि तुलसी पूजा कैसे करें.
- 1. तुलसी की पूजा कैसे करें ?
- 2. तुलसी पूजन विधि
- 3. तुलसी में जल चढ़ाने की विधि
- 4. नई तुलसी का पौधा घर में कब लगाना चाहिए
- 5. तुलसी की पत्ती कब नहीं तोड़नी चाहिए
- 6. तुलसी पूजन के फायदे
- 7. तुलसी पूजन का महत्व
- 8. तुलसी पूजन की आरती
- 9. FAQ :तुलसी की पूजा कैसे करें
- 9.1. रोज तुलसी पूजा कैसे करें?
- 9.2. तुलसी में दूध चढ़ाने से क्या होता है?
- 9.3. तुलसी को जल कब चढ़ाना चाहिए?
- 10. निष्कर्ष
तुलसी की पूजा कैसे करें ?
तुलसी का पौधा लगभग हर घर में होता है हिंदू मान्यताओं के अनुसार घर में तुलसी का पौधा होना बेहद शुभ होता है ऐसा माना जाता है कि तुलसी में देवी लक्ष्मी जी का वास होता है अगर रोज सुबह के समय तुलसी के पौधे की पूजा की जाए तो घर में सुख शांति और समृद्धि का वास होता है साथ ही तुलसी की पूजा करने से मोक्ष की भी प्राप्ति होती है लेकिन तुलसी से जुड़ी कुछ खास बातों का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी होता है तभी हमें शुभ फल की प्राप्ति होती है चलिए सबसे पहले जानते हैं कि तुलसी पूजा की विधि के बारे में जानेंगे।
तुलसी पूजन विधि
रोज सुबह प्रातः काल में उठकर स्नान आदि से निपट कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें इसके बाद सूर्य भगवान को जल अर्पित करें और उसके बाद तुलसी के पौधे की पूजा करनी चाहिए सबसे पहले पूर्व दिशा की ओर मुख करके तुलसी को सर्वप्रथम प्रणाम करें उसके बाद शुद्ध जल अर्पित करें इसके बाद शुद्ध घी का दीपक जला कर आरती करें और परिवार लिए सुख समृद्धि की कामना करें चलिए अब हम जानते हैं कि तुलसी में जल चढ़ाने की विधि क्या है?
तुलसी में जल चढ़ाने की विधि
तुलसी में जल हमेशा जड़ में चढ़ाना चाहिए जल चढ़ाते हुए तीन बार परिक्रमा जरूर करें सबसे पहले आप तुलसी की जड़ में जल चढ़ाएं फिर एक बार परिक्रमा करें फिर दोबारा जल चढ़ाकर दूसरी परिक्रमा करें और तीसरी बार जल चढ़ा कर फिर से परिक्रमा करें और चौथी बार में बचा हुआ जल तुलसी की अग्रभाग में चढ़ा दें तुलसी में जल चढ़ाने की सही विधि यही है।
नई तुलसी का पौधा घर में कब लगाना चाहिए
तुलसी का पौधा लगाने के लिए कार्तिक का महीना सबसे उत्तम होता है और इसके अलावा तुलसी का पौधा गुरुवार व शुक्रवार को लगाना चाहिए तुलसी का पौधा शाम को या फिर सुबह ही लगाना चाहिए तुलसी का पौधा घर के बीच आंगन में लगाना चाहिए और अगर आपके घर में आंगन नहीं है तो तुलसी का पौधा बालकनी में उत्तर या उत्तर पूर्व दिशा में लगा सकते हैं।
तुलसी की पत्ती कब नहीं तोड़नी चाहिए
तुलसी की पत्ती रविवार एकादशी सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण में तोड़ना अशुभ माना जाता है। तुलसी के पत्ते सुबह के वक्त ही तोड़ने चाहिए दूसरे किसी भी समय में तुलसी के पत्ते तोड़ना अशुभ माना जाता है तुलसी पत्ते कभी भी बासी नहीं होते हैं।
तुलसी पूजन के फायदे
- शाम को तुलसी के पास दिया जलाने से लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।
- घर के वास्तु दोष को मिटाने के लिए घर के आंगन में तुलसी का पौधा होना बेहद आवश्यक है।
- घर में तुलसी होने से अभी भी किसी तरह की नकारात्मक चीजें नहीं होती है।
- कहा जाता है कि तुलसी का पौधा हमें बुरी नजरों से बचाता है।
- याद रखें की कभी भी तुलसी के पौधे को छोड़ना नहीं चाहिए या कभी भी इसके पत्ते को पैर के नीचे नहीं लाना चाहिए। यह शुभ माना जाता है।
- यादि आपके घर में तुलसी का पौधा सूख गया हो तो उस बहती नदी में प्रवाह कर देना चाहिए।
तुलसी पूजन का महत्व
- कार्तिक के महीने में भगवान श्री हरि की पूजा में तुलसी चढ़ाने का फल हजार गोदान के बराबर होता है इस पूरे महीने में तुलसी नामाआश्चर्य का पाठ करना और उसे सुनने से भी लाभ होता है
- जिन जोड़ों को संतान का सुख ना हो उनके लिए यह महीना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।
- माना जाता है कि भगवान विष्णु को तुलसी काफी प्रिय है केवल तुलसी का दल अर्पित करके हम श्री हरि को प्रसन्न कर सकते हैं।
- पुराने जमाने में कहा गया है कि तुलसी की बात श्री हरि कभी भी डालते नहीं थे।
तुलसी पूजन की आरती
जय जय तुलसी माता
सब जग की सुख दाता, वर दाता
जय जय तुलसी माता ।।
सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर
रुज से रक्षा करके भव त्राता
जय जय तुलसी माता।।
बटु पुत्री हे श्यामा, सुर बल्ली हे ग्राम्या
विष्णु प्रिय जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता।
जय जय तुलसी माता।
हरि के शीश विराजत त्रिभुवन से हो वंदित,
पतित जनों की तारिणि, तुम हो विख्याता।
जय जय तुलसी माता।
लेकर जन्म बिजन में आई दिव्य भवन में,
मानव लोक तुम्हीं से सुख सम्पत्ति पाता।
जय जय तुलसी माता।
हरि को तुम अति प्यारी श्याम वर्ण सुकुमारी,
प्रेम अजब है श्री हरि का तुम से नाता।
जय जय तुलसी माता।
FAQ :तुलसी की पूजा कैसे करें
रोज तुलसी पूजा कैसे करें?
रोज सुबह तुलसी की पूजा करने के लिए सुबह प्रातः काल में उठे उठने के बाद स्नान करके साफ और सुधरे वस्त्र धारण करें उसके बाद पूजा के आसन पर बैठ जाए और पूजा प्रारंभ कर दें।
तुलसी में दूध चढ़ाने से क्या होता है?
तुलसी में दूध चढ़ाने से घर की सुख समृद्धि वापस आती है और आपको वास्तु दोष है तो घर के आंगन में या फिर छत के छज्जे पर तुलसी का पेड़ जरूर रखें इससे आपका वास्तु दोष खत्म हो जाता है।
तुलसी को जल कब चढ़ाना चाहिए?
ज्योतिषी के अनुसार ऐसा माना जाता है कि रविवार के दिन तुलसी को जल चढ़ाने से आपके जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी और कभी भी आपके जीवन में नकारात्मक शक्तियों का वास नहीं होगा।
निष्कर्ष
जैसा कि आज हमने आप लोगों को बताया कि तुलसी की पूजा कैसे करें इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको पता चल गया होगा कि तुलसी की पूजा कैसे की जाती है अगर आपको भी तुलसी की पूजा करनी है तो आप भी इन चीजों को अपनाकर तुलसी की पूजा अच्छे तरीके से कर सकते हैं और अपने घर में सुख शांति और समृद्धि का वातावरण ला सकते हैं यह पूजा करने के बाद आपको जीवन में कभी भी कोई दुख नहीं होगा और धन की भी कमी नहीं होगी।