आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं कि बबूल के पेड़ से आप प्रेतराज ghost king की सिद्धि कैसे कर सकते हैं| बहुत से लोग इंटरनेट पर यह सर्च करते रहते हैं कि बबूल के पेड़ की सिद्धि कैसे करें siddh kaese kare तो वैसे लोगों के लिए ही हमने आज का यह आर्टिकल लिखा है|
आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं कि प्रेतराज की सिद्धि बबूल के पेड़ का इस्तेमाल करके कैसे की जाती है| बबूल का पेड़ कांटेदार होता है और इसकी पत्तियां हरे रंग की होती है|
हमारे भारत में बबूल के पेड़ की दातुन का इस्तेमाल काफी होता है|बबूल का दातुन करने से हमारे दांत मजबूत बनते हैं, इसीलिए हमारे भारत में बबूल के पेड़ का दातुन किया जाता है| इसके साथ ही विदेशों में भी काफी बड़ी मात्रा में बबूल के दातुन का एक्सपोर्ट हो रहा है|
बबूल के पेड़ का धार्मिक दृष्टि के साथ-साथ तांत्रिक महत्व भी है और तांत्रिक क्रिया में भी बबूल की लकड़ी का इस्तेमाल काफी धड़ल्ले से होता है|
बबूल के पेड़ के बारे में ऐसा कहा जाता है कि देसी बबूल के पेड़ के अंदर प्रेतराज रहते हैं और अगर कोई आदमी प्रेतराज को सिद्ध कर लेता है तो उसकी किस्मत चमक जाती है परंतु यह सत्य बात नहीं है|
हां माना कि कोई भी सिद्धि करने से साधक को विशेष लाभ प्राप्त होते हैं, परंतु आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, अगर आप किसी भी प्रकार के भूत प्रेत की सिद्धि करते हैं, तो यह आपको फायदा पहुंचाने के साथ साथ नाराज होने पर आपको काफी कुछ नुकसान भी पहुंचा सकते हैं, जिसके कारण आपके जीवन में कई समस्याएं problem पैदा हो सकती हैं|
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, आप जब बहुत ही ज्यादा परेशान हो और आपको कोई रास्ता ना दिखाई दे रहा हो, तब आप आखरी उपाय के तौर पर इस साधना को कर सकते हैं|खाली इस साधना को आजमाने के लिए या फिर अपने मनोरंजन के लिए इस साधना को ना करें,वरना आपको नुकसान हो सकता है और अगर आप इस साधना को आजमाना चाहते हैं तो आपको इसे किसी गुरु की देखरेख में ही करना चाहिए|
बबूल के पेड़ का 21 दिन का टोटका जाने ! 21 Day totka of Babool
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि बबूल का पेड़ अधिकतर किसी निर्जन या फिर सुनसान जगह पर होता है, इसीलिए आपको इस साधना को करने के लिए अपने घर से थोड़ा दूर जाना होगा|इस साधना को आप किसी भी अमावस की रात से चालू कर सकते हैं और लगातार आपको 21 दिन तक इस साधना को करना होगा|
किसी भी अमावस की शाम के समय आपको अंधेरा होने के बाद एक बोतल पानी लेकर बबूल के पेड़ के पास जाना है और वहीं थोड़ी दूर पर आपको बैठकर लैट्रिंग करनी है और उसके बाद में आपको शौच करने के बाद थोड़ा सा पानी बोतल में बचा लेना है और बचे हुए पानी को आपको बबूल के पेड़ की जड़ में डाल देना है और पानी डालने से पहले आपको यह शब्द बोलना रहे हैं कि हे दानव देवता मैं आपकी सिद्धि करना चाहता हूं,आप मेरे द्वारा सिद्ध होकर मुझे दर्शन दे और मेरी इच्छा को पूरी करें|
उसके बाद आपको अपने घर चले जाना है|लगातार 10 दिनों तक यह उपाय करने से आपको कुछ भी महसूस नहीं होगा, परंतु 11वे दिन के बाद से आपको कुछ ना कुछ अनुभव होना चालू हो जाएगा और जब आप 21 वे दिन लैट्रिन करने के लिए जाएंगे, तब लैट्रिन करने के बाद आपको बबूल के पेड़ में पानी नहीं देना है और अपने घर की तरफ आना है|
ऐसा करने पर आपके सामने बबूल के पेड़ के अंदर से एक आवाज आएगी जिसमें वह आपसे पानी मांगेगा और जब यह आवाज आए तब आपको दानव से प्रकट होने की कामना करनी है| ऐसा करने से दानव राज आपके सामने प्रकट होगा|
जब दानव राज आपके सामने प्रकट होगा, तब आपको बिल्कुल भी डरना नहीं है क्योंकि दानव राज का रूप बहुत ही भयंकर होता है| दानव राज आपको कुछ देर के लिए तरह-तरह के रूप बनाकर डराने का प्रयास करेगा परंतु आपको वहीं पर खड़े रहना है|
इसके बाद दानव राज अपने सामान्य रूप में आ जाएगा और वह आपसे वचन मांगने को कहेगा और फिर आप अपनी इच्छा के अनुसार उनसे वचन मांग सकते हैं|
इसके बाद दानव राज भी आपसे यह वचन लेगा कि आपने उसकी सिद्धि की है यह बात आपको किसी को भी नहीं बतानी है और अगर आपने यह बातें किसी को बता दी तो फिर आपकी मौत निश्चित है|
कई लोग तो यहां तक भी कहते हैं कि जो कोई दानव राज के वचन को तोड़ देता है तो उसके बाद उस की बर्बादी चालू हो जाती है और उसने जितने भी पैसे दानव राज की सिद्धि करके कमाए होते हैं वह सभी नष्ट हो जाते हैं|
क्या बबूल की साधना में लैट्रिन आना जरूरी है Latrine Is neccessary in Babool Sadhna
इस साधना के बारे में ऐसा बताया गया है कि, आपको लगातार बबूल के पेड़ के पास जाकर लैट्रिन करनी है| मतलब कि आपको वास्तव में लैट्रिंग करनी है| ऐसा नहीं कि आप सिर्फ वहां जाकर बैठ जाएं और थोड़ी देर के बाद बबूल के पेड़ में पानी डाल दे|आपको वास्तव में वहां पर जाकर लैट्रिंग करनी है, इसीलिए इस साधना को करने से पहले आपको अभ्यास कर लेना चाहिए|
बबूल साधना का अनुभव Experiance in Babool Sadhna
ऐसा कहा जाता है कि जो साधक बबूल की साधना करता है उसे रोज सपने में सांप दिखाई देता है और जैसे ही वह सांप के पास जाता है वैसे ही सांप एक भयंकर राक्षस का रूप ले लेता है, जिसके कारण साधक को बहुत अधिक डर लगता है|
वैसे इसके बारे में हमें भी ज्यादा जानकारी नहीं है,इसलिए हम आपको यही सलाह देंगे कि आप इस साधना के बारे में किसी पंडित या फिर तांत्रिक से अवश्य पता कर लें ताकि आपको इस साधना के बारे में सही जानकारी प्राप्त हो सके|
जिसके कारण सही जानकारी होने के कारण आप इस साधना को सही तरीके से कर सकेंगे| इसके अलावा ऐसा भी कहा जाता है कि 10 दिन के बाद से साधक को कुछ ना कुछ अनुभव मिलने लगते हैं|
अंतिम दिन क्या करना है What to do in last Day
साधना के सबसे आखरी दिन आपको बबूल के पेड़ में लैट्रिन करने के बाद पानी नहीं डालना है और बिना पानी डाले ही आपको अपने घर की तरफ आना है, ऐसा करने से बबूल के पेड़ में से पानी मांगने की आवाज आएगी और उसके बाद दानव राज आपके सामने प्रगट हो जाएगा|
इसके बाद आप उनसे अपने वचन ले सकते हैं और वचन लेने के बाद आपको बबूल के पेड़ के अंदर बचा हुआ लैट्रिंग का पानी डाल देना है| इस तरह से आपकी सिद्धि हो जाएगी|
-: चेतावनी disclaimer :-
सभी तांत्रिक साधनाएं एवं क्रियाएँ सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से दी गई हैं, किसी के ऊपर दुरुपयोग न करें एवं साधना किसी गुरु के सानिध्य (संपर्क) में ही करे अन्यथा इसमें त्रुटि से होने वाले किसी भी नुकसान के जिम्मेदार आप स्वयं होंगे |
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