श्याम बाबा के दोहे | Shyam Baba ke dohe : हेलो दोस्तों नमस्कार आज मैं आप लोगों को इस लेख के माध्यम से श्याम बाबा के दोहे टॉपिक से संबंधित जानकारी प्रदान करूंगी. जिसमें मैं आप लोगो को श्याम श्याम बाबा के दोहे बताने के साथ-साथ इनकी संपूर्ण आरती तथा स्तुति भी बताऊंगी.
क्योंकि श्याम बाबा को लेकर ऐसी मान्यता है कि जो भी जातक जातिका श्याम बाबा की सच्चे मन से पूजा अर्चना करता है तो श्याम बाबा उस व्यक्ति के समस्त कष्टों का निवारण करके उस व्यक्ति के जीवन में खुशियां भर देते हैं. ऐसे में अगर आप लोग श्याम बाबा के दोहे तथा संपूर्ण आरती के विषय में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो कृपया करके इस लेख को शुरू से अंत तक अवश्य पढ़ें.
श्याम बाबा के दोहे | Shyam Baba ke dohe
यह पर हम आप लोगों को स्कंद पुराण पर आधारित श्याम बाबा के दोहे बता रही हूं जैसे :
1. पहला दोहा
श्री गुरु पदरज शीशधर प्रथम सुमिरू गणेश ॥
ध्यान शारदा ह्रदयधर भजुँ भवानी महेश ॥
… चरण शरण विप्लव पड़े हनुमत हरे कलेश ।
श्याम चालीसा भजत हुँ जयति खाटू नरेश ॥
श्याम चालीसा भजत हुँ जयति खाटू नरेश ॥
2. दूसरा दोहा
त्रिबाण दे त्रिदोष मुक्ति दर्श दे आत्म ज्ञान
चालीसा दे प्रभु भुक्ति सुमिरण दे कल्यान
खाटू नगरी धन्य हैं श्याम नाम जयगान
अगम अगोचर श्याम हैं विरदहिं स्कन्द पुरान।।
स्कंद गुप्त महापुराण में श्याम बाबा के यह दो दोहे सबसे ज्यादा प्रमुख और प्रचलित हैं.
श्याम बाबा की आरती
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
रतन जड़ित सिंहासन,
सिर पर चंवर ढुरे ।
तन केसरिया बागो,
कुण्डल श्रवण पड़े ॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
गल पुष्पों की माला,
सिर पार मुकुट धरे ।
खेवत धूप अग्नि पर,
दीपक ज्योति जले ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥मोदक खीर चूरमा,
सुवरण थाल भरे ।
सेवक भोग लगावत,
सेवा नित्य करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥झांझ कटोरा और घडियावल,
शंख मृदंग घुरे ।
भक्त आरती गावे,
जय-जयकार करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥जो ध्यावे फल पावे,
सब दुःख से उबरे ।
सेवक जन निज मुख से,
श्री श्याम-श्याम उचरे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥श्री श्याम बिहारी जी की आरती,
जो कोई नर गावे ।
कहत भक्त-जन,
मनवांछित फल पावे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥जय श्री श्याम हरे,
बाबा जी श्री श्याम हरे ।
निज भक्तों के तुमने,
पूरण काज करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे…॥
श्री श्याम विनती: हाथ जोड़ विनती करू तो सुनियो चित्त लगाये!
श्याम बाबा की प्रार्थना
खाटू वाले श्याम बिहारी,
कलिकाल मंे तेरी महिमा है न्यारी ।
हारे हुओं का तुम हो सहारा,
कहलाए जग में प्रभु कष्टहारी ।।मैं भी शरण में तुम्हारी पड़ा हूँ,
तारो न तारो-है मर्जी तुम्हारी ।
मेरे हृदय का अरमान है ये,
निगाहों में बस जाए सूरत तुम्हारी ।।आठों प्रहर मैं तुम्हंे ही निहारुँ,
बातें करुँ तो करुँ मैं तुम्हारी ।
हमें प्रीत तुमसे हुई श्याम प्यारे,
तुम्हें प्रीत भायी तो होगी हमारी ।।माया में लिपटे हुए जीव हम हैं,
दया की नजर हम पे करना मुरारी ।
जब भी जन्म लूं बनुं दास तेरा,
सेवा में अपनी लगाना बिहारी ।।‘‘नन्दू’’ हृदय कुंज से गूंज गूंजे,
श्री राधे….श्री राधे….श्री राधेप्यारी
जय – जय श्री राधे !
श्याम बाबा की स्तुति
हाथ जोड़ विनती करूँ, सुनियो चित्त लगाय ।
दास आ गयो शरण में, रखियो म्हारी लाज ।।धन्य ढंुढारो देश है, खाटू नगर सुजान ।
अनुपम छवि श्रीश्याम की, दर्शन से कल्याण ।।श्याम-श्याम तो मैं रटूँ, श्याम है जीवन प्राण ।
श्याम भक्त जग में बड़े, उनको करूँ प्रणाम ।।खाटू नगर के बीच मंे, बण्यो आपको धम ।
फागुन शुक्ला मेला भरे, जय-जय बाबाश्याम।।फागुन शुक्ला-द्वादशी, उत्सव भारी होय ।
बाबा के दरबार से, खाली जाय न कोय ।।उमापति, लक्ष्मीपति, सीतापति श्री राम ।
लज्जा सबकी राखियो, खाटू के बाबा श्यामपान सुपारी इलायची , अत्तर सुगन्ध भरपूर ।
सब भक्तन की विनती, दर्शन देवो हजूर ।।‘आलूसिंह’ तो प्रेम से, धरे श्याम को ध्यान ।
‘श्याम भक्त’ पावें सदा श्याम कृपा से मान ।।
FAQ : श्याम बाबा के दोहे
श्याम बाबा का मंदिर कहां है ?
श्याम बाबा पहले कौन थे ?
श्याम बाबा किसका रूप है ?
निष्कर्ष
तो मित्रों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख में श्याम बाबा के दोहे टॉपिक से संबंधित जानकारी प्रदान करने की पूरी कोशिश की है जिसमें मैंने आप लोगों को श्याम बाबा के दोहे बताने के साथ-साथ श्याम बाबा के संपूर्ण आरती तथा स्तुति भी बताई है,
अगर आप लोगों ने इस लेख को शुरू से अंत तक पढ़ा होगा तो आप लोगों को श्याम बाबा के दोहे की जानकारी अच्छे से प्राप्त हो गई होगी तो मित्रो हम उम्मीद करते हैं आप लोगों को हमारे द्वारा बताई गई जानकारी पसंद आई होगी साथ में उपयोगी साबित हुई होगी.