Navratri havan mantra नवरात्रि हवन विधि मंत्र : नमस्कार दोस्तों नवरात्रि के दिनों में बहुत सारे लोग व्रत रखते हैं और अपनी कई मनोकामनाएं पूरी करने के लिए नवरात्रि हवन पूजा पाठ आदि करते हैं पूजा पाठ के मामले में महिलाएं अत्यधिक जोर देती हैं.
हमारी धार्मिक संस्कृति और प्रतिष्ठा को बढ़ाने में यह एक बेहतर तरीका होता है सभी लोग मानते हैं कि किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए हवन करना अति आवश्यक है हवन करने से कोई भी कार्य बिना किसी रूकावट के आराम से सफलतापूर्वक हो जाता है.
इसलिए किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले लोग हवन अवश्य करवाते हैं इससे नकारात्मक उर्जा का नाश हो जाता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जो हमारे कार्य को सफल बनाने में सहायक होता है नवरात्रि और महानवमी में बहुत सारे लोग व्रत रहते हैं.
और वह अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए नवरात्रि पूजा पाठ हवन करते हैं इससे उनके जीवन में सुख शांति और समृद्धि का वास होता है कभी-कभी नवरात्रि हवन कैसे करते हैं यह हमको पता नहीं होता है जब हम किसी पंडित का सहारा लेते हैं.
या फिर उल्टा सीधा हवन करने का प्रयास करते हैं लेकिन दोस्तों आपको बिल्कुल परेशान होने की आवश्यकता नहीं है आज हम आपको नवरात्रि हवन विधि मंत्र सारा कुछ बताने वाले हैं.
इसलिए आपको मेरा आर्टिकल पूरा पढ़ना होगा जिससे कि आप पूरी तरह से हवन करने में सक्षम हो सकें.
नवरात्रि में हवन करने के लिए आवश्यक सामग्री जैसे हवन कुंड,आम के लकड़िया,चंदन की लकड़ी,गूलर की छाल और पत्ती,पीपल की छांल, आम की पत्ती और तना, देवदार की जड़, अश्वगंधा की जड़, मुलेठी की जड़ ,लॉन्ग, चावल शक्कर,जौ ,घी, गूगुल, लोबान, जामुन की कोमल पत्ती, इलायची आदि हवन सामग्री होती है और हवन में गाय के गोबर से बनी छोटी-छोटी कटोरिया भी लगती है
- ओम आग्नेय नम: स्वाहा
- ओम गणेशाय नम: स्वाहा।
- ओम गौरियाय नम: स्वाहा।
- ओम नवग्रहाय नम: स्वाहा।
- ओम दुर्गाय नम: स्वाहा।
- ओम महाकालिकाय नम: स्वाहा।
- ओम हनुमते नम: स्वाहा।
- ओम भैरवाय नम: स्वाहा।
- ओम कुल देवताय नम: स्वाहा।
- ओम स्थान देवताय नम: स्वाहा।
- ओम ब्रह्माय नम: स्वाहा।
- ओम विष्णुवे नम: स्वाहा।
- ओम शिवाय नम: स्वाहा।
- ओम जयंती मंगलाकाली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा।
- स्वधा नमस्तुति स्वाहा।
- ओम ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा।
- ओम गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा।
- ओम शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्थार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते।
इसके पश्चात अब कलावा बांधकर बताशा सुपारी खीर पूड़ी पान आदि उसके शीर्ष पर स्थापित कर दें इसके बाद जो भी हवन सामग्री बच्ची हो उसे हवन कुंड में समर्पित कर दें समर्पित करने के दौरान इस Navratri havan mantra का उच्चारण करे.
ओम पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा।।
नवरात्रि में हवन करने के लिए आपको एक साफ-सुथरी व्यवस्थित जगह जो लेनी है और फिर हवन कुंड को उस जगह पर बीचो-बीच स्थापित कर देना है उसके पश्चात आपको पूरी हवन सामग्री वहीं पर लाकर व्यवस्थित कर देनी है.
जिससे कि हवन करने के दौरान कोई आपत्ति ना आए यदि आप हवन सामग्री को पहले से ही व्यवस्थित कर देते हैं तो आपको बीच में हवन रोकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी कई बार हवन सामग्री में कमी हो जाती है जिसके कारण बीच में हवन रोकना पड़ जाता है.
इसलिए आपको पहले ही पूरी हवन सामग्री हवन कुंड के पास में स्थित कर देंगे उसके बाद देवी देवताओं की फोटो पर फूल चढ़ाकर हवन आरंभ करना है आराम कर के मंत्रों का उच्चारण करते हुए अपनी उंगलियों के माध्यम से हवन सामग्री को हवन कुंड में अर्पित करना है.
हवन सामग्री की आहुति स्वाहा के साथ आप को देनी है इस प्रकार सभी मंत्रों के उच्चारण के बाद आपका हवन पूर्ण रूप से संपन्न हो जाता है हवन करने के पश्चात सबसे पहले प्रसाद को चढ़ा दें उसके बाद सभी लोगों में वितरित कर देना चाहिए.
सनातन धर्म में हवन करने के बहुत सारे महत्व बताए गए हैं धार्मिक प्रतिष्ठानों के मुताबिक हवन करना बहुत शुभ माना गया है हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले हवन अवश्य किया जाता है नवरात्रि पूजा का विशेष महत्व हवन करना ही होता है.
इस घर की सभी नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है नवरात्रि में हवन करने से मनवांछित फल भी मिलते हैं हवन करने से कई मनोकामनाएं पूरी होती हैं हमारी धार्मिक संस्कृतियों और प्रतिष्ठा को बढ़ावा देता है.
किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले हवन करना अति आवश्यक माना गया है जिससे कि वह कार्य सफलतापूर्वक हो सके आमतौर पर सभी लोग जब कोई कार्य शुरू करते हैं तो पहले हवन करना उचित समझते हैं.
यही हमारे धार्मिक शास्त्रों में भी बताया गया है हवन करने से घर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है घर में देवी देवताओं का वास होता है.
Q. हवन कब कब करना चाहिए?
Ans. हिंदू धर्म में किसी भी पूजा के दौरान हवन करना अति आवश्यक माना गया है धार्मिक शास्त्रों के अनुसार किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले हवन करना शुभ माना जाता है.
Q. क्या महिलाएं हवन कर सकती हैं?
Ans. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महिलाएं अकेले यजमान नहीं बन सकती हैं उनके पति होना अनिवार्य है शास्त्रों के मुताबिक महिलाओं को हवन करना मना है.
Q. क्या हवन करना जरूरी है?
Ans. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हवन करने से धार्मिक प्रतिष्ठा बढ़ती है पूजा पाठ के दौरान हवन करना जरूरी माना गया है लेकिन आप अपने अनुसार इस विषय पर निर्णय ले सकते हैं.
निष्कर्ष | Conclusion
हम आशा करते हैं कि आपने नवरात्रि हवन विधि मंत्र Navratri havan mantra अच्छे से जान लिया होगा और अब आप स्वयं हवन कर सकते हैं यदि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों व अन्य जानने वालों के साथ अवश्य शेयर करें.
ताकि उनको भी ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी का लाभ मिल सके और उन लोगों को भी हवन करने में कोई समस्या ना आए यदि आपका कोई अन्य सवाल है तो हमारे कमेंट से पूछ सकते हैं हम जल्द से जल्द आपके सवाल का जवाब देने का प्रयास करेंगे.