तंत्र-मंत्र सीखे : तंत्र विद्या सिखाने वाले गुरु का नाम और वो कंहा मिलेंगे जाने | tantra vidya sikhane vale guru : tantra mantra vidya

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Tantra vidya sikhane vale guru : दोस्तों हम आपको आज तंत्र विद्या के विषय में बताने जा रहे हैं यदि आपको तंत्र विद्या के विषय में कुछ नहीं पता है तो यह जानना आवश्यक है कि तंत्र विद्या क्या है, कैसे काम करती है, कैसे इसे सिद्ध किया जाता है? तंत्र मंत्र की दुनिया बहुत बड़ी है और इसे किताबों में पढ़ कर नहीं देखा जा सकता है| Tantra vidya kaise sikhe ?

इस प्रकार के सवाल जब आपके मन में आए तो आपको यह आवश्यक हो जाता है कि इसके विषय में गहराई से जानकारी कर लें तंत्र विद्या सीखने से पहले हमें यह जान लेना बहुत आवश्यक होता है कि आखिर तंत्र विद्या क्या है ?

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दोस्तों यह जानकारी आवश्यक है कि तंत्र और मंत्र कोई बहुत बड़ी चमत्कारी विद्या नहीं है बल्कि यह भी एक प्रकार का विज्ञान है भले ही विज्ञान ने इसे सिद्ध करने में सफलता नहीं प्राप्त किया है|

आपको पता होगा कि जब कोई तांत्रिक तंत्र या मंत्रकी साधना कर रहा होता है तो वह अपने चारों ओर एक सुरक्षा कवच जरूर बना लेता है| इससे यह पता चलता है कि जो हमारी तंत्र विद्या है वह काफी उग्र भाव रखती है क्योंकि इससे कोई खतरा भी हो सकता है|

तंत्र विद्या क्या है ? 

दरअसल तंत्र विद्या एक ऐसी विद्या है जिसके द्वारा हम अपनी आत्मा और मन से बंधन मुक्त हो जाते हैं| हमारा मन और आत्मा ईश्वर की ओर प्रदत्त हो जाता है विद्या सीखने के बाद हम आध्यात्मिक और भौतिकवाद तंत्र विद्या सीखने पर व्यक्ति अद्भुत शक्तियों से परिपूर्ण हो जाता हैमें अंतर करने में सक्षम हो जाते हैं |

दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि तंत्र विद्या एक ऐसी विद्या है जिसको देखकर हम अपने जीवन में असीम शक्तियां प्राप्त कर सकते हैं तथा भौतिक और अभौतिक व आध्यात्मिक विशेषताओं में अंतर कर सकते हैं| तंत्र मंत्र विद्या को हम सामान्य भाषा में जादू टोना कह सकते है |

तंत्र विद्या कैसे सीखें ? 

तंत्र विद्या इतना आसान नहीं है इतना की जितना कि लोग समझते हैं यदि आप एक अच्छे तांत्रिक बनना चाहते हैं तो इसे सीखने के लिए आपको बहुत से ऐसे कार्य करने होंगे जो आपके जीवन में असंभव से लगेंगे |इसलिए तंत्र विद्या सीखने से पहले आपको अपने अंदर कुछ गुण रखना जरूरी है |

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यदि आप एक बहुत बड़े तांत्रिक बनना चाहते हैं तो निश्चित रूप से बंदर कुछ ऐसे खास गुण होने चाहिए क्यों एक बड़े तांत्रिक बनने में होते हैं क्योंकि तांत्रिक विद्या सीखने के बाद आप तभी बहुत बड़े कार्य कर सकते हैं जब आपके अंदर कुछ खास गुण होंगे|तंत्र विद्या सीखने के लिए आपके अन्दर निम्न लिखित गुण होना आवश्यक है|

1. निडरता होना आवश्यक है

तंत्र विद्या सिखाने के लिए व्यक्ति में निडरता आवश्यक होती है यदि कोंई व्यक्ति किसी भी प्रकार के भय से डरता है तो वह कभी भी किसी प्रकार से तंत्र विद्या नहीं सीख सक्र्ता है| ये विद्याये काफी भयावह होती है कभी व्यक्ति दर कर मृत्यु का शिकार भी हो सकता है| तंत्र विद्या सिखाने से पहले आपको अपने अन्दर के भय मिटाना होगा जैसे आपको मृत्यु से बिलकुल दर नहीं लग्न चाहिये |

 

तंत्र विद्या के दौरान की जाने वाली साधनाए डरावनी और भयभीत करने वाली होती हैं | तंत्र मंत्र और यन्त्र की  साधनाएं चाहे तामसिक हो या सात्विक साभी साधनाए कहीं न कही आपको विचलित अवश्य कर देती है | ऐसे में आप किसी योग्य गुरु की सहायता से जब तंत्र विद्या सेख रहे हैं तो अपने गुरु पर विश्वास करते हुए निडरता के साथ सीखे |

2. ईमानदार होना जरुरी होता है 

तंत्र विद्या सिखाने वाला व्यक्ति हमेशा ईमानदार और कर्मठ हो अर्थात तन्त्र विद्या में ईमानदारी आपको सफल बना सकती है यदि आप अपने कार्य के प्रति ईमानदारी नहीं है तो एक न एक दिन इसके परिणाम आपके विपरीत दिखाई देंगे |आज के दौरे में बहुत से ऐसे तान्त्रिक होते हैं जो पैसे कमाने चक्कर में लोगों  को बहला फुसला कर  ठग लेते है |

तंत्र विद्या सीख कर बने तांत्रिक लोग बहुत से लोगो को बेवजह झूठ बोलकर ये बता देते है की आप पर किसी ने कुछ करवा दिया है और उस व्यक्ति को झांसा देकर ठगना शुरू कर देते हैं | इसका परिणाम उल्टा होता है गलत तरीके से विद्या का प्रयोग दोनों के लिए हानिकारक होता है|

3. तंत्र विद्या सिखाने के लिए गुरु का होना आवश्यक है : To teach Tantra Vidya, it is necessary to have a Guru

किसी भी प्रकार की तांत्रिक विद्या सीखना आसान नहीं होता है |यह सर्व विदित है कि तांत्रिक विद्याये काफी भयावह होती हैं इनमे किसी भी प्रकार की लापरवाही आपके लिए खतरा बन सकती है| ऐसे में एक गुरु का होना अति आवश्यक होता है |आज कल बहुत से छोटे मोटे तांत्रिक मिल जायेंगे परन्तु एक अच्छा तांत्रिक बनने के लिए एक अच्छे गुरु की आवश्यकता होती है |एक अच्छा गुरु ही सभी प्रकार से आपको सक्षम बनता है |

 

तंत्र विद्या के प्रभाव और परिणाम के बारे में जितना अच्छा गुरु बता सकता उतना अच्छा सामान्य और बनावटी तांत्रिक नहीं बता सकता है| बिना गुरु के यदि आप तंत्र विद्या सीखते हैं तो आपके के लिए खतरा होना कोई बड़ी बात नहीं है |

4. धैर्य होना जरूरी है :

तंत्र मंत्र और यंत्र की दुनिया में कदम रखने से पहले आपके अंदर धैर्य होना बहुत ही आवश्यक होता है क्योकि कोंई भी विद्या एक दिन या एक महीने में नहीं सीखी जा सकती है| साधनाएँ धैर्य के साथ ही सीखी जा सकती है यदि धैर्य नहीं है तो साधना असफल हो सकती है और आप परेशां हो सकते हैं|

5. काम ,क्रोध और स्वार्थ  न हो :

तंत्र मंत्र की विद्या के मार्ग में किसी भी प्रकार का काम क्रोध वासना तथा स्वार्थ नहीं होना चाहिये |ये सब साधना के बाधक हैं | यदि आप इन सबसे मिक्त है तो आपको कभी भी किसी प्रकार की बुरी शक्तियां भी आप पर बुरा असर नहीं दल सकती हैं |

6. किसी खास सिद्धि को चुने :

एक कहावत है की पैर उतने ही फैलाएं जीतनी लम्बी चादर हो | कहने  का तात्पर्य यह है कि एक साथ कई सिद्धियां न करे इसलिए सबसे पहले आप जिस विद्या को सर्वोपरि मानते हो उसी को सीखने का प्रयास करें |इसके लिए भले ही आप कठिन से कठिन विद्या से शुरुआत करें |जैसे  आप किसी अप्सरा की साधना कर रहे है और आप भूत भविष्य जानने की साधना  भी करना चाहरहे हैं तो सबसे पहले कोंई एक साधना करें |

तंत्र विद्या सिखाने वाले गुरु कहाँ मिलेंगे ? |  Tantra vidya sikhane vale guru khan milenge ?

किसी भी प्रकार की तांत्रिक विद्या सीखने के लिए सबसे पहले किसी सामान्य प्रकार के तांत्रिक से मुलाकात करें कुछ दिन उसके पास सीखने का प्रयास करें फिर उसी के माध्यम से कुछ बड़े तांत्रिको से मुलाकात करें | जब आपको कोंई बेहतरीन तांत्रिक मिल जाये तो आप उसी के सानिध्य में रहकर आप तांत्रिक विद्याएँ सीखना प्रारंभ करें |

तंत्र विद्या सीखने के लिए अच्छे गुरु भारत के अन्दर काशी ,असम ,बंगाल  जैसे क्षेत्र काफी मशहूर हैं| यदि कोंई भी व्यक्ति  तंत्र विद्या सीखने के लिए इन जगहों पर जा सकता है |असम ,बंगाल जैसे क्षेत्र तंत्र मंत्र के गढ़ मने जाते हैं |
तंत्र विद्या सिखाने वाले गुरु कहां मिलेंगे

दोस्तों अक्सर लोग यह पूछते हैं कि तंत्र विद्या सिखाने वालेगुरू  कहां मिलेंगे?इस संबंध में हम इतना कह सकते हैं कि भारत जैसे देश में असम बंगाल उड़ीसा जैसे क्षेत्र तंत्र विद्या के लिए दुनिया भर में मशहूर हैं जहां पर वर्ष भर तांत्रिक लोगों का जमावड़ा बना रहता है। अगर आपको तंत्र विद्या सीखना है तो अच्छे गुरु के लिए आप इन जगहों पर जा सकते हैं।

कामाख्या मंदिर असम

भारत का कामाख्या मंदिर तंत्र मंत्र के लिए मशहूर है जहां पर तांत्रिक शक्तियों की सिद्धियां बड़े पैमाने पर होती हैं और हजारों तांत्रिक लोग यहां पर अपनी साधनों को करते हुए मिलते हैं अगर आप लोग किसी तांत्रिक गुरु की तलाश में है तो सबसे पहले आपको कामाख्या मंदिर असम में जाना होगा जहां पर तुमको एक से एक छोटे बड़े तांत्रिक लोग मिल जाएंगे।

बेताल मंदिर उड़ीसा

भारत का उड़ीसा राज्य जहां पर बेताल मंदिर स्थित है यह मंदिर भी तांत्रिक सिद्धियों के लिए जाना जाता है यहां पर भी असम बंगाल जैसे क्षेत्रों की तरह हजारों तांत्रिक अपनी सिद्धियों को सिद्ध करते रहते हैं ऐसे बहुत से लोग हैं जो तांत्रिक विद्या को सीखना चाहते हैं वह लोग बेताल मंदिर उड़ीसा में भी जाकर तांत्रिक से मिल सकते हैं यहां पर तांत्रिक संबंधित सिद्धियों को सिखाने वाले महान गुरु मिलते रहते हैं।

काल भैरव मंदिर उज्जैन

काल भैरव मंदिर में काल भैरव की श्याम मुखी मूर्ति है यह मंदिर की तांत्रिक सिद्धियों के लिए ही बना हुआ है लगभग 6 से 7000 वर्ष पूर्व इस मंदिर का निर्माण किया गया था जहां पर हजारों तांत्रिक अपनी तांत्रिक शक्तियों को सिद्ध करते हैं। तंत्र विद्या सिखाने वाली गुरु यहां पर भी आपको मिल जाएंगे।

ज्वालामुखी मंदिर हिमाचल

दोस्तों अगर आप यह जानना चाहते हैं कि तंत्र सिखाने वाले गुरु कहां मिलेंगे तो आपको ज्वालामुखी मंदिर हिमाचल जाना होगा क्योंकि यहां पर भी तांत्रिक विद्या को सीखने के लिए हजारों तांत्रिक मिल जाएंगे। यह 51 शक्तिपीठों में एक प्रमुख मंदिर है बताया जाता है कि माता सती की जीभ गिरी थी।

कालीघाट मंदिर राजस्थान

दोस्तों मान्यता के अनुसार माता सती की अंगुलियां यहां पर गिरी थी जिसकी वजह से यहां कालीघाट मंदिर की स्थापना हुई और इस मंदिर में भी तांत्रिक साधनाएं हजारों तांत्रिक करते हैं। यहां पर आपको पूरे वर्ष तांत्रिकों का जमावड़ा मिलेगा।

एकलिंग जी मंदिर राजस्थान

यह मंदिर 12 वर्ष पुराना बताया जाता है जहां पर तांत्रिक सिद्धियों को सिद्ध करने के लिए तांत्रिक आते रहते हैं यह मंदिर राजस्थान के उदयपुर में है और भगवान शंकर को आराध्य देव के रूप में समर्पित है।

बंगाल

दोस्तों जब बात तंत्र मंत्र की आती है और लोग यह जानना चाहते हैं कि तंत्र विद्या कहां सिखाई जाती है तो इस संबंध में यह कहा जा सकता है कि भारत में जादू टोना काला जादू तंत्र मंत्र का प्रमुख केंद्र बंगाल है भारत जैसे देश में बंगाल क्षेत्र तंत्र विद्या ओं के लिए हमेशा से मशहूर रहा है यहां पर तंत्र विद्या सिखाने वाले हजारों महागुरु मिल जाते हैं।

तंत्र विद्या सिखाने वाले गुरु का नाम

दोस्तों अगर आपने तंत्र विद्या सिखाने वाली गुरुओं का नाम जानने का प्रयास किया है तो हम आपको कुछ तंत्र विद्या सिखाने वाले गुरु के संबंध में थोड़ी सी जानकारी दे रहे हैं।

शिवानी दुर्गा

दोस्तों अलवर की रहने वाली शिवानी दुर्गा एक मशहूर तांत्रिक है जिन्हें जीवन की तमाम परेशानियों ने एक तांत्रिक बनने पर मजबूर किया कहा जाता है कि शिवानी दुर्गा का बचपन बड़ी ही कठिनाइयों से बीता क्योंकि बचपन में माता की मृत्यु हो गई जिससे पिता ने दूसरी शादी की और सौतेली मां ने शिवानी दुर्गा और छोटी बहन को घर से निकाल दिया।

शिवानी दुर्गा संकटों का सामना करती हुई बड़ी हुई और जब विवाह हुआ तो इनका पति भी शराबी और दुष्ट निकला जिसकी वजह से शिवानी को काफी स्पष्ट हो और इसी जगह से उनको तांत्रिक सिद्धियों की ओर मोड़ दिया। आज शिवानी दुर्गा के पास शव साधना शमशान साधना भैरवी साधना जैसी कई साधनाएं हैं जो एक मशहूर तांत्रिक बनी।

आचार्य रजनीश अर्थात ओशो

माना जाता है कि भारत में आचार्य रजनीश उर्फ ओशो एक मशहूर और उच्च कोटि के विद्वान तांत्रिक थे। इन्होंने रूढ़िवादी व्यवस्था को तोड़ते हैं तंत्र की विद्या को नई दिशा देने का प्रयास किया।

लक्ष्मणदेशिकेन्द्र

दोस्तों आज काल से अब तक के मशहूर तंत्र विद्या के जानकार लक्ष्मणदेशिकेन्द्र जो उत्पल के शिष्य थे एक मशहूर तांत्रिक विद्या के जानकार थे जिन्होंने सादा तिलक और ताराप्रदीप जैसे ग्रंथ की रचना भी किया।

बाबा मिहिर भट्टाचार्य

दोस्तों भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में तंत्र विद्या में अत्यधिक सिखाई जाती हैं यहां के तांत्रिक मिहिर भट्टाचार्य पूरे भारत में मशहूर हैं Mihir Bhattacharya दिव्य उंगलियों के स्पर्श से सभी प्रकार की समस्याएं समाप्त करने के लिए मशहूर है कालीघाट में इनके शिष्य आपको मिल जाएंगे जिनके द्वारा तंत्र विद्याओं को सीख कर इनके शिष्य चमत्कारिक कार्य करते हैं।

चरणस्वामी

भारत के इतिहास में चरण स्वामी का नाम भी प्रमुख है जो तंत्र विद्या के महान आचार्य हुए हैं तांत्रिक विद्या से संबंधित इन्होंने श्री श्रीविद्यार्थदीपिका की रचना किया। इसके अलावा श्री विद्या रत्न सूत्र दीपिका और प्रपंच सार संग्रह प्रसिद्ध ग्रंथ है।

तंत्र विद्या कैसे सीखे ? 

तंत्र विद्या सीखने से पहले यह भी आप जान ले की तंत्र मंत्र दो प्रकार से सीखे जाते  हैं |

1- वाम मार्गी तंत्र मंत्र विद्या

इस मार्ग की विद्या आसुरी होती हैं जो बहुत जल्दी सिद्ध हो जाती हैं परन्तु ध्यान रहे कि ये शक्तियां काफी नुकसानदायक भी होती हैं यदि इन विद्या ओं का सही से प्रयोग नकिया गया तो बहुत जल्द आपको नुकसान दे देती है कभी कभी तो तांत्रिक की मृत्यु भी हो जाती है |

2-दक्षिण मार्गी तंत्र मंत्र विद्या

इस मार्ग की विद्याएँ देवताओं से जुडी होती हैं जो आसानी से सिद्ध नहीं होती हैं परन्तु सिद्ध होने के बाद कभी भी आपको किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं देती हैं बल्कि सिद्ध होने के बाद आपको हमेशा लाभ ही देती हैं |

तंत्र विद्या के नुकसान क्या है ? 

तंत्र विद्याएँ किसी तांत्रिक के लिए भले ही नुकसान न करे परन्तु कोंई अन्य सामान्य आदमी इनका प्रयोग करवाता है तो उसके लिए नुकसान कर सकती हैं | तंत्र विद्याएँ नुकसान कैसे करती हैं ? आईये जानते हैं

शक्तियों का दुरुपयोग :

यदि कोंई भी तांत्रिक अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करता है तो सभी शक्तियां कमजोर और क्षीण हो जाती है तथा स्वयं के लिए नुकसान करती है

दूसरो को परेशान करना :

यदि आप अपनी तंत्र विद्याओं के द्वारा किसी को परेशान करते है तो आपको भी नुशन हो सकता है | जीवन में कई समस्याएं पैदा हो जाती हैं|

हर समय तंत्र का सहारा न लें :

एक तांत्रिक को किसी भी प्रकार की समस्या को सुलझाने केलिए हर समय तंत्र का सहारा न लें |

तंत्र विद्या के फायदेमंद क्या है ?

तंत्र मंत्र की साधना से व्यक्ति असीम शक्तियों का स्वामी हो जाता है

सिद्ध पुरूष किसी भी व्यक्ति की असमय  सहायता  कर सकता है
ईश्वरीय शक्तियों के समतुल्य हो जाता है

तंत्र विद्या के धनि तांत्रिक अपनी विद्या से  लोगो के जीवन की समस्याएं आसानी से हल कर सकते हैं

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