गोचर का अर्थ gochar ka arth : हेलो हमारे प्रिय दर्शको आप सभी को हमारा सादर प्रणाम आज हम इस लेख में आप लोगों को गोचर का अर्थ बताएंगे क्योंकि हर व्यक्ति के नाम और जन्म के हिसाब से कोई न कोई राशि अवश्य होती है और राशि के हिसाब से हर व्यक्ति के जीवन में नव ग्रहों का प्रभाव पड़ता है और इन्हीं ग्रहों से ही गोचर का संबंध होता है.
इसीलिए हमें गोचर का क्या अर्थ होता है इसकी जानकारी होनी चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बताया गया है,
गो का अर्थ होता है तारा, नक्षत्र अर्थात ग्रह माना गया है ,चर का अर्थ होता है चलना, और इस संपूर्ण अर्थ को मिलाकर इसका सही अर्थ निकलता है.
ग्रहों का चलना अर्थात जब यही ग्रह सभी राशियों का भ्रमण करते हैं तो इसे ही गोचर कहते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब आपकी राशि में गोचर ग्रह प्रवेश करता है तो इसका आपके जीवन पर कौन-कौन से शुभ और अशुभ प्रभाव पडते हैं. अगर नहीं और जानना चाहते हैं तो इस लेख को शुरू से अंत तक अवश्य पढ़ें तो आपको गोचर ग्रह से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त हो जाएगी.
- 1. गोचर का अर्थ | Gochar ka arth
- 2. ग्रहों के गोचर की अवधि | Graho ke gochar ki avadhi
- 2.1. 1. सूर्य ग्रह
- 2.2. 2. चंद्र ग्रह
- 2.3. 3. मंगल ग्रह
- 2.4. 4. बुध ग्रह
- 2.5. 5. बृहस्पति ग्रह
- 2.6. 6. शुक्र ग्रह
- 2.7. 7. शनि ग्रह
- 2.8. 8. राहु केतु
- 3. सभी ग्रहों के गोचर का शुभ अशुभ प्रभाव | Sabhi graho ke gochar ka shubh ashubh prabhav
- 3.1. 1. सूर्य ग्रह गोचर का शुभ प्रभाव
- 3.2. 2. चंद्रमा ग्रह गोचर का शुभ प्रभाव का समय
- 3.3. 3. मंगल ग्रह का शुभ गोचर प्रभाव का समय
- 3.4. 4. बुध ग्रह का शुभ गोचर प्रभाव का समय
- 3.5. 5. गुरु ग्रह का शुभ गोचर प्रभाव का समय
- 3.6. 6. शुक्र ग्रह का शुभ गोचर प्रभाव का समय
- 3.7. 7. शनि ग्रह का शुभ गोचर प्रभाव का समय
- 3.8. 8. राहु ग्रह का शुभ गोचर प्रभाव का समय
- 3.9. 9. केतु ग्रह का गोचर प्रभाव का समय
- 4. FAQ :
- 4.1. गोचर कैसे देखा जाता हैं ?
- 4.2. सामान्य शब्दों में गोचर का क्या अर्थ होता है ?
- 4.3. गोचर को अन्य किस नाम से जाना जाता है ?
- 5. निष्कर्ष
गोचर का अर्थ | Gochar ka arth
ज्योतिष शास्त्र में गोचर का सीधा संबंध ग्रहों की चाल से लिया गया है जिसके साथ में गोचर ग्रह सभी राशियों में भ्रमण करता है और राशियों का भ्रमण करने की प्रक्रिया को ही गोचर कहते हैं और जब यही नवग्रह आपस में मिलकर राशियों का भ्रमण करते हैं तो उनका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में अलग-अलग प्रकार से देखने को मिलता है.
सामान्य तौर पर कहा जाए तो गोचर शब्द गम धातु से बना हुआ है जिसमें गो का अर्थ है चलना और चल का अर्थ होता है गतिमान रहना अर्थात कुल मिलाकर दोनों का अर्थ हुआ निरंतर चलने वाला जिसमें नवग्रह मिलकर सभी राशियों में भ्रमण करते हैं और इसी को गोचर कहते हैं.
ग्रहों के गोचर की अवधि | Graho ke gochar ki avadhi
आइए अब जान लेते हैं कौन से ग्रह गोचर की कितनी अवधि होती हैं.
1. सूर्य ग्रह
सूर्य ग्रह की गोचर अवधि राशियों पर एक से डेढ़ महीने तक रहता हैं.
2. चंद्र ग्रह
चंद्र ग्रह का प्रभाव गोचर प्रभाव राशियों पर लगभग सवा दिन तक रहता है .
3. मंगल ग्रह
मंगल ग्रह का गोचर प्रभाव सभी राशियों पर लगभग एक से डेढ़ महीने तक रहता है .
4. बुध ग्रह
बुध ग्रह के भ्रमण करने के अनुसार इसका गोचर प्रभाव सभी राशियों पर लगभग 14 दिन तक रहता है.
5. बृहस्पति ग्रह
बृहस्पति ग्रह का गोचर प्रभाव राशियों पर 1 साल तक रहता है.
6. शुक्र ग्रह
शुक्र ग्रह के भ्रमण के अनुसार इसका गोचर प्रभाव राशियों पर 23 दिन तक रहता है.
7. शनि ग्रह
सभी ग्रहों के गोचर प्रभाव से बढ़कर शनि ग्रह का गोचर प्रभाव राशियों पर पड़ता है जो लगभग ढाई साल का होता है.
8. राहु केतु
राहु केतु का गोचर प्रभाव राशियों पर एक से डेढ़ वर्ष तक रहता है.
हमारे प्रिय दर्शकों अब आप लोग जान गए होंगे कि कौन से ग्रह का गोचर प्रभाव कितने समय के लिए हमारी राशियों पर पड़ता है ,अब आइए जानते हैं इस गोचर प्रभाव से किस समय हमें हानि और लाभ मिलते हैं.
सभी ग्रहों के गोचर का शुभ अशुभ प्रभाव | Sabhi graho ke gochar ka shubh ashubh prabhav
1. सूर्य ग्रह गोचर का शुभ प्रभाव
जब सूर्य ग्रह लग्न भाव के तीसरे ,छठे, दसवें, और ग्यारहवें, भाव में होता है तो व्यक्ति के जीवन में सूर्य के इस गोचर का शुभ प्रभाव पड़ता है और व्यक्ति की उन्नति के लिए आगमन के नए रास्ते खुल जाते हैं.
सूर्य ग्रह गोचर का अशुभ प्रभाव
जिन व्यक्तियों की राशि सिंह होती है उनकी राशि का स्वामी शुक्र ग्रह को माना जाता है अगर सूर्य ग्रह का गोचर प्रभाव तीसरे ,छठे, 10वीं ,और 11वीं, भाव को छोड़कर अन्य भाव में उपस्थित रहता है तो व्यक्ति के जीवन पर इस गोचर का अशुभ प्रभाव पड़ता है उसके जीवन में कई प्रकार की समस्याएं आ जाती हैं.
2. चंद्रमा ग्रह गोचर का शुभ प्रभाव का समय
जिन लोगों की राशि कर्क है उन लोगों की राशि का स्वामी चंद्रमा ग्रह को माना गया है जब भी यह ग्रह कुंडली में लग्न राशि से पहले, तीसरे, सातवें, दसवें, और ग्यारहवें भाव में रहकर जिस राशि का भ्रमण करता है तो उस व्यक्ति के जीवन में हर प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती है.
चंद्रमा ग्रह का अशुभ गोचर प्रभाव का समय
जिन व्यक्तियों की राशि कर्क होती है उनका स्वामी चंद्रमा ग्रह को माना गया है और जब चंद्रमा गोचर ग्रह कुंडली के चौथे, आठवें, और बारहवें भाव में भ्रमण करता है तो व्यक्ति के जीवन में पैसों की तंगी आ जाती है इसीलिए इस समय चंद्रमा ग्रह गोचर का अशुभ प्रभाव माना गया है.
3. मंगल ग्रह का शुभ गोचर प्रभाव का समय
राशि के हिसाब से जिन व्यक्तियों की राशि मेष और वृश्चिक होती है उनका स्वामी मंगल ग्रह होता है और जब ऐसे व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह लग्न राशि के तीसरे छठे और ग्यारहवें भाव में होता है तो उस व्यक्ति के जीवन पर मंगल ग्रह गोचर का शुभ प्रभाव पड़ता है और वह व्यक्ति शारीरिक कष्ट से दूर रहता है.
मंगल ग्रह का अशुभ गोचर प्रभाव का समय
मेष और वृश्चिक राशि का भ्रमण करते समय जब मंगल ग्रह तीसरे, छठे और ग्यारहवें भाव में ना होते हुए अन्य भाव में भ्रमण करता है तो इस गोचर का व्यक्ति के जीवन पर बहुत अशुभ प्रभाव पड़ता है जिसकी वजह से व्यक्ति के जीवन में नई नई बाधाएं उत्पन्न होती रहती हैं.
4. बुध ग्रह का शुभ गोचर प्रभाव का समय
राशि के हिसाब से जिन लोगों की राशि मिथुन और कन्या होती है उनका स्वामी बुध होता है और जब यह ग्रह आपकी कुंडली में लग्न राशि से दूसरे, चौथे, छठे, आठवें, दसवें और ग्यारहवें भाव में भ्रमण करता है तो इस गोचर का व्यक्ति के जीवन पर शुभ प्रभाव पड़ता है.
बुध ग्रह का अशुभ गोचर प्रभाव का समय
जब बुध ग्रह दूसरे, छठी, चौथी, 8वे, 10वे, 11वे भाव को छोड़कर अन्य भाव में ब्राह्मण पड़ता है तो इस गोचर का व्यक्ति के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है जिससे वह व्यक्ति मानसिक तनाव का शिकार हो जाता है.
5. गुरु ग्रह का शुभ गोचर प्रभाव का समय
राशि के हिसाब से जिन लोगों की राशि धनु और कन्या होती है उनका स्वामी गुरु ग्रह होता है और जब यह ग्रह कुंडली के दूसरे, पाँचवें, सातवें, नौवें और ग्यारहवें भाव में भ्रमण करता है तो इस गोचर का व्यक्ति के जीवन पर बहुत ही महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है जिससे वह व्यक्ति परिवारिक जीवन में हमेशा सुख शांति प्राप्त करता है.
गुरु ग्रह का अशुभ गोचर प्रभाव का समय
जब धनु और कन्या राशि की कुंडली में गुरु ग्रह पहले, तीसरे, चौथे, छठे, आठवीं, दसवें और बरवे, भाव में भ्रमण करता है तो इस गोचर का व्यक्ति के जीवन पर अशुभ प्रभाव पड़ता है जिसकी वजह से उस परिवार की सुख शांति नष्ट हो जाती है और घर में कलह की समस्या बनी रहती है.
6. शुक्र ग्रह का शुभ गोचर प्रभाव का समय
राशि के हिसाब से जिन लोगों की राशि वृषभ और तुला होती है तो उनका स्वामी शुक्र ग्रह होता है और जब यही ग्राहक आपकी कुंडली के पहले, दूसरे, तीसरे, चौथे, पांचवें, आठवें, नौवें, ग्यारहवें और बारहवें भाव में उपस्थित रहता है तो इस गोचर का आपके जीवन पर शुभ प्रभाव पड़ता है जिससे आपके जीवन में सुख शांति बनी रहती है.
शुक्र ग्रह के अशुभ गोचर प्रभाव का समय
जब शुक्र ग्रह आपकी कुंडली के छठे और सातवें, भाव में भ्रमण करता है तो इस गोचर का आपके जीवन पर अशुभ प्रभाव पड़ता है और आपके विवाहित जीवन में एक दूसरे के प्रति नकारात्मक शक्तियां विद्यमान हो सकती हैं.
7. शनि ग्रह का शुभ गोचर प्रभाव का समय
राशि के अनुसार जिन व्यक्तियों की राशि मकर और कुंभ होती है उनका स्वामी शनि ग्रह होता है और जब शनि ग्रह आपकी कुंडली के तीसरे, छठे, ग्यारहवें भाव में भ्रमण करते हैं तो इस गोचर का मकर और कुंभ राशि के जातक के जीवन पर प्रभाव पड़ता है और वह हर क्षेत्र में प्रगति हासिल करते हैं
शनि ग्रह का अशुभ गोचर प्रभाव का समय
जब शनि देवता कुंडली के पहले, दूसरे, चौथे, पांचवें, सातवें, आठवें, नौवें, दसवें इन सभी भाव में भ्रमण करते हैं तो कुंभ और मकर राशि के जातक के जीवन पर बहुत अशुभ प्रभाव पड़ता है जिसकी वजह से उनके सभी बने बनाए कार्य बिगड़ जाते हैं.
8. राहु ग्रह का शुभ गोचर प्रभाव का समय
इस ग्रह की कोई राशि नहीं होती है यह एक छाया ग्रह है जिसकी छाया सभी राशियों पर समय के अनुसार पडती रहती है ऐसे में जब राहु ग्रह तीसरे, छठे, ग्यारहवें भाव में भ्रमण करता है तो सभी राशियों पर बहुत ही शुभ प्रभाव पड़ता है.
राहु ग्रह का अशुभ गोचर प्रभाव का समय
तीसरे, छठे, ग्यारहवें भाव को छोड़कर जब किसी अन्य भाव में राहु ग्रह भ्रमण करता है तो इस भ्रमण गोचर का सभी राशियों पर बहुत ही अशुभ प्रभाव पड़ता है.
9. केतु ग्रह का गोचर प्रभाव का समय
राहु ग्रह की तरह ही केतु ग्रह सभी राशियों पर शुभ और अशुभ प्रभाव डालता है.
मित्रों अब आप लोग जान गए होंगे कि ग्रह किस भाव में होता है तो आपके जीवन में खुशियां आती है ,और किस भाव में होता तो आपके जीवन में अशुभ प्रभाव डालता है.
FAQ :
गोचर कैसे देखा जाता हैं ?
सामान्य शब्दों में गोचर का क्या अर्थ होता है ?
गोचर को अन्य किस नाम से जाना जाता है ?
निष्कर्ष
हमारे प्रिय दर्शकों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से गोचर शब्द का अर्थ बताया है ,जिसमें हमने आप लोगों को कई प्रकार से गोचर शब्द का अर्थ बताने की कोशिश की है अगर आप लोगों ने इस लेख को शुरू से अंत तक पढ़ा होगा तो आप लोगों को गोचर शब्द का अर्थ और इसका क्या तात्पर्य होता है इसके विषय में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी .