Gayatri mantra ke upay kya hai ? हेलो दोस्तों नमस्कार आज हम आप लोगों को गायत्री मंत्र के 13 गुप्त उपाय बताएगे और यह एक ऐसा मंत्र है जिसको पढ़ने के बाद मन को शांति का अनुभव होता है मन के साथ ही हमारे तन को भी शांति मिलती है गायत्री मंत्र के उच्चारण से ही हमारे मस्तिष्क में नकारात्मक विचारों का विनाश होता है और हमारे अंदर एक नई ऊर्जा का विकास होता है.
गायत्री मंत्र को वेद ग्रंथ की माता के नाम से भी जाना जाता है यह मंत्र हिंदुओं का सबसे उत्तम मंत्र है तो दोस्तों आज हम इस लेख में गायत्री मंत्र क्या है? मंत्र का अर्थ क्या है? गायत्री मंत्र के 13 गुप्त उपाय और इन सारे विषयों पर चर्चा करेंगे और आपको इसकी पूरी जानकारी देंगे तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि गायत्री मंत्र का अर्थ क्या है?
- 1. गायत्री मंत्र का अर्थ
- 2. गायत्री मंत्र कब बोलना चाहिए
- 3. गायत्री मंत्र के उपाय | गायत्री मंत्र के 13 गुप्त उपाय
- 4. गायत्री मंत्र का जप करते हुए रखें सावधानी
- 5. FAQ : गायत्री मंत्र के गुप्त उपाय
- 5.1. गायत्री मंत्र कैसे बोला जाता है?
- 5.2. गायत्री मंत्र किस देवता की आराधना है?
- 5.3. गायत्री मंत्र का जाप करने से क्या होता है?
- 6. निष्कर्ष
गायत्री मंत्र का अर्थ
गायत्री मंत्र मंत्रों का महामंत्र कहा जाता है एक ऐसा मंत्र जिसके उच्चारण से ही मन को शांति मिलती है चारों वेदों से मिले इस गायत्री मंत्र का उच्चारण करने से ही व्यक्ति के जीवन में कष्टों का नाश हो जाता है एवं खुशियों का संचार होने लगता है और इस मंत्र का जाप करने से आपका शरीर निरोग बनता है और इंसान को यश की प्रसिद्धि और धन की प्राप्ति भी होती है गायत्री मंत्र का अर्थ क्या है आइए आज हम आपको इसका शाब्दिक अर्थ बताएंगे
ॐ : सर्वरक्षक परमात्मा
भूर्भुवः धरती और अंतरिक्ष
स्व: स्वर्ग लोक
तत्सवितुर्वरेण्यम्: सृष्टि कर्ता परमात्मा पूजनीय है
भुर्ग देवस्य धीमहि : पाप निवारक और ज्ञान रूपी ईश्वर को हम नमन करते हैं
धियो यो न: प्रचोदयात् ।। ईश्वर हमारा अज्ञान दूर कर हमें राह दिखाए।
गायत्री मंत्र कब बोलना चाहिए
गायत्री मंत्र का जाप सुबह प्रात सूर्य उदय से पहले और सूर्य उदय हो जाने के बाद तक करना चाहिए और फिर दोपहर में और फिर शाम को सूर्य अस्त होने के पहले और सूर्य अस्त होने के बाद तक करना चाहिए गायत्री मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है।
गायत्री मंत्र के उपाय | गायत्री मंत्र के 13 गुप्त उपाय
1. इसका उपयोग कुछ दिन नित्य 108 बार गायत्री मंत्र जपने के बाद जिस तरफ मिट्टी का ढीला फेंका जाएगा उस तरफ से शत्रु वायु अग्निदोष दूर हो जाएगा
2. दुखी होकर मंत्र का जाप कर कुशा पर फूंक मारकर शरीर का स्पर्श करने से प्रकार के रोग भूत भय नष्ट हो जाते हैं.
3. कभी भी आपको भूत प्रेत या अन्य किसी ऐसे दोष का सामना करना पड़े तो 108 बार गायत्री मंत्र का जाप कर केवल जल का फूंक लगाने पर भी भूत आदि दोष दूर हो जाएंगे।
4. शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे गायत्री मंत्र का जप करने से सभी प्रकार की ग्रह बाधा से मुक्ति मिलती हैं। और आपके जीवन में सुख शांति का माहौल आ जाएगा
5.ग्रहों की शांति के लिए और आपके ऊपर कोई संकट ना आए इसके लिए षमी वृक्ष की लकड़ी के छोटे-छोटे टुकड़े कर गुलर पाकर पीपल और बरगद के साथ और गायत्री मंत्र को 108 आहुतियां देने से शांति मिलती है.
6. ज्वार में लाभ पाने के लिए आम के पत्ते को गाय के दूध में डुबोकर हवन करने से सभी प्रकार के लाभ होता है।
7. लक्ष्मी प्राप्ति के लिए लाल कमल या चमेली के फूल एवं शाली चावल से हवन करना चाहिए
8. सर्व सुख प्राप्ति के लिए गायत्री मंत्र का जाप करते हुए फूलों का हवन करना चाहिए
9. निरोग होने से मुक्ति कैसे पाए शंखपुष्पी के पुष्पों से गायत्री मंत्र का हवन करने से कुष्ठ रोगों का निवारण होता है.
10. ऐसा माना जाता है कि वेद की लकड़ी से गायत्री मंत्र का हवन करने से विद्युतपात और राष्ट्रीय विप्लव की बाधाएं दूर होती हैं.
11. गुरुजी के पौधे की छोटे-छोटे टुकड़े कर गाय के दूध में डुबोकर नित्य 108 बार गायत्री मंत्र पढ़कर हवन करने से मृत्यु रोग का निवारण होता है.
12. गायत्री मंत्र का जाप करने से दरिद्रता का नाश होता है.
13.गायत्री मंत्र का जाप करें। संतान संबंधी किसी भी समस्या से शीघ्र मुक्ति मिलती है।
गायत्री मंत्र का जप करते हुए रखें सावधानी
- गायत्री मंत्र का जाप हरदम आसन पर बैठकर ही करना चाहिए तभी वह लाभकारी होता है.
- गायत्री मंत्र का जाप तुलसी एवं चंदन के माला का प्रयोग करके ही जाप करना चाहिए
- इस मंत्र को धैर्य के साथ ध्यान में रखकर ही पढ़ना चाहिए
- गायत्री मंत्र का जाप रात में नहीं करना चाहिए गायत्री मंत्र का जाप हरदम ब्रह्म मुहूर्त में करना चाहिए
FAQ : गायत्री मंत्र के गुप्त उपाय
गायत्री मंत्र कैसे बोला जाता है?
गायत्री मंत्र का जाप करने से पहले साफ-सुथरे वस्त्र पहने और उसके बाद चटाई पर बैठ जाएं और गायत्री मंत्र शुरू करने से पहले तुलसी या चंदन का माला प्रयोग करें और सुबह पूर्व दिशा की ओर मुंह करके गायत्री मंत्र का जाप करें और अगर आप शाम को भी गायत्री मंत्र का जाप करते हैं तो शाम को पश्चिम दिशा की ओर मुख करके गायत्री मंत्र का जाप करें।
गायत्री मंत्र किस देवता की आराधना है?
गायत्री मंत्र सूर्य देव की आराधना है
गायत्री मंत्र का जाप करने से क्या होता है?
ऐसा माना जाता है कि गायत्री मंत्र का जाप करने से मन शांत और एकाग्र हो जाता है और घर के सभी दुख और दरिद्रता का नाश हो जाता है यह भी माना जाता है कि गायत्री मंत्र का जाप करने से संतान की प्राप्ति होती है और किसी भी कार्य को करने से पहले अगर आप गायत्री मंत्र का जाप करते हैं तो आपका वह कार्य अवश्य सफल होगा।
निष्कर्ष
दोस्तों जैसा कि आज हमने आपको इस आर्टिकल में गायत्री मंत्र के 13 गुप्त उपाय बताएं दोस्तों गायत्री मंत्र के उपाय पढ़ने के बाद आपको समझ में आ गया होगा कि गायत्री मंत्र क्या है और गायत्री मंत्र के उपाय क्या है तो दोस्तों अगर आपको यह गायत्री मंत्र के 13 गुप्त उपाय क्या है समझ में आ गया हो तो प्लीज कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं कि आपको यह आर्टिकल कैसा लगा ताकि हम आपको इससे रिलेटेड और भी आर्टिकल दे पाए।