शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है| वैसे तो हमारे हिंदू धर्म में भक्त लोग शनि भगवान से बहुत ही डरते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि जिन लोगों पर शनि भगवान की कुदृष्टि पड़ जाती है या फिर जिन लोगों पर शनि भगवान क्रोधित हो जाते हैं उनका जीवन नर्क बन जाता है| Shani dev ki puja karne ka shi tareka kya hai jane !
और अगर किसी व्यक्ति के ऊपर शनि की साढ़ेसाती या फिर ढैया चालू हो जाती है, तो उसे अपनी जिंदगी में विभिन्न प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है| हालांकि शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से बचने के लिए ज्योतिष astrology द्वारा विभिन्न प्रकार के उपाय भी बताए गए हैं,जिन्हें करके भक्त लोग शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत पा सकते हैं|
सामान्य तौर पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या लगभग 1 साल की होती है और 1 साल में शनि भगवान के प्रकोप से बचने के लिए भक्त लोग कुछ उपाय कर सकते हैं, क्योंकि उपाय करने के कारण शनि की साढ़ेसाती अथवा ढैया का प्रकोप भक्तों पर कम पड़ता है|
खैर फिलहाल आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं कि शनिदेव की पूजा sani devi ki pujaकैसे की जाती है और शनि भगवान को प्रसन्न कैसे करें, ताकि आपको मनचाहा फल प्राप्त हो !
- 1. शनि भगवान कौन है ? Who Is Shanidev ?
- 2. शनि देव की मूर्ति कैसी होती है ? What is the idol of Shani Dev like
- 3. शनिदेव का वाहन कौन सा है What is the vehicle of Shani Dev
- 4. शनिदेव का रंग रूप कैसा है ? How is the color of shanidev
- 5. शनिदेव की पूजा करने की विधि ? Method of worshiping Shani Dev
- 6. शनिदेव से संबंधित टोटके Totka related to Shanidev
शनि भगवान कौन है ? Who Is Shanidev ?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, शनि भगवान को सूर्य देव का पुत्र माना जाता है और ब्रह्मांड में विचरण करने वाले शनि ग्रह का संबंध भी भगवान शनिदेव से है| शनि भगवान को न्याय का देवता कहा जाता है, क्योंकि यह अपने भक्तों के साथ न्याय करते हैं और दुष्टों को दंड देते हैं|
शनि देव की मूर्ति कैसी होती है ? What is the idol of Shani Dev like
शनि भगवान का जिक्र हमारे पुराणों में भी देखने को मिलता है|इनकी मूर्ति सामान्य तौर पर गहरे काले रंग की होती है और इनके हाथों में तलवार या फिर अन्य प्रकार के अस्त्र-शस्त्र दिखाई देते हैं|
शनिदेव का वाहन कौन सा है What is the vehicle of Shani Dev
इनका वाहन कौवा माना जाता है|इसके साथ ही सनी भगवान को काला कुत्ता भी बहुत ही प्रिय है| इसीलिए शनि के प्रकोप से बचने के लिए बहुत से लोग काले कुत्ते को सरसों के तेल में लगी हुई रोटी खिलाते हैं,ऐसा करने से उनके ऊपर से शनि भगवान का प्रकोप कम होता है|
शनिदेव का रंग रूप कैसा है ? How is the color of shanidev
खुद शनि भगवान का रंग भी काला होता है और यह वर्ण देवता और भगवान सूर्य देवता से पैदा हुए हैं| भगवान शनि देव की कहानी काफी इंटरेस्टिंग है, जो इनकी अद्भुत शक्तियों और गुणों के बारे में बताती है, इसीलिए शनि भगवान को सूरज और यम का पुत्र कहा जाता है|
शनिदेव की पूजा करने की विधि ? Method of worshiping Shani Dev
हमारे हिंदू परंपरा में भगवान शनि देव को दंड का अधिकारी माना गया है, क्योंकि वास्तव में अगर हम बात करें तो भगवान शनिदेव का चरित्र कर्मकांड और सत्य के ऊपर आधारित है|
अगर भगवान शनिदेव आपसे प्रसन्न नहीं होते हैं और आप भगवान शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो इसके लिए आज हम आपको बहुत ही सरल उपाय बताने वाले हैं| इस उपाय को करके आप भगवान शनिदेव को प्रसन्न कर सकते हैं और उनसे अपना मनचाहा वरदान पा सकते हैं,आइए जानते हैं कि शनिदेव की पूजा कैसे की जाती है|
भगवान शनि देव के वार को शनिवार माना जाता है और इस दिन इनकी पूजा करना विशेष रूप से फलदाई होता है| शनिवार के दिन भगवान शनिदेव की पूजा करने के लिए आपको सुबह सुबह उठकर 7:00 बजे से पहले अच्छी तरह से नहा लेना है,उसके बाद आप को साफ और स्वच्छ कपड़े पहनने हैं|
और अगर आपके घर में शनि भगवान का मंदिर है तो वहां पर जाना है अथवा आपके घर के आस पास भी कोई शनिदेव का मंदिर है, तो आप वहां पर जा सकते हैं| वहां पर जाने के बाद आपको सबसे पहले पानी की कुछ बूंदों के द्वारा शनि भगवान की मूर्ति पर पानी छिड़कना है|
उसके बाद आपको धूपबत्ती जलानी है और धूपबत्ती के द्वारा शनि भगवान को धूप दिखानी है|धूप दिखाने के बाद आपको सनी भगवान के चरणों में कोई भी फूल अर्पित करना है| आप चाहे तो गुलाब का फूल,कनेर का फूल इस्तेमाल कर सकते हैं|
और अगर आपको यह फूल नहीं मिलते हैं, तो आप कोई भी फूल इस्तेमाल कर सकते हैं| फूल अर्पण करने के बाद आपको शनि देव के चरणों में पान के पत्ते पर चने की दाल और गुड़ का प्रसाद रखना है|उसके बाद आपको लौटे में लिए गए जल को किसी पीपल के पेड़ में डाल देना है और फिर मंदिर पर आकर आपको शनि भगवान के मंत्र, शनि भगवान की चालीसा या फिर शनि भगवान की आरती अपनी श्रद्धा अनुसार करनी है|
इतना करने के बाद आपको अपने दोनों हाथ आपस में जोड़ने हैं और मन ही मन अपनी इच्छा शनिदेव के सामने कहनी है और अपनी इच्छा पूरी होने पर आप शनिदेव को क्या अर्पण करेंगे वह भी आपको कहना है|इतना कहने के बाद आपको सरसों का तेल लेना है और सरसों के तेल को शनिदेव के पूरे शरीर पर लगाना है और तेल को लगाने के बाद आप को हाथ जोड़कर अपने घर चले आना है|
ऐसा अगर आप लगातार 11 शनिवार तक करते हैं तो निश्चित ही भगवान शनिदेव आप पर प्रसन्न होंगे और आपकी सभी मनोकामना को पूरी करेंगे|
अगर आप अपने किसी विशेष मनोकामना को पूरी करवाना चाहते हैं, तो इसके लिए हम आपको एक टोटका बता रहे हैं|इस टोटके को करने के लिए आपको शनिवार के दिन सुबह उठना है और 10:00 बजे के पहले आपको नहा लेना है|
उसके बाद साफ और स्वच्छ कपड़े पहनने हैं और पूजा पाठ करने के बाद आपको अपने घर के आस-पास स्थित किसी पीपल के पेड़ में जाकर एक लोटा जल में थोड़ा सा काली सरसों और सरसों का तेल मिलाकर पानी डालना है| ऐसा लगातार कुछ शनिवार तक करने से ही आपको अपनी इच्छा फलित नजर होती आएगी|
* अगर आपके ऊपर शनि की साढ़ेसाती या फिर शनि की ढैया चल रही है और आप इससे काफी परेशान हैं, तो इससे छुटकारा पाने के लिए आपको शनिवार के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में नहा कर नियमित पूजा पाठ को करने के बाद एक तांबे के लोटे में पानी लेना है|
और उसके अंदर आपको थोड़ा सा सरसों का तेल, थोड़ी सी काली तिल और थोड़ा सा चावल मिलाना है और इसे ले जाकर आपको किसी पीपल के पेड़ की जड़ में डालना है| ऐसा करने से निश्चित ही आपको फायदा होगा|