Sadhe sati kaise hataye ? sade sati kaise dur kare ? इंसान की जिंदगी में जितनी भी उत्तल पुथल होती है, उसके पीछे तीन ग्रह मुख्य तौर पर जिम्मेदार होते हैं जिसमें राहु केतु और शनि ग्रह का नाम आता है| शनि ग्रह शनि भगवान से संबंधित होता है और अक्सर जब लोग शनिदेव का नाम सुनते हैं तो उनके मन में डर आ जाता है| शनि की साढ़े साती के लक्षण ?
क्योंकि शनिदेव की छवि कुछ ऐसी बना दी गई है कि लोग उनके नाम से डरते हैं और कई लोग तो शनिदेव से इतना डरते हैं कि, उनकी पूजा भी नहीं करते हैं और अगर कहीं सनी भगवान का मंदिर होता है तो वह उस तरफ देखते भी नहीं है|
हर इंसान यही चाहता है कि, उसे कभी भी अपनी जिंदगी में शनि भगवान के प्रकोप का सामना ना करना पड़े, क्योंकि हमारे पुराणों और शास्त्रों में शनि ग्रह को अशुभ ग्रह बताया गया है और जब किसी व्यक्ति पर शनि की साढ़ेसाती लग जाती है तो वह व्यक्ति परेशानियों के जाल में ऐसा फंसता है, जिसमें से बाहर निकलने के लिए उसे कोई भी रास्ता नहीं दिखाई देता है|
जब किसी व्यक्ति पर शनि की साढ़ेसाती होती है,तो वह व्यक्ति चाहे राजा हो या फिर भिखारी,उसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है|
शनि की साढ़ेसाती होने पर व्यक्ति के घर में लड़ाई झगड़े होने लगते हैं, साथ ही उसे आर्थिक नुकसान भी होने लगता है और उसे बीमारी भी परेशान करने लगती है|आइए आज के इस आर्टिकल में जानते हैं कि शनि की साढ़ेसाती क्या होती है ? और शनि की साढ़ेसाती को कैसे हटाए|
शनि की साढ़ेसाती क्या होती है ? What Is shani sade sati ?
भारतीय पंडितों के अनुसार शनि की साढ़ेसाती नवग्रहों में से एक ग्रह है और शनि की साढ़ेसाती एक प्रकार की ग्रह दशा होती है| पंडितों के अनुसार सभी ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में समय-समय पर जाते रहते हैं|
इस तरह जब शनि ग्रह लगन से 12वीं राशि में जाता है तो उस विशेष राशि से अगली दो राशि में गुजरते हुए सनी अपना चक्र पूरा करता है और शनि की धीमी गति के कारण यह ग्रह एक राशि में तकरीबन ढाई साल तक यात्रा करते हैं|
इस प्रकार यह साडे 7 साल के समय का काल पूरा करते हैं और भारतीय पंडितों ने इसे ही शनि की साढ़ेसाती का नाम दिया है| जब किसी व्यक्ति पर शनि की साढ़ेसाती चलती है,तो ऐसा माना जाता है कि उसकी जिंदगी में अपने आप ही कई कठिनाइयां आने लगती हैं और वह जो भी काम करता है,उसमें उसे सफलता नहीं मिलती है|
ऐसा माना जाता है कि जिस दिन सनी किसी विशेष राशि में होता है उस दिन से ही शनि की साढ़ेसाती की शुरुआत हो जाती है|
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शनि की साढ़ेसाती के कितने चरण होते हैं ? Steps of shani sadhe sati
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, शनि की साढ़ेसाती के टोटल 3 चरण होते हैं और यह तीन हिस्सों में विभाजित होती है, जिसमें से हर एक हिस्सा लगभग 2 साल और 4 महीने का होता है|जब पहला चरण चालू होता है तब व्यक्ति को शनि ग्रह के कारण मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है|
वहीं जब दूसरा चरण चालू होता है तब व्यक्ति को शारीरिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है और तीसरे और सबसे आखरी चरण में सनी अपने कारण जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करवाते हैं|
शनि की साढ़ेसाती के लक्षण क्या होते हैं ? Symptoms of shani sade sati
शास्त्रों और पंडितों के अनुसार जब शनि की साढ़ेसाती चालू होती है,तब कुछ ऐसी विशेष घटनाएं होती हैं, जिनसे इस बात का संकेत मिलता है कि किसी व्यक्ति के ऊपर शनि की साढ़ेसाती चालू हो गई है|
जब किसी व्यक्ति के ऊपर शनि की साढ़ेसाती चालू हो जाती है तो उसके परिवार में अचानक से ही कोई दिक्कत आने लगती है और उसके परिवार के सदस्य अचानक से ही बीमार पड़ने लगते हैं या फिर उसके साथ कुछ ऐसी परेशानी होने लगती है जिसके कारण व्यक्ति काफी हताश हो जाता है|
और जैसे ही वह एक परेशानी से निकलता है वैसे ही दूसरी परेशानी उसके सामने आ जाती है और जैसे ही वह दूसरी परेशानी से बाहर निकलता है वैसे ही अगली परेशानी उसका इंतजार करती रहती है|ऐसे में व्यक्ति काफी हताश और निराश हो जाता है|
इसके अलावा उसे नौकरी और व्यापार में नुकसान उठाना पड़ता है, साथ ही उसकी शादी शुदा जिंदगी भी सही ढंग से नहीं चलती है|अगर वह अपना कोई धंधा चालू करता है तो उसे उसमें घाटा हो जाता है जिसके कारण उसे आर्थिक नुकसान होता है| इस प्रकार शनि की साढ़ेसाती होने पर व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और आर्थिक तीनों रूप से परेशान हो जाता है|
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शनि की साढ़ेसाती को दूर हटाने के क्या उपाय है ? Remedies to remove Shani’s Sade Sati
कई लोग ऐसे होते हैं, जो शनि की साढ़ेसाती से परेशान होते हैं और वह इंटरनेट पर इसके बारे में सर्च करते रहते हैं कि शनि की साढ़ेसाती कैसे हटाए, आइए हम आपको शनि की साढ़ेसाती हटाने के कुछ उपाय बताते हैं, जो इस प्रकार हैं|
– कई पंडितों ने इस बारे में बताया है कि अगर किसी व्यक्ति के ऊपर शनि की साढ़ेसाती है, तो उसे भगवान शंकर की पूजा करनी चाहिए| ऐसा करने से उसे राहत मिलती है| इसके लिए उसे रोजाना शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करना चाहिए और हाथ जोड़कर शनि भगवान से अपनी जिंदगी की खुशहाली की प्रार्थना करनी चाहिए|
अगर आप रोजाना शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ा सकते तो आप वको कम से कम हर सोमवार को शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए|
– इसके अलावा आपको बता दें कि, पीपल के पेड़ को भगवान शंकर का रूप माना जाता है और पीपल के पेड़ के अंदर सभी प्रकार के देवी और देवताओं का निवास होता है|इसलिए अगर आप शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा सरसों के तेल और अगरबत्ती से करते हैं,तो ऐसा करने से भी शनि की साढ़ेसाती का प्रकोप आप पर कम होता है|
इसके लिए आपको शनिवार के दिन एक तांबे के लोटे में थोड़ा सा पानी लेना होता है और नहाने के बाद आपको तांबे के लोटे में रखे हुए पानी के अंदर थोड़ा सा सरसों का तेल और थोड़ा सा कोयला डालना होता है और इसे ले जाकर पीपल की पेड़ की जड़ में आपको अर्पित करना होता है|
आपको यह काम हर शनिवार को करना होता है,जब तक कि आपकी शनि की साढ़ेसाती का समय समाप्त नहीं हो जाता| ऐसा करने से शनि ग्रह का प्रकोप आप पर कम हो जाएगा|
– शनि की साढ़ेसाती का प्रकोप कम करने के लिए आप शनि भगवान की भी पूजा कर सकते हैं| इसके लिए आपको हर शनिवार को या फिर आप चाहे तो नियमित शनि स्त्रोत का पाठ कर सकते हैं|
– इसके अलावा आपको बता दें कि आप हनुमान जी की आराधना भी कर सकते हैं,क्योंकि हनुमान जी की आराधना करने से भी आप पर शनि की साढ़ेसाती का प्रकोप कम होता है और आपकी समस्याएं थोड़ी कम हो जाती हैं|
हनुमान जी की साधना करने के लिए आपको हर मंगलवार को हनुमान जी को चमेली के तेल में मिलाया हुआ सिंदूर अर्पण करना चाहिए और उन्हें जनेऊ भी चढ़ाना चाहिए| इसके बाद आपको हाथ जोड़कर हनुमान जी से अपने ऊपर कृपा करने की प्रार्थना करनी चाहिए| ऐसा करने से निश्चित ही हनुमान जी आपकी प्रार्थना सुनेंगे और आप पर अपनी कृपा बनाए रखेंगे|
– ऐसी मान्यता भी है कि अगर आपके ऊपर शनि की साढ़ेसाती चल रही है,तो आपके लिए काले घोड़े की नाल भी फायदेमंद हो सकती है|शनि की साढ़ेसाती होने पर आपको काले घोड़े की नाल की अंगूठी बनाकर इसे अपने हाथ की अंगुली में धारण करनी चाहिए|इसके साथ ही आप चाहे तो महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर सकते हैं|ऐसा करने से भी आपको शनिदेव की बुरी नजर से राहत की प्राप्ति होती है|