Bhagwan bholenath par gud kyo chadhaya jata hai ? हमारे हिंदू सनातन धर्म में बहुत से देवी देवता की पूजा और आराधना की जाती है वैसे तो यह भी कहा गया है कि ईश्वर एक है परंतु फिर भी हर देवी देवताओं का अलग-अलग रूप है और हम अलग-अलग समय पर अलग-अलग तरीके से उनकी पूजा और आराधना करते हैं और उनकी कृपा दृष्टि से अपना जीवन सार्थक बनाते हैंऔर अपनी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं |
कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ बहुत ही भोले हैं| अतः इन्हें प्रसन्न करने के लिए कोई विशेष वस्तुओं की आवश्यकता नहीं होती बल्कि जल और पुष्प के द्वारा ही इन को प्रसन्न किया जा सकता है |इनके जन्म का कहीं भी उल्लेख नहीं मिलता|
कहां जाता है कि इनका प्राकट्य स्वयं ही हुआ था इनकी तस्वीर की या मूर्ति की पूजा बहुत कम या ना के बराबर की जाती है इनकी अधिकतर पूजा लोग शिवलिंग के रूप में करते हैं हिंदू धर्म के लोग इसे ही भगवान भोले का स्वरूप समझते है|
भगवान शिव की पूजा दुनिया में हर जगह की जाती है तथा इनकी पूजा चाहे इंसान हो या फिर शैतान हो भूत प्रेत हो हर कोई करता है जब तक यह दुनिया कायम रहेगी तब तक भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना महिमा आदि किससे हमारे कानों को पवित्र करते रहेंगे भगवान शिव आदि भी है अंत भी हैं और यह सृष्टि के संघार कर्ता भी कहे गए हैं|
वैसे तो इनके बहुत नाम हैं पर उनके भक्तों में सबसे प्रचलित नाम भोलेनाथ ही है| यह बहुत ही भोले हैं तथा श्रद्धा और भक्ति के साथ इनका पूजन करने पर यह सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं वैसे तो उनके भक्तगण रोज इनकी पूजा तथा आराधना करते हैं लेकिन इनका सबसे प्रिय दिन सोमवार माना गया है|
उस दिन भगवान भोलेनाथ की विधि विधान के साथ पूजा करने पर इनकी हम पर विशेष कृपा होती हैं इन्होंने मानव जाति की रक्षा के लिए समुद्र मंथन में निकला हुआ विष भी पिया था इनकी पूजा आराधना के लिए एक लोटा जल भी पर्याप्त है भगवान भोलेनाथ की एक नियमानुसार पूजा करने से हर मनोरथ पूर्ण होते हैं|
- 1. भगवान शंकर की पूजा की विधि क्या होती है ?
- 1.1. 1. जलाभिषेक : Jalabhishek
- 1.2. 2. पंचामृत अभिषेक : Panchamrit Abhishek
- 1.3. 3. धूप दीप नैवेद्य चढ़ाएं : Panchamrit Abhishek
- 1.4. 4. लिंगाष्टकम स्तोत्र : (Lingashtakam Stotra)
- 2. शिवलिंग पर कौन सी चीजें अर्पित करने पर कौन से फायदे मिलते हैं ? What are the benefits of offering what is on Shivling?
- 3. विभिन्न मनोकामना की पूर्ति के लिए विभिन्न मंत्र कौन से हैं ? Various mantras for the fulfillment of different wishes
भगवान शंकर की पूजा की विधि क्या होती है ?
भगवान शंकर की पूजा करने के लिए हमें सुबह जल्दी उठना चाहिए और उसके बाद नित्य क्रिया से निवृत्त होकर नहा धोकर हमें पास के शिव मंदिर जाना चाहिए उसके बाद निम्नलिखित विधियों से भगवान शंकर की पूजा और आराधना करनी चाहिए|
1. जलाभिषेक : Jalabhishek
जैसा कि हम लोग जानते हैं कि भगवान भोलेनाथ को हम लोग श्रद्धा विश्वास के साथ साथ एक लोटा जल से भी प्रसन्न कर सकते हैं पर जलाभिषेक करते समय यह ध्यान रहे कि सबसे पहले भगवान गणेश जी को जल चढ़ाएं उसके माता पार्वती को जल चढ़ाएं फिर कार्तिकेय जी को जल चढ़ाएं फिर नंदी जी को और अंत में शिव जी का प्रतीक भोलेनाथ उसके ऊपर जल चढ़ाएं और जल चढ़ाते समय मन ही मन में ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करते रहें |
2. पंचामृत अभिषेक : Panchamrit Abhishek
पंचामृत पांच चीजों से मिलकर बनता है दूध दही घी शक्कर और शहद इन पांचों चीजों को एक पात्र में मिलाकर रख लेते हैं उसके बाद ठीक उसी तरह सबसे पहले गणेश भगवान को धीमा पार्वती को फिर कार्तिकेय जी को और फिर नंदी महाराज को उसके बाद भगवान भोलेनाथ के ऊपर पंचामृत चढ़ाते हैं|
उसके बाद भगवान भोलेनाथ के ऊपर इत्र चढ़ाते हैं उसके बाद 21 दाने साबुत चावल कहते हैं जिन्हें हम अक्षत भी कहते हैं|
3. धूप दीप नैवेद्य चढ़ाएं : Panchamrit Abhishek
पंचामृत से स्नान कराने के बाद भगवान भोलेनाथ के सामने शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं और अपनी श्रद्धा के अनुसार अगरबत्ती लगाएं या धूप बत्ती लगाएं उसके बाद भगवान भोलेनाथ को प्रसाद के रूप में कुछ मीठा अर्पित करें जैसे चीनी या गुड तथा अपनी श्रद्धा के अनुसार फूल फल भी चढ़ा सकते हैं|
यह सब करने के बाद जितनी देर हो सके वहां बैठकर मंत्र जाप करें और शिव चालीसा का पाठ करें या फिर तांडव स्त्रोत या फिर लिंगाष्टकम स्रोत का पाठ करें |शिवरात्रि के दिन बेलपत्र व पुष्प चढ़ाकर तथा ऊपर से जलधारा गिराते हुए लिंगाष्टक स्तोत्र का पाठ करें तो हमें शंकर भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होगी|
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4. लिंगाष्टकम स्तोत्र : (Lingashtakam Stotra)
ब्रह्ममुरारि सुरार्चित लिंगम्
निर्मलभासित शोभित लिंगम्।
जन्मज दुःख विनाशक लिंगम्
तत् प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥1॥
देवमुनि प्रवरार्चित लिंगम्
कामदहन करुणाकर लिंगम्।
रावणदर्प विनाशन लिंगम्
तत् प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥2॥
सर्वसुगन्धि सुलेपित लिंगम्
बुद्धि विवर्धन कारण लिंगम्।
सिद्ध सुरासुर वन्दित लिङ्गम्
तत् प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥
शिवलिंग पर कौन सी चीजें अर्पित करने पर कौन से फायदे मिलते हैं ? What are the benefits of offering what is on Shivling?
वैसे तो भगवान भोलेनाथ बहुत ही भूले इन्हें मात्र एक लोटा जल से ही प्रसन्न किया जा सकता है पर फिर भी कुछ अपनी विशेष मनोकामना ओं की पूर्ति करने के लिए विशेष वस्तुओं से अभिषेक किया जाता है जिसका उल्लेख निम्नलिखित है –
- सबसे पहले जल से अभिषेक करने पर व्यक्ति की हर मनोकामना पूर्ण होती है|
- कुशा के जल से अभिषेक करने पर रोगों से छुटकारा मिलता है|
- दूध और चीनी को एक साथ मिलाकर उससे उसे करने पर सुबुद्धि की प्राप्ति होती है|
- गन्ने के रस से ऐसे करने पर लक्ष्मी जी की प्राप्ति होती है|
- दही से उसे करने पर सुख समृद्धि पशु भवन तथा वाहन की प्राप्ति होती है|
- शहद मिश्रित जल से अभिषेक करने पर धन वृद्धि होती है तथा लक्ष्मी जी की असीम अनुकंपा होती है|
- किसी तीर्थ के जल से रुद्राभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है और पाप भी नष्ट होते हैं|
- भगवान शंकर को इत्र अर्पित करने से रोग दूर होते हैं और शरीर स्वस्थ रहता है|
- दूध से अभिषेक करने पर सुयोग्य एवं संस्कारवान पुत्र की प्राप्ति होती है|
- गंगाजल से अभिषेक करने पर यदि कोई व्यक्ति बुखार से पीड़ित है तो उसका बुखार शांत हो जाता है|
- दूध और चीनी को एक साथ मिलाकर उस से अभिषेक करने पर सुबुद्धि की प्राप्ति होती है|
- भगवान शंकर का देसी गाय के घी से अभिषेक करने पर वंश वृद्धि होती है|
- सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रुओं का नाश होता है तथा शत्रुओं से मुक्ति भी मिलती है|
- शुद्ध शहद से अभिषेक करने पर मनुष्य के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं ऐसा कहा जाता है|
- अखंडित चावल जिन्हें आमतौर पर लोग अक्षत बोलते हैं उन चावलों को चढ़ाने से संपत्ति प्राप्त होती है एवं लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है|
- काले तिल से अभिषेक करने पर रोगों से मुक्ति मिलती है तथा पाप भी नष्ट हो जाते हैं|
- जो से अभिषेक करने पर घर परिवार में चल रही लंबी परेशानी दूर होती हैं|
- गन्ने के रस से अभिषेक करने पर विवाह में आ रही बाधा दूर होती है तथा सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है|
- गंगा जल से शिवजी का अभिषेक करने पर सुख शांति एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है|
- केसर युक्त दूध और चीनी से अभिषेक करने पर मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है एवं दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है|
- आंकड़े के फूल से सांसारिक सुख मिलता है|
- भगवान भोलेनाथ बहुत ही जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं इन्हें मात्र एक लोटा जल फूल और विभिन्न पेड़ों की पत्तियां चढ़ाई जाती है जिसमें से बेलपत्र एक बहुत ही चमत्कारी कथा शंकर भगवान को प्रिय लगने वाला पौधा है|
- इसमें शंकर भगवान का स्थाई निवास बताया जाता है और यदि इनको नियमानुसार किसी विशेष तिथि में संकल्प लेकर चढ़ाया जाए तो हमारी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं तथा भगवान भोलेनाथ के संपूर्ण परिवार काआशीर्वाद हमको प्राप्त होता है| यह 3 दिनों में होता है तथा इस को उल्टे बल शिवलिंग पर ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए चढ़ाना चाहिए तथा इसके ऊपर से जलधारा की कोई व्यवस्था जरूर करनी चाहिए|
- शमी पत्र को चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं|
- शिवलिंग पर गुड अर्पित करने पर धन वैभव ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है|
विभिन्न मनोकामना की पूर्ति के लिए विभिन्न मंत्र कौन से हैं ? Various mantras for the fulfillment of different wishes
वैसे तो हर इंसान चाहता है कि उसकी हर मनोकामना अति शीघ्र पूरा हो पर मनुष्य की हर इच्छा पूरी नहीं हो पाती यहां तक कि कभी-कभी इंसान एक हद तक प्रयास करने के बाद हार भी जाता है पर हमें ऐसा नहीं करना चाहिए थोड़ा सा धैर्य रखना चाहिए ऐसा नहीं कि भगवान भोलेनाथ कुछ सुनते नहीं हैं कि पूरा नहीं करेंगे उस के लिए थोड़ी सी मेहनत जरूर करनी पड़ेगी क्योंकि बिना मेहनत के कुछ भी हासिल नहीं होता यह हमें बहुत अच्छे से पता है भगवान भोलेनाथ के यहां पर विशेष मंत्र विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए दिए जा रहे हैं आप इंतजार करिए और आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होगी|
शिव जी का बहुत ही चमत्कारी मंत्र जिसे हम पंचाक्षरी मंत्र बोलते हैं यह सब लोग कर सकते हैं क्योंकि यह अत्यंत सरल है इसके करने से मनुष्य को सुख और शांति की प्राप्ति होती है मंत्र इस प्रकार है-
ओम नमः शिवाय
सुख सौभाग्य की प्राप्ति की भगवान शिव की पूजा करके दूध की धारा से अभिषेक करना चाहिए और निम्नलिखित मंत्र का जाप करना चाहिए |
ॐ
कुंवारी लड़कियां अपने सुयोग्य जीवनसाथी पाने के लिए जलाभिषेक के साथ-साथ इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए |
ओम उमा महेश्वराय नमः
लक्ष्मी के स्थाई निवास के लिए शिव जी के इस मंत्र का जाप करना चाहिए क्योंकि भगवान भोलेनाथ की कृपा से लक्ष्मी जी स्थाई रूप से वहां निवास करती हैं अखंड लक्ष्मी प्राप्ति के इस मंत्र का जाप करें |
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
और भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना करें कि हमारे जीवन में जोधन संबंधी परेशानियों को दूर करें और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहे |
‘अगर किसी की शादी में कोई रुकावट आ रही है या फिर किसी प्रकार की कोई बाधा आ रही है तो उस बाधा से मुक्ति पाने में इस मंत्र का जाप करें इसके लिए सोमवार को सुबह जल्दी उठकर पीले वस्त्र पहनकर शंकर भगवान के मंदिर जाएं और 108 बार इस मंत्र का जाप करें और पीले फूल चढ़ाएं|
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विवाह के लिए मंत्र :
वामदेवाय नमो ज्येष्ठाय नम: श्रेष्ठाय
नमो रुद्राय नम: नमो कालाय नम:
कलविकरणाय नम: बल विकरणाय नमो
संपूर्ण पारिवारिक सुख समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस मंत्र का जाप करें !
ओम सांब सदा शिवाय नमः
जैसा कि आप जानते हैं कि भगवान भोलेनाथ का 1 नाम महाकाल भी है क्योंकि इन्होंने कामदेव को भस्म करके मृत्यु पर विजय प्राप्त की थी इसलिए अकाल मृत्यु से बचने के लिए इन्हीं का पूजन अर्चन किया जाता है तथा इस मंत्र का जाप किया जाता है ऐसा मानना है किकिसी व्यक्ति को यदि कोई असाध्य रोग हो जाता है तो इसका एक नियत संख्या में जाप करने पर बड़े से बड़ा रोग टल जाता है|
महामृत्युंजय मंत्र :
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात
शत्रु नाश के लिए शिव गायत्री मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए तथा 21 दिन तक लगातार जाप करने के बाद अंत में नारियल का बुरा तथा देसी घी का इस मंत्र के साथ हवन करने पर शत्रुओं का नाश होता है |
शिव गायत्री मंत्र: ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्
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