Tratak Meditation क्या है? Trataka yoga | त्राटक के 5 फायदे और 5 सावधानियां

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Tratk kise kahte hai ? किसी वस्तु पर टकटकी लगाकर बिना पलक झपकाए दृष्टि शक्ति को बढ़ाने की क्रिया को त्राटक कहते हैं। जीवन में पूर्ण सफलता और शुद्धि के लिए शरीर का शुद्ध होना आवश्यक जिसे प्राणायाम के द्वारा शुद्ध किया जाता है | tratk ke samay kya hota hai ?

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परंतु इस में शरीर की शुद्धि देर से होती है इसलिए शरीर की शुद्धि के लिए 6 प्रकार के कर्मों का उपयोग किया जाता है।जिसमें त्राटक भी 6 प्रकार के कर्मों में है।त्राटक से दृष्टि स्थिर होती है तथा मस्तिष्क विचारशून्य हो जाता है।नेत्र बंद होते जीवन में पूर्णता होने लगती है।

त्राटक कई प्रकार के होते हैं। जैसे बिंदु त्राटक, मूर्ति त्राटक,रक्तिम वस्त्र त्राटक, प्रतिबिंब त्राटक, ज्योति त्राटक अग्नि त्राटक तारा त्राटक सूर्य त्राटक आदि।

इस त्राटक में ज्योति त्राटक पर इस लेख के माध्यम से चर्चा की जा रही है |

ज्योति त्राटक क्या है ? What is Jyoti Trataka

यह त्राटक बिंदु त्राटक के बाद किया जाता है इसमें एक मोटी और बड़ी मोमबत्ती लेकर एक ऐसे स्थान पर जलाते हैं जहां पर हवा का देख बिल्कुल ना हो जिसे मोमबत्ती की लौ स्थिर रहे।

candle-ज्योति त्राटक Flame

इसी बंद कमरे में पूरी तरह से अंधेरा करके मोमबत्ती की लौ पर अपनी नजर को अपलक देखना होता है।

ज्योति त्राटक कैसे करें ? How to do Jyoti Trataka

एक मोमबत्ती को लेकर किसी बंद कमरे में आंखों के सामने कुछ दूरी पर रख देते हैं और आसन लगाकर मोमबत्ती की लौ को बिना पलक झपकाए देखते रहना होता है।

Jyoti Trataka

इसे हम खड़े होकर भी कर सकते हैं ज्योति त्राटक करते समय अपनी मन में किसी भी प्रकार का दूसरा विचार न आने दें अर्थात मन को किसी प्रकार की चिंता या परेशानी से दूर कर दे और पूर्ण रुप से एकाग्र मन से मोमबत्ती की लौ को देखते रहना जरुरी है।

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त्राटक करने के दौरान क्या होता है ? What happens during trataka

ज्योति त्राटक का अभ्यास प्रतिदिन करना प्रारंभ कर देते हैं तो धीरे-धीरे मोमबत्ती की लौ में आपको कुछ चेहरे दिखाई देने लगते हैं। कई बार ऐसा होता है कि जिस व्यक्ति को आप देखना चाहते हैं उस के चेहरे का दृश्य दिखाई देने लगता है।

इस त्राटक का ध्यान नियमित रूप से करना चाहिए और यदि आप प्रतिदिन नियमित सही तरीके से बीस से पच्चीस भिन्नार्थक करते हैं तो निश्चय ही आपको सफलता मिलेगी।

इस त्राटक के सिद्ध करने पर साधक की आंखों में इतना तेज आ जाता है कि वह किसी पर भी अपनी आंखें लगा देता है | तो वह उसके सामने झुक जाता है और कोई व्यक्ति आपसे नजरें मिलाकर बात नहीं कर सकता है |

यदि आपकी तरफ देखता है तो अपने आप को कमजोर और परास्त अनुभव करने लगता है।

त्राटक के दौरान क्या न करें ?

इस साधना को करने के बाद यदि साधक के अंदर नजरों में शक्ति शक्ति हो जाती है | तो वह किसी अच्छे कार्य के लिए ही प्रयोग करें। कभी भी किसी को नुकसान पहुंचाने या जलाने के लिए इसका प्रयोग ना करें।

ज्योति त्राटक से लाभ क्या है ? What happens during trataka

  1. नेत्रों में आकर्षण बढ़ जाता है।
  2. मित्रों में किसी प्रकार का रोग नहीं होता है।
  3. मस्तिष्क की कार्यक्षमता अधिक हो जाती है जिससे लोगों में तेज पैदा होता है।
  4. मन और मस्तिष्क एकाग्र हो जाते हैं।
  5. आंखों में चुंबकीय शक्ति बढ़ जाती है।

 त्राटक करने के दौरान क्या सावधानियाँ रखें ? Precautions

  1. सुजाक रोग, हृदय रोग, टीबी या कुष्ठ से पीड़ित व्यक्ति त्राटक न करे।
  2. कोई भी व्यक्ति त्राटक का अभ्यास कर कर रहा है तो उसे किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना होता है।
  3. अभी आंखों में किसी भी प्रकार का दोष है तो त्राटक बिल्कुल ना करें।
  4. साधक को सदैव शास्त्री के उन सदाचारी होना जरूरी है, काम क्रोध आज से दूर रहना चाहिए।
  5. किसी भी प्रकार की चिंता द्वेष आदि से दूर रहना चाहिए।

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