लघु हवन विधि | Laghu havan vidhi : दोस्तों हिंदू सनातन धर्म में हवन यज्ञ आदि का बहुत बड़ा महत्व है ज्यादातर लोग घरों में महीने में एक बार पूर्णिमा,अमावस्या पर हवन आदि किया जाता है. हवन हमारे दैनिक जीवन मे शुभ कार्यों का एक अनिवार्य हिस्सा है। जब भी हम कोई शुभ काम करते हैं तो छोटा-मोटा बहुत हवन करवाते हैं.
या इसके अलावा अगर हम किसी देवी देवता की पूजा करते हैं या किसी देवी – देवता से संबंधित व्रत रखते हैं और उसके समापन के दिन हवन करते है हवन आदि करवाने से सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती हैं परंतु कई बार देखा गया है कि जब भी हम अपने घरों में हवन करने की बात करते हैं.
तो सबसे ज्यादा दिक्कत योग्य पंडितों का मिलना कठिन हो जाता है। इसीलिए शास्त्रों में लघु हवन विधि या संक्षिप्त हवन विधि के विषय में भी बताया गया है.
- 1. लघु हवन विधि | Laghu havan vidhi
- 1.1. 1. हम उनकी तैयारी करें
- 1.2. 2. हवन सामग्री लेकर बैठे
- 1.3. 3. संक्षिप्त या लघु हवन विधि
- 1.4. 4. पूर्णाहुति
- 1.5. 5. पूर्णाहुति मंत्र
- 2. FAQ : लघु हवन विधि
- 2.1. हवन करने से क्या फायदा होता है ?
- 2.2. हवन करते समय क्या बोला जाता है ?
- 2.3. छोटा सा हवन किस प्रकार करें ?
- 3. निष्कर्ष
लघु हवन विधि | Laghu havan vidhi
मित्रों आप भी अपने घर में हवन करवाते हैं और पंडितों को खोजते खोजते थक जाते हैं तो आप अगर घर में हवन करना चाहते हैं तो अपने आप घर पर लघु हवन सामग्री से आधा 1 घंटे में स्वयं कर सकते हैं. एक लंबा हवन करवाने की अपेक्षा घर में संक्षिप्त हवन भी कर सकते हैं इसके लिए आपको ज्यादा तामझाम की आवश्यकता नहीं है बस थोड़ी सी तैयारी करना है जो इस प्रकार से है।
1. हम उनकी तैयारी करें
अपने घर में हवन करने के लिए सबसे पहले एक छोटी सी जगह को चयन कर ले और उसे साफ सुथरा कर दें. इसके बाद पूर्व की ओर या उत्तर की ओर मुंह करके बैठ जाएं। अगर आप किसी भौतिक कार्य की पूर्ति के लिए हवन करते हैं तो पूर्व की दिशा की ओर मुंह करके बैठे और आध्यात्मिक लक्ष्य की पूर्ति के लिए उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठे।
अपने सामने एक हवन कुंड बना ले और हवन में प्रयोग होने वाली सभी प्रकार की सामग्री लकड़ी आदि अपने पास रख ले. ज्यादातर इसमें आम की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है या फिर आप पीपल और बरगद की लकड़ी का भी प्रयोग कर सकते हैं.
2. हवन सामग्री लेकर बैठे
किसी भी प्रकार के हवन करने में हम मुख्य रूप से चावल जो घी काला तिल चीनी आदि का मिश्रण बनाते हैं तथा अन्य कई चीजें हवन सामग्री के रूप में बाजार से लेकर आते हैं उन सभी चीजों को एक साफ-सुथरी बर्तन में रखकर आवश्यकतानुसार प्रयोग करते हैं।
हवन सामग्री तैयार करने के बाद एक बर्तन में आवश्यकतानुसार घी ले लेते हैं और एक चम्मच लेकर बैठ जाते हैं इसके बाद हवन के लिए मंत्रोचार किया जाता है।
3. संक्षिप्त या लघु हवन विधि
हवन कुंड बनाने के लिए लकड़ियों का प्रयोग किया जाता है एक त्रिकोण वाला लकड़ियों से आकार बनाते हैं इसके बाद क्रमशः इस प्रकार से हवन प्रारंभ करते हैं।
“अस्त्रायफट”
तर्जनी और मध्यमा उंगली से घेरा बनाते हुए उपरोक्त मंत्र पढ़ते हैं इसके बाद अपनी मुट्ठी बंद कर तर्जनी उंगली निकालकर नीचे दिए गए मंत्र को पढ़ते हैं.
“हूं फट”
खेल लकड़ी डालकर कपूर और छूट देते हैं तथा नीचे दिए गए मंत्र को पढ़ते हैं.
“ह्रीं सांग सांग सायुध सवाहन सपरिवार”
और जिस मंत्र से हवन किया जाता है उस मंत्र को पढ़कर के अंत में नमः शब्द जरूर बोला जाए.
अब हवन में आग जलाने के लिए नीचे दिए गए मंत्र को पढ़कर माचिस की तीली या कपूर का टुकड़ा जलाकर हवन कुंड से किनारे नैऋत्य कोण में डालते हैं।
ह्रीं क्रव्यादेभ्यो: हूं फट”
तत्पश्चात आदमी नीचे दिए जा रहे मंत्र को पढ़कर घी डालते हैं.
रं अग्नि अग्नेयै वह्नि चैतन्याय स्वाहा
जिस मंत्र से हवन कर रहे होते हैं उस मंत्र से बार-बार पढ़कर हवन कर देते हैं और फिर हवन कुंड को स्पर्श करते हुए यह मंत्र पढ़ें।
“ह्रीं अग्नेयै स्वेष्ट देवता नामापि”
इस प्रकार से आप सपरिवार हवन करें और इसके बाद नीचे दिए गए मंत्र को पढ़ें जिससे आपको लघु हवन विधि का पूरा लाभ मिलेगा।
ह्रीं सपरिवार स्वेष्ट रूपाग्नेयै नम:
उपरोक्त मंत्र को पढ़ने के बाद भी में चार बार आहुति दें तथा बचे हुए घी को नीचे दिए गए मंत्रों को पढ़ते हुए डालें.
ह्रीं भू स्वाहा (अग्नि में)। इदं भू (पानी में)।
ह्रीं भुव: स्वाहा (अग्नि में)। इदं भुव: (पानी में)।
ह्रीं स्व: स्वाहा(अग्नि में)। इदं स्व:(पानी में)।
ह्रीं भूर्भुव:स्व: स्वाहा (अग्नि में)। इदंभूर्भुव: स्व: (पानी में)।
निश्चित आहुतियां देने के बाद चम्मच से मूल मंत्र पढ़ते हुए भी डालें।
4. पूर्णाहुति
हवन के पूर्ण होने के बाद पूर्णाहुति सुपारी या नारियल से की जाती है इसके लिए आपको नारियल और सुपारी को अलग-अलग हवन में रखना होता है सबसे पहले सुपारी से पूर्णाहुति करें फिर नारियल के ऊपर लाल चुनरी लपेटकर मौली बांध ले तथा मंत्र पढ़ते हुए हवन यज्ञ में रख दे।
5. पूर्णाहुति मंत्र
ह्रीं यज्ञपतये पूर्णो भवतु यज्ञो मे ह्रीस्यंतु यज्ञ देवता फलानि सम्यग्यच्छंतु सिद्धिं दत्वा प्रसीद मे स्वाहा क्रौं वौषट।
पूर्णाहुति के बाद चम्मच में यज्ञ की राख निकालकर लगा ले फिर यह मंत्र पढ़ें उसके बाद तिलक करें.
ह्रीं क्रीं सर्व स्वस्ति करो भव
उसके बाद अन्य लोगों को भी तिलक लगाएं इसके बाद अंत में नीचे दिए गए मंत्र को पढ़कर लग हवन विधि समाप्त करें।
ह्रीं यज्ञ यज्ञपतिम् गच्छ यज्ञं गच्छ हुताशन स्वांग योनिं गच्छ यज्ञेत पूरयास्मान मनोरथान अग्नेयै क्षमस्व।
इसके बाद जल वाले पात्र को उलट कर रख दें। हवन करने के बाद हवन कुंड की हंसमुख शांत होने के बाद समेटकर बहती हुई नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए या फिर ऐसी जगह पर खोज कर देना चाहिए परिप्रेक्ष्य भूमि हो.
FAQ : लघु हवन विधि
हवन करने से क्या फायदा होता है ?
हवन करते समय क्या बोला जाता है ?
छोटा सा हवन किस प्रकार करें ?
निष्कर्ष
सामान्य तौर पर हम अपने घरों में जब भी कोई शुभ कार्य में हवन करा दे तो लघु हवन विधि का प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि हमारे पास शायद उतना समय नहीं होता है जिससे एक लंबे समय तक हवन कराया जा सके ऐसी स्थिति में लघु हवन विधि आपके लिए उपयोगी है और लाभदायक ही होती है।