खाटू श्याम बाबा की प्रार्थना और आरती एवं प्रार्थना विधि | Shyam Baba ki Prathna

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श्याम बाबा की प्रार्थना | Shyam Baba ki Prathna : हेलो मित्रों नमस्कार आज मैं आप लोगों को इस लेख के माध्यम से श्याम बाबा की प्रार्थना टॉपिक से संबंधित जानकारी प्रदान करने की पूरी कोशिश करूंगी, जिसमें मैं आप लोगों को श्याम बाबा की प्रार्थना के साथ साथ श्याम बाबा की स्तुति और इनकी संपूर्ण आरती के विषय में सारी जानकारी एक क्रम वाइज से प्रदान करूंगी.

क्योंकि श्याम बाबा की महिमा को लेकर कई प्रकार के धार्मिक ग्रंथों में ऐसी व्याख्या की गई है कि श्याम बाबा के दर्शन मात्र से इनके भक्तजनों के समस्त कष्टों का निवारण हो जाता है.

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क्योंकि श्याम बाबा को लेकर एक पौराणिक कथा बताई गई है. जिसमें साफ-साफ व्याख्या की गई है कि जब कौरव और पांडव के बीच युद्ध संग्राम छिड़ा था. उस समय पांडव पुत्र भीम और नागकन्या मोरबी का पुत्र बर्करीक भी युद्ध में शामिल होने के लिए जा रहा था. तब बर्बरीक को युद्ध में जाने से रोकने के लिए श्री कृष्ण ने छल से दान में बर्बरीक का शीश मांग लिया था. उसके बाद इन्होंने अपने वचन के मुताबिक श्री कृष्ण के चरणो में खुशी-खुशी अपना शीश दान कर दिया था.

इनके इसी दानवीरता से श्री कृष्ण प्रसन्न होकर इन्हें कलयुग में अपने रूप में पूजे जाने का वरदान प्रदान किया था. जिसमें उन्होंने कहा था जो हमारा परम भक्त सच्चे दिल से आपके दर्शन मात्र करेगा, तो उसके समस्त कष्टों का निवारण हो जाएगा और जो भी व्यक्ति प्रतिदिन आपकी स्तुति आरती पूजा पाठ और आपके मंत्रों का जाप करेगा, तो उसे जन्म मरण के बंधन से मुक्ति प्राप्त हो जाएगी यानी कि वह व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त करेगा.

श्री कृष्ण की इसी वरदान के कारण राजस्थान के सीकर जिले में श्याम बाबा का बहुत ही विशाल मंदिर बनकर तैयार हो गया. जिसमें कलयुग अवतारी श्री कृष्ण की मूर्ति की स्थापना की गई और तब से हर साल फागुन महीने की शुक्ल पक्ष एकादशी को इनका जन्मदिन मनाया जाता है.

इस दिन इनके विशाल मंदिर पर खूब धूमधाम से मेला लगता है और इनके परम भक्त मेला वाले दिन आकर इनके दर्शन प्राप्त करके इनकी कृपा को प्राप्त करते हैं.

ऐसे में अगर आप लोग भी श्याम बाबा के प्रार्थना स्तुति आरती करके मोक्ष को प्राप्त करना चाहते हैं, तो कृपया करके इस लेख को शुरू से अंत तक अवश्य पढ़ें, तो आप लोगों को श्याम बाबा की स्तुति आरती प्रार्थना की संपूर्ण जानकारी विधिवत रूप से प्राप्त हो जाएगी.

प्रार्थना का अर्थ | प्रार्थना क्यों करते है ?

जब कोई भी जातक जातिका अपनी या फिर दूसरों की मनोकामना की पूर्ति के लिए ईश्वर के समक्ष हाथ जोड़कर उस मनोकामना के लिए जो शब्द कहता है उसी को प्रार्थना कहते हैं, इसी के साथ में तंत्र मंत्र शास्त्र में सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए जो यज्ञ हवन किया जाता है यह भी एक प्रकार की से प्रार्थना है.

श्याम बाबा की प्रार्थना | Shyam Baba ki Prathna

कई प्रकार के धार्मिक ग्रंथों में श्याम बाबा की प्रार्थना कुछ इस प्रकार से बताई गई है जैसे :

खाटू श्याम

खाटू वाले श्याम बिहारी,
कलिकाल मंे तेरी महिमा है न्यारी ।
हारे हुओं का तुम हो सहारा,
कहलाए जग में प्रभु कष्टहारी ।।

मैं भी शरण में तुम्हारी पड़ा हूँ,
तारो न तारो-है मर्जी तुम्हारी ।
मेरे हृदय का अरमान है ये,
निगाहों में बस जाए सूरत तुम्हारी ।।

आठों प्रहर मैं तुम्हंे ही निहारुँ,
बातें करुँ तो करुँ मैं तुम्हारी ।
हमें प्रीत तुमसे हुई श्याम प्यारे,
तुम्हें प्रीत भायी तो होगी हमारी ।।

माया में लिपटे हुए जीव हम हैं,
दया की नजर हम पे करना मुरारी ।
जब भी जन्म लूं बनुं दास तेरा,
सेवा में अपनी लगाना बिहारी ।।

‘‘नन्दू’’ हृदय कुंज से गूंज गूंजे,
श्री राधे….श्री राधे….श्री राधेप्यारी
जय – जय श्री राधे !

श्याम बाबा से प्रार्थना करने का शुभ समय

वैसे तो ईश्वर अपने सच्चे भक्तों के लिए हर पल उपलब्ध रहते हैं इसलिए आप किसी भी समय पूरी श्रद्धा के साथ अपने इश्वर से प्रार्थना कर सकते हैं, लेकिन जब हम किसी कार्य को करने का एक निश्चित समय बना लेते हैं तो ज्यादा बेहतर परिणाम मिलता है. क्योंकि तब वह कार्य अपने समय पर हो जाता है. क्योंकि तब हमें उस कार्य को करने का समय कब निकले ? इसके विषय में नहीं सोचना पड़ेगा, जब भी उस काम को करने का समय आएगा आपको याद आ जाएगा.

khatu shyam

इसी तरह से जब आप ईश्वर से प्रार्थना करने का एक समय निश्चित कर लेंगे तो आपको किस समय ईश्वर से प्रार्थना करना है इसके विषय में सोचना नहीं पड़ेगा और ईश्वर भी आपकी तरफ ध्यान देंगे क्योंकि उन्हें भी एहसास होगा कि इस समय शायद कोई है जो हमें दिल से याद करता है और फिर वह आपकी प्रार्थना अवश्य सुनेंगे, इसीलिए हो सके तो श्याम बाबा की प्रार्थना सुबह स्नान आदि करने के पश्चात या फिर शाम को सूर्य अस्त के थोड़ा पहले करें यह दोनों समय ईश्वर से प्रार्थना करने के लिए काफी ज्यादा प्रभावशाली माने गए हैं.

श्याम बाबा से प्रार्थना कैसे करें ? | Shyam Baba se Prathna kaise kare ?

श्याम बाबा की प्रार्थना तो आप सभी लोगों ने जान लिया है लेकिन इस प्रार्थना को कैसे करना है इसकी जानकारी होना अति आवश्यक है इसलिए हम यहां पर श्याम बाबा की प्रार्थना कैसे की जाती है इसके विषय बता रहे हैं. अक्सर करके जब किसी जातक जातिका के ऊपर किसी भी प्रकार का दुख आता है. तभी हम ईश्वर को याद करते है जिसके लिए हम ईश्वर से उस कष्ट से छुटकारा पाने के लिए प्रार्थना करता है.

लेकिन ईश्वर हर किसी की प्रार्थना नहीं सुनते हैं क्योंकि किसी भी ईश्वर से प्रार्थना करने का एक शुभ समय और कुछ नियम होते हैं जिनको ध्यान में रखते हुए ईश्वर से प्रार्थना करने पर आपके द्वारा की गई प्रार्थना ईश्वर तक आसानी से पहुंच जाती है. इसीलिए हम यहां पर श्याम बाबा से प्रार्थना करने का शुभ समय और नियमों को ध्यान में रखते हुए इनकी प्रार्थना कैसे करनी चाहिए ? जिससे आपकी प्रार्थना श्याम बाबा तक आसानी से पहुंच सके इसके विषय में बता रहे हैं.

श्याम बाबा से प्रार्थना करने के लिए आपको किसी भी स्थान पर पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ श्याम बाबा को याद करके अपने शब्दों में श्याम बाबा से प्रार्थना कर सकते हैं लेकिन प्रार्थना करने का आप एक ही समय डिसाइड करेंगे या तो सुबह सूर्य उदय के बाद या फिर शाम को सूर्य अस्त होने के पहले यही दो समय है जब आपके द्वारा की गई प्रार्थना ईश्वर तक आसानी से पहुंच जाती है.

श्री श्याम जी की आरती

khatu shyam

ऊँ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे ।
खाटूधम बिराजत, अनुपम रूप धरे ।। ऊँ जय ………

रतन जडि़त सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे ।
तन केशरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े ।। ऊँ जय……..

गल पुष्पों की माला, सिर पर मुकुट धरे ।
खेवत ध्ूाप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले ।। ऊँ जय……..

मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे ।
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करें ।। ऊँ जय …….

झांझ कटोरा और घडि़यावल, शंख मृदंग घुरे ।
भक्त आरती गावंे, जय जयकार करें ।। ऊँ जय ………….

जो ध्यावे फल पावे, सब दुख से उबरे ।
सेवक जन निज मुख से, श्रीश्याम-श्याम उचरे ।। ऊँ जय …

‘श्री श्याम बिहारीजी’ की आरती जो कोई नर गावे ।
कहत ‘आलूसिंह’ स्वामी,मनवांछित फल पावे ।। ऊँ जय …….

जय श्रीश्याम हरे, बाबा जय श्रीश्याम हरे ।
निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे ।। ऊँ जय……..

श्याम बाबा की आरती कब और कैसे करें ?

श्याम बाबा की आरती आप स्नान आदि से निवृत होने के पश्चात श्याम बाबा की विधिपूर्वक पूजा करने के बाद आरती की थाल सजाकर श्याम बाबा की आरती करें उसके बाद आरती का धुआं घर के चारों दिशाओं में फैला दें ताकि घर से नकारात्मक शक्तियां बाहर निकल जाए और घर में सकारात्मक शक्तियां सक्रिय हो जाए और फिर घर के सभी सदस्यों को आरती करा दें.

खाटू श्याम

फिर खुद आरती लेकर उस आरती को श्याम बाबा के मंदिर में रख दें और फिर ईश्वर से हाथ जोड़कर भूल चूक होने के लिए क्षमा मांगे, और अपनी मनोकामना पूर्ति हेतु श्याम बाबा से प्रार्थना करें. इस तरह से आप श्याम बाबा की आरती करें और शाम को सोने से पहले उनकी प्रतिमा या फोटो के सामने देसी घी का दीपक जलाएं तो आप की आरती पूर्ण रूप से सफल हो जाएगी.

श्याम बाबा की स्तुति

हाथ जोड़ विनती करूँ, सुनियो चित्त लगाय ।
दास आ गयो शरण में, रखियो म्हारी लाज ।।

धन्य ढंुढारो देश है, खाटू नगर सुजान ।
अनुपम छवि श्रीश्याम की, दर्शन से कल्याण ।।

श्याम-श्याम तो मैं रटूँ, श्याम है जीवन प्राण ।
श्याम भक्त जग में बड़े, उनको करूँ प्रणाम ।।

खाटू नगर के बीच मंे, बण्यो आपको धम ।
फागुन शुक्ला मेला भरे, जय-जय बाबाश्याम।।

फागुन शुक्ला-द्वादशी, उत्सव भारी होय ।
बाबा के दरबार से, खाली जाय न कोय ।।

उमापति, लक्ष्मीपति, सीतापति श्री राम ।
लज्जा सबकी राखियो, खाटू के बाबा श्याम ।।

पान सुपारी इलायची , अत्तर सुगन्ध भरपूर ।
सब भक्तन की विनती, दर्शन देवो हजूर ।।

‘आलूसिंह’ तो प्रेम से, धरे श्याम को ध्यान ।
‘श्याम भक्त’ पावें सदा श्याम कृपा से मान ।।

श्याम बाबा की स्तुति कब और कैसे करें ?

भगवान की स्तुति का अर्थ होता है ईश्वर की प्रशंसा करना, श्याम बाबा की स्तुति किसी भी समय कर सकते हैं लेकिन इनकी स्तुति करते समय आपके मन में किसी भी प्रकार का छल, कपट, लोभ, माया. यह सब कुछ नहीं होना चाहिए नहीं तो आपके द्वारा की गई स्तुति के माध्यम से श्याम बाबा की प्रशंसा उन तक नहीं पहुंच पाएगी.

FAQ : श्याम बाबा की प्रार्थना

खाटू श्याम कुंड की विशेषता क्या है ?

खाटू श्याम कुंड को लेकर ऐसी मान्यता है जो भी खाटू श्याम का भक्ति इनके कुंड में स्नान करता है उस व्यक्ति के समस्त रोग दूर हो जाते हैं तथा वह व्यक्ति जन्म जन्मांतर के लिए पाप मुक्त हो जाता है.

खाटू श्याम कब जाना चाहिए ?

खाटू श्याम बाबा का मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में बना है जहां पर हर साल के फागुन महीने की शुक्ल पक्ष एकादशी को बहुत ही बड़ा मेला लगता है. इस दिन खाटू श्याम जाना बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है.

श्याम बाबा कौन है ?

श्याम बाबा श्याम बाबा बनने से पहले पांडु पुत्र भीम तथा नागकन्या मोरबी के पुत्र थे जिन्हें कौरव और पांडव के युद्ध के दौरान श्री कृष्ण के द्वारा कलयुग में इनके अवतारी रूप में पूजे जाने का वरदान प्राप्त हुआ था.

निष्कर्ष

तो मित्रों जैसा कि आज हमने इस लेख में आप सभी लोगों को श्याम बाबा की प्रार्थना टॉपिक से संबंधित जानकारी प्रदान करने की पूरी कोशिश की है जिसमें हमने आप लोगों को हिंदू धर्म के कई प्रकार के धार्मिक ग्रंथों में बताई गई श्याम बाबा की प्रार्थना स्तुति और आरती की संपूर्ण जानकारी प्रदान की है .

अगर आप लोगों ने इस लेख को शुरू से अंत तक पढ़ा होगा तो आप लोगों को श्याम बाबा की प्रार्थना तथा श्याम बाबा की आरती और स्तुति की जानकारी पूर्ण रूप से प्राप्त हो गई होगी ऐसे में अगर आप लोग श्याम बाबा की पूजा अर्चना करते हैं तो यह लेख आप लोगों के लिए काफी ज्यादा उपयोगी साबित हो सकता है, तो मित्रो हम उम्मीद करते हैं आप लोगों को हमारे द्वारा बताइ गई जानकारी पसंद आई होगी साथ में उपयोगी भी साबित हुई होगी.

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