पूजा कब नहीं करनी चाहिए Pooja kab nahi karni chahiye : हेलो दोस्तों नमस्कार आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से पूजा कब नहीं करनी चाहिए इसके बारे में बताएंगे आई अभी बताएंगे कि सुबह कितने बजे उठकर पूजा करनी चाहिए वैसे तो पुराने समय से ही सभी मनुष्य पूजा-पाठ करते आ रहे हैं सभी लोग अपने परिवार की सुख शांति के लिए ईश्वर की पूजा करते हैं घर में सुबह और शाम के समय पूजा की जाती है.
अगर मंदिर में देखा जाए तो वहां भी सुबह शाम दोनों समय पूजा की जाती है लेकिन कुछ लोग तो कभी भी पूजा ही नहीं करते पूजा करने के कई सारे नियम और उसका समय निश्चित होता है अगर पूजा भी समय पर नहीं की जाती है तो वह अशुभ मानी जाती है और अगर सही समय पर पूजा हो जाए तो वह शुभ फल प्राप्त करवाती है.
इसीलिए आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से पूजा करने का सही समय और पूजा कब नहीं करनी चाहिए अगर सही समय पर पूजा की जाए तो पूजा का अधिक शुभ फल मिलता है अगर आप इसके बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक सही तरीके से पढ़ें आज हम आप लोगों को इसके बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करवाने वाले हैं।
- 1. पूजा कब नहीं करनी चाहिए | Pooja kab nahi karni chahiye
- 1.1. दोपहर 12 से 4 बजे के बिच पूजा नही करनी चाहिए
- 1.2. रात को 12 बजे से 1 बजे के बिच पूजा नही करनी चाहिए
- 2. सूतक के समय पूजा नही करनी चाहिए | Sutak ke samya pooja nahi karni chahiye
- 3. स्त्री के मासिकधर्म के दौरान पूजा नही करनी चाहिए
- 4. शाम को कितने बजे पूजा करनी चाहिए ?
- 5. क्या दोपहर में पूजा करनी चाहिए ?
- 6. सुबह कितने बजे उठकर पूजा करनी चाहिए ? | Subah kitne baje puja karni chahiye
- 7. पूजा करने के फायदे क्या होते हैं ? | Puja karne se fayda kya hote hai ?
- 8. FAQ : पूजा कब नहीं करनी चाहिए ?
- 8.1. शाम की पूजा का सही समय क्या है?
- 8.2. पूजा करने का सही टाइम क्या है?
- 8.3. मासिक धर्म के कितने दिन बाद पूजा करनी चाहिए?
- 9. निष्कर्ष
पूजा कब नहीं करनी चाहिए | Pooja kab nahi karni chahiye
अगर आप यह जानना चाहते हैं कि पूजा कब नहीं करनी चाहिए तो आज हम आप लोगों को हिंदू शास्त्र के अनुसार कुछ ऐसे समय निश्चित किए गए हैं जब पूजा करना वर्जित माना जाता है।
दोपहर 12 से 4 बजे के बिच पूजा नही करनी चाहिए
वैसे तो हिंदू धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ऐसा कहा गया है कि अगर आप दोपहर के 12 से 4 के बीच के समय पूजा करना वर्जित माना गया है इस समय पूजा नहीं करनी चाहिए या समय भगवान को विश्राम करने का समय माना गया है वैसे आप लोगों ने देखा होगा कि मंदिर में दोपहर समय मंदिर के फाटक बंद कर दिए जाते हैं क्योंकि ऐसा कहा गया है कि इस समय मनुष्य का मन एकाग्र नहीं होता है तो पूजा करने का फल भी नहीं मिल पाता हैं।
रात को 12 बजे से 1 बजे के बिच पूजा नही करनी चाहिए
ऐसा कहा गया है कि रात के 12 से 1 के बीच में हनुमान भगवान लंका में होते हैं इसीलिए 12 से 1 के बीच में पूजा नहीं करनी चाहिए अगर आप हनुमान जी की पूजा करते हैं तो ऐसा कहा गया है।
सूतक के समय पूजा नही करनी चाहिए | Sutak ke samya pooja nahi karni chahiye
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा गया है कि अगर सूतक लगा होता है तो पूजा नहीं की जा सकती है सूतक के समय पूजा करना अशुभ माना जाता है क्योंकि यह एक अशुभ काल होता है इसकी वजह से पूजा करना वर्जित माना जाता है सूतक के समय देव दर्शन के लिए भी नहीं जाया जाता है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा गया है कि सूर्य ग्रहण के 12 घंटे बाद सूतक लग जाते हैंजिसकी वजह से इस समय मंदिर के फाटक बंद हो जाते हैं जैसे ही सूतक खत्म हो जाता है.
स्नानादि करने के बाद आप पूजा स्थल को पवित्र करने के बाद पूजा की जा सकती है। अगर किसी व्यक्ति के घर में संतान ने जन्म लिया है तो उस समय पूजा करना वर्जित माना जाता है इसे एक प्रकार से सूतक का प्रकार माना जाता है जब तक संतान 10 दिन की नहीं हो जाती तब तक पूजा नहीं करनी चाहिए आपके घर में किसी भी सदस्य की मृत्यु हो जाए तो उस समय भी सूतक लग जाता है तो मृत्यु के 13 दिन तक पूजा नहीं करनी चाहिए यह वर्जित माना जाता है।
स्त्री के मासिकधर्म के दौरान पूजा नही करनी चाहिए
ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई स्त्री मासिक धर्म से गुजर रही है तो उसे पूजा पाठ नहीं करना चाहिए धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस समय पूजा पाठ करना वर्जित माना जाता है।
शाम को कितने बजे पूजा करनी चाहिए ?
अगर आप शाम के समय पूजा करना चाहते हैं तो आपको सूर्यास्त के बाद ही पूजा करनी चाहिए सूर्यास्त का समय 6:30 से 7:30 के बीच का होता है अगर आप इस समय पूजा करते हैं तो बहुत ही शुभ माना जाता है।
क्या दोपहर में पूजा करनी चाहिए ?
कई लोग मुझसे यह सवाल पूछते हैं कि क्या हम लोग दोपहर में पूजा कर सकते हैं आज हम आप लोगों को बता दें कि दोपहर 12 से 4 के बीच में पूजा करना वर्जित माना जाता है क्योंकि यह समय भगवान के विश्राम करने का होता है अगर आप इस समय भगवान की पूजा करते हैं तो एक प्रकार से उन्हें उनकी नींद से उठाते हैं तो ऐसा करना वर्जित नहीं होता है।
सुबह कितने बजे उठकर पूजा करनी चाहिए ? | Subah kitne baje puja karni chahiye
जो भी व्यक्ति सुबह जल्दी उठकर भगवान की पूजा करता है वह सर्वश्रेष्ठ माना जाता है अगर कोई व्यक्ति सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद 6 से 8 के बीच में पूजा करता है तो यह शुभ माना जाता है आप चाहे तो 8 बजे के बाद भी पूजा कर सकते हैं लेकिन अगर आप 6 से 8 के बीच में पूजा करते हैं तो यह ज्यादा शुभ माना जाता है इस समय आपका मन एकदम शांत रहता है जिसकी वजह से आप पूरे श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान की पूजा कर सकते हैं।
अगर आप सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से संपन्न होने के बाद 6 से 8 के बीच में पूजा करते हैं तो आपके शरीर में पूरी एनर्जी बनी रहती है और उस समय आपके शरीर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है जिसकी वजह से हम पूरे मन से और भगवान के प्रति मन को एकाग्र करने के साथ पूजा कर सकते हैं।
पूजा करने के फायदे क्या होते हैं ? | Puja karne se fayda kya hote hai ?
1. अगर आप सुबह जल्दी उठकर पूजा करते हैं तो आपका मानसिक रूप काफी शांत हो जाता है तथा आपका मन पूरा दिन प्रसन्न रहता है।
2. अगर आपके घर में अधिक पूजा की जाती है तो आपके घर का वातावरण शुद्ध रहता है।
3. आप जिस भी भगवान को मानते हैं जिसकी भी पूजा करते हैं अगर आप रोज पूजा करते हैं तो उनके प्रति आपका विश्वास और भी ज्यादा बढ़ जाता है उसके साथ आपका मन मिल जाता है।
4. पूजा करने से आपके घर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है।
5. पूजा करने से आपकी इच्छा तो पूरी ही होती है उसके साथ आपका मानसिक तनाव दूर हो जाता है पर आप इसके साथ किसी भी मंत्र का जाप करते हैं तो आपकी बुद्धि तेज हो जाती है।
FAQ : पूजा कब नहीं करनी चाहिए ?
शाम की पूजा का सही समय क्या है?
पूजा करने का सही टाइम क्या है?
मासिक धर्म के कितने दिन बाद पूजा करनी चाहिए?
निष्कर्ष
आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से पूजा कब नहीं करनी चाहिए इसके बारे में बताया और यह भी बताया कि सुबह के समय 6 से 8 के बीच का समय पूजा करने का होता है और शाम के समय सूर्यास्त यानी कि 6:30 से 7:30 के बीच में पूजा करना शुभ माना जाता है हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी।