Pipal ke pend me jal chadane se kya hota hai? आपने पीपल का पेड़ अवश्य देखा होगा,पीपल का पेड़ सामान्य तौर पर बहुत कम ही होता है परंतु गांव में आज भी कई पीपल के पेड़ एक साथ देखने को मिल जाते हैं, पीपल के पेड़ का काफी धार्मिक महत्व है, इसके साथ ही इसका वैज्ञानिक महत्व भी है| पीपल के पेंड़ में जल कैसे चढ़ाये? Pipal ke pend me jal chadhane ka mantra kya hai?
अगर आप पीपल के पेड़ के पीछे विज्ञान देखेंगे तो आपको यह पता लगेगा कि सनातन धर्म के अंदर लगभग सभी चीजों में भगवान का निवास माना जाता है और इसीलिए पीपल के पेड़ को काफी ज्यादा धार्मिक मान्यताएं हमारे हिंदू धर्म में प्राप्त हैं|
यहां तक कि शमशान के अंदर भी पीपल का पेड़ लगाया जाता है, पीपल के पेड़ का इस्तेमाल तांत्रिक और पंडित अपने अपने अनुसार करते हैं, तांत्रिक लोग टोटका करने के लिए पीपल के पेड़ का इस्तेमाल करते हैं तो पंडित लोग किसी भी प्रकार के ग्रह की शांति को करवाने के लिए अपने भक्तों को पीपल के पेड़ की पूजा करने का आदेश देते हैं|
हमारे भारत में हर शनिवार को पीपल के पेड़ में जल चढ़ाने की परंपरा काफी पुराने समय से चली आ रही है और जो लोग इसमें विश्वास रखते हैं वह भी पीपल के पेड़ में हर शनिवार को जाकर जल अर्पित करते हैं|
पीपल के पेड़ की पूजा महिलाएं और पुरुष दोनों करते हैं, पीपल के पेड़ को हमारे हिंदू धर्म में काफी पवित्र माना गया है और ऐसा कहा जाता है कि पीपल के पेड़ के अंदर शंकर भगवान, हनुमान जी और विष्णु भगवान निवास करते हैं और अगर आप शनिवार के दिन पीपल के पेड़ में जल चढ़ाते हैं तो ऐसा करने से आपको शनि का दोष नहीं लगता है|
इसीलिए आपने यह देखा होगा कि जब भी किसी व्यक्ति को पंडित जी यह बताते हैं कि उस पर शनि की बुरी छाया है तो पंडित जी उसे शनि की बुरी छाया से बचने के लिए पीपल के पेड़ में हर शनिवार को जल चढ़ाने के लिए कहते हैं|
- दुश्मन को दोस्त बनाने का मंत्र क्या है ? How to make an enemy a friend mantra?
- लेखपाल कैसे बने ? कार्य/सैलरी/योग्यता/सिलेबस के बारे में जाने ! नई भर्ती How to become Lekhpal in hindi
- 1. पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने से कौन सा फायदा होता है ? What is the benefit of offering water to a Peepal tree
- 2. पीपल के पेड़ में जल चढ़ाने का पहला मंत्र क्या है ? The first mantra of watering peepal tree
- 3. पीपल के पेड़ में पानी देने का दूसरा मंत्र क्या है ? The Second mantra of watering peepal tree
पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने से कौन सा फायदा होता है ? What is the benefit of offering water to a Peepal tree
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पीपल के पेड़ पर शनिवार को जल चढ़ाने से हमें विभिन्न प्रकार के फायदे प्राप्त होते हैं, हमारे धार्मिक ग्रंथ स्कंद पुराण में इस बात को बताया गया है कि पीपल के अंदर लगभग सभी देवताओं का निवास होता है| इसीलिए कभी भी पीपल को काटना नहीं चाहिए, अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको भयंकर परिणाम देखने को मिल सकते हैं|
पीपल के पेड़ पर शनिवार के दिन जल चढ़ाना काफी शुभ माना जाता है, इसके अलावा आपको बता दें कि आपको रविवार के दिन कभी भी पीपल के पेड़ पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए और अगर आप रविवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाते हैं तो ऐसा करने से आपकी आर्थिक तरक्की रुक जाती है और आपको दरिद्रता का सामना करना पड़ सकता है, इसीलिए इस बात का ध्यान अवश्य रखें|
कभी भी आपको किसी भी पीपल के पेड़ को अपनी जिंदगी में नहीं काटना है और अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको कई समस्याएं देखने को मिल सकती है| जो व्यक्ति पीपल का पेड़ काटता है उसकी वंश वृद्धि रुक जाती है साथ ही उसकी आर्थिक तरक्की भी नहीं होती है और उसके पित्र भी नाराज हो जाते हैं|
इसीलिए आपको पीपल का पेड़ नहीं काटना चाहिए और कभी कबार अगर किसी कारण आपको पीपल का पेड़ काटना पड़े तो उसे काटने से पहले आपको उसकी पूजा विधि विधान के साथ कर लेनी चाहिए और हवन करने के बाद ही पीपल के पेड़ को काटना चाहिए, ऐसा करने से आपको कोई दोष नहीं लगेगा|
पीपल का पेड़ धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है परंतु आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आपको पीपल के जड़ में पानी ब्रह्म मुहूर्त में नहीं देना चाहिए बल्कि जब सूरज निकल आए तभी आप को पीपल को पानी देना चाहिए, ऐसा करने से माता लक्ष्मी जी की कृपा आप पर बनी रहती है और आपकी आर्थिक उन्नति होती है|
इसके अलावा शास्त्रों में यह बात भी कही गई है कि अगर कोई इंसान पीपल का पेड़ लगाता है तो वह जन्म और मृत्यु के चक्र से आजाद हो जाता है, साथ ही जो व्यक्ति शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दिया जलाता है और हनुमान चालीसा का पाठ करता है उस व्यक्ति के सभी संकट कट जाते हैं|
हमारे पुराणों में यह बात बताई गई है कि जो व्यक्ति शनिवार के दिन पीपल के पेड़ में पानी देता है उस व्यक्ति के ऊपर से कालसर्प दोष और पित्र दोष हट जाता है साथ ही जो व्यक्ति शनिवार के दिन पीपल के पेड़ को पानी देने के बाद उसकी 7 परिक्रमा करता है उसका शत्रु दोष भी समाप्त हो जाता है, आइए अब आगे जानते हैं कि पीपल के पेड़ में पानी देने का मंत्र क्या है |
- आम के पत्ते से निश्चित वशीकरण कैसे करे ? जाने 5 वशीकरण मंत्र और उपाय ! How to vashikaran by mango leaves?
- घर में सुख शांति, धन लाभ और सफलता के लिए गणेश जी के गुप्त मंत्र Ganesh mantra for money and happiness hindi
पीपल के पेड़ में जल चढ़ाने का पहला मंत्र क्या है ? The first mantra of watering peepal tree
पीपल के पेड़ में जल चढ़ाने का नियम है, आप चाहे तो शुक्ल पक्ष के गुरूवार को यह कर सकते हैं, सबसे पहले आपको एक लोटा साफ पानी लेना है और उसके अंदर आपको थोड़ी सी पिसी हुई हल्दी डालना है और उसके बाद आपको चीनी और चने की दाल भी डालना है|
साथ ही आपको उसके अंदर गंगाजल भी डालना है और इसके बाद आपको पीपल के पेड़ के पास जाना है|
हालांकि आपको उसी पीपल के पेड़ के पास जाना है जिसकी पूजा पहले से ही की जाती हो या फिर जो पेड़ बहुत ही पुराना हो, पेड़ के पास जाने के बाद आपको थोड़ी दूर पर अपनी चप्पल उतार देनी है और फिर पीपल के पेड़ की जड़ों में पानी डालते हुए आपको ओम श्री विष्णु ओम श्री विष्णु मंत्र का 21 बार जाप करना है|
जाप करने के बाद आपको 7 बार पीपल के पेड़ की परिक्रमा करनी है और परिक्रमा करते समय आपको जय शनि देव जय शनि देव नाम लेना है| जब आपकी परिक्रमा पूरी हो जाए तो आपको भगवान विष्णु को हाथ जोड़कर प्रणाम करना है और उनसे अपनी मनोकामना को पूरा करने की अरदास लगानी है|
ऐसा लगातार आपको 40 दिनों तक करना है, 40 दिनों तक लगातार यह क्रिया करने से निश्चित ही आपकी मनोकामना पूरी होगी और आपको मनचाहे रिजल्ट की प्राप्ति होगी|
पीपल के पेड़ में पानी देने का दूसरा मंत्र क्या है ? The Second mantra of watering peepal tree
पीपल के पेड़ से अपनी मनोकामना को पूरी करवाने के कई रास्ते हैं पीपल के पेड़ में पानी देने के लिए सबसे पहले आपको गाय का दूध चंदन तेल और गंगाजल लेना है और इन सभी को एक लोटे में डालना है उसके बाद आपको पीपल के पेड़ के पास जाकर उसकी जड़ों में पानी डालते हुए नीचे दिए गए मंत्रों का जाप करना है ऐसा लगातार 40 दिनों तक करने से निश्चित ही आपकी मनोकामना पूरी होगी|
मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे।
अग्रत: शिवरूपाय वृक्षराजाय ते नम:।।
आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसम्पदम्।
देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:।।
-: चेतावनी disclaimer :-
सभी तांत्रिक साधनाएं एवं क्रियाएँ सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से दी गई हैं, किसी के ऊपर दुरुपयोग न करें एवं साधना किसी गुरु के सानिध्य (संपर्क) में ही करे अन्यथा इसमें त्रुटि से होने वाले किसी भी नुकसान के जिम्मेदार आप स्वयं होंगे |
हमारी वेबसाइट OSir.in का उदेश्य अंधविश्वास को बढ़ावा देना नही है, किन्तु आप तक वह अमूल्य और अब तक अज्ञात जानकारी पहुचाना है, जो Magic (जादू) या Paranormal (परालौकिक) से सम्बन्ध रखती है , इस जानकारी से होने वाले प्रभाव या दुष्प्रभाव के लिए हमारी वेबसाइट की कोई जिम्मेदारी नही होगी , कृपया-कोई भी कदम लेने से पहले अपने स्वा-विवेक का प्रयोग करे !