राहु बीज मंत्र | Rahu beej mantra : राहु यंत्र सभी ग्रहो की तुलना में अधिक प्रभावशाली होता है क्योंकि राहु अधिकतर कुंडलियों में अशुभ रुप से कार्य करते आखिर मिश्रित रुप से कार्य करते हैं। राहु के अशुभ को रोकने के लिए किसी प्रकार के रत्न का प्रयोग गोमेद के रूप में नहीं किया जा क्योंकि नो का प्रयोग उन्हीं ग्रहों से शिव प्राप्त करने के लिए किया जाता है|
जो जातक की कुंडली में शुभ रुप से काम करते हैं अथवा मिश्रित रुप से जातक को रत्न ग्रह नहीं करनी चाहिए।! यह पोस्ट आप OSir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है ! राहु के विपरीत होने पर सभी कामों में असफलता ही होती है ऐसी स्थिति में राहु यंत्र को धारण करके हां पूजन करके राहु पर सफलता प्राप्त की जा सकती है और उचित व अनुकूल लाभ मिलता है।
राहु यंत्र कितने प्रकार के होते है ?
राहु यंत्र दो प्रकार के होते हैं
1. प्रथम राहु यंत्र
यह यंत्र 9 ग्रह के लिए एक ही होता है जिसमें 9 ग्रहों का मिश्रित यंत्र होता है।
2. राहु का दूसरा यंत्र
इस यंत्र में 9 ग्रह का अलग अलग यंत्र होता है, दोनों यंत्र एक ही प्रकार से शुभ अशुभ कार्य करते हैं इसी यंत्र की पूजा और उपासना करने से सभी प्रकार के भय नष्ट हो जाते हैं.
इस यंत्र को धारण करने से शारीरिक स्वास्थ और व्यापार में सफलता मिलती है तथा समाज में उन्नति मिलती है और किसी भी कार्य में बाधा नहीं उत्पन्न होती है.
राहु बीज मंत्र | Rahu beej mantra
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।
राहु यंत्र स्थापना विधि
राहु यंत्र स्थापित करने के लिए सबसे पहले प्रातः काल कार्य से निवृत होकर स्नान करने के बाद यंत्र को सामने रख 11 या 21 बार राहु के बीज
मंत्र
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः
मंत्र का जाप करें।
इसके बाद इस पर गंगाजल छिड़क कर राहु के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना करें और नियमित इसकी पूजा करें।
यदि इस मंत्र को आप अपने गले में धारण करते हैं तो नान करनी के बाद मंत्र को हाथ में लेकर विधि पूर्वक पूजन करें.
यंत्र का उपयोग कैसे करे ?
- यदि राहु को प्रसन्न करना है तो भैरव जी की पूजा भी साथ में होनी चाहिए।
- प्रतिदिन प्रातः काल नित्य कर्मों से निवृत होकर इस यंत्र की पूजा और जब करने से लाभ मिलता है।
- राहु को प्रसन्न करने के लिए सरसो का तेल चढ़ाया जाता है तथा कोयले का दान करके लाभ प्राप्त किया जाता है।
- इस यंत्र की पूजा करने से शारीरिक स्वास्थ्य और व्यापार में सफलता के साथ सभी प्रकार के भैंस को हो जाते हैं
- यदि कभी-कभी सभी ग्रहण अनुकूल है फिर भी लोगों को कष्ट है तो महामृत्युंजय जाप करना चाहिए।! यह पोस्ट आप OSir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है !
राहु यंत्र के लाभ
इस यंत्र से शिक्षा व्यवसाय और कैरियर में आने वाली परेशानियां दूर हो जाती हैं तथा छिपे हुए शत्रु तथा अन्य बाधाएं छल कपट, गुप्तरोग सामाजिक अपमान और भेदभाव से मुक्ति मिलती है।
इस यंत्र को धारण और स्थापना करने से आर्थिक नुकसान मुक्ति मिलती है तथा सुरक्षा समृद्धि प्रेम लंबी आयु वह धन की प्राप्ति होती है। राहुदेव के लिए प्रतिदिन विधिवत मंत्र जाप और सस्वर पाठ किया जाना चाहिए।
शुभ या अशुभ होने के लक्षण
यदि किसी की कुंडली में दोष है तो जिंदगी में अनेक समस्याएं होती है कुछ लोगों की जन्मपत्री देखकर समस्याओं का निपटारा हो जाता है |
परंतु जिन लोगों जन्मपत्री नहीं बनी है और वह यह जानना चाहते हैं कि राहु का प्रभाव पड़ रहा है तो ऐसे लोग कुछ लक्षणों के आधार पर यह जान सकते हैं कि राहु शुभ कर रहा है या अशुभ ।
लोगों के लिए राहु की स्थिति अशुभ है वह लोग निम्न लक्षणों से स्थिति को जान सकते हैं।
- हमेशा भय महसूस होता रहता है जिससे मानसिक स्थिति अच्छी नहीं होती है.
- कुछ लोगों को सांप बिच्छू तथा जहरीले जानवर बार-बार काटते हैं जिससे खतरा बढ़ जाता है ऐसी स्थिति में राहु के स्थिति अशुभ का संकेत देती है।
- सभी कभी व्यक्ति के नाखूनों में कालापन या सड़न जैसी बीमारी उत्पन्न होती है इसे पता चलता है कि राहु की स्थिति उचित नहीं है।
- यदि कभी भी किसी ऊंचे स्थान पर खड़े होने पर आपको अधिक भय लगता है अथवा कई बार आप ऊंचाई से गिर चुके हैं यह स्थिति भी राहु का अशुभ संकेत है।
- वैवाहिक जीवन में ससुराल में किसी प्रकार की धन हानि होती है तो राहु अशुभ संकेत दे रहा है। इसके अलावा बुखार आता है या तबीयत अक्सर खराब होती है तो भी राहु का अनुकूल होना नहीं माना जाता है ! यह पोस्ट आप OSir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है !
- जन्मकुंडली में राहु को छाया ग्रह माना जाता है यह व्यक्ति के जीवन की दिशा को बदलने के लिए महत्वपूर्ण होता है कभी-कभी एक राजा रंक बन जाता है और रंक राजा बन जाता है जब किसी का राहु विपरीत है तो इसके लिए निम्न उपाय करें
- यदि किसी का राहु अशुभ संकेत दे रहा है तो सोमवार का व्रत रखकर भगवान शिव का जल अभिषेक करें।
- व्यक्ति को लोहे के बने बर्तन में खाना बनाकर खाना चाहिए।
- गरीबों को खाना अनाज कपड़े तथा अन्य जरूरत की सामान दान करना चाहिए।
- राहु को काला रंग प्रिय होता है इसलिए काले रंग को अपने से दूर रखें।
- शनिवार और सोमवार को उपवास करके शिव का पूजन करना चाहिए।
- मछलियों को आटे की छोटी-छोटी गोलियां बनाकर खिलाना चाहिए।
राहु ग्रह क्या है ?
राहु एक छाया ग्रह यह कुंडली में राहु अशुभ स्थिति में है तो व्यक्ति को तनाव होता है ऐसे में व्यक्ति को कहीं भी सफलता नहीं मिलती है तो राहु को मजबूत करने के लिए राहु का बीज मंत्र जब करना जरुरी है।! यह पोस्ट आप OSir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है !