Anath ashram kaise khole ? दोस्तों आप लोगों को पता होगा कि आज की दुनिया में ऐसे हजारों बच्चे हैं. जिनके ऊपर से माता पिता का साया हट गया है और वे बच्चे असहाय होकर जीवन व्यतीत कर रहे हैं. ऐसे में इन बच्चों के लिए एक ही सहारा आज के समय में अनाथालय बचे हैं. यही अनाथालय आज ऐसे बच्चों को पालन पोषण कर रहे हैं.
जिनके ऊपर किसी भी प्रकार का कोई सहारा नहीं है. भारत जैसे देश में ऐसे बहुत से बुजुर्ग भी हैं. जिनकी संतानों ने उन्हें घर से बेघर कर दिया है. ऐसे में बहुत से बूढ़े बुजुर्ग भी इस दुनिया में बेसहारों की तरह अनाथालय में पल रहे हैं.
जहां पर इनके जीवन से जुड़ी स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं तथा अन्य प्रकार की सेवाएं दी जा रही हैं. अनाथालय में पल रहे बूढ़े बुजुर्ग, बच्चे सभी को हर प्रकार से संभव मदद की जा रही है.
भारत में लगभग 5 से 6 लाख बच्चे किसी ना किसी कारणवश अनाथ आश्रम में पल रहे हैं. यह बच्चा या तो माता-पिता की अपेक्षा के कारण अनाथ आश्रम में है या फिर यौन शोषण अथवा माता पिता की अनुपस्थिति के कारण अनाथालय में पल रहे, साथ ही बहुत से ऐसे बच्चे हैं, जो अपने घरों से भाग जाते हैं. जिससे बच्चे के जीवन में स्वास्थ्य संबंधी समस्या आ जाती है और ऐसे बच्चों की मदद करना जरूरत है.
बच्चों की तरह बहुत से बुड्ढे बुजुर्ग भी अनाथालय का सहारा ले रहे. क्योंकि इनके बच्चे या तो इनको घर से निकाल देते हैं या इनकी देखरेख नहीं करते है, तो ऐसे में घर की बुजुर्ग अनाथालय में पल रहे हैं. ऐसे में जो व्यक्ति तीन लोगों का पालन पोषण अनाथालय की सहायता से कर रहे हैं, वे धन्यवाद की पात्र हैं और ऐसे व्यक्ति सराहना के पात्र हैं.
आज भारत में बहुत से अनाथालय खुले हुए हैं. ऐसे में कुछ ऐसे अनाथालय के नाम यहां पर दिए जा रहे हैं, जो दिल्ली से संबंधित हैं. जहां पर लाखों बच्चों का पालन पोषण हो रहा है और एक बेसहारा का सहारा बने हैं. भारत के प्रत्येक जिला और प्रदेश में इन्हीं असहाय बच्चों और बुजुर्गों की सेवा के लिए अनाथालय खुले हुए हैं.
इसके अलावा बहुत से ऐसे दंपति हैं. जिनके जीवन में संतान का सुख नहीं मिला है. उन लोगों को यही अनाथालय संतान उपलब्ध करा देते हैं. क्योंकि इनके पास कुछ ऐसी संताने होती हैं. जिन पर माता पिता का साया नहीं है. ऐसे में जो दंपत्ति बच्चों की चाहत रखते हैं.
वह इन अनाथालय से बच्चे प्राप्त करके सुखी जीवन व्यतीत कर रहे हैं और बच्चों को मां-बाप का सहारा दे रहे हैं, तो आइए हम आपको भारत भर के तमाम ऐसे अनाथालयओं के नाम बताने जा रहे हैं. जहां पर बच्चों और बुजुर्गों को पालन पोषण किया जा रहा है :
- 1. अनाथ आश्रम क्या है ? | anath ashram kya hai ?
- 2. अनाथालय कैसे खोले ? | anath ashram kaise khole | Anathalaya kaise khole
- 3. भारत में अनाथालय के शुरुआत किस प्रकार होती है ?
- 4. अनाथालय खोलने के लिए क्या-क्या व्यवस्था होनी चाहिए
- 4.1. 1. अनाथालय खोलने के लिए जगह का चुनाव अच्छा करें.
- 4.2. 2. अनाथालय खोलने के लिए नियम कानून का पालन करना क्यों जरूरी है
- 4.3. 3. अनाथालय के नाम से पैन कार्ड और बैंक खाता आवश्यक है
- 4.4. 4. टैक्स रियायत प्रमाण 80G Certificate होना जरूरी है
- 4.5. 5. FCRA रजिस्ट्रेशन: फॉरेनर्स कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट रजिस्ट्रेशन जरूरी है
- 4.6. 6. अनाथ आश्रम के लिए फण्ड की व्यवस्था जरूरी है
- 4.7. 7. नेटवर्क तैयार करना करना आवश्यक है
- 4.8. 8. अनाथ आश्रम के लिए सहकर्मी नियुक्त करें
- 5. निष्कर्ष
अनाथ आश्रम क्या है ? | anath ashram kya hai ?
दोस्तों आप अनाथ आश्रम के विषय में जाना और सुना होगा. परंतु बहुत से लोग यह नहीं जानते होंगे कि अनाथ आश्रम क्या होता है ? दरअसल अनाथ आश्रम में कैसा होता है ? जहां पर ऐसे बेसहारा लोगों को सहारा मिलता है, जो जीवन में हर प्रकार से अनाथ हो चुके हैं.
ऐसे बच्चों को हर प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराने के लिए अनाथालय का निर्माण होता है. अनाथालय एक ऐसी व्यवस्था है, जो असहाय बच्चों या अन्य असहाय बूढ़े बुजुर्गों को सहारा प्रदान करने के लिए घर जैसी व्यवस्था की जाती है. जिसके अंतर्गत स्वास्थ्य शिक्षा तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति की जाती है.
अनाथालय कैसे खोले ? | anath ashram kaise khole | Anathalaya kaise khole
बहुत सारे लोग मानव जाति के कल्याण हेतु अनाथालय का निर्माण करते हैं, साथ ही रोजी-रोटी का जरिया भी बनाते हैं. अक्सर लोग अनाथालय खोलने के लिए पूछते रहते हैं कि अनाथालय कैसे खोला जाए ? भारत में हजारों बच्चे प्रतिवर्ष अनाथ होकर जीवन व्यतीत करते हैं. ऐसे में अनाथालय खोल कर उनकी मदद की जाती है. इस संबंध में हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से अनाथालय के विभिन्न पहलुओं पर बात करेंगे.
भारत में अनाथालय के शुरुआत किस प्रकार होती है ?
भारत जैसे देश में अनाथालय खोलना बड़ा कठिन काम है. क्योंकि यहां पर अनाथालय खोलने के लिए सबसे पहले व्यक्ति को अनेकों प्रकार के लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन करवाने होते हैं. उसके बाद सबसे बड़ी बात यह है कि जो भी व्यक्ति अनाथालय खोलता है. वह अनाथालय में पल रहे बच्चों और अन्य लोगों के प्रति सेवा भावना से उत्तरदायित्व को निभाना पड़ता है.
अनाथालय खोजने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अपने अनाथालय के प्रति सभी प्रकार के उत्तर दायित्व का निर्वहन करना पड़ता है तथा किसी भी प्रकार की लापरवाही बच्चों के जीवन के लिए खतरा बन सकती हैं. अनाथालय मालिक को एक प्रतिज्ञा के तहत कार्य करना होता है.
जिसके अंतर्गत बच्चों के भविष्य के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है, सभी प्रकार के अनाथालय निजी पैसे से नहीं खुले होते हैं. यह एक ट्रस्ट के माध्यम से होते हैं. ऐसे में सरकारी नियमों का उल्लंघन करने पर कठोर सजा का प्रावधान है.
अनाथालय खोलने वाले व्यक्ति को फंड की व्यवस्था करना अनाथालय में होने वाली किसी भी प्रकार की गतिविधि पर नजर बनाए रखना तथा बच्चों के प्रति अनुशासन बनाने की जिम्मेदारी होती है, माना की अनाथालय एक नेक कार्य है. जिसकी वजह से कई सारे संभ्रांत व्यक्ति इस से जुड़ कर कार्य को पूरा करने में सहयोग देते हैं. इसके लिए समय-समय पर सरकार भी अनुदान करती रहती है.
अनाथालय खोलने के लिए क्या-क्या व्यवस्था होनी चाहिए
यदि आप एक अनाथालय खोलने के विचार से है, तो अनाथालय ने कई प्रकार की व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए कार्य करना पड़ता है. ऐसे में एक अनाथालय खोलने के लिए कुछ व्यवस्था इस प्रकार से होनी चाहिए :
अनाथालय खोलने के लिए आपके पास उचित जमीन होना जरूरी है. यदि आपके पास स्वयं की जमीन नहीं है, तो आप किराए पर भी ले सकते हैं. परंतु अनाथालय में ली जाने वाली किराए की जमीन कम से कम 15 से 20 वर्षों के लिए जरूर होनी चाहिए तथा अनाथालय के अंदर बच्चों से संबंधित प्रेयर, रूम, ड्राइंग रूम, डाइनिंग रूम तथा अन्य अनाथालय से संबंधित एक्टिविटी करने के लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए.
इस प्रकार से जमीन की व्यवस्था होनी चाहिए कि यह सभी व्यवस्थाएं एक ही जगह पर उपलब्ध कराई जा सके।
2. अनाथालय खोलने के लिए नियम कानून का पालन करना क्यों जरूरी है
केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड एक्ट के अंतर्गत सभी प्रकार के अनाथालय का रजिस्ट्रेशन होता है और इनके अपने अलग नियम और कानून होते हैं. ऐसे में अनाथालय के नियमों को समझने के लिए जिला समाज कल्याण अधिकारी से संपर्क किया जा सकता है.
बच्चे को गोद लेने के नियम गार्जियन और कस्टडी के नियम बच्चों की बुनियादी शिक्षा अधिनियम का पालन और उनका अनुसरण करना जैसे कानून और नियमों का पालन करना जरूरी है. अतः एक अनाथालय के मालिक को उपरोक्त विषय में जानकारी होना बहुत जरूरी है. जिससे वह किसी भी प्रकार से अनाथालय में कार्य कर सकें और सुचारु रुप से अनाथालय का संचालन किया जा सके.
3. अनाथालय के नाम से पैन कार्ड और बैंक खाता आवश्यक है
अनाथालय में बहुत सारे लोग दान देते हैं और यह दान अनाथालय के नाम पर होता है ना की अनाथालय के मालिक के नाम है. इसलिए अनाथालय के मालिक को अनाथालय के नाम पैन कार्ड और बैंक खाते का होना बहुत जरूरी होता है. जिससे कोई भी व्यक्ति अनाथालय के नाम दान कर सकें. अनाथालय के नाम पर आई धनराशि को ट्रैक करने के लिए पैन कार्ड और बैंक खाता बहुत जरूरी है.
4. टैक्स रियायत प्रमाण 80G Certificate होना जरूरी है
किसी भी संस्था जो सामाजिक कार्य कर रही है. उसके पास एक टैक्स रियायत प्रमाण पत्र होना बहुत जरूरी है. क्योंकि यह प्रमाण पत्र सरकार ऐसी संस्थाओं को देती है, जो सामाजिक हित में कार्य करते हैं और इस प्रकार की संस्थाओं को जो लोग दान देते हैं.
उनको सरकार टैक्स में छूट देती है. अनाथालय में लोग दान देकर टैक्स में छूट प्राप्त करता है. इसलिए सभी अनाथालय जैसी संस्थाओं में टैक्स रियायत प्रमाण पत्र होना बहुत जरूरी होता है. जिसे दान करता है. टैक्स देकर छूट का लाभ उठा सकें.
5. FCRA रजिस्ट्रेशन: फॉरेनर्स कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट रजिस्ट्रेशन जरूरी है
FRCA रजिस्ट्रेशन अनाथालय के पास अनिवार्य रूप से होना जरूरी है. यदि किसी भी अनाथालय को विदेशों से फंड लेना है, तो एफसीआरए रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है और यह रजिस्ट्रेशन गृह मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है. इस रजिस्ट्रेशन के होने से अनाथालय संस्था विदेशों से फण्ड प्राप्त कर सकती हैं और कोई विदेशी इस प्रकार के सर्टिफिकेट होने पर ही उसे फंड दे सकता है.
6. अनाथ आश्रम के लिए फण्ड की व्यवस्था जरूरी है
एक अनाथालय चलाने के लिए फंड की बहुत ज्यादा जरूरत होती है, एक अकेला व्यक्ति किसी भी अनाथालय को पूरा फंड प्रोवाइड नहीं कर पाता है. ऐसे में उसे फंड की व्यवस्था करनी पड़ती है. जिसे वह किसी के द्वारा दान करके प्राप्त कर सकता है.
अनाथालय के लिए सरकारी सहायता भी प्राप्त होती है अर्थात सरकार भी अनाथालय को फंड प्रोवाइड करती हैं तथा कभी-कभी क्राउडफंड भी इकट्ठा करना होता है, एक अनाथालय चलाने वाली निवेशक को चाहिए कि वह अपने अनाथालय से संबंधित प्रोजेक्ट रिपोर्ट हमेशा तैयार करें.
जिससे वह विभिन्न प्रकार से फण्ड की व्यवस्था कर सकें. अनाथालय को फंड प्रोवाइड करने के लिए अनाथालय के निवेशक को चाहिए कि वह सरकारी संगठनों सरकार द्वारा क्राउडफंडिंग द्वारा फंड की व्यवस्था करें. जिससे अनाथालय चलाने में किसी प्रकार की फंडिंग की समस्या ना पड़े.
7. नेटवर्क तैयार करना करना आवश्यक है
अनाथालय को अच्छे तरीके से तैयार करने और सुचारू रूप से चलाने के लिए उसको राजनीतिक पार्टियों, बड़े बड़े उद्यमियों, पुलिस विभाग के अधिकारियों, पत्रकारिता से जुड़े लोगों और मानव अधिकार संरक्षण से जुड़े संगठनों के साथ अच्छे संबंध बनाना चाहिए. जिससे अनाथालय को लाभ होगा.
अनाथालय में आने वाले बच्चे ऐसे भी होते है, जो किसी के रिश्तेदार हो सकते है अथवा किसी से संबंधित होते है. इसमें कुछ बच्चे ऐसे भी होते है, जो पुलिस, विधायक, बड़ी बड़ी हस्तियों के माध्यम से अनाथालय में आते हैं. इन लोगों के माध्यम से आने वाले बच्चों को अनाथालय में लेने से पहले जिलाधिकारी या समाज कल्याण ऑफिस द्वारा लिखित प्रमाण के आधार पर लें.
यदि कोई अनाथ बच्चा किसी अधिकारी या जान प्रतिनिधि के माध्यम से आता है, तो ये भी लोग बहुत सारा donation भी कर देते है. इसलिए आपको अनाथालय के लिए एक नेटवर्क तैयार करना आवश्यक है.
8. अनाथ आश्रम के लिए सहकर्मी नियुक्त करें
किसी भी अनाथालय में काम करने के लिए कुछ कार्यकर्ता की भी आवश्यकता होती है. अनाथालय में कम से कम एक रसोईया और हाउसकीपिंग स्टाफ आदि का होना बहुत जरूरी है. इसके अलावा अनाथालय के कानूनी प्रावधानों को संचालित करने के लिए एक वकील को भी रखा जा सकता है.
किसी भी अनाथालय में उपरोक्त कर्मचारियों के अलावा एक अकाउंटेंट की भी आवश्यकता पड़ सकती है. ऐसे में अकाउंटेंट का रखना आवश्यक होता है तथा अन्य कई प्रकार के कार्य करने हेतु छोटे-मोटे कर्मचारी भी होना जरूरी है. जिससे एक अनाथालय में सभी काम सुचारु रुप से संचालित होते हैं.
निष्कर्ष
इस लेख को पूरा पढने के बाद आप लोग अनाथालय कैसे खोलें ? जान गये होंगे. उम्मीद करते हैं कि अनाथालय कैसे खोलें ? लेख को पूरा पढने के बाद आपके मन में कोई भी प्रश्न नहीं बचा होगा.
अगर अभी भी आपको कुछ समझ में नहीं आया हैं तो आप इस लेख को दोबारा से पढ़ सकते हैं.