पश्चिम मुखी घर में शौचालय : जब हम घर का निर्माण करवाते हैं तो घर में शौचालय के लिए भी व्यवस्था करते हैं घर बनवाते समय भौगोलिक स्थिति के अनुसार घर का मुख्य द्वार पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण दिशा के अनुसार बनता है.
परंतु दक्षिण दिशा की ओर मुख्य द्वार होना वास्तु शास्त्र के अनुसार अच्छा नहीं माना जाता है। फिर भी आज के समय में शहरों में और गांव में जगह की उचित व्यवस्था न होने के कारण लोगों का घर का मुख्य द्वार पश्चिम मुखी हो जाता है.
पश्चिम मुखी घर में शौचालय बनवाना वास्तु शास्त्र के अनुसार कितना शुभ और कितना शुभ है यह हमारे लिए विशेष महत्वपूर्ण है। शौचालय हमारे घर पर एक जरूरी हिस्सा है और लगभग आज के समय में हर घर में शौचालय के लिए पहले से ही जगह का प्रबंध किया जाता है.
क्योंकि बिना शौचालय के हमारा घर आज के समय में अपूर्ण रहता है। जब हम अपना घर बनवा रहे हैं और हमारा मुख्य दरवाजा पश्चिम दिशा में है तो पश्चिम मुखी घर में शौचालय की व्यवस्था उचित स्थान पर होना जरूरी है।
- 1. पश्चिम मुखी घर में शौचालय
- 2. वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय
- 3. पश्चिम मुखी घर में शौचालय कहां होना चाहिए ?
- 4. घर में शौचालय कहां होना चाहिए ?
- 5. FAQ : पश्चिम मुखी घर में शौचालय
- 5.1. घर में शौचालय कहां-कहां नहीं बनवाना चाहिए ?
- 5.2. शौच करते समय हमारा मुंह किधर होना चाहिए ?
- 5.3. घर की सीढ़ियों के नीचे क्या बनवाना चाहिए
- 6. निष्कर्ष
पश्चिम मुखी घर में शौचालय
आज के मॉडर्न युग में बहुत से घर पश्चिम मुखी बने होते हैं हालांकि पूर्वजों के अनुसार पश्चिम की ओर घर का मुख्य दरवाजा होना वास्तु शास्त्र के अनुसार अच्छा नहीं माना जाता फिर भी अगर आपका घर पश्चिम मुखी है तो पश्चिम मुखी घर में शौचालय भी उचित होना जरूरी है।
हालांकि लोग घर बनवाते समय नजर अंदाज कर देते हैं और शौचालय का विशेष ध्यान नहीं देते हैं बल्कि जहां पर जगह खाली मिल जाती है वहीं पर शौचालय बनवा देते हैं जबकि वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय का उचित जगह पर होना घर के लिए शुभ है।
अगर आप घर पश्चिम मुखी बनवा रहे हैं तो शौचालय वास्तु शास्त्र के अनुसार नहीं है तो इससे वास्तु शास्त्र के अनुसार पितृदोष होता है और घर में कई सारी परेशानियां आती हैं। यह जानते हैं कि पश्चिम मुखी घर में शौचालय कहां पर होना जरूरी है।
वास्तु शास्त्र कहता है कि पश्चिम मुखी घर में शौचालय नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का विस्तार होता है जिससे घर परिवार परेशान हो सकता है और कई प्रकार की समस्याओं से व्यक्ति का जीवन प्रभावित हो सकता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय
वास्तु शास्त्र एक ऐसा विज्ञान है जो घर की हर वस्तु को सही जगह पर रखने के लिए कहता है अगर आप वास्तु के अनुसार हर चीज को अपनी सही जगह पर लगाते हैं या रखते हैं तो आपको कभी भी किसी भी प्रकार की परेशानी जीवन में नहीं मिलेगी।
ऐसे में शौचालय जैसी चीज को वास्तु शास्त्र के अनुसार सही जगह पर बनाना जरूरी है अन्यथा आपको कई सारी परेशानी मिलेंगी प्रमुख रूप से घर परिवार के बच्चों पर इसका प्रभाव नकारात्मक पड़ता है और व्यक्ति को धन हानि होने की संभावना ज्यादा रहती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार निम्नलिखित दिशाओं में घर का शौचालय नहीं बनवाना चाहिए इससे कई सारी मुसीबतें होती हैं आइए हम जानते हैं।
- वास्तु के अनुसार पश्चिम दिशा में शौचालय नहीं बनाना चाहिए इससे घर परिवार के लोगों की इच्छाएं कभी पूर्ण नहीं होती।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा में भी शौचालय नहीं बनवाना चाहिए इससे धन हानि होती है व्यापार जैसी चीज़ में नुकसान होता है।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर पूर्व दिशा में भी शौचालय नहीं बनवाना चाहिए इससे घर परिवार के लोगों को अत्यधिक बीमारी की समस्या होती है और लोग परेशान रहते हैं।
- घर में पूर्व दिशा की ओर शौचालय नहीं बनाना चाहिए इससे भी हमें काफी कष्ट होता है प्रमुख रूप से लोगों से संबंध टूट जाते हैं और घर के लोग हमेशा शारीरिक रूप से थकावट महसूस करते हैं।
- वास्तु शास्त्र कहता है कि जहां पर हम अपना भोजन बनाते हैं अर्थात रसोईघर के सामने कभी भी शौचालय नहीं बनवाना चाहिए।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार सीढ़ियों के नीचे कभी भी शौचालय नहीं बनवाना चाहिए प्रमुख रूप से जब पश्चिम मुखी घर में शौचालय बनवाना हो तो विशेष ध्यान रखना जरूरी है।
पश्चिम मुखी घर में शौचालय कहां होना चाहिए ?
अगर आपका घर पश्चिम मुखी है और आप अपने घर में शौचालय की व्यवस्था कर रहे हैं तो ऐसे में आपको पश्चिम मुखी घर में शौचालय कहां होना चाहिए आइए हम इस विषय को जानते हैं.
- वास्तु शास्त्र के अनुसार पश्चिम मुखी घर में शौचालय हमेशा दक्षिण या फिर दक्षिण पश्चिम दिशा में बनवाना चाहिए।
- शौचालय का गटर हमेशा पश्चिम या उत्तर दिशा में बनवाना चाहिए।
- अगर आप खिड़कियों का प्रयोग करते हैं तो पश्चिम दिशा के अलावा खिड़कियों को किसी भी दिशा में लगाना सही है।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार शौचालय से निकलने वाला पानी हमेशा उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए।
- शौचालय ईशान कोण में नहीं बनवाना चाहिए इससे नुकसान होता है।
- पश्चिम मुखी घर में शौचालय और बाथरूम कैसे होना चाहिए
- अगर घर पश्चिम मुखी में है और आप शौचालय वह बाथरूम दोनों के साथ हैं तो बाथरूम और शौचालय की स्थिति पर ध्यान देना जरूरी है आइए हम कुछ इस विषय पर जानते हैं।
- बाथरूम और शौचालय कभी एक साथ एक ही में नहीं बनवाना चाहिए बल्कि वास्तव के अनुसार अलग-अलग होना ज्यादा सही है। बाथरूम में चंद्रमा का वास होता है और शौचालय में शनि का वास होता है जिससे परिवार पर किसी भी प्रकार की परेशानियों का ग्रहण लग सकता है।
- शौचालय की दीवारों का रंग हमेशा हल्का सफेद हल्का पीला हल्का नीला या फिर आसमानी जैसे रंगों का होना चाहिए ।
- शौचालय में दर्पण हमेशा पूर्व या उत्तर की दिशा में लगाना चाहिए।
- अगर शौचालय में एग्जास्ट फैन लग जाते हैं तो हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में लगाएं जिससे फ्रेश और ताजी हवा आपको मिल सके।
- टॉयलेट की सीट हमेशा दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखें।
- बाथरूम और टॉयलेट से निकलने वाला पानी हमेशा उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए।
- शौचालय के अंदर कभी भी किसी भी प्रकार के देवी देवता की मूर्ति या चित्र नहीं लगाना चाहिए।
घर में शौचालय कहां होना चाहिए ?
हम सभी जानते हैं कि घर में शौचालय और बाथरूम जैसी चीजें बहुत ही महत्वपूर्ण होती हैं और इनका अपनी सही जगह पर होना भी जरूरी है क्योंकि कभी-कभी लोग घर में शौचालय और बाथरूम एक ही स्थान पर बनवा लेते हैं जो वास्तु दोष उत्पन्न करता।
- अगर हमारा शौचालय किसी भी प्रकार से घर में गलत स्थान पर बना है तो निश्चित रूप से हमारे घर परिवार पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और सबसे बड़ी समस्या धन की उत्पन्न होती है।
- दक्षिण मुखी घर में शौचालय वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण पूर्व दिशा में ज्यादा सही माना गया है क्योंकि मल विसर्जन दक्षिण पश्चिम दिशा में करने से किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती है
- दक्षिण पूर्व दिशा की में बनवाया गया शौचालय घर परिवार के लोगों के लिए सबसे ज्यादा लाभ देता है क्योंकि इस तरह से शौचालय होने से घर में व्यक्तियों को चिंता जैसी समस्या नहीं होती है।
- दक्षिण पूर्व जीवन में शौचालय नहीं बनवाना चाहिए इससे हमारे विभिन्न प्रकार के शुभ कार्य में बाधा होती हैं।
FAQ : पश्चिम मुखी घर में शौचालय
शौच करते समय हमारा मुंह किधर होना चाहिए ?
निष्कर्ष
दोस्तों हमारा घर सभी प्रकार की सुविधाओं से परिपूर्ण होता है जिसमें लैटरीन या शौचालय बनवाते हैं तो विशेष ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि शौचालय एक अच्छी जगह नहीं मानी जाती है ऐसे में आपको शौचालय बनवाते समय उसकी दिशा का विशेष ध्यान देना वास्तु शास्त्र के अनुसार जरूरी है।
किसी भी घरेलू सामान को यदि हम वास्तु शास्त्र के अनुसार रखते हैं तो हमारे लिए अच्छा होता है क्योंकि वास्तुशास्त्र के अनुसार किसी भी वस्तु का सही जगह पर ना होने से दुष्परिणाम झेलना पड़ता है। ऐसे में किसी भी दुष्प्रभाव से बचने के लिए अपने घर की सभी चीजों को उचित स्थान पर रखें या बनवाएं।