नीलम रत्न के चमत्कार : धारण करने की विधि क्या है | नीलम रत्न क्या होता है

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Neelam ratna ke fayde aur nuksan ? ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों को अपने अनुरूप बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के रत्न धारण किए जाते हैं जिसमें से नीलम रत्न भी महत्वपूर्ण है। यह रत्न शनिदेव का रतन होता है जो बहुत तीव्र गति से अपना प्रभाव दिखाता है। नीलम रत्न नीले रंग का होता है जिसके कारण यह बहुत आकर्षक और प्रभावी होता है।

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ज्योतिष और रत्न शास्त्र के अनुसार नीलम को धारण करने से ग्रह व्यक्ति के अनुरूप शुभ फल प्राप्त कर आते हैं। नीलम रत्न धारण करने के बाद व्यक्ति की भावनाओं में बदलाव आ जाता है जिसके कारण उसमें लोभ और घृणा समाप्त हो जाती हैं तथा जीवन में शानो शौकत बढ़ जाती है।

नीलम धारण करने से केवल शुभ ही नहीं होता है यदि शुद्ध नीलम धारण नहीं करते हैं तो निश्चित रूप से लाभ के बजाय हां नहीं देता है नीलम के बदलाव इतने भयानक होते हैं कि व्यक्ति विनाश की ओर चला जाता है। इसके धारण करने से अनावश्यक दुष्प्रभाव तथा भविष्य में होने वाली घटनाएं होने से पहले यह चटक जाता है ऐसा मान्यता है परंतु इस पर ध्यान ना दिया जाता है तो यह हमारे लिए हानिकारक हो जाता है जहां एक और नीलम के बहुत फायदे हैं वहीं अनेक नुकसान हो जाते हैं।

नीलम रत्न से होने वाले लाभ क्या है ? | नीलम रत्न के चमत्कार

नीलम रत्न पहनने के बाद व्यक्ति को बहुत जल्द लाभ देता है. नीलम रत्न के चमत्कार इतने अच्छे होते हैं कि पल भर में आदमी उन्नति के शिखर पर पहुंच जाता है जिससे उस जीवन में समृद्धि खुशहाली शीघ्र आ जाती है।
नीलम रत्न को राशि और ग्रह के अनुसार सही तरीके से पहना जाता है तो यह विशेष चमत्कार करके उन्नति की ओर ले जाता है।

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नीलम धारण करने से पहले शनि गृह की स्तिथि को जानना आवश्यक होता है जिससे आपको किसी भी प्रकार का नुकसान ना हो क्योंकि शनि आपकी उन्नति के साथ साथ जीवन शक्ति और उत्साह को बढ़ाता है तथा जादू टोना भूत प्रेत आदि से बचाता है। नीलम रत्न अपने विशेष प्रभाव से जटिल से जटिल समस्याओं को समाधान तत्काल कर देता है तरह जीवन में शांति लाता है।

जीवन में रुके हुए कार्यों को गति प्रदान करता है तथा उन्हें पूर्ण कर देता है इसके अंदर उपस्थित हीलिंग गुण मन मस्तिष्क को शांत कर देता है जिससे जीवन की दिनचर्या सुचारू रूप से कार्य करती है। रत्न शास्त्र और ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति को कुंडली में उपस्थित ग्रहों और राशियों को ध्यान में रखकर नीलम रत्न को धारण करने से उन्नति के मार्ग खुल जाते हैं।

नीलम रत्न से होने वाले नुकसान क्या है ? 

नीलम धारण करने से भविष्य में होने वाली घटनाओं की आशंका अधिक हो जाती है जिसकी वजह से बहुत से लोग इसे धारण नहीं करते हैं क्योंकि नीलम रत्न यदि किसी भी व्यक्ति को सूट नहीं करता है तो उसके सामने अनावश्यक मुसीबत खड़ी हो जाती है जिससे आर्थिक समस्या उत्पन्न हो जाती है।

नीलम धारण करने के बाद यदि छोटी या बड़ी दुर्घटनाएं आपको होती हैं तो इस रत्न को नहीं पहनना चाहिए जिससे अनावश्यक घटनाओं से बचा जा सके।जिस व्यक्ति को नीलम सूट नहीं करता है उसके जीवन में तनाव अनिद्रा जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती जिससे घर में गृह क्लेश जैसी समस्याएं होने लगती हैं।

नीलम का प्रभाव यदि आप पर अनुकूल नहीं है तो आपको जीवन में बहुत से चुनौतियों से सामना करना पड़ सकता है इसका प्रभाव परिवार पर भी पड़ता है जिससे परिवार आर्थिक संकटों से गुर्जर ने लगता है इसलिए नीलम रत्न धारण करने से पहले किसी अच्छे ज्योतिषी की सलाह लेना अनिवार्य है।

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जिस से आने वाली समस्याओं से बचा जा सके जीवन में बहुत सी अनावश्यक घटनाओं से बचने के लिए नीलम रत्न को विचार विमर्श करने के बाद धारण करें नीलम रत्न खरीदने से पहले उसकी शुद्धता की जांच अनिवार्य है तभी यह आप पर सही से प्रभाव दिखा सकता है खगोल शास्त्र के अनुसार नीलम सनी से जुड़ा होता है।

शनि देव न्याय के देवता हैं वह अच्छे कार्य करने वालों को शुभ फल और अन्याय करने वालों को दंड भी देते हैं। नीलम रत्न धारण करने के बाद व्यक्ति को तामसिक भोजन मांस मदिरा तंबाकू आदि का सेवन नहीं करना चाहिए अन्यथा यह आप पर विपरीत प्रभाव डालता है नीलम रत्न को यदि आप धारण करना चाहते हैं।

तो कम से कम 2 कैरेट का रत्न धारण करें नीलम को चांदी के साथ बाएं हाथ में धारण करना चाहिए नीलम को मध्य रात्रि में शनिवार के दिन धारण करना चाहिए क्योंकि शनिवार के दिन धारण करने से शनिदेव की कृपा अच्छी होती है नीलम धारण करने के बाद व्यक्ति को दान अवश्य करना चाहिए।

जिस से शुभ फल प्राप्त होता रहे नीलम को धारण करने से पहले शनिवार के दिन गाय के दूध शहद व गंगाजल के मिश्रण में कम से कम 20 मिनट तक डालकर रखें और अगरबत्ती जलाएं वह ॐ शं शनिश्चराय नमः मंत्र का 11 बार जप करके धारण करें।

विभिन्न राशियों पर नीलम रत्न का प्रभाव क्या है ?

रत्न सभी ग्रहों और राशियों से संबंधित होते हैं इसलिए इन्हें बेहद सावधानी के साथ पहनना आवश्यक है क्योंकि रत्नों की गुणवत्ता और स्पष्टता भिन्न होती हैं इसलिए किसी ज्योतिष से सलाह लेकर ही इसे धारण करना चाहिए आइए जानते हैं कि नीलम रत्न का विशेष राशि वालों के नाम पर क्या प्रभाव पड़ता है , और यह नीलम रत्न के चमत्कार उस व्यक्ति पर क्या होते है .

1. मेष 

मेष राशि वालों को नीलम रत्न धारण करने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि मेष राशि का स्वामी मंगल होता है जो शनि के साथ शत्रुता रखता है इस राशि वालों को धारण करने से पहले शनि के भाव को कुंडली में जरूर देख ले यदि सनी कुंडली में द्वितीय पंचम नवम और एकादश भाव में है तो इसे पहन कर अपने भाग्य को आजमाया जा सकता है।

2. वृषभ

वृषभ राशि वालों के लिए नीलम बहुत ही शुभ माना जाता है क्योंकि इस राशि के स्वामी शुक्र है जो शनि के साथ विशेष मित्र भाव रखते हैं इसलिए इस राशि के जातकों को नीलम पहनने से पूरी जिंदगी बहुत ही श्रेष्ठ रहेगी

3. मिथुन

मिथुन राशि वाले जातकों को ज्योतिषी की सलाह लेकर उस समय धारण करना जिस समय सनी का गोचर राशि में हो।

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4. कर्क

कर्क राशि वाले जातकों के लिए नीलम रत्न धारण करने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि शनि के साथ कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा की मित्रता नहीं होती है।

5. सिंह

सिंह राशि वाले जातकों को नीलम रत्न कभी धारण नहीं करना चाहिए क्योंकि इनका स्वामी सूर्य है और सनी सूर्य से सब तो बता रखता है।

6. कन्या

कन्या राशि वालों के लिए सनी पूर्ण रूप से तटस्थ होने के कारण ना कोई फायदा करता है या नुकसान इसलिए इस राशि के जातकों को नीलम रत्न शनि को सुधारने के लिए धारण कर सकते हैं।

7. तुला

तुला राशि के जातकों को नीलम रत्न विशेष रुप से धारण करना चाहिए क्योंकि इनका स्वामी शुक्र शनि के साथ मित्रता रखता है।

8. वृश्चिक

वृश्चिक राशि वालों के लिए नीलम रत्न पहनना किसी प्रकार से उचित नहीं है ऐसे लोग जिनका शनि पंचम नवम व दशम भाव में है तो वह धारण कर सकते हैं।

9. धनु

धनु राशि वाले व्यक्ति नीलम को कभी धारण ना करें अन्यथा इसके परिणाम काफी भयावह होंगे क्योंकि इनका स्वामी बृहस्पति शनि से बराबरी का भाव रखता है।

10. मकर

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मकर राशि वाले लोगों को नीलम रत्न धारण करने से जीवन भर खुशहाली प्राप्त होती है क्योंकि इनका स्वामी स्वयं शनि है इसलिए सनी स्वयं उसको लाभ ही लाभ देते हैं और साथ ही नहीं हर प्रकार से सुरक्षा भी करते हैं।

11. कुंभ

कुंभ राशि वालों के लिए नीलम रत्न बहुत ही भाग्यशाली होता है क्योंकि इस राशि वालों के लिए शनि हमेशा उत्तम ही करता है।

12. मीन

मीन राशि के जातकों का स्वामी गुरु और शनि आपस में समानता रखता है इसलिए इस राशि के लोगों को भी नीलम रत्न धारण नहीं करना चाहिए।

नीलम रत्न पहनने की विधि क्या है ? 

नीलम धारण करने से पहले किसी अच्छे ज्योतिषी से ग्रहों और राशियों के प्रभाव को जानकर ही पहने इसे धारण करने से पहले शनिवार की शाम को गंगाजल और दूध में डुबोकर शुद्ध कर ले तथा उसे शनि यंत्र बनी हुई कुमकुम के कपड़े में लपेटकर रखें इसे चांदी की अंगूठी में धारण करें शनिवार के दिन इसे ओम सम शनिश्चराय नमः मंत्र का जाप करके तथा धूप या अगरबत्ती के धुए में शुद्ध करें और धारण करें ।

नीलम रत्न को पुरुष वर्ग दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली तथा स्त्री बाएं हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करें नीलम रत्न का प्रभाव 4 से 5 साल के बीच कम होने लगता है अतः 4 से 5 साल के बाद इसे बदल दे।

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