Pandit ji ke havan ki samagri ki parchi नमस्कार दोस्तों धार्मिक मान्यताओं आगे बढ़ाते हुए किसी भी शुभ कार्य करने से पहले हवन करना जरूरी बताया गया है हवन करने से पहले हम कई बार पुजारी और पंडितों का सहारा लेते हैं.
और उनसे पूछते हैं कि हवन में क्या क्या सामग्री लगती है और वह कुछ बहुत सामग्री बता देते हैं और फिर हवन सामग्री में कोई सामग्री आपके लाने में छूट जाती है जिससे हवन करते समय समस्या खड़ी हो जाती है.
इसलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में हवन से संबंधित सारा कुछ क्लियर करने वाले हैं ताकि आपको इससे संबंधित कोई दिक्कत ना आए जैसा कि हवन करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जिससे हमारे घर में सुख शांति और समृद्धि का वास होता है.
इसलिए उसे पूरी प्रक्रिया और नियमित रूप से संपन्न करवाना चाहिए देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए कई हवन किए जाते हैं हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने से पहले हवन करना अति आवश्यक है शास्त्रों और ग्रंथों में भी बताया गया है.
कि किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले हवन जरूर कर लें जिससे कि उस कार्य में आने वाली बाधाओं का नाश हो जाता है और वह कार्य आपका सफलतापूर्वक हो जाता है.
उसमें कोई समस्या नहीं आती है तो आइए जानते हैं कि पंडित जी के हवन की सामग्री की पर्ची क्या है और हवन कैसे किया जाता है.
- 1. पंडित जी के हवन की सामग्री की पर्ची | havan ki samagri ki list
- 2. हवन करने की विधि | Havan karne ki vidhi
- 3. हवन करने के मंत्र | havan mantra
- 4. हवन करने का महत्व
- 5. हवन करने के लाभ
- 6. FAQ : पंडित जी के हवन की सामग्री की पर्ची
- 6.1. Q. हवन कितने प्रकार के होते हैं?
- 6.2. Q. घर में रोज हवन करने से क्या होता है?
- 6.3. Q. हवन करते वक्त कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?
- 7. निष्कर्ष | Conclusion
पंडित जी के हवन की सामग्री की पर्ची | havan ki samagri ki list
जब घर में कोई शुभ कार्य किया जाता है तब इस कार्य को सफल बनाने के लिए और उसकी उन्नति के लिए हवन किया जाता है और हवन करने के लिए ढेर सारी सामग्री लगती है हवन शुरू होने के बाद यदि कोई सामग्री छूट जाती है तो हवन में बाधा उत्पन्न हो जाती है.
इसलिए हवन की सामग्री की लिस्ट पहले ही तैयार कर लें ताकि आप कोई भी सामग्री ना भूले हवन में इस्तेमाल होने वाली सामग्री जैसे
- हवन कुंड
- लाल रंग का कपड़ा
- अश्वगंधा
- मुलेठी की जड़
- गूगुल
- कपूर
- चावल
- इलायची
- लोबान
- कलावा
- सूखी लकड़ियां
- सूखा नारियल का गोला
- शक्कर
- कूष्माण्ड (पेठा)
- पान
- सुपारी
- लौंग
- छोटी इलायची
- कमल गट्ठे
- जायफल
- मैनफल
- पीली सरसों
- पंच मेवा
- सिन्दूर
- उड़द मोटा
- शहद
- ऋतु फल
- केले
- नारियल
- चुन्नी
- गिलोय
- सराईं
- आम के पत्ते
- सरसों का तेल
- कपूर, पंचरंग
- केसर
- लाल चंदन
- सफेद चंदन
- सितावर
- कत्था
- भोजपत्र
- काली मिर्च
- मिश्री
- अनारदाना
- घी
- जौ
- तिल
- नवग्रह की नौ समिधा (आक, ढाक, कत्था, चिरचिटा, पीपल, गूलर, जांड, दूब, कुशा)
- बूरा
- सामग्री श्रद्धा के अनुसार इन्द जौ
- बालछड़
- आम या ढाक की सूखी लकड़ी
आदि हवन सामग्री होती है इसलिये इस लिस्ट को एक बार अपने पंडित जी को दिखा ले इसमें उन्हें जो घटना बढ़ना होगा वो घटा बढ़ा देंगे.
हवन करने की विधि | Havan karne ki vidhi
जैसा कि हम जानते हैं जब हम कोई शुभ कार्य करते हैं तो उसमें हवन अवश्य करते हैं क्योंकि यह उस कार्य के लिए शुभ होता है हवन करने के लिए आपको एक साफ-सुथरी स्वच्छ जगह का निर्धारण कर लें.
और फिर वहां पर हवन कुंड को लाकर रख दें उसके पश्चात हवन सामग्री को वहां पर व्यवस्थित कर दें और फिर पंडित जी को हवन कुंड के समक्ष बैठने के लिए बोल देना चाहिए ऐसा करने के पश्चात आप हवन प्रक्रिया का आरंभ कर सकते हैं.
हवन कुंड में आहुति देने के लिए उन सामग्रियों को तैयार कर लें जिन की आहुति हवन कुंड में देनी है उसके पश्चात पंडित जी द्वारा मंत्रों के उच्चारण करने पर हवन पर बैठे व्यक्ति और पंडित जी स्वाहा के साथ आहुति देते हैं.
इस प्रकार हवन प्रारंभ हो जाता है हवन में मंत्र उच्चारण के लिए नीचे मंत्र दिए गए हैं इस प्रकार आप हवन को सफलता पूर्वक संपन्न कर सकते हैं जिससे आपके घर में सुख शांति का वास होगा.
हवन करने के मंत्र | havan mantra
ओम शिवाय नम: स्वाहा।।
ओम ब्रह्माय नम: स्वाहा।।
ओम कुल देवताय नम: स्वाहा।।
ओम आग्नेय नम: स्वाहा।।
ओम विष्णुवे नम: स्वाहा।।
ओम स्थान देवताय नम: स्वाहा।।
ओम गणेशाय नम: स्वाहा।।
ओम गौरियाय नम: स्वाहा।।
ओम नवग्रहाय नम: स्वाहा।।
ओम भैरवाय नम: स्वाहा।।
ओम दुर्गाय नम: स्वाहा।।
ओम महाकालिकाय नम: स्वाहा।।
ओम हनुमते नम: स्वाहा।।
ओम जयंती मंगलाकाली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा।।
स्वधा नमस्तुति स्वाहा।।
ओम गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा।।
ओम ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा।।
ओम शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्थार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते।।
ओम पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा।।
हवन करने का महत्व
शास्त्रों और ग्रंथों मे हवन को विशेष महत्व दिया गया है और हवन करने की इन परंपराओं को आगे बढ़ाते हुए आज भी सभी लोग किसी शुभ कार्य को करने से पहले हवन करना अति आवश्यक मानते हैं सनातन धर्म में किसी भी पूजा के दौरान हवन करना आवश्यक बताया गया है.
शास्त्रों में और तंत्र मंत्र की दुनिया में हवन के जरिए बहुत सारी पुजाओं को सफल बनाया जाता है हवन करके किया गया कार्य सफलतापूर्वक होता है हवन करने से घर का वातावरण शुद्ध रहता है घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है इससे धार्मिक प्रतिष्ठा बढ़ती है हवन करना एक बारी कर्मकांड माना जाता है हवन सामग्री में इस्तेमाल होने वाले कुछ कारक जिन की आहुति दी जाती है.
उनके समर्पण से औषधि गुण उत्पन्न होते हैं जो कई रोगों के निवारण के लिए प्रयुक्त होते हैं हवन करने से हमारी कई समस्याओं का निवारण हो जाता है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर शुभ कार्य से पहले हवन करना आवश्यक होता है.
हवन करने के लाभ
आप ने जरूर कभी न कभी हवन पूजा जरूर की होगी या फिर इसके बारे में जानते होगे जैसा कि सब लोग जानते हैं कि हवन किसी शुभ कार्य को सफलतापूर्वक होने के लिए किया जाता है.
इससे धार्मिक प्रतिष्ठा भी बढ़ती है इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए हवन करवाया जाता है हवन करने से बहुत सारे लाभ होते हैं जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण लाभ निम्नलिखित हैं.
- किसी कार्य को करने से पहले हवन करने पर उस कार्य में आने वाली सभी बाधाएं खत्म हो जाती हैं और वह कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हो जाता है.
- हवन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है.
- हवन करने से हमारे घर में सुख शांति और समृद्धि का निवास होता है.
- हवन करने से धारी प्रतिष्ठा बढ़ती है शास्त्रों में हवन करना आवश्यक बताया गया है.
- हवन करने से औषधीय गुण उत्पन्न होते हैं जिनसे कई रोगों का निवारण हो जाता है.
- हवन करने से हमारी पुरानी मान्यताएं और परंपराएं बनी रहती हैं.
- हवन करने से वातावरण में शुद्धिकरण होता है जिससे प्राकृतिक शांति होती है.
FAQ : पंडित जी के हवन की सामग्री की पर्ची
Q. हवन कितने प्रकार के होते हैं?
Ans. शास्त्रों के मुताबिक हवन पांच प्रकार के होते हैं इसका उल्लेख पौराणिक ग्रंथों में किया गया है.
Q. घर में रोज हवन करने से क्या होता है?
Ans. रोजाना हवन करने से घर का वातावरण शुद्ध रहता है घर में सुख शांति और समृद्धि का निवास होता है और मन को शांति मिलती है.
Q. हवन करते वक्त कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?
Ans.ओम गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा। ओम शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्थार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते। ओम पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा।।
निष्कर्ष | Conclusion
हम आशा करते हैं कि आपने पंडित जी के हवन की सामग्री की पर्ची क्या है अच्छे से जान लिया होगा और अब आप हवन स्वयं आसानी से कर सकते हैं यदि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों का आने जाने वालों के साथ शेयर करें.
ताकि उनको भी हवन से संबंधित समस्याएं ना आए वह भी अपने कष्टों का निवारण करने के लिए स्वयं हवन कर सकें यदि से संबंधित आपका कोई अन्य सवाल है तो आप हमारे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं हम आपके सवाल का जवाब जल्द से जल्द देने का प्रयास करेंगे.