Kaal sarp dosh kya hota hai? वैदिक ज्योतिष में एक विशेष योग के बारे में अक्सर लोगों को बहस करते हुए देखा जा सकता है जिसे आमतौर पर कालसर्प योग कहा जाता है इसके अलावा इसे कालसर्प दोष भी कहा जाता है| बहुत से लोग इसके बारे में जानते हैं तथा बहुत से लोग इसके बारे में नहीं जानते हैं| कालसर्प दोष को कैसे दूर करें? kaal sarp kaise dur kare?
क्योंकि इसकी चर्चा आमतौर पर कम होती है, परंतु जहां तक हमें पता है वहां तक यह बात सभी लोग मानते हैं कि लोगों के अंदर कालसर्प दोष को लेकर बहुत ही ज्यादा डर रहता है|
लोग सोचते हैं कि यह कोई बहुत बड़ा दोष है जिसे दूर नहीं किया जा सकता परंतु लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि वास्तव में यह एक ऐसा योग होता है जिसके परिणाम अच्छे और बुरे दोनों हो सकते हैं| इसीलिए जब तक यह जानकारी ना हो जाए कि एक कालसर्प दोष उनके लिए अच्छा है या बुरा तब तक इससे डरने की आवश्यकता नहीं है| कालसर्प दोष क्या है?
अगर आप भी कालसर्प दोष के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इंटरनेट पर यह सर्च करते रहते हैं कि कालसर्प दोष क्या होता है या फिर कालसर्प योग क्या होता है तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम आपको इसी के बारे में सभी जानकारी देने वाले हैं, तो चलिए चलते हैं मुख्य मुद्दे पर|
कालसर्प योग क्या है ? What Is Kalsarp Yog
सबसे पहले तो आइए जान लेते हैं कि कालसर्प योग क्या होता है| हमारी कुंडली में कालसर्प के अलग-अलग प्रकार होते हैं जिसका अध्ययन बहुत ही ध्यान से किया जाता है|
कालसर्प के अलावा 14 प्रकार के कुछ दूसरे महत्वपूर्ण दोष का भी वर्णन ज्योतिष शास्त्रों में देखने को मिलता है जिसका प्रभाव इससे भी ज्यादा घातक हो सकता है जैसे की पितृ दोष, प्रेत दोष, ब्राह्मण दोष, मातुल दोष, पत्नी दोष, सहोदर दोष, विष दोष आदि|
पाठकों की जानकारी के लिए बता दें कि हर कालसर्प योग खराब नहीं होता है| प्राण प्रतिष्ठित नाग नागिन के जोड़े अगर विशेष धातु से बनवाकर शिव मंदिर में छोड़े जाए तो यह विशेष रूप से उस व्यक्ति के लिए फलदाई होगा जो इसे मंदिर में छोड़ेगा|
और ऐसा करने से कालसर्प योग के बुरे प्रभावों से वह व्यक्ति बच जाएगा, इसके अलावा अगर व्यक्ति कालसर्प योग से बचना चाहता है तो उसे भगवान शंकर की पूजा नियमित रूप से करनी चाहिए क्योंकि नाग देवता भगवान शंकर के अंश माने जाते हैं, आपने अक्सर भगवान शंकर के गले में नाग देवता को लिपटा हुआ भी देखा होगा|
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कालसर्प योग कैसे बनता है? How Kalsarp yog was Made
कालसर्प योग किसी की राशि में कैसे बनता है, इस बात का उत्तर बहुत से लोग जानने की इच्छा रखते हैं अगर ज्योतिष के अनुसार देखा जाए तो जब बहुत सारे ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाते हैं तो अलग-अलग प्रकार के कालसर्प योग का निर्माण सभी राशियों की कुंडली में होता है|
और अगर कालसर्प योग खतरनाक होता है तो व्यक्ति का जीवन काफी मुश्किल भरा हो जाता है, उसे काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है| उसे हर तरफ निराशा ही नजर आती है हर काम में उसे असफलता मिलती है, साथ ही उसके साथ धोखाधड़ी भी बढ़ जाती है और वह व्यक्ति काफी परेशान रहने लगता है|
कालसर्प योग आंशिक भी होता है और पूरा भी होता है और किसी भी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थितियों को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसकी कुंडली में कालसर्प दोष कैसा बना हुआ है|
अगर हम इसे उदाहरण के तौर पर समझे तो अगर राहु और केतु के बीच में मौजूद हर भाव में ग्रह हो तो पूरा कालसर्प योग बनता है परंतु अगर केतु और राहु के बीच में कोई भाव खाली हो यानी कि किसी घर में कोई ग्रह मौजूद ना हो तो ऐसे में आंशिक कालसर्प योग बनता है|
अगर किसी की कुंडली में कालसर्प योग का निर्माण हुआ है तो उसके बुरे प्रभावों को दूर करने के लिए किसी पंडित जी से मिलकर अपनी समस्या बतानी चाहिए| पंडित निश्चित ही आपको आपकी समस्या का समाधान बताएंगे और आपकी कुंडली से कालसर्प दोष को दूर करने का उपाय बताएंगे जिसे आपको अवश्य करना चाहिए|
कालसर्प योग के बुरे प्रभाव कौन कौन से है? Bad effect of kaal sarp Yog
जिस व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प योग होता है उसे उसके बिजनेस में काफी घाटा होने लगता है और उसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है|
इसके अलावा कुंडली में कालसर्प योग होने के कारण व्यक्ति की शादी होने में काफी दिक्कतें होती है या फिर शादी होने के बाद उसकी जिंदगी में काफी समस्याएं आ जाती है|
कई बार कुंडली में कालसर्प दोष होने के कारण व्यक्ति को बीमारी भी हो जाती है और उसे अपना जीवन जीने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, साथ ही कभी-कभी व्यक्ति को व्यक्तिगत जीवन में भी खुशी नहीं मिलती है जो विद्यार्थी होते हैं उनका पढ़ाई में ध्यान नहीं लगता है|
जबकि विद्यार्थी पढ़ाई करने में काफी अव्वल होते हैं परंतु योग्यता और अधिक मेहनत करने के बावजूद उनकी परीक्षा में अच्छे अंक नहीं आते हैं, साथ ही उन्हें सामाजिक जिंदगी में मान-सम्मान की प्राप्ति नहीं होती है| नौकरी करने में उन्हें समस्याएं आती है और पहली बार में कोई काम सही से संपन्न नहीं हो पाता है,सब जगह उन्हें हीन भावना से देखा जाने लगता है|
इसीलिए कालसर्प दोष अगर कुंडली में हो तो व्यक्ति को तुरंत ही किसी पंडित से मिलकर इस समस्या का समाधान करवाना चाहिए, वरना उसकी समस्या बढ़ती जाएगी और उसे आगे जाकर दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है|
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कालसर्प योग के प्रभावों को कैसे दूर करे? How to Remove bad effect of kaal sarp Yog
जैसा कि आप जानते हैं कि 8400000 योनियों के बाद इंसानों का जन्म मिलता है और इंसानों का जन्म यूं ही बर्बाद नहीं करना चाहिए, इसीलिए अपनी जिंदगी को खुशहाल बनाने के लिए हर वह संभव प्रयास करना चाहिए जिससे आपकी जिंदगी में खुशहाली आए|
वैसे तो कालसर्प योग को दूर करने के लिए बहुत सी पूजा हैं और कई उपाय भी है, जो आपको अच्छे ज्योतिष बता देंगे और उसका समाधान भी कर देंगे परंतु फिर भी नीचे हम आपको कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं जो कालसर्प योग को दूर करने में काफी सहायक सिद्ध होंगे|
अगर आपने किसी पंडित से अपनी कुंडली दिखाई है और उन्होंने आपको यह बताया है कि आपकी कुंडली में कालसर्प योग है तो कालसर्प योग को दूर करने के लिए आपको नियमित रूप से भगवान शंकर की पूजा करनी चाहिए| इसके अलावा आपको महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी करना चाहिए, साथ ही आप चाहें तो नवनाग स्त्रोत का पाठ भी कर सकते हैं|
इसके अलावा आप कालसर्प दोष को दूर करने के लिए कालसर्प की अंगूठी और पेंडेंट भी पहन सकते हैं, हालांकि इन्हें पहनने से पहले इन्हें अभिमंत्रित करना आवश्यक है और अगर आपको घरेलू उपाय पसंद नहीं आते हैं तो आप किसी अच्छे पंडित से दिखावा कर अपने घर में पूजा भी करवा सकते हैं|