नीम करोली बाबा मंत्र | Neem karoli baba mantra : प्रणाम गुरुजीनो आज हम आप लोगों को नीम करोली बाबा मंत्र बताएंगे क्या आप जानते हैं कि नीम करोली बाबा हनुमान भगवान की बहुत ही बड़े भक्त थे जो भी इन बाबा को मानते थे उनके भक्त ऐसा कहते हैं कि नीम करोली बाबा स्वयं हनुमान जी का स्वरूप थे इन्हें बीसवीं सदी के महान संतों में से माना जाता था.
ऐसा कहा जाता है कि इन्होंने अपने समय में काफी चमत्कार किए थे इनके चमत्कारों की चर्चा अलग-अलग शहरों में होती है शहरों में नहीं बल्कि विदेशों में भी इनकी चर्चा होती रहती है. ऐसा कहा जाता है कि नीम करोली बाबा के चमत्कार स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फेसबुक के सीइओ मार्क जुकरबर्ग भी कर चुके हैं. उत्तराखंड में आज के समय में भी नीम करोली बाबा आश्रम मौजूद है अगर आप इनका मंत्र जानना चाहते हैं और इनके बारे में डिटेल से जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं.
तो हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें क्योंकि आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से नीम करोली बाबा मंत्र बताने वाले हैं और नीम करोली बाबा के बारे में कुछ ऐसी जानकारियां प्रदान करने वाले हैं जो वह बहुत ही महत्वपूर्ण है इसीलिए हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
- 1. नीम करोली बाबा मंत्र | Neem karoli baba mantra
- 2. नीम करोली बाबा का स्थान कहां है ?
- 3. नीम करोली बाबा की बचपन की कहानी | Neem karoli baba ki bachapan ki kahani
- 4. नीम करोली बाबा के शिष्य | Neem karoli baba ke shishya
- 5. नीम करोली बाबा की मृत्यु कैसे हुई ?
- 6. नीम करोली बाबा की आरती | Neem karoli baba ki aarti
- 7. FAQ : नीम करोली बाबा मंत्र
- 7.1. नीम करोली बाबा की पूजा कैसे करें?
- 7.2. नीम करोली बाबा क्यों प्रसिद्ध है?
- 7.3. नीम करोली बाबा का असली नाम क्या है?
- 8. निष्कर्ष
नीम करोली बाबा मंत्र | Neem karoli baba mantra
मैं हूँ बुद्धि मलीन अति, श्रद्धा भक्ति विहीन ।
करू विनय कछु आपकी, होउ सब ही विधि दीन।।
श्रद्धा के यह पुष्प कछु। चरणन धरि सम्हार।।
कृपासिंधु गुरुदेव प्रभु। करि लीजे स्वीकार।।
यह Neem karoli baba mantra है जो भी व्यक्ति इस मंत्र का जाप करता है उसे नीम करोली बाबा की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
नीम करोली बाबा का स्थान कहां है ?
नीम करोली बाबा का आश्रम उत्तराखंड में बना हुआ है हिमालय तलहटी में मौजूद है इनके और जगह भी आश्रम है जैसे कि नैनीताल वाले मार्ग पर भी समुद्र तट से 1400 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित है इस आश्रम को कैची धाम से भी जाना जाता है। यह आश्रम बहुत ही प्रसिद्ध आश्रम है
नीम करोली बाबा की बचपन की कहानी | Neem karoli baba ki bachapan ki kahani
नीम करोली बाबा का जन्म उत्तराखंड के फिरोजाबाद जिले में हुआ था अकबरपुर गांव में सन 1900 के आसपास एक ब्राह्मण परिवार में उनका जन्म हुआ था नीम करोली बाबा का बचपन का नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था उनके पिता का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा था.
इनकी शादी 11 वर्ष की आयु में कर दी गई थी जैसे ही इनकी शादी हो गई थी उसके तुरंत बाद इन्होंने अपना घर परिवार सब कुछ छोड़ दिया था घर छोड़ने के बाद या गुजरात चले गए थे लेकिन 10 से 15 वर्ष बाद उन्होंने किसी उत्तर प्रदेश के नीम करोली गांव से साधु के रूप में देखा. उसके बाद ही इनके पिताजी को यह सूचना दी गई कि आपका बेटा नीम करोली गांव में है इसके पश्चात उनके पिता ने उनसे मिलकर फिर से गृहस्ती जीवन में आने के लिए बार-बार मनाया.
लेकिन कुछ साल गृहस्थी जीवन जीने के बाद इन्होंने फिर से घर छोड़ दिया उसके बाद उत्तराखंड के नैनीताल में अपना तपोस्थली बनाया और वहां जाकर रहने लगे के बाद हनुमान जी की पूजा अर्चना करने लगे उन्होंने अपने समय में लोगों को काफी चमत्कार दिखाए थे. जिसकी वजह से लोग उन्हें हनुमान जी का रूप मानने लगे थे आज भी वह जगह कैंची धाम के नाम से प्रसिद्ध है और हर साल 15 जून को वहां पर मेले के रूप मे का त्योहार मनाया जाता है।
नीम करोली बाबा के शिष्य | Neem karoli baba ke shishya
नीम करोली बाबा के शिष्य बाहर देश विदेश के थे इनके काफी शिष्य अमेरिका से थे ऐसा कहा जाता है कि एपल के सीइओ स्टीव जॉब्स तथा फेसबुक के सीइओ मार्क जुकरबर्ग नीम करोली बाबा को अपना गुरु मानने लगे थे. इन्होंने तो काफी बार नीम करोली बाबा के चमत्कार अपने फेसबुक पर चर्चा भी की है हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी नीम करोली बाबा को मानते हैं और वह उनके चमत्कारों के बारे में काफी चर्चा कर चुके हैं नीम करोली बाबा बहुत ही प्रसिद्ध बाबा माने जाते हैं।
नीम करोली बाबा की मृत्यु कैसे हुई ?
कैंची धाम से आने के बाद नीम करोली बाबा ने अपना अंतिम जीवन वृंदावन में बिताया था और वहीं पर उन्होंने अपना शरीर त्याग दिया था।
नीम करोली बाबा की आरती | Neem karoli baba ki aarti
दोहा
मैं हूँ बुद्धि मलीन अति, श्रद्धा भक्ति विहीन ।
करू विनय कछु आपकी, होउ सब ही विधि दीन।।
चौपाई
जय जय नीम करोली बाबा , कृपा करहु आवे सदभावा।।
कैसे मैं तव स्तुति बखानू ।नाम ग्राम कछु मैं नही जानू।।
जापे कृपा दृष्टि तुम करहु। रोग शोक दुख दारिद हरहु।।
तुम्हरे रुप लोग नही जाने। जापे कृपा करहु सोई भाने।।
करि दे अरपन सब तन मन धन | पावे सुख आलौकिक सोई जन।।
दरस परस प्रभु जो तव करई। सुख संपत्ति तिनके घर भरई।।
जै जै संत भक्त सुखदायक। रिद्धि सिद्धि सब संपत्ति दायक।।
तुम ही विष्णु राम श्रीकृष्ण। विचरत पूर्ण कारन हित तृष्णा।।
जै जै जै जै श्री भगवंता। तुम हो साक्षात भगवंता।।
कही विभीषण ने जो वानी। परम सत्य करि अब मैं मानी।।
बिनु हरि कृपा मिलहिं नही संता। सो करि कृपा करहिं दुःख अंता।।
सोई भरोस मेरे उर आयो । जा दिन प्रभु दर्शन मैं पायो।।
जो सुमिरै तुमको उर माही । ताकी विपत्ति नष्ट ह्वे जाई।।
जय जय जय गुरुदेव हमारे। सबहि भाँति हम भये तिहारे।।
हम पर कृपा शीघ्र अब करहु। परम शांति दे दुख सब हरहु।।
रोक शोक दुःख सब मिट जावे। जपे राम रामहि को ध्यावे।।
जा विधि होइ परम कल्याना । सोई विधि आपु देहु वारदाना।।
सबहि भाँति हरि ही को पूजे। राग द्वेष द्वन्दन सो जूझे।।
करें सदा संतन कि सेवा। तुम सब विधी सब लायक देवा।।
सब कुछ दे हमको निस्तारो । भवसागर से पार उतारो।।
मैं प्रभु शरण तिहारी आयो। सब पुण्यन को फल है पायो।।
जय जय जय गुरु देव तुम्हारी। बार बार जाऊ बलिहारी।।
सर्वत्र सदा घर घर की जानो । रखो सुखों ही नित खानों।।
भेष वस्त्र हैं, सदा ऐसे। जाने नहीं कोई साधु जैसे।।
ऐसी है प्रभु रहनी तुम्हारी । वाणी कहो रहस्यमय भारी।।
नास्तिक हूँ आस्तिक ह्वे जाए। जब स्वामी चेटक दिखलावे।।
सब ही धरमन के अनुनायी। तुम्हे मनावे शीश झुकाई ।।
नही कोउ स्वारथ नही कोई इच्छा। वितरण कर देउ भक्तन भिक्षा।।
केही विधि प्रभु मैं तुम्हे मनाऊ। जासो कृपा प्रसाद तव पाऊं।।
साधु सुजन के तुम रखवारे। भक्तन के हो सदा सहारे।।
दुष्टऊ शरण आनी जब परई । पूरण इच्छा उनकी करई।।
यह संतन करि सहज सुभाउ। सुनि आश्चर्य करई जनि काउ।।
ऐसी करहु आप दया।निर्मल हो जाए मन और काया।।
धर्म कर्म में रुचि हो जावे। जो जन नित तव स्तुति गावे।।
आवे सदगुन तापे भारी। सुख संपत्ति सोई पावे सारी।।
होइ तासु सब पूरण कामा। अंत समय पावे विश्रामा।।
चारी पदारथ है, जग माही। तव कृपा प्रसाद कछु दुर्लभ नाही।।
त्राहि त्राहि मैं शरण तिहारी । हरहु सकल मम विपदा भारी।।
धन्य धन्य बढ़ भाग्य हमारो। पावे दरस परस तव न्यारो।।
कर्महीन अरु बुद्धि विहीना। तव प्रसाद कछु वर्णन कीन्हा।।
दोहा-
श्रद्धा के यह पुष्प कछु। चरणन धरि सम्हार।।
कृपासिंधु गुरुदेव प्रभु। करि लीजे स्वीकार।।
FAQ : नीम करोली बाबा मंत्र
नीम करोली बाबा की पूजा कैसे करें?
नीम करोली बाबा क्यों प्रसिद्ध है?
नीम करोली बाबा का असली नाम क्या है?
निष्कर्ष
दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से नीम करोली बाबा मंत्र बताया और नीम करोली बाबा के बारे में कुछ और जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया है तो हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी.
अगर आपने हमारे इस लेख को सही से पढ़ा है तो आपको नीम करोली बाबा के बारे में सारी जानकारी प्राप्त हो गई होगी तो आशा करते हैं कि आपको हमारा या नीम करोली बाबा मंत्र आर्टिकल अच्छा लगा होगा।