पूजा करते समय बाल जलना शुभ या अशुभ – होगा अनर्थ या लाभ ? | Puja karte samay Bal Jalna

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पूजा करते समय बाल जलना | Puja karte samay Bal Jalna : हेलो दोस्तों नमस्कार स्वागत है आपका हमारे आज के इस नए लेख में आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से पूजा करते समय बाल जलना के बारे में जानकारी देने वाले हैं हमारे हिंदू सनातन धर्म के अनुसार देवी देवताओं की पूजा की जाती है और उस पूजा में दीपक जलाना जरूरी होता है.

बिना दीपक के पूजा अधूरी मानी जाती है या फिर वह पूजा होती ही नहीं वैसे तो सभी लोग पूजा विधि विधान पूर्वक ही करनी चाहिए हरी पूजा में दीपक से ही आरती की जाती है आरती के बाद ही संपूर्ण पूजा मानी जाती है.

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ऐसे में कई बार ऐसा होता है कि पूजा करते समय दीपक आदि से हमारे बाल जल जाते हैं और हमें उसका कोई भी संकेत नहीं मिलता है तो आज हम आप लोगों को बताएंगे कि ऐसी घटना आपको क्या संकेत देती है क्योंकि आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से पूजा करते समय बाल जलना क्या होता है.

इसके बारे में जानकारी देंगे इसके अलावा मंदिर में प्रवेश के समय बाल खुले क्यों नहीं करनी चाहिए बाल खुले रखने से भगवान पूजा को स्वीकार नहीं करते हैं पूजा करते समय क्या बोलना चाहिए पूजा करते समय इन चीजों का गिरना माना जाता है अशुभ सारे विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे अगर आप हमारी इस लेख को अंत तक पड़ते हैं तो आपको पूजा करते समय बाल जलना के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो जाएगी.

पूजा करते समय बाल जलना | Puja karte samay Bal Jalna

हमारे शास्त्रों के अनुसार ऐसा कहा गया है कि पूजा करते समय बाल जलना बहुत ही अशुभ माना जाता है पहली बात तो पूजा घर में कभी भी बाल खोलकर नहीं जाना चाहिए और ना ही बाल खोलकर पूजा करनी चाहिए अगर कोई स्त्री बाल खोलकर पूजा घर में प्रवेश करती है तो उसके घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है घर में कलह उत्पन्न होता है.

 

इसीलिए कभी भी पूजा घर में बाल खोलकर प्रवेश ना करें और ना ही पूजा करें पूजा करते समय अगर किसी स्त्री के बाल जल जाते हैं तो यह अशुभ माना जाता है क्योंकि पूजा करते समय बाल जलाने  से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है .

पूजा करते समय बाल जलाने से घर में सुख – समृद्धि का प्रवेश नहीं होता है और घर के सभी सदस्यों का स्वास्थ्य भी बिगड़ जाता है इसीलिए कभी भी पूजा करते समय बाल खोलकर नहीं रखना चाहिए अगर कभी आपके साथ ऐसा होता है की पूजा करते समय आपके बाल जल जाते हैं तो यह एक ऐसा संकेत देता है कि आपके साथ कुछ गलत होने वाला है.

पूजा करते समय हाथ जल जाना | Puja karte samay Hath Jal Jana

ऐसा कई बार होता है कि कोई भी व्यक्ति अगर पूजा कर रहा होता है तो उस समय उस व्यक्ति का हाथ अचानक से जल जाता है ऐसे में अगर यह घटना आपके घर के मंदिर में होती है तो यह क्या संकेत देती है.

पूजा करते समय हाथ जोड़ना यह संकेत देता है कि आपके घर में कोई नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करेगी आपके घर में कलह आज उत्पन्न होगा घर के सदस्यों का स्वास्थ्य बिगड़ जाएगा पूजा करते समय हाथ जलने से यह सारी नकारात्मक चीजें आपके साथ होने लगती है.

पूजा करते समय क्या बोलना चाहिए ? | Puja karte samay kya bolna chahiye ?

हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि जिस समय आप पूजा की शुरुआत कर रहे होते हैं समय आपको भगवान से कुछ बोलना चाहिए जैसे कि ” हे प्रभु मैं आप का बहुत ही बड़ा भक्त हूं मैं आपकी पूजा और आराधना करना चाहता हूं अगर आपकी पूजा में मुझसे कोई भी भूल चूक हो जाती है तो आप मेरे द्वारा की गई पूजा में भूल चूक को माफ कर दे अगर मेरे अंदर कोई भी अहंकार हो तो उसे दूर कर देना और आपकी पूजा श्रद्धा पूर्वक करने की शक्ति हमें आप प्रदान करना इसीलिए मैं अपने आप को आप की शरण में समर्पित करता हूं “

अगर आप पूजा शुरू करने से पहले यह शब्द बोल देते हैं तो पूजा में हुई त्रुटि भगवान के द्वारा माफ कर दी जाती है और पूजा समाप्त होने के बाद आपको प्रभु से क्षमा याचना के लिए एक मंत्र भी बोल सकते हैं इसका मंत्र हमने आपको नीचे दे दिया है जो कि इस प्रकार है.

पूजा में क्षमा मांगने का मंत्र | Puja Mein kshama mangne ka Mantra

 

आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।

पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर॥

मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन।

यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे॥

अगर आप पूजा समाप्त होने के बाद प्रभु से क्षमा याचना के लिए इस मंत्र को बोल देते हैं तो पूजा में अपनी गलतियां भगवान के द्वारा माफ कर दी जाती है.

मंदिर में प्रवेश के समय बाल खुले क्यों नहीं होने चाहिए ?

हमारे हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि अगर पूजा घर में प्रवेश करते समय बाल खुले रखते हैं तो घर पर और आपके जीवन में बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है क्योंकि ऐसा शास्त्रों के अनुसार कहा गया है कि पूजा घर में प्रवेश करते हैं तो मन शांत और बुरे विचार या नकारात्मक भावनाओं से मुक्ति मिल जाती है क्योंकि हमारी पूजा और प्रार्थना का उद्देश्य भगवान के करीब जाना होता है.

उस समय हम भगवान के करीब यानी कि भगवान के घर जा रहे होते हैं तो हमें साफ और सुथरे होना आवश्यक है हमारा शरीर और हमारे कपड़े साफ होने चाहिए शास्त्रों के अनुसार पूजा घर में बाल खोलकर प्रवेश ना करने का एक ही कारण बताया गया है.

कहा गया है कि महिलाओं के बाल पुरुषों की तुलना में लंबे होते हैं और उनके बाल खुले होने की वजह से महिलाओं का मन भगवान की भक्ति में नहीं लगता है क्योंकि महिलाएं अपने बालों को ठीक करने में केंद्रित रहती हैं बंधे हुए बालों के साथ भक्ति और पूजा करने में मन लगता है इसीलिए पूजा घर में हमेशा बालों को बांधकर ही प्रवेश करना चाहिए।

खुले बालों में की गई पूजा भगवान को स्वीकार नहीं होती है ?

हमारे हिंदू धर्म में ऐसा कहा जाता है कि अगर खुले बालों में पूजा की जाती है तो वह भगवान को स्वीकार नहीं होती है उसी प्रकार हमारे शास्त्रों में लिखा है कि कोई भी पूजा पाठ और शुभ काम यदि महिलाएं बाल खोलकर करती हैं तो उनकी पूजा कभी भी भगवान स्वीकार नहीं करते हैं महिलाएं बाल खोलकर पूजा करती है तो देवता उसे स्वीकार नहीं करते हैं. देवता नाराज हो जाते हैं और व्यक्ति के घर में दुर्भाग्य उत्पन्न हो जाता है।

 

 

और ज्योतिष से को मानते हुए ऐसा कहा जाता है कि खुले बालों में कोई भी पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा जल्दी प्रवेश हो जाती है और ईश्वर का अपमान हो जाता है एक यही वजह उत्पन्न होती है जिसके कारण महिलाओं को हमेशा बाल बांधकर ही पूजा करनी चाहिए हमेशा सर टक्कर पूजा घर में प्रवेश करें और भगवान की पूजा करें. जिससे हमारे मन में बुरी शक्ति का प्रवेश ना हो।

हमारे हिंदू धर्म के शास्त्रों के अनुसार ऐसा कहा गया है कि अगर स्त्रियां बाल बांधकर और सर को ढककर पूजा घर में प्रवेश करती है या भगवान की पूजा करती है तो उन्हें श्रद्धा सम्मान और भक्ति का प्रतीक माना जाता है जिसकी वजह से महिलाओं के बाल खोलकर मंदिर में प्रवेश करने की मनाही होती है.

पूजा करते समय इन चीजों का गिरना माना जाता है अशुभ | puja karte samay ashub

1. दीपक

हमारे हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा कहा गया है कि अगर पूजा करते समय कोई भी चीज गिर जाती है तो वह बहुत अशुभ मानी जाती है उसी प्रकार अगर पूजा करते समय अचानक से दीपक गिर जाए तो यह अशुभ माना जाता है हमारे ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा कहा गया है कि हाथ से दीपक गिरना किसी अनहोनी का संकेत माना गया है.

दीपक

ऐसे में हमें हमारे कुल देवता की पूजा करनी चाहिए और हमें अपने कुलदेवता से भूल चूक के लिए माफी मांगी चाहिए और दोबारा से दीपक जला देना चाहिए।

2. प्रसाद गिरना

शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना गया है कि अचानक से अगर आपके हाथ से प्रसाद गिर जाता है तो यह अपशगुन माना जाता है या अपशगुन इस बात का संकेत देता है कि व्यक्ति की कोई भी चाहत होते-होते रह जाएगी उसके काम में कोई ना कोई बाधा आ जाएगी .

अगर आपके साथ कभी भी ऐसा होता है तो आपको उस प्रसाद को उठाकर अपने माथे से लगाना चाहिए उसके बाद खा ले या फिर किसी गमले में रख दे हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि कभी भी प्रसाद का अनादर नहीं करना चाहिए।

3. सिंदूर का गिरना

वैसे तो सभी लोग जानते हैं कि सिंदूर हिंदू धर्म के लिए कितना महत्वपूर्ण होता है ऐसा कहा जाता है कि स्त्री के सोलह सिंगार में से एक सिंदूर भी शुभ और अशुभ संकेत देता है और यह सिंदूर हर एक देवी देवता को लगाया जाता है अगर पूजा करते समय कभी भी सिंदूर की डिब्बी हाथ से गिर जाती है तो समझ ले कि आने वाले समय में परिवार या फिर पति के ऊपर कोई भी संकट आ सकता है.

इसीलिए हमारे हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि सिंदूर गिरने पर इसे कभी भी पैर से या फिर झाड़ू से नहीं उठाना चाहिए बल्कि किसी साफ कपड़े से उठाकर डिब्बी में रख लेना चाहिए और सिंदूर गंदा हो गया हो तो जल में प्रवाह कर देना चाहिए।

4. मूर्ति का गिर जाना

हमारे हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि पूजा करते समय अगर अचानक से कोई भी तस्वीर टूट जाती है या फिर गिर जाती है तो यह शुभ माना जाता है मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि घर के किसी बड़े सदस्य के ऊपर कोई संकट आने वाला होता है तभी पूजा घर की मूर्ति गिर जाती है या फिर टूट जाती है.

Ganesh Lakshmi

पूजा घर की मूर्ति तभी टूटती है जब परिवार के लोगों के जीवन में कोई उथल-पुथल होने वाली होती है इसीलिए कभी भी अगर मूर्ति टूटती हैं या फिर गिर जाती है तो क्षमा याचना करके इस अखंडित तस्वीर को जल में प्रवाह कर देना चाहिए या फिर उस मूर्ति को जमीन में गाड़ देना चाहिए.

FAQ : पूजा करते समय बाल जलना

पूजा करते समय गलत विचार क्यों आते हैं?

अगर आप लोग यह जानना चाहते हैं कि पूजा करते समय गलत विचार क्यों आते हैं तो ऐसा कहा जाता है कि एक शुद्ध मन और दूसरा अशुद्ध शुद्ध मन होने पर व्यक्ति के मन में कामनाएं उत्पन्न होने लगती हैं वहीं पर कामनाओं सहित मन को शुद्ध मन माना जाता है हमारे हिंदू धर्म के अनुसार ऐसी मान्यता है कि अगर व्यक्ति शुद्ध मन से भगवान की पूजा करता है तो उसे ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

पूजा करते समय अगर कपड़ा जल जाए तो क्या होता है?

ऐसा कहा जाता है कि अगर पूजा करते समय कपड़ा जल जाए तो उसे अपशकुन माना जाता है ऐसा कहा जाता है कि पूजा करते समय कपड़ा जलने से व्यक्ति की कोई चाहत पूरी होते-होते रह जाती है काम में कोई ना कोई बाधा उत्पन्न होने लगती है.

भगवान की पूजा कब नहीं करनी चाहिए?

ज्योतिष्य के नियमों के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि भगवान की पूजा कभी भी दोपहर 12:00 से 3:00 के बीच में नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह समय देवताओं के आराम करने का होता है अगर इस समय कोई भी व्यक्ति भगवान की पूजा करता है तो उसे पुण्य फल प्राप्त नहीं होता है दोपहर के 12:00 से 3:00 के बीच का अभिजीत मुहूर्त होता है इसीलिए इस समय पितरों का समय माना जाता है इसीलिए इस समय देवी-देवताओं की विधि विधान पूर्वक पूजा नहीं हो पाती है.

निष्कर्ष

दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से पूजा करते समय बाल जलना के बारे में बताया इसके अलावा पूजा करते समय हाथ जल जाना पूजा करते समय क्या बोलना चाहिए मंदिर में प्रवेश के समय बाल खुले क्यों नहीं होने चाहिए.

इन सारे विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी है अगर आपने हमारे इस लेख को अच्छे से पढ़ा है तो आपको पूजा करते समय बाल जलना के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी.

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