सुंदरकांड का पाठ सुबह करें या शाम को : प्रणाम गुरुजनों आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से सुंदरकांड का पाठ सुबह करें या शाम को करें इसके बारे में बताएंगे दोस्तों ऐसा माना जाता है कि सभी देवी देवताओं में हनुमान जी ही एक ऐसे देवता हैं जो हमारे बीच धरती पर मौजूद हैं और यह भगवान यानी कि हनुमान भगवान अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण कर देते हैं अगर वह व्यक्ति हनुमान जी की पूर्ण श्रद्धा और सच्चे मन से पूजा करता है.
तो हनुमान भगवान उसकी हर मनोकामना पूर्ण कर देते हैं ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी अपने भक्तों पर बहुत ही जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं इसीलिए आज हम आप लोगों को हनुमान जी के सुंदरकांड के पाठ के बारे में बताएंगे ताकि आप लोग हनुमान भगवान को जल्द ही प्रसन्न कर सके सुंदरकांड में हनुमान जी के द्वारा दिए गए कार्य का संपूर्ण वर्णन किया गया है.
जो कि आज हम आप लोगों को इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे कि सुंदरकांड का पाठ सुबह करें या शाम को अगर आप जानना चाहते हैं कि सुंदरकांड का पाठ लगातार 21 दिन करने से क्या होता है और इसके नियम क्या है इसके अलावा सुंदरकांड से जुड़े अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को अंतत आप जरूर पढ़ें आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से सुंदरकांड का पाठ सुबह करें या शाम को इसके बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले हैं।
- 1. सुंदरकांड का पाठ कितने बजे करना चाहिए ? | Sunderkand ka paath kitne baje karna chahiye ?
- 2. सुंदरकांड का पाठ सुबह करें या शाम को | Sunderkand ka path subah karen ya shaam ko
- 3. महिलाओं को सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए या नहीं ?
- 4. सुंदरकांड का लगातार 21 दिन पाठ करने का नियम
- 5. सुंदरकांड पाठ के चमत्कार | Sunderkand path ke chamatkar
- 6. FAQ : सुंदरकांड का पाठ कब और कैसे करे ?
- 6.1. सुंदरकांड का पाठ कैसे शुरू करें ?
- 6.2. सुंदरकांड का पाठ कितने दिन तक करना चाहिए?
- 6.3. सुंदरकांड पढ़ने का सही समय क्या है?
- 7. निष्कर्ष
सुंदरकांड का पाठ कितने बजे करना चाहिए ? | Sunderkand ka paath kitne baje karna chahiye ?
अगर आपको सुंदरकांड का पाठ समूह में करना है तो आपको शाम के समय यानी कि 7 बजे के बाद सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए अगर आप सुंदरकांड का पाठ अकेले में करना चाहते हैं तो आप सुबह के समय स्नान आदि से संपन्न हुई पर सुबह 4 से 6 के बीच में सुंदरकांड का पाठ कर सकते हैं।
सुंदरकांड का पाठ सुबह करें या शाम को | Sunderkand ka path subah karen ya shaam ko
- अगर आप सुंदरकांड का पाठ कर रहे हैं तो आपको यह बात जानना आवश्यक है कि सुंदरकांड का पाठ सुबह करें या शाम को अगर आप सुंदरकांड का पाठ अकेले में करना चाहते हैं तो शाम का समय सर्वश्रेष्ठ माना जाता है और यही अकेले में करने की बात आए तो सुंदरकांड का पाठ आप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में भी कर सकते हैं 4 से 6 के बीच में आप सुंदरकांड का पाठ अच्छी तरह से कर सकते हैं
- अगर आप इस सुंदरकांड का पाठ अपने परिवार जनों के साथ मित्रों के साथ और अन्य लोगों के साथ मिलकर करना चाहते हैं तो आपको इस सुंदरकांड का पाठ शाम को 7 बजे के बाद शुरू करना चाहिए।
- सुंदरकांड का पाठ हमेशा पूर्णिमा या फिर अमावस्या के दिन शनिवार और मंगलवार के दिन ही किया जाता है और यह श्रेष्ठ भी माना जाता है।
महिलाओं को सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए या नहीं ?
महिलाएं भी सुंदरकांड का पाठ कर शक्ति है लेकिन वह महिलाएं सुंदरकांड का पाठ नहीं कर सकती हैं जिनको पीरियड्स की समस्या है।
सुंदरकांड का लगातार 21 दिन पाठ करने का नियम
अगर आप हमारे द्वारा बताए गए सुंदरकांड को लगातार 21 दिन तक करना चाहते हैं तो इन नियमों को नीचे जरूर पढ़ें।
- अगर आप सुंदरकांड का पाठ अपनी इच्छा अनुसार 11, 21, 41, 31 दिन तक करना चाहते हैं तो हमारे द्वारा बताए गए इन नियमों का पालन अवश्य करें।
- सुंदरकांड का पाठ करने के लिए आपको सबसे पहले हनुमान जी की प्रतिमा को अपने सामने स्थापित कर लेना है उसके बाद आपको किसी शुद्ध आसन पर बैठकर उनकी प्रतिमा को स्नान कराना है उसके बाद ही अन्य कार्य शुरू करना है।
- जैसे ही आप हनुमान जी की प्रतिमा को स्थापित कर देते है उसी समय आपको एक शुद्ध देसी घी का दीपक जलाना है।
- हनुमान जी के चरणों में 7 पीपल के पत्ते को अर्पित कर देना है।
- दीपक जलाने के बाद सुंदरकांड का पाठ शुरू कर देना है अपना लड्डू का भोग जरूर करना हैं।
- उसके बाद अपने घर के आस-पास किसी हनुमान मंदिर में जाकर पीपल के पत्ते की माला को चढ़ा देना है।
- यह कार्य आपको प्रतिदिन करना होगा।
- जैसे ही आप का अनुष्ठान पूरा हो जाता है उसके पश्चात आप हवन आदि जरूर करवाएं।
- आपको इस प्रक्रिया को लगातार 21 दिन तक करना है और इस प्रक्रिया में एक भी दिन त्रुटि नहीं होनी चाहिए।
- सुंदरकांड का पाठ समाप्त होने के बाद अगर आप हनुमान चालीसा का पाठ करें तो आपको अधिक लाभ होता है और इससे धन की प्राप्ति भी होती है।
सुंदरकांड पाठ के चमत्कार | Sunderkand path ke chamatkar
- सुंदरकांड के कुछ ऐसे चमत्कार बताए गए हैं जोकि आपको चौंका देने वाले हैं।
- अगर आप मंगलवार या फिर शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करते हैं तो आपके घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा बाहर हो जाती है।
- अगर आप अपने शत्रु के भय से मुक्त होना चाहते हैं तो सुंदरकांड का पाठ अवश्य करें ।
- भूत , प्रेत , पिचास आदि को भगाना चाहते हैं तो सुंदरकांड का पाठ करना उचित होता है सुंदरकांड के पाठ से बुरी आत्माएं दूर हो जाती है।
- सुंदरकांड का पाठ करने वाले व्यक्ति को शक्ति तथा बल प्राप्त होता है।
FAQ : सुंदरकांड का पाठ कब और कैसे करे ?
सुंदरकांड का पाठ कैसे शुरू करें ?
सुंदरकांड का पाठ कितने दिन तक करना चाहिए?
सुंदरकांड पढ़ने का सही समय क्या है?
निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से सुंदरकांड का पाठ सुबह करें या शाम को तथा सुंदरकांड का लगातार 21 दिन तक पाठ करने के नियम बताएं हैं इसके अलावा सुंदरकांड से जुड़े अन्य टॉपिक से संबंधित जानकारी देने का प्रयास किया है हम उम्मीद करते हैं कि आज का हमारा यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा
हम आशा करते हैं कि आपको हमारा यह सुंदरकांड का पाठ सुबह करें या शाम को अच्छा लगा होगा धन्यवाद।