दुर्गा कवच pdf | Durga kavach pdf : नमस्कार मित्रों आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से durga kavach pdf के बारे में बताने वाले हैं अगर कोई भी व्यक्ति मां दुर्गा कवच मंत्र का जाप करना चाहता है और मां दुर्गा की कृपा को प्राप्त करना चाहता है तो उसके लिए उस व्यक्ति को दुर्गा कवच का जाप करना चाहिए.
ऐसा कहा जाता है कि जो कोई भी मां दुर्गा कवच मंत्र का अभ्यास करता है तो उसे मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है क्या आप लोग जानते हैं कि मां दुर्गा कवच संपूर्ण संसार के 98 पुराण में से सबसे अधिक शक्तिशाली है मां दुर्गा कवच मार्कंडेय पुराण का एक अहम हिस्सा है इसे एक प्रकार से मां दुर्गा का पाठ कहा जाता है.
जो हमारी और सब की रक्षा करता है और हमें साहसी और हिम्मती बनाता है इसके अलावा इस कवच में एक अद्भुत शक्ति है जो कि व्यक्ति के शत्रुओं से उनकी रक्षा करती है इसीलिए हमारे हिंदू धर्म में ऐसा माना जाता है कि दुर्गा कवच को भगवान ब्रह्मा जी ने ऋषि मार्कंडेय को सुनाया था इस दुर्गा कवच में कुल 45 अशोक शामिल है.
अगर कोई भी व्यक्ति दुर्गा कवच का पाठ करता है तो उसे मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है इसीलिए आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से durga kavach pdf के बारे में बताएंगे अगर आप लोग दुर्गा कवच की संपूर्ण जानकारी चाहते हैं तो आप हमारे इस लेख में अंत तक बने रहे।
- 1. दुर्गा कवच का पाठ कब करना चाहिए ? | Durga kavach ka path kab karna chahiye ?
- 2. दुर्गा कवच का महत्व | Durga kavach ka mahatva
- 3. दुर्गा कवच pdf | Durga kavach pdf
- 4. दुर्गा कवच का पाठ कैसे करें ? | Durga kavach ka paath kaise kare ?
- 5. दुर्गा कवच | Durga kavach
- 6. दुर्गा कवच का पाठ करने के फायदे | Durga kavach ka paath karne ke fayde
- 7. FAQ : durga kavach pdf
- 7.1. दुर्गा कवच कितने दिन में सिद्ध होता है ?
- 7.2. दुर्गा कवच पढ़ने से क्या लाभ मिलते हैं ?
- 7.3. दुर्गा कवच किसने लिखा था ?
- 8. निष्कर्ष
दुर्गा कवच का पाठ कब करना चाहिए ? | Durga kavach ka path kab karna chahiye ?
अगर आप लोग यह जानना चाहते हैं कि दुर्गा कवच का पाठ कब करना चाहिए तो हमारे विभिन्न शास्त्रों एवं पुराणों ने यह बता रखा है कि जो फल एक लाख बार दुर्गा सब सती के पढ़ने से होता है वही फल एक कवच के पढ़ने से भी मिल जाता है इसीलिए दुर्गा कवच का पाठ दुर्गा सप्तशती के आरंभ में एवं दुर्गा सप्तशती के बाद ही पढ़ना चाहिए.
वैसे तो आप सामान्य रूप से भी प्रतिदिन दुर्गा कवच का पाठ कर सकते हैं अगर आप प्रतिदिन दुर्गा कवच का पाठ करते हैं तो आपको सभी प्रकार श्रीरक्षा मिलती है क्योंकि यह कवच मानव जीवन के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है।
दुर्गा कवच का महत्व | Durga kavach ka mahatva
दोस्तों अगर आप लोगों के आसपास कोई भी नकारात्मक चीजें हैं और आप उसे जड़ से खत्म करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको मां दुर्गा कवच के शक्तिशाली मंत्रों का उपयोग करना चाहिए क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि किसी भी बुरी आत्मा को खत्म करने के लिए दुर्गा कवच का सहारा लेना चाहिए.
अगर कोई भी व्यक्ति पूरी ईमानदारी के साथ और श्रद्धा पूर्वक सही शब्दों का उच्चारण करके दुर्गा कवच का पाठ करता है तो उसके जीवन की सभी प्रकार की बुराइयां दुख दर्द दूर हो जाते हैं अगर कोई व्यक्ति खास तौर पर नवरात्रि के दिनों में 9 दिनों तक दुर्गा कवच का पाठ करता है.
तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है क्योंकि कवच का अर्थ रक्षा करने वाला होता है ऐसे में अगर कोई भी व्यक्ति दुर्गा कवच का पाठ करता है तो उसे बहुत बड़ी मुश्किल से बचने का उपाय प्राप्त हो जाता है।
दुर्गा कवच pdf | Durga kavach pdf
अगर आप लोग दुर्गा कवच पीडीएफ डाउनलोड लिंक प्राप्त करना चाहते हैं तो हमने आपको नीचे डाउनलोड पीडीएफ की बटन दे दी है उस पर जाकर आप आसानी से PDF डाउनलोड कर सकते हैं.
दुर्गा कवच pdf | Durga kavach pd | Download PDF |
दुर्गा कवच का पाठ कैसे करें ? | Durga kavach ka paath kaise kare ?
दोस्तों आज हम आप लोगों को दुर्गा कवच पाठ कैसे किया जाता है इसके बारे में बताएंगे तो आइए आप इन प्वाइंटों को अवश्य पढ़ें।
- सबसे पहले आपको मां दुर्गा का ध्यान करना है।
- अगर कोई भी व्यक्ति दुर्गा कवच का पाठ करना चाहता है तो उसके लिए उस व्यक्ति को सबसे पहले मां दुर्गा सप्तश्लोकी का पाठ जरूर करना चाहिए।
- अगर आप लोग सप्तश्लोकी का पाठ ही नहीं कर पा रहे हैं तो आपको मां दुर्गा के किसी भी मंत्र का 3 बार उच्चारण करना चाहिए और उसके साथ दुर्गा कवच का पाठ भी करना चाहिए।
- अगर कोई भी व्यक्ति बहुत सारे रोगों से पीड़ित है तो उस स्थिति में उस व्यक्ति को देवी कवच का 3 बार पाठ अवश्य करना चाहिए।
- अगर आप अपनी पूजा को बहुत अच्छे तरीके से सफल बनाना चाहते हैं तो आपको प्रारंभ और अंत में देवी सूक्तम का पाठ अवश्य करना चाहिए क्योंकि ऐसा करना बहुत ही अच्छा माना जाता है।
- जिस समय आप देवी मां के इन कवच का पाठ कर रहे होते हैं उस समय आपको अपने घर के मंदिर में मां दुर्गा की तस्वीर के सामने या फिर बाहर के किसी दुर्गा माता के मंदिर में इस पाठ को करना चाहिए और वहां पर हो सके तो देसी घी का दिया लेकर ही पाठ करना चाहिए।
- क्या आप लोग जानते हैं कि देवी कवच में पूरे शरीर का उल्लेख किया गया है इसीलिए आपको कवच पढ़ते समय आपको अपने मन में ध्यान रखना है कि हम स्वस्थ हो रहे हैं अगर आप ऐसा करते हैं तो इससे आपके मस्तिष्क पर एक अच्छा प्रभाव पड़ता है।
- अगर आप से हो सके तो आप नवरात्रि में अष्टमी और नवमी के दिन काले तिल से हवन अवश्य करें.
- अगर आप नवरात्रि में प्रतिदिन अगियार करते हैं तो आपको काले तिलों से यज्ञहुति देते हुए कवच का पाठ करना चाहिए।
दुर्गा कवच | Durga kavach
ऋषि मार्कंड़य ने पूछा जभी
दया करके ब्रह्माजी बोले तभी
के जो गुप्त मंत्र है संसार में
हैं सब शक्तियां जिसके अधिकार में
हर इक का कर सकता जो उपकार है
जिसे जपने से बेडा ही पार है
पवित्र कवच दुर्गा बलशाली का
जो हर काम पूरे करे सवाल का
सुनो मार्कंड़य मैं समझाता हूँ
मैं नवदुर्गा के नाम बतलाता हूँ
कवच की मैं सुन्दर चोपाई बना
जो अत्यंत हैं गुप्त देयुं बता
नव दुर्गा का कवच यह, पढे जो मन चित लाये
उस पे किसी प्रकार का, कभी कष्ट न आये
कहो जय जय जय महारानी की
जय दुर्गा अष्ट भवानी की
पहली शैलपुत्री कहलावे
दूसरी ब्रह्मचरिणी मन भावे
तीसरी चंद्रघंटा शुभ नाम
चौथी कुश्मांड़ा सुखधाम
पांचवी देवी अस्कंद माता
छटी कात्यायनी विख्याता
सातवी कालरात्रि महामाया
आठवी महागौरी जग जाया
नौवी सिद्धिरात्रि जग जाने
नव दुर्गा के नाम बखाने
महासंकट में बन में रण में
रुप होई उपजे निज तन में
महाविपत्ति में व्योवहार में
मान चाहे जो राज दरबार में
शक्ति कवच को सुने सुनाये
मन कामना सिद्धी नर पाए
चामुंडा है प्रेत पर, वैष्णवी गरुड़ सवार
बैल चढी महेश्वरी, हाथ लिए हथियार
कहो जय जय जय महारानी की
जय दुर्गा अष्ट भवानी की
हंस सवारी वारही की
मोर चढी दुर्गा कुमारी
लक्ष्मी देवी कमल असीना
ब्रह्मी हंस चढी ले वीणा
ईश्वरी सदा बैल सवारी
भक्तन की करती रखवारी
शंख चक्र शक्ति त्रिशुला
हल मूसल कर कमल के फ़ूला
दैत्य नाश करने के कारन
रुप अनेक किन्हें धारण
बार बार मैं सीस नवाऊं
जगदम्बे के गुण को गाऊँ
कष्ट निवारण बलशाली माँ
दुष्ट संहारण महाकाली माँ
कोटी कोटी माता प्रणाम
पूरण की जो मेरे काम
दया करो बलशालिनी, दास के कष्ट मिटाओ
चमन की रक्षा को सदा, सिंह चढी माँ आओ
कहो जय जय जय महारानी की
जय दुर्गा अष्ट भवानी की
अग्नि से अग्नि देवता
पूरब दिशा में येंदरी
दक्षिण में वाराही मेरी
नैविधी में खडग धारिणी
वायु से माँ मृग वाहिनी
पश्चिम में देवी वारुणी
उत्तर में माँ कौमारी जी
ईशान में शूल धारिणी
ब्रहामानी माता अर्श पर
माँ वैष्णवी इस फर्श पर
चामुंडा दसों दिशाओं में, हर कष्ट तुम मेरा हरो
संसार में माता मेरी, रक्षा करो रक्षा करो
सन्मुख मेरे देवी जया
पाछे हो माता विजैया
अजीता खड़ी बाएं मेरे
अपराजिता दायें मेरे
नवज्योतिनी माँ शिवांगी
माँ उमा देवी सिर की ही
मालाधारी ललाट की, और भ्रुकुटी कि यशर्वथिनी
भ्रुकुटी के मध्य त्रेनेत्रायम् घंटा दोनो नासिका
काली कपोलों की कर्ण, मूलों की माता शंकरी
नासिका में अंश अपना, माँ सुगंधा तुम धरो
संसार में माता मेरी, रक्षा करो रक्षा करो
ऊपर वाणी के होठों की
माँ चन्द्रकी अमृत करी
जीभा की माता सरस्वती
दांतों की कुमारी सती
इस कठ की माँ चंदिका
और चित्रघंटा घंटी की
कामाक्षी माँ ढ़ोढ़ी की
माँ मंगला इस बनी की
ग्रीवा की भद्रकाली माँ
रक्षा करे बलशाली माँ
दोनो भुजाओं की मेरे, रक्षा करे धनु धारनी
दो हाथों के सब अंगों की, रक्षा करे जग तारनी
शुलेश्वरी, कुलेश्वरी, महादेवी शोक विनाशानी
जंघा स्तनों और कन्धों की, रक्षा करे जग वासिनी
हृदय उदार और नाभि की, कटी भाग के सब अंग की
गुम्हेश्वरी माँ पूतना, जग जननी श्यामा रंग की
घुटनों जन्घाओं की करे, रक्षा वो विंध्यवासिनी
टकखनों व पावों की करे, रक्षा वो शिव की दासनी
रक्त मांस और हड्डियों से, जो बना शरीर
आतों और पित वात में, भरा अग्न और नीर
बल बुद्धि अंहकार और, प्राण ओ पाप समान
सत रज तम के गुणों में, फँसी है यह जान
धार अनेकों रुप ही, रक्षा करियो आन
तेरी कृपा से ही माँ, चमन का है कल्याण
आयु यश और कीर्ति धन, सम्पति परिवार
ब्रह्मणी और लक्ष्मी, पार्वती जग तार
विद्या दे माँ सरस्वती, सब सुखों की मूल
दुष्टों से रक्षा करो, हाथ लिए त्रिशूल
भैरवी मेरी भार्या की, रक्षा करो हमेश
मान राज दरबार में, देवें सदा नरेश
यात्रा में दुःख कोई न, मेरे सिर पर आये
कवच तुम्हारा हर जगह, मेरी करे सहाए
है जग जननी कर दया, इतना दो वरदान
लिखा तुम्हारा कवच यह, पढे जो निश्चय मान
मन वांछित फल पाए वो, मंगल मोड़ बसाए
कवच तुम्हारा पढ़ते ही, नवनिधि घर मे आये
ब्रह्माजी बोले सुनो मार्कंड़य
यह दुर्गा कवच मैंने तुमको सुनाया
रहा आज तक था गुप्त भेद सारा
जगत की भलाई को मैंने बताया
सभी शक्तियां जग की करके एकत्रित
है मिट्टी की देह को इसे जो पहनाया
चमन जिसने श्रद्धा से इसको पढ़ा जो
सुना तो भी मुह माँगा वरदान पाया
जो संसार में अपने मंगल को चाहे
तो हरदम कवच यही गाता चला जा
बियाबान जंगल दिशाओं दशों में
तू शक्ति की जय जय मनाता चला जा
तू जल में तू थल में तू अग्नि पवन में
कवच पहन कर मुस्कुराता चला जा
निडर हो विचर मन जहाँ तेरा चाहे
चमन पाव आगे बढ़ता चला जा
तेरा मान धन धान्य इससे बढेगा
तू श्रद्धा से दुर्गा कवच को जो गाए
यही मंत्र यन्त्र यही तंत्र तेरा
यही तेरे सिर से हर संकट हटायें
यही भूत और प्रेत के भय का नाशक
यही कवच श्रद्धा व भक्ति बढ़ाये
इसे निसदिन श्रद्धा से पढ़ कर
जो चाहे तो मुह माँगा वरदान पाए
इस स्तुति के पाठ से पहले कवच पढे
कृपा से आधी भवानी की, बल और बुद्धि बढे
श्रद्धा से जपता रहे, जगदम्बे का नाम
सुख भोगे संसार में, अंत मुक्ति सुखधाम
कृपा करो मातेश्वरी, बालक चमन नादाँ
तेरे दर पर आ गिरा, करो मैया कल्याण
दुर्गा कवच का पाठ करने के फायदे | Durga kavach ka paath karne ke fayde
- दोस्तों अगर कोई भी व्यक्ति दुर्गा कवच का पाठ करता है तो उस व्यक्ति की आसुरी शक्ति से रक्षा प्रदान होती है।
- दुर्गा कवच का पाठ करने से सभी रोगों से छुटकारा मिल जाता है।
- दुर्गा कवच का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ने लगता है।
- दुर्गा कवच का पाठ करने से हमारे बाहरी और आंतरिक अंगों की रक्षा होती है।
- अगर आप लोग दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं तो इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
- दुर्गा कवच का पाठ करने से भूत प्रेत बाधा भी दूर हो जाती हैं।
FAQ : durga kavach pdf
दुर्गा कवच कितने दिन में सिद्ध होता है ?
दुर्गा कवच पढ़ने से क्या लाभ मिलते हैं ?
दुर्गा कवच किसने लिखा था ?
निष्कर्ष
दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से durga kavach pdf के बारे में बताया इसके अलावा दुर्गा कवच का पाठ कैसे किया जाता है और उसके फायदे क्या है इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी है.
अगर आपने हमारे इस लेख को अच्छे से पढ़ा है तो आपको इसकी संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी उम्मीद करते हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी।