कुंजिका स्तोत्र से हवन | Siddha kunjika stotram se havan : प्रणाम दोस्तों आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से कुंजिका स्त्रोत से हवन कैसे किया जाता है इसके बारे में अगर आप लोगों को सिद्ध कुंजिका मंत्र 108 के बारे में जानना है तो इस लेख को अवश्य पढ़ें क्योंकि आज हम आप लोगों को एक ऐसे मंत्र के बारे में बताने वाले हैं जो बहुत ही चमत्कारी और सभी समस्याओं के निवारण में उपयोग किया जाता है इस मंत्र के बारे में काफी कम लोग जानते हैं इस मंत्र से कोई भी अपने भाग्य को चमका सकता है और धनवान बन सकता है.
अगर आप सिद्ध कुंजिका मंत्र के बारे में जानना चाहते हैं और कुंजिका स्त्रोत से हवन के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को अवश्य पढ़ें क्योंकि आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से कुंजिका स्त्रोत से हवन कैसे करते हैं इसके बारे में बताएंगे और सिद्ध कुंजिका मंत्र 108 बार करने से क्या होता है इसके बारे में बताएंगे सिद्ध कुंजिका मंत्र साधना विधि बताएंगे अगर आप इन सारे विषयों के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें यह आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होने वाला है।
- 1. सिद्ध कुंजिका मंत्र | Siddha kunjika mantra
- 1.1. सिद्ध कुंजिका मंत्र साधना विधि
- 2. सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का महत्व | Siddha kunjika stotram ka mahatva
- 3. सिद्ध कुंजिका पूजा-पाठ की सामग्री | Siddha kunjika puja paath ki samagri
- 4. पूजा करने का समय | Puja karne ka samay
- 5. श्री सिद्धकुंजिका स्त्रोतम मंत्र | Siddha kunjika stotram mantra
- 5.1. सिद्ध कुंजिका स्तोत्र हवन विधि
- 6. सिद्ध कुंजिका मंत्र का 108 बार जाप | Siddha kunjika stotram ka 108 bar Jap
- 7. सिद्ध कुंजिका स्त्रोत पाठ के लाभ | Siddha kunjika stotram ke labh
- 8. FAQ : कुंजिका स्तोत्र से हवन
- 8.1. सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम का जाप कौन कर सकता है?
- 8.2. सिद्ध कुंजिका मंत्र कौन सा है?
- 8.3. सिद्ध कुंजिका मंत्र का प्रयोग कैसे करें?
- 9. निष्कर्ष
सिद्ध कुंजिका मंत्र | Siddha kunjika mantra
“ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।
ऊं ग्लौं हुं क्लीं जूं स: ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा”
सिद्ध कुंजिका मंत्र साधना विधि
अगर आप सिद्ध कुंजिका मंत्र की साधना करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको किसी एकांत कमरे में बैठकर शांत वातावरण में स्वक्ष जगह पर ढीले वस्त्र पहन कर किसी भी मुद्रा में बैठ जाना है अगर आप जमीन पर बैठ रहे हैं तो आपको 1 आसन बिछा लेना है अगर कोई व्यक्ति जमीन पर नहीं बैठ सकता है तो वह सोफे कुर्सी आज पर भी बैठ सकता है।
साधना शुरू करने से पहले आपको 10 मिनट तक सामान्य प्राणायाम करना है सांस को लंबा खींचना है और गहरी लेकर छोड़ देना है उसके बाद में आपको अपनी दोनों आंखों के बीच ध्यान केंद्रित करना है और हमने जो आपको ऊपर सिद्ध कुंजिका मंत्र दिया है उसका जाप करना है इस जाप को आप अपने मन में करें आपकी आवाज दूसरे व्यक्ति को ना सुनाई दे।
अगर आप मंत्र को 41 दिनों में 15 मिनट तक इसका जाप करते हैं तो यह आपको चमत्कारी लाभ प्रदान करता है मंत्र जाप करते समय अगर आपने अपने मन में कोई इच्छा और मनोकामना व्यक्त की है तो वह भी आपकी पूरी हो जाती है इस मंत्र का जाप आपको श्रद्धा पूर्वक करना है।
सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का महत्व | Siddha kunjika stotram ka mahatva
हमारे हिंदू धर्मों में पंडितों के द्वारा किसी ग्राहक के लिए यह उच्च पूजा की जाती थी हवन में आहुति डालकर इस मंत्र का 108 बार जप किया जाता था अगर कोई व्यक्ति सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का अपने घर में पाठ करता है तो उसके घर के क्लेश दूर हो जाते हैं और उसके सभी महत्वपूर्ण कार्य सिद्ध हो जाते हैं अगर आपका कार्य कोई रुका हुआ है तो आप उसे शुरू करने के लिए इसका पाठ कर सकते हैं वह पूरा हो जाता है सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ करने से शारीरिक और मानसिक चिंताएं भी दूर हो जाती हैं।
सिद्ध कुंजिका पूजा-पाठ की सामग्री | Siddha kunjika puja paath ki samagri
- चीनी
- हल्दी
- गुलाबी कपड़ा
- आम के पत्ते
- अक्षत
- धूप
- फूल पान के पत्ते
- सुपारी
- हवन सामग्री
- देसी घी
- मिष्ठान
- गंगाजल
- कलावा
- हवन के लिए लकड़ी आम की लकड़ी
- रोली
- जनेऊ
- कपूर
- शहद
पूजा करने का समय | Puja karne ka samay
इस पूजा को आप किसी भी दिन कर सकते है.
श्री सिद्धकुंजिका स्त्रोतम मंत्र | Siddha kunjika stotram mantra
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।
येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजाप: भवेत्।।1।।
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।
न सूक्तं नापि ध्यानं च न न्यासो न च वार्चनम्।।2।।
कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्।
अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम्।।3।।
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।
पाठमात्रेण संसिद्ध् येत् कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।।4।।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।
ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा
नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि।
नम: कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिन।।1।।
नमस्ते शुम्भहन्त्र्यै च निशुम्भासुरघातिन।।2।।
जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे।
ऐंकारी सृष्टिरूपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका।।3।।
क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते।
चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी।।4।।
विच्चे चाभयदा नित्यं नमस्ते मंत्ररूपिण।।5।।
धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु।।6।।
हुं हुं हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।
भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः।।7।।
अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।8।।
पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी ।।9।।
सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्रसिद्धिंकुरुष्व मे।।
इदंतु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे।।।10।।
अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।
यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं पठेत्।
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा।।
इतिश्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वती संवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम्।
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र हवन विधि
अगर आप सिद्ध कुंजिका स्त्रोत हवन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको एक अच्छा दिन निश्चित करना होता है अगर आप चाहे तो इसकी शुरुआत नवरात्रि से या फिर किसी महीने की अष्टमी यस शुक्ल पक्ष में कर सकते हैं इस हवन की शुरुआत आपको मंगलवार या फिर शुक्रवार के दिन करनी है.
इस सिद्ध कुंजिका स्त्रोत मंत्र का जाप आपको रात के 10 बजे के बाद करना है इस मंत्र का जाप करने के लिए आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निश्चिंत होकर लाल रंग के शुद्ध वस्त्र धारण करने के बाद लाल रंग का आसन बिछाकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाना है।
बैठने के बाद अपने सामने एक चौकी रख लेना है उस चौकी पर लाल रंग का कपड़ा दिखा देना है उस चौकी के ऊपर मां दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित कर देना है स्थापित करने के बाद मां दुर्गा को पुष्प कुमकुम आदि चढ़ाकर घी का दीपक जलाना है और धूपबत्ती जलाना है फिर मां दुर्गा को जो मिठाई पसंद है उनकी मनपसंद मिठाई का भोग लगाना है भोग लगाने के बाद अपने हाथ में पानी लेकर 9 दिन 30 दिन 51 दिन या 108 दिन या पाठ करने का संकल्प लेना है जैसे ही आप का संकल्प ले लेते हैं उसके बाद में उस पानी को पृथ्वी पर छोड़ देना है।
छोड़ने के बाद अब आपको इस पाठ की शुरुआत करनी है जैसे ही आपके संकल्प लिए दिन पूर्ण हो जाते हैं तो आपको दान आज करके कन्याओं को भोजन अधिग्रहण करवाके इस का उद्यापन कर देना है अगर आप ऐसा करते हैं तो आपकी वह मनोकामना अवश्य पूरी हो जाती है जो आपने मां दुर्गा से मांगी होगी।
सिद्ध कुंजिका मंत्र का 108 बार जाप | Siddha kunjika stotram ka 108 bar Jap
क्या आप जानते हैं कि सिद्ध कुंजिका मंत्र का जाप अगर आप रोज 108 बार करते हैं तो यह सिद्ध हो जाता है और इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को संपूर्ण सुख प्राप्त होता है हमारे प्राचीन ग्रंथों में कहा गया है कि इस मंत्र को 108 दिन तक एक रोज 108 बार जाप करने से सिद्ध कुंजिका मंत्र सिद्ध हो जाता है और उसी मंत्र से साधक को धन प्राप्ति भी हो सकती है.
इस मंत्र का जाप आप किसी भी मंत्र के साथ कर सकते हैं अगर आपको धन प्राप्ति प्राप्ति करनी है तो धन प्राप्ति का मंत्र जाप करें अगर आपका धन प्राप्ति मंत्र सिद्ध नहीं हो रहा है तो उसके साथ में आप इस मंत्र का जाप कर सकते हैं जैसे ही आप इस मंत्र को साथ में जपते हैं तो यह सफल हो जाता है इसीलिए इसे “श्री सिद्धकुंजिका स्त्रोतम” मंत्र कहा जाता हैं.
अगर आप मान सम्मान और धन प्राप्ति और अपना भाग्य चमकाने वाले मंत्र का प्रयोग करते हैं तो आप उसके साथ इस मंत्र का जाप भी कर सकते हैं अगर आपने इन सारे मंत्रों के साथ इस मंत्र का जाप नहीं किया तो आपका कोई भी कार्य सफल नहीं होगा क्योंकि यह मंत्र स्वयं भगवान शंकर ने अपने मुख से कहा था और उसके बाद में भगवान शंकर ने पार्वती माता को यह मंत्र सुनाया था.
इस मंत्र को गुप्त मंत्र कहा जाता है क्योंकि इस मंत्र का अजाब किसी को भी नहीं बताया जाता है अब हम आप लोगों को इस मंत्र और मंत्र जाप विधि के बारे में बताएंगे।
सिद्ध कुंजिका स्त्रोत पाठ के लाभ | Siddha kunjika stotram ke labh
- अगर आप सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ करते हैं तो आप की परिस्थितियां सही हो जाती हैं और समस्त कष्ट तथा परेशानियां भी दूर हो जाती हैं।
- अगर आपके जीवन में कोई भी समस्याएं उत्पन्न हो रही है तो आप दुनिया के किसी भी कोने में हो आप सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ करें इससे आपकी समस्त कष्ट दूर हो जाएंगे।
- अगर कोई व्यक्ति सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ करता है तो उसके घर परिवार के उत्पन्न हो रहे क्लेश दूर हो जाते हैं।
- अगर कोई व्यक्ति मानसिक तनाव से परेशान है और उस मानसिक तनाव का बुरा असर है उसके जीवन पर पढ़ है और उसके स्वास्थ्य पर भी पड़ता है लेकिन इसके लिए आपको सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ करना चाहिए इसका पाठ करने से आप बेवजह की चिंताओं से मुक्त हो जाते हैं।
- अगर किसी व्यक्ति के ऊपर टोना टोटका या फिर बुरा असर है तो उसको दूर करने के लिए आप सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ कर सकते हैं।
FAQ : कुंजिका स्तोत्र से हवन
सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम का जाप कौन कर सकता है?
सिद्ध कुंजिका मंत्र कौन सा है?
सिद्ध कुंजिका मंत्र का प्रयोग कैसे करें?
निष्कर्ष
आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से कुंजिका स्त्रोत से हवन के बारे में बताया और सिद्ध कुंजिका मंत्र 108 बार करने से क्या होता है इसके बारे में बताया और हमने आप लोगों को सिद्ध कुंजिका स्त्रोत उनके बारे में बताया और उसकी संपूर्ण विधि बताई है क्या मंत्र महा की प्रभावशाली मंत्र है.
इस मंत्र का जाप करने से सभी समस्याओं का निवारण हो जाता है अगर आपको कोई समस्या है तो क्या मंत्र जाप करें आपको जरूर लाभ प्राप्त होगा उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी।