संपूर्ण श्री प्रज्ञाविवर्धन स्तोत्र : जप के नियम , सम्पूर्ण विधि एवं पाठ के 4 लाभ | Shri Pradnya Vivardhan Stotra

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प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र | pradnya vivardhan stotra : हेलो दोस्तो नमस्कार स्वागत है आपका हमारे आज के इस नए लेख में आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से pradnya vivardhan stotra के बारे में जानकारी देंगे यह प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र भगवान श्री कार्तिकेय भगवान का है वैसे तो आप सभी लोग शिव और पार्वती के बारे में तो जानते ही होंगे भगवान श्री कार्तिकेय शिव और पार्वती के पुत्र हैं प्रज्ञा विवर्धन स्त्रोत का वर्णन रुद्रायामल तंत्र नामक ग्रंथ से लिया गया है.

प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र | pradnya vivardhan stotra

प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र मैं भगवान श्री कार्तिकेय के नामों का वर्णन किया जाता है यह स्त्रोत बहुत ही शक्तिशाली है यह स्त्रोत भारत में कार्तिकेय “सुब्रम्हण्य” नाम से जाना जाता है। अगर कोई भी व्यक्ति श्री प्रज्ञा वर्धन स्तोत्रम का पाठ करता है तो उस व्यक्ति को विद्या , ज्ञान , बुद्धि आदि प्राप्त होती है। इसके अलावा अगर कोई बच्चा किसी भी कारणवश बोल नहीं पाता है तो उस बच्चे के मां-बाप को उस बच्चे का नाम लेकर संकल्प लें.

उसके पश्चात श्री प्रज्ञा वर्धन स्तोत्र का पाठ करें इसका पाठ करने से शीघ्र ही आपको लाभ प्राप्त होगा इसीलिए आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से pradnya vivardhan stotra के बारे में जानकारी देंगे इसके अलावा प्रज्ञा वर्धन स्त्रोत का पाठ करने की विधि क्या है.

प्रज्ञा वर्धन पाठ करने के लाभ कौन से हैं प्रज्ञा वर्धन पाठ के नियम कौन से हैं इन विषयों के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं अगर आप लोग में से कोई भी व्यक्ति प्रज्ञा वर्धन स्त्रोत के बारे में संपूर्ण जानकारी चाहता है तो वह हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।

प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र क्या है ? | Pradnya vivardhan stotra kya hai ?

saraswati

प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र को भगवान कार्तिकेय द्वारा रचित किया गया है इस स्त्रोत को सरस्वती माता को समर्पित किया गया है इस स्त्रोत को रुद्रायामल ग्रंथ से लिया गया है इस स्त्रोत का पाठ करने से व्यक्ति को विद्या , ज्ञान , बुद्धि आदि प्राप्त होती। अगर आप में से कोई भी प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र का पाठ करना चाहता है तो उस व्यक्ति को इस लेख को अंतत पढ़ना होगा तभी इस स्त्रोत के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो पाएगी इसके अलावा हम आपको इस लेख में इस स्त्रोत के फायदे भी बताएंगे जो सबसे लास्ट में लिखे हैं।

श्री प्रज्ञाविवर्धन स्तोत्र | pradnya vivardhan stotra

प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र !!

अस्य श्री प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र मन्त्रस्य सनत्कुमार ऋषि: स्वामी कार्तिकेयो देवता अनुष्टुप छन्द : मम सकल विद्या सिध्यर्थे , प्रज्ञा वृध्यर्थे प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र पारायणे विनियोग: !!

स्कन्द उवाच !!

योगिश्वरो महासेन: कार्तिकेयोग्नि नंदन: !
स्कन्द: कुमार सेनानी: स्वामी शंकर सम्भव: !!
गाँगेयस्ताम्र चूडश्च ब्रम्हचारी शिखिध्वज: !
तारकारी उमापुत्र क्रौंचारिश्च षडानन: !!
शब्दब्रम्ह समुद्रश्च सिद्ध सारस्वतों गुह: !
सनत्कुमारो भगवान भोगमोक्ष फलप्रद:!!
शरजन्मा गणाधीश पूर्वजो मुक्ति मार्ग कृत !
सर्वागम प्रणेताच वांच्छितार्थ प्रदर्शन : !!
अष्टाविंशति नामानि मदीयानीति य: पठेत !
प्रत्यूषं श्रद्धया युक्तो मूको वाचस्पति: भवेत् !!
महामंत्र मयानीति मम नामानु कीर्तनम् !
महाप्रज्ञा मवाप्नोति नात्रकार्या विचारणा !!
!! इति श्री रुद्रयामले प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्रं सम्पूर्णम !!

प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र करने के नियम | Pradnya vivardhan stotra karne ke niyam

  1. अगर आप प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र का पाठ करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले उसके नियम के बारे में जानकारी होना आवश्यक है क्योंकि किसी भी पूजा पाठ और स्त्रोत का पाठ करने के लिए उसकी संपूर्ण विधि और उसे करने का नियम क्या होता है अगर आप उसके अनुसार उस पूजा को करते हैं तो आपको ज्यादा लाभ प्राप्त होता है तो इसीलिए आज हम आपको प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र के नियम क्या है इनके बारे में जानकारी देंगे।
  2. प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र का पाठ करने के लिए सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए।
  3. इस स्त्रोत का पाठ ब्रह्म मुहूर्त में ही किया जाता है 4:00 बजे से सूर्य उदय के बीच 7 दिन तक लगातार इसका जाप करना चाहिए।
  4. अगर आप ब्रह्म मुहूर्त में इसे स्त्रोत का पाठ नहीं कर रहे हैं तो आपको 6:00 से 8:00 के बीच ही इस स्त्रोत का पाठ करना चाहिए।
  5. प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र का पाठ करने के लिए स्नान करना बहुत ही आवश्यक है।

प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र करने की विधि |  Pradnya vivardhan stotra ka path karne ki vidhi

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  1. शास्त्रों के अनुसार ऐसा कहा गया है कि प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र को देवी सरस्वती को समर्पित किया गया है इसे स्त्रोत का पाठ करने से विद्या , ज्ञान , बुद्धि प्राप्त होती है।
  2. अगर आप इस स्त्रोत का पाठ करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको किसी मां के कोने नक्षत्र से लेकर अगले माह के पुण्य क्षेत्र तक इसका पाठ करना शुभ माना गया है।
  3. 10 दिन तक इस स्त्रोत का पाठ नित्य करने से अच्छा फल प्राप्त होता है।
  4. प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र का पाठ पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर किया जाता है अगर आप इसे स्त्रोत का पाठ पीपल वृक्ष के नीचे करते हैं तो आपको अत्यंत लाभ प्राप्त होता है।
  5. इस स्त्रोत का पाठ ब्रह्म मुहूर्त में करना महत्वपूर्ण बताया गया।
  6. इस स्त्रोत का पाठ करना 4:00 से 5:00 उत्तम माना जाता है ।

प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र के फायदे | Pradnya vivardhan stotra ke fayde

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1. मानसिक शक्ति

अगर आप में से कोई भी व्यक्ति विधि-विधान पूर्वक प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र का पाठ करता है तो इस व्यक्ति की मानसिक शक्ति बढ़ जाती है उसकी याद करने की क्षमता बढ़ जाती है। और उस व्यक्ति की बुद्धि तेज हो जाती है।

2. विद्या प्राप्ति

यह स्त्रोत इतना ज्यादा शक्तिशाली है कि इसका 7 दिन तक लगातार पाठ करने से और 7 दिन तक सरस्वती माता की अखंड पूजा करने से विद्या ज्ञान और बुद्धि की देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

3. बच्चा बोलता नहीं

अगर आपके घर में भी कोई ऐसा बच्चा है जो जन्म से ही बोल नहीं पाता है या फिर बीच में उसकी आवाज नहीं निकलती है तो उनके माता-पिता को अपने बच्चे का नाम लेकर संकल्प लेना चाहिए प्रज्ञा वर्धन स्तोत्र का पाठ करना चाहिए इस स्त्रोत का पाठ करने से आपका बच्चा बोलने लगेगा और शीघ्र ही आपको इसका लाभ प्राप्त होगा।

4. सर्व कार्य सिद्धि

प्रज्ञा वर्धन स्तोत्र का 11 पाठ 108 दिन तक जाप करने से बुद्धि में सुधार ज्ञान में वृद्धि तथा हर परीक्षा में उत्तम परिणाम प्राप्त होता है सर्व कार्य सिद्धि इस स्त्रोत के द्वारा मिलती है।

FAQ : pradnya vivardhan stotra

प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र किस देवता का है ?

प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र का पाठ कार्तिकेय भगवान को समर्पित किया गया है इस स्त्रोत को रचित करने वाले भी कार्तिकेय भगवान हैं यह रुद्रयामल तंत्र नामक ग्रंथ से लिया गया है।

प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र का विमोचन कब हुआ था?

प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र को 2012 में दिखाया गया था यह एक प्रकार का संस्कृत गीत है।

प्रज्ञा विवर्धन स्तोत्र की अवधि कितनी है?

इस स्त्रोत की अवधि 7 :51 मिनट की मानी जाती है।

निष्कर्ष

दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से pradnya vivardhan stotra के बारे में बताया इसके अलावा प्रज्ञा वर्धन स्तोत्र पाठ करने की विधि क्या है प्रज्ञा वर्धन स्तोत्र का पाठ करने के लाभ क्या है इन सभी विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी है अगर आपने हमारे स्लिप को अच्छे से पढ़ा तो आपको इन सभी विषयों के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी उम्मीद करते हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी साबित हुई होगी।

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