दुनिया का हर व्यक्ति यही चाहता है कि उसकी जिंदगी में दोस्तों की संख्या ज्यादा हो और दुश्मनों Enemy की संख्या कम हो परंतु कई बार जब आदमी सफलता Success की ऊंचाइयों को छूने लगता है तब स्वभाविक तौर पर उसके दुश्मन अपने आप बनने चालू हो जाते हैं, क्योंकि यह मानव का नैतिक स्वभाव Moral habit है कि जब कोई एक निश्चित व्यक्ति सफलता प्राप्त करने लगता है तब उसके प्रतिद्वंदी satru उससे जलने लगते हैं और उससे आगे बढ़ने अथवा उसका नुकसान करने के बारे में सोचने लगते हैं।
- आसानी से असली सफलता कैसे पाये ? सफलता किसे कहते है ? How to Succeed in life ? What is True Success ?
जब कोई व्यक्ति अपना व्यापार Business अथवा रोजगार बढ़ाने लगता है तब उसके शत्रु खड़े हो जाते हैं जिसके कारण व्यक्ति अपनी उर्जा energy को सही दिशा में केंद्रित नहीं कर पाता और आपसी कलह और लड़ाई झगड़ों में उलझ कर रह जाता है जिसके कारण वह अपनी मंजिल को प्राप्त नहीं कर पाता अथवा बहुत देर से प्राप्त कर पाता है।
दुनिया का हर इंसान यही चाहता है कि उसके दुश्मनों की संख्या कम हो क्योंकि जब दुश्मन कम होते हैं तब आदमी सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करता है और जब दुश्मन ज्यादा होते हैं तो आदमी को नित्य नई परेशानी का सामना करना पड़ता है।यह पोस्ट आप osir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है !
कई बार लोग आपकी तरक्की से जलन के कारण भी आपके दुश्मन बन जाते हैं या फिर पारिवारिक कलह अथवा कुछ कारण से भी आपके दुश्मन बन जाते हैं।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको अपने दुश्मनों को खत्म करने के तरीके के बारे में बताने वाले हैं।वैसे तो दुश्मन को खत्म करने के दो तरीके हैं, पहला तरीका यह है कि आप व्यक्तिगत रूप से उस दुश्मन का खात्मा कर दें और दूसरा तरीका यह है कि आप तंत्र मंत्र का सहारा लेकर अपने दुश्मनों का सर्वनाश कर दे।
अगर कोई व्यक्ति अपने दुश्मनों को बर्बाद अथवा अथवा तबाह करना चाहता है तो यह चीजें तंत्र मंत्र के द्वारा संभव है। व्यक्ति तंत्र मंत्र में बताए गए उपायों को आजमा कर अपने दुश्मनों को समाप्त कर सकता है, क्योंकि अगर आपने समय रहते अपने दुश्मनों को ठिकाने नहीं लगाया तो आपको भारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और यदि अगर आप दुश्मन को तबाह करने के टोटके करते हैं तो आपको काफी हद तक सफलता मिल जाएगी।
अगर आपका भी कोई दुश्मन है और आप उसको तबाह करना चाहते हैं तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको अपने दुश्मनों को तबाह कैसे करें इसके बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं, चलिए जानते हैं विस्तार से।
दुश्मन को बर्बाद कैसे करें ? How to destroy enemy By magic ?
भारत की प्राचीन तंत्र मंत्र की पुस्तकों में शत्रु का विनाश करने के कई तरीके बताए गए हैं। जिसे आजमा कर आप अपने शत्रु का सर्वनाश कर सकते हैं। उन्हीं उपायों में से आज हम आपको कुछ प्रमुख उपाय नीचे बताने वाले हैं, जिसे आजमा कर आप अपने शत्रु को परास्त कर सकते हैं, चलिए जानते हैं उन उपायों के बारे में।
शत्रुता समाप्ति मंत्र Mantra of wining :
” ऊँ हुँ हुँ फट् स्वाहा “
इस मंत्र का ज्यादातर प्रयोग शत्रु को अपना मित्र बनाने के लिए किया जाता है। इस मंत्र के जाप से आपका बड़े से बड़ा शत्रु भी आपका मित्र बन जाता है। इस मंत्र के द्वारा अपने शत्रु को अपना मित्र बनाने के लिए किसी भी अश्विनी नक्षत्र में चार अंगुल लंबे घोड़े की हड्डी को लेकर उस हड्डी पर ऊपर दिए गए मंत्र को 1 लाख बार जाप करके सिद्ध कर ले। ! यह पोस्ट आप OSir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है !
इसके बाद जब आपको अपने शत्रु के मन में अपने प्रति मित्रता का भाव जगाना हो तब इस मंत्र को 21 बार पढ़ कर घोड़े की हड्डी को फूंक लगाए और उस हड्डी को शत्रु के मकान में जाकर कहीं भी गाड़ दें। ऐसा करने से आपका बड़े से बड़ा शत्रु भी आपका मित्र बन जाएगा।
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लौंग द्वारा दुश्मनी कैसे ख़त्म करे ? : Eliminate the enemy with cloves
शत्रु की हानि से बचने के लिए लॉन्ग का टोटका बहुत ही कारगर साबित होता है। शत्रु निवारण के लिए लोंग के टोटके को जल्द ही अपनाना चाहिए। इस उपाय को करने के लिए महीने के किसी भी शनिवार के दिन अपने हाथ में 7 लॉन्ग ले ले। इसके बाद सभी सातों लॉन्ग पर अपने शत्रु का 21 बार नाम लेकर फूंक मारे। फिर अगले दिन यानी रविवार को उन सभी सातों लॉन्ग को आग में जला दें।इस उपाय को लगातार सात बार करना चाहिए।जब आप सात बार यह उपाय कर लेंगे तब शत्रु आपका मित्र बन जाएगा या फिर उसके मन में आपके लिए कोई बैर भावना नहीं रहेगी।
शत्रु का विनाश काला भैरव हांडी द्वारा कैसे करे ?
“ॐ नमो काला भैरो मसान वाला। चौसठ योगिनी करै तमाशा। रक्त बाण।
चल रे भैरों कालिया मसान। में कहूँ तोसों समुझाय। सवा पहल में धूनी दिखाय।
मुवा मुर्दा, मरघट बॉस। माता छोड़े पुत्र की आस। जलती लकड़ी धुकै मसान।
भरों मेरा बैरी तेरा। खान सेली सिंगी रुद्रबाण। मेरे बैरी को नहीं मारो तो राजा रामचन्द्र लक्ष्मण यति की आन।
शब्द साँचा। पिंड कांचा। फुरै मंत्र ईश्वरोवाचा।”
अगर आप अपने किसी शत्रु से इस कदर परेशान है कि उसकी मृत्यु होने पर ही आपको उसके कष्टों से छुटकारा मिल सकता है तो यह उपाय आपके लिए बहुत ही कारगर सिद्ध होगा। इस उपाय को करने के लिए सबसे पहले शमशान से मुर्दे की हांडी ले आए। आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आपको शमशान से मुर्दे की हांडी रात को 12:00 बजे के बाद ही लानी है।
इसके बाद उस हांडी में थोड़ी सी उड़द की दाल और मुर्दे की चिता की आग भुने। इस बीच यह ध्यान रखें कि इस क्रिया के बीच में आपको मंत्र जाप लगातार करना है। यह मंत्र आपको लगातार 21 बार पढ़ना है। इसके बाद हांडी उतार लें और उसमें से भुनी हुए और जली हुई उड़द को अलग कर ले।
इसके बाद जो जली हुई उड़द है उसे अपने हाथों में लेकर ऊपर दिए गए मंत्र को 21 बार पढ़ कर उस उड़द की दाल को अभिमंत्रित कर लें। इसके बाद आपका जो भी शत्रु है आप उसे यह उड़द की दाल फेंककर मारे। ऐसा करने से कुछ ही समय में आपके शत्रु की मृत्यु हो जाएगी। इसमें एक बात का ध्यान रखें कि जब आपके पास अपने शत्रु से बचने का कोई रास्ता ना हो तभी इस प्रयोग को आजमाएं।
बजरंग बाण का पाठ से भी कर सकते है शत्रु विनाश :
हनुमान जी को राक्षसों का संहारक कहा जाता है।इसीलिए हनुमान जी आपको अपने शत्रुओं से छुटकारा देने में आपके सहायक हो सकते हैं।इसके लिए किसी भी मंगलवार को हनुमान जी की पूजा और हनुमान बाण का पाठ करें।
इसमें यह चीज याद रखें कि आपको यह प्रक्रिया मंगलवार से चालू करके अगले मंगलवार तक करनी है। इस क्रिया के आखिरी दिन हनुमान जी को लड्डू का भोग लगाते हुए बजरंगबली से अपने शत्रु से मुक्ति की प्रार्थना करें।
चेतावनी :-
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