सुदर्शन अष्टकम Sudarshana ashtakam : हेलो दोस्तों नमस्कार आज हम आप लोगों को sudarshana ashtakam के बारे में बताएंगे ऐसा कहा जाता है कि सुदर्शन अष्टकम भगवान विष्णु का मुख्य हथियार सुदर्शन को बोला जाता है जोकि एक अत्यधिक शक्तिशाली प्रार्थना है क्योंकि सुदर्शन चक्र को भगवान विष्णु का हथियार माना जाता है इस मंत्र में भगवान सुदर्शन की स्तुति करने वाले 8 श्लोक हैं। इस अष्टक को भगवान शिव का हथियार माना जाता है.
अगर आप इस अष्टक की पूजा करते हैं और इस मंत्र को कहते हैं तो आपके कुछ ऐसे कष्टों को दूर कर देता है जो कि किसी ने कभी भी सोचा नहीं होगा तो चलिए सबसे पहले आज हम आप लोगों को sudarshana ashtakam क्या है इसके बारे में बताएंगे फिर हम उस अष्टकम के बारे में बताएंगे जिसका प्रयोग आप लोग भी कर सकते हैं।
सुदर्शन अष्टकम मंत्र
सुदर्शन अष्टकम क्या है ?
क्या आप जानते हैं कि सुदर्शन अष्टकम भगवान विष्णु का मुख्य अतिथि यार माना जाता है या अत्यधिक शक्तिशाली प्रार्थना है क्योंकि दर्शन चक्र भगवान विष्णु का प्रमुख हथियार है क्या आप जानते हैं कि इस मंत्र में भगवान सुदर्शन की स्तुति करने वाले 8 श्लोक होते हैं इसीलिए इसे अस्तित्व शब्द दिया गया है इस अष्टकम शब्द का अर्थ है 8 वाला अष्टकम है क्या आप जानते हैं कि भगवान सुदर्शन को यानी कि भगवान विष्णु को हथियारों का राजा माना जाता था और सुदर्शन अष्टकम की रचना वेदांत देसिका ने की थी।
ऐसा कहा जाता है अगर आप इस अष्टकम का पाठ मन लगाकर करते हैं तो या फिर इस सुदर्शना अष्टकम का जाप मन लगाकर करते हैं तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं और भगवान सुदर्शन आपको एक अच्छा सा वरदान देने वाले शक्तिशाली भगवान है अगर भगवान सुदर्शन ने आपको यह आशीर्वाद दे दिया तो आपके जीवन में कभी भी कोई बाधा नहीं आएगी और आप बाधाओं से दूर रहेंगे।
सुदर्शन अष्टकम् | Sudarshana ashtakam
प्रतिभटश्रेणि भीषण वरगुणस्तोम भूषण जनिभयस्थान तारण जगदवस्थान कारण ।
निखिलदुष्कर्म कर्शन निगमसद्धर्म दर्शन जय जय श्री सुदर्शन जय जय श्री सुदर्शन ॥
शुभजगद्रूप मण्डन सुरगणत्रास खन्डन शतमखब्रह्म वन्दित शतपथब्रह्म नन्दित ।
प्रथितविद्वत् सपक्षित भजदहिर्बुध्न्य लक्षित जय जय श्री सुदर्शन जय जय श्री सुदर्शन ॥
स्फुटतटिज्जाल पिञ्जर पृथुतरज्वाल पञ्जर परिगत प्रत्नविग्रह पतुतरप्रज्ञ दुर्ग्रह ।
प्रहरण ग्राम मण्डित परिजन त्राण पण्डित जय जय श्री सुदर्शन जय जय श्री सुदर्शन ॥
निजपदप्रीत सद्गण निरुपधिस्फीत षड्गुण निगम निर्व्यूढ वैभव निजपर व्यूह वैभव ।
हरि हय द्वेषि दारण हर पुर प्लोष कारण जय जय श्री सुदर्शन जय जय श्री सुदर्शन ॥
दनुज विस्तार कर्तन जनि तमिस्रा विकर्तन दनुजविद्या निकर्तन भजदविद्या निवर्तन ।
अमर दृष्ट स्व विक्रम समर जुष्ट भ्रमिक्रम जय जय श्री सुदर्शन जय जय श्री सुदर्शन ॥
प्रथिमुखालीढ बन्धुर पृथुमहाहेति दन्तुर विकटमाय बहिष्कृत विविधमाला परिष्कृत ।
स्थिरमहायन्त्र तन्त्रित दृढ दया तन्त्र यन्त्रित जय जय श्री सुदर्शन जय जय श्री सुदर्शन ।।
महित सम्पत् सदक्षर विहितसम्पत् षडक्षर षडरचक्र प्रतिष्ठित सकल तत्त्व प्रतिष्ठित ।
विविध सङ्कल्प कल्पक विबुधसङ्कल्प कल्पक जय जय श्री सुदर्शन जय जय श्री सुदर्शन ॥
भुवन नेत्र त्रयीमय सवन तेजस्त्रयीमय निरवधि स्वादु चिन्मय निखिल शक्ते जगन्मय ॥
अमित विश्वक्रियामय शमित विश्वग्भयामय जय जय श्री सुदर्शन जय जय श्री सुदर्शन ॥
फलश्रुति
द्विचतुष्कमिदं प्रभूतसारं पठतां वेङ्कटनायक प्रणीतम् ।
विषमेऽपि मनोरथः प्रधावन् न विहन्येत रथाङ्ग धुर्य गुप्तः ॥
॥इति श्री सुदर्शनाष्टकं समाप्तम् ॥
कवितार्किकसिंहाय कल्याणगुणशालिने ।
॥ श्रीमते वेन्कटेषाय वेदान्तगुरवे नमः ॥
सुदर्शन अष्टक मंत्र के नियम
- अगर आपको इस मंत्र को सुनना हैं तो आप कभी भी गाड़ी चलाते समय या फिर मशीनरी काम करते समय इस मंत्र को ना सुनें ।
- अगर इस मंत्र को आप फोन पर सुन रहे हैं तो हमेशा ध्यान रखें कि यह जितनी ही कम आवाज में सुना जाएगा उतनी ही जल्दी असर करेगा।
- अगर आपको इससे कोई अच्छा रिजल्ट लेना है तो इसे आप 5 से 6 हफ्ते तक लगातार सुन सकते है।
- यह केवल सेहत नहीं खूबसूरती से भी जुड़ा है अगर आप इस मंत्र का जाप करते हैं तो इससे आपकी नेगेटिवि एनर्जी से मुक्त हो जाएंगे और यह आपके लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद साबित होगा लेकिन एक बात का ध्यान जरूर रखें इस मंत्र का उच्चारण करते समय मन लगाकर इस मंत्र का उच्चारण करें और अपने जीवन में आए परिवर्तनों को महसूस करें ताकि आप उन्हें बदल सके।
FAQ : Sudarshana ashtakam
सुदर्शन पूजा क्या होता है?
सुदर्शन पूजा कैसे करे?
सुदर्शन चक्र साधना मंत्र कौन सा हैं
निष्कर्ष
आशा करते हैं कि आपको हमारी यह sudarshana ashtakam की पोस्ट अच्छी लगी होगी क्योंकि आज मैंने आपको इस लेख में सुदर्शन अष्टक के बारे में बताने का प्रयास किया है यह एक भगवान विष्णु का हथियार है उसी का अष्टकम बताने का प्रयास किया है.
जिसको पढ़ने के बाद आप अपने भगवान विष्णु को प्रसन्न कर सकते हैं क्योंकि भगवान विष्णु को अष्टक अत्यंत प्रिय है इसीलिए आप इसे अपने काम में ला सकते हैं और अपनी सारी हेलो कामनाओं को पूर्ण करा सकते हैं उम्मीद है कि आपको हमारा यह लेख अत्यंत प्रिय लगा होगा और आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा।