Agiya betal siddhi mantra kya hai? अगिया बेताल क्या होता है? दोस्तों आपने विक्रम और बेताल के बारे में तो अवश्य सुना ही होगा, टीवी पर इससे संबंधित एक कार्यक्रम भी आता था जिसमें राजा विक्रमादित्य की पीठ पर हमेशा एक शैतान सा दिखने वाला व्यक्ति सवार रहता था उसे ही बेताल कहा जाता था |
बहुत सी लोक मान्यताओं के अनुसार राजा विक्रमादित्य के पास दो ऐसे बेताल थे, जो हमेशा उनकी सहायता करते थे, बेताल की साधना साधक अपने आप को निडर बनाने के लिए करता है |agiya betal kya hai? agiya betal sadhana ke fayde kya hai?
अगर हम यह कहें कि बेताल की साधना करने वाला साधक निडर बन जाता है तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी,बेताल की साधना करने से साधक की सभी इच्छाओं की पूर्ति भी होती है और यह आने वाले हर संकट से अपने साधक को बचाने का काम भी करता है, जब साधक बेताल की सिद्धि को करने के करीब होता है तब बेताल उसे अपने कई भयानक रूप दिखाता है |
और साधक को डराने का प्रयास करता है, जिसके कारण बहुत से साधक बीच में ही इस साधना को छोड़ देते हैं और इस तरह से उनकी साधना असफल हो जाती है इसीलिए हम आपसे यही कहना चाहते हैं कि जो भी साधक इस साधना को कर रहा है उसे दिल से काफी मजबूत होना चाहिए और हर समस्या का सामना करने के लिए उसे तैयार रहना चाहिए | Agiya betal ki sidhi kaise kare? अगिया बेताल साधना मंत्र?
बहुत से लोग यह कहते हैं कि कई बार साधना करते समय साधक की मृत्यु हो जाती है,परंतु यह पूर्ण रूप से सत्य नहीं है, साधना में कोई गलती होने के कारण या फिर किसी अन्य गलती के कारण कभी-कभी आदमी पागल हो जाता है |
हालांकि कुछ साधना ऐसी भी है, जिसमें आदमी की मृत्यु भी हो जाती है, इसीलिए किसी भी प्रकार की तांत्रिक साधना करने से पहले अपने शरीर को रक्षा मंत्र से अवश्य बांध लें और किसी अच्छे गुरु के सानिध्य में ही किसी भी साधना को चालू करें |
बेताल की इस साधना में कई बार साधक को मानसिक रूप से बहुत ही ज्यादा तनाव महसूस होता है, क्योंकि यह साधना काफी उग्र होती है और इसीलिए जो साधक मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है उसे यह साधना नहीं करनी चाहिए |
और अगर फिर भी साधक इस साधना को करता है तो यह शक्तियां ही साधक को अपने कंट्रोल में करने लगती हैं, इस साधना के दौरान साधक को काफी संयम बरतना चाहिए, अगर आप बहुत ही ज्यादा शांत प्रवृत्ति के हैं तो आपको यह साधना नहीं करनी चाहिए |
- 1. बेताल साधना करने का मुख्य उदेश्य क्या है ? Purpose Of Agiya Betal Sadhana
- 2. बेताल साधना के फायदे क्या है ? | Benefits Of Agiya Betal Sadhana
- 3. अगिया बेताल साधना के क्या नियम है ? | Rules of Agiya Betal Sadhana
- 4. अगिया बेताल सिद्धि मंत्र क्या है ? | Agiya Betal Siddhi Mantra
- 5. अगिया बेताल की साधना विधि क्या है ? | Sadhana Vidhi Of Agiya Betal
बेताल साधना करने का मुख्य उदेश्य क्या है ? Purpose Of Agiya Betal Sadhana
बेताल कई तरह के होते हैं जिसमें से अगिया बेताल की साधना काफी लोकप्रिय और है, बेताल की साधना करने के उद्देश्य अलग-अलग लोगों के हिसाब से अलग-अलग होते हैं बेताल की साधना भय नाशक साधना होती है,मतलब कि जिसके साथ बेताल होता है वह सभी प्रकार के भय से मुक्त होता है|
इसके अलावा बेताल के जरिए साधक अपने सभी मनचाहे काम पूरे कर सकता है, इसके साथ ही बेताल अपने साधक को आने वाले संकट के बारे में भी जानकारी प्रदान करता है, जिसके कारण साधक कई बार असंख्य संकट से बच जाते हैं |
कई बार जब साधक बेताल को सिद्ध कर लेता है तो बेताल को सिद्ध करने के बाद जब वह किसी अन्य साधना को सिद्ध करने का प्रयास करता है तो उस साधना की सिद्धि में बेताल काफी सहायक साबित होता है |
यानी कि बेताल अपने साधक की सभी तरह से सहायता करता है और दूसरी साधना में आने वाले विघ्नों को दूर करने का काम करता है
बेताल साधना करने का मकसद आम तौर पर धन प्राप्ति करना, आने वाले समय की जानकारी प्राप्त करना, संकट से निकलने का रास्ता खोजना और किसी भी तांत्रिक क्रिया को करने के लिए किया जाता है |
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बेताल साधना के फायदे क्या है ? | Benefits Of Agiya Betal Sadhana
जो साधक बेताल को सिद्ध कर लेता है वह किसी भी बड़े तंत्र को बड़ी ही आसानी से अंजाम दे सकता है, इसके अलावा अपने ऊपर होने वाले तांत्रिक हमले को भी वह बड़ी आसानी से काट सकता है |
इसके साथ ही साधक किसी भी तरह के गड़े हुए धन की जानकारी बेताल साधना का इस्तेमाल करके प्राप्त कर सकता है और उस गड़े हुए धन को निकाल सकता है |
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बेताल को सहायक या फिर गुलाम के तौर पर सिद्ध किया जाता है परंतु अधिकतर साधक इसे सहायक के तौर पर ही सिद्ध करते हैं |
अगिया बेताल साधना के क्या नियम है ? | Rules of Agiya Betal Sadhana
जो साधक बेताल की साधना करना चाहता है उसे स्वभाव से काफी निडर होना चाहिए क्योंकि बेताल अपने साधक को काफी भयंकर रूप दिखाकर डराने का प्रयास करता है | इसके अलावा साधना के दौरान साधक को जो भी अनुभव प्राप्त होते हैं, उन अनुभवों को उसे किसी से भी बताना नहीं है ना ही किसी से कहना है |
बेताल साधना को बीच में ही नहीं छोड़ा जा सकता, इसके साथ ही साधक बेताल साधना को अपने घर पर बिल्कुल भी ना करें, बल्कि इस साधना को करने के लिए किसी सुनसान जगह पर स्थित शंकर भगवान का मंदिर या फिर शमशान जैसी जगह का चयन करें |
और वहीं पर इस साधना को प्रारंभ करें, इस साधना को शुरू करने से पहले साधक बेताल कवच और सुरक्षा कवच की साधना अवश्य कर ले या फिर अपने शरीर को किसी भी प्रकार के मंत्र से अवश्य बांध ले, ताकि आपके शरीर के ऊपर किसी भी प्रकार की दुष्प्रभाव का प्रभाव ना पड़े |
साधक को बेताल साधना एकाएक ही चालू नहीं कर देनी चाहिए, बल्कि इस साधना को चालू करने के पहले कुछ दिन शिव मंदिर में जा कर पूजा करनी चाहिए और फिर गुरु से आज्ञा लेनी चाहिए उसके बाद ही साधना चालू करनी चाहिए |
यह साधना की होती है और इन 21 दिनों में आपको सवा लाख मंत्रों का जाप पूरा करना होता है, इस साधना में लॉन्ग, पतासे और शराब का भोग देना पड़ता है, इसीलिए साधना के समय इन चीजों को अपने पास अवश्य रखें |
ऐसा माना गया है कि अगिया बेताल की सिद्धि के बाद कंकड़ की चोट के जरिए ही बेताल को प्रकट किया जाता है और फिर बेताल प्रकट होने के बाद साधक के सारे काम करता है |
यहां पर हम आपको अगिया बेताल को सिद्ध कैसे करें इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं, अगिया बेताल की सिद्धि करने के बाद साधक अपने दुश्मनों को भयभीत कर सकता है |
अगिया बेताल सिद्धि मंत्र क्या है ? | Agiya Betal Siddhi Mantra
ॐ अगिया बेताल महाबेताल बैठ बेताल अग्नि अग्नि
तेरे मुख में सवामन अग्नि महाविकराल फट स्वाहा ||
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अगिया बेताल की साधना विधि क्या है ? | Sadhana Vidhi Of Agiya Betal
अगिया बेताल की साधना को करने के लिए साधक को रुद्राक्ष की माला की आवश्यकता पड़ेगी, रुद्राक्ष की माला लेने के बाद साधक को किसी एकांत जगह का चुनाव करना चाहिए और अगर कोई शिव मंदिर है तो फिर तो अति उत्तम है
इसके साथ ही साधना के दौरान साधक को अपने पास सूखे घास फूस अवश्य रखनी चाहिए और फिर कुछ दिन बीत जाने के बाद इन घास फूस पर उड़द के दाने रखना शुरू कर देना चाहिए और जब आप अपनी साधना में सफल हो जाएगे तब आपके पास रखें फूसमें अपने आप आग लग जाती है
इसके अलावा साधक अपने पास में मेवे का प्रसाद और माला भी अवश्य रखें,जब यह प्रक्रिया शुरू हो जाती है तो यह इस बात का संकेत है कि बेताल बहुत जल्द आपके सामने प्रकट होने वाला है |
बहुत से बेताल अदृश्य तौर पर साधक के शरीर में प्रवेश होते हैं और ऐसी अवस्था में साधक को भयभीत नहीं होना है, इसके बाद दाहिने हाथ में मावे का प्रसाद ले और बेताल को प्रणाम करते हुए उससे माला पहना दे
ऐसा करने से बेताल आपसे खुश हो जाएगा और फिर आपसे वचन मांगने को कहेगा, इसके बाद आपकी जो भी इच्छा हो वह आप उससे वचन के तौर पर मांग ले
अगिया बेताल की यह साधना काफी ज्यादा भयंकर होती है और इसीलिए इस साधना को करने से पहले साधक को काफी सोच विचार अवश्य कर लेना चाहिए और हो सके तो इस साधना को किसी गुरु की देखरेख में ही चालू करना चाहिए |
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