Antarik shaktiyon ko kaise jagaye ? दोस्तों, आज के इस लेख में हम मानव शरीर की उन शक्तियों के बारे में बात करेंगे जो हर इंसान के अंदर छुपी होती है और साथ ही उन्हें हम कैसे जगा सकते हैं इसके बारे में भी जानेंगे। हमारे अंदर बहुत सी ऐसी शक्तियां होती हैं जिन पर हम ध्यान नहीं देते हैं लेकिन अगर इन पर ध्यान दे दिया जाए तो हम बहुत ही आसानी के साथ अपने कामों को कर सकते हैं और साथ में ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं।
जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं की हर प्राणी का शरीर अग्नि , वायु , जल , मिट्टी और आकाश इन पांच तत्वों से मिलकर बना होता है । हर प्राणी की कोई ना कोई खास बात जरूर होती है जैसे कि पक्षियों का आकाश में उड़ना , मछलियों का पानी में तैरना और सांस लेना , उल्लू का अंधेरे में देखना । इसी तरह से इंसानों के अंदर भी कुछ ऐसी शक्तियां होती हैं जो हमें बाकी प्राणियों में सर्वश्रेष्ठ बनाती है । यह शक्तियां ज्यादातर लोगों में सुप्ता यानी सोई हुई अवस्था में होती हैं ।
कुछ लोगों में यह शक्तियां जागृत होती हैं लेकिन उनका बहुत कम असर होता है । आज मैं आपको इन सभी शक्तियों के बारे में विस्तार से बताऊंगा ।
- 1. इंसान के अंदर पाए जाने वाली शक्तियां कौन सी हैं ? Powers found inside human beings
- 2. इच्छा शक्ति क्या है ? Willpower
- 3. क्रिया शक्ति क्या है ? Action force
- 4. ज्ञान शक्ति क्या है ? Knowledge power
- 5. कुंडलिनी शक्ति क्या है ? Kundalini Shakti
- 6. सप्त चक्र कौन से है ? Seven chakras ?
- 7. कुंडलिनी शक्ति को कैसे जगायें ? How to awaken kundalini power ?
- 7.1. 1. मूलाधार चक्र : Root chakra
- 7.2. 2. स्वाधिष्ठान चक्र : Swadhisthana Chakra
- 7.3. 3. मणिपुरी चक्र : Manipuri Chakra
- 7.4. 4. अनाहत चक्र : Anahata Chakra
- 7.5. 5. विशुद्धि चक्र : Vishuddhi Chakra
- 7.6. 6. आज्ञा चक्र : Command wheel
- 7.7. 7. सहस्त्रार चक्र : Sahasrara Chakra
- 8. मातृका शक्ति क्या है ? Mother power
- 9. परा शक्ति क्या है ? Super power
इंसान के अंदर पाए जाने वाली शक्तियां कौन सी हैं ? Powers found inside human beings
- इच्छा शक्ति
- क्रिया शक्ति
- ज्ञान शक्ति
- कुंडलिनी शक्ति
- मातृका शक्ति
- परा शक्ति
इनमें से इच्छा शक्ति , क्रिया शक्ति ,ज्ञान शक्ति यह तीन शक्तियां हमारे पास पहले से ही मौजूद होती हैं लेकिन हम इनका उतना उपयोग नहीं करते हैं जितना कि हमें करना चाहिए तो चलिए एक-एक करके इन सभी शक्तियों के बारे में जानते हैं ।
इच्छा शक्ति क्या है ? Willpower
सबसे पहली शक्ति इच्छाशक्ति होती है । जो भी हमारी इच्छाओं और कामनाओं की शक्ति होती है उसे इच्छाशक्ति कहते हैं । जैसे की हमें कहीं घूमने जाना हो या हमें कुछ खाना हो या फिर पढ़ना हो यह सभी हमारी इच्छा शक्तियां कहलाती हैं ।
इच्छा शक्तियां हमारे अंदर तब तक रहती हैं जब तक हम उन सभी चीजो को पाने का प्रयास करते रहते हैं । लेकिन जब कोई चीज हमें काफी समय तक नहीं मिलती है तो हमारी इच्छा शक्ति मर जाती है ।
लेकिन हमें इसी इच्छाशक्ति को बढाना है यानी कि हमें प्रयास करते रहना है । अगर हम कोई काम सोच ले तो उसे करना ही करना है तभी हमारी इच्छा शक्ति जागृत होगी । हमारी कामना के आधार पर इच्छाशक्ति दो तरह की होती है एक अच्छी तो दूसरी बुरी । लेकिन हमें बुरी इच्छाशक्ति को दूर करके अच्छी इच्छाशक्ति पे काम करना है । तभी हम अपनी इच्छाशक्ति को जगा कर अपने काम को बड़ी आसानी के साथ कर सकते हैं।
क्रिया शक्ति क्या है ? Action force
दूसरे नंबर पर आती है क्रिया शक्ति । हम लोग जो काम करते हैं उन काम की क्षमता को ही क्रिया शक्ति कहते हैं यानी हमारी काम करने की शक्ति को क्रिया शक्ति कहते हैं । हम जो भी कार्य करते हैं वो बहुत ही कम मात्रा में करते हैं । अगर आप चाहें तो उस काम को बहुत ही ज्यादा मात्रा में कर सकते हैं या यूं कहें कि हमारे अंदर इतनी क्षमता हैं कि हम उस काम को उस स्थान तक ले जा सकते है जहां तक उसे ले जाना चाहिए।
इस बात को जानते हुए भी कि उस काम को हम ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं लेकिन फिर भी हम नहीं करते है । तो ऐसा करने से बचने के लिए हमें अपनी क्रिया शक्ति को जगाना होगा और उसे बढ़ाना होगा । आप चाहे बिजनेसमैन हों या स्टूडेंट(छात्र) या आर्टिस्ट हो जो कुछ भी हो आपको अपने काम को पूरी क्रिया शक्ति के साथ करना है ताकि आप उस काम को ऊंचाइयों तक ले जा सकते जहां तक आपको उसे वास्तव में ले जाना चाहिए।
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ज्ञान शक्ति क्या है ? Knowledge power
जो ज्ञान हम पुस्तक से और व्यवहारिक रूप से अर्जित करते हैं उसे ज्ञान शक्ति कहते हैं या जो ज्ञान किताबों को पढ़कर और अपने व्यवहारिक जीवन में एक दूसरे के साथ मिलजुल के साथ रहने से जो ज्ञान प्राप्त होता है उसे ही हम ज्ञान शक्ति कहते हैं। दुनिया के हर इंसान के अंदर कुछ न कुछ ज्ञान होता है लेकिन हमारे अंदर जो भी ज्ञान होता है वह बहुत ही कम मात्रा में है । अगर हम लोग चाहते तो और भी ज्यादा ज्ञान ग्रहण कर सकते है ।
लेकिन हम लोग करते नहीं हमारे अंदर बहुत सी क्षमता है कि हम ज्ञान प्राप्त कर सके लेकिन हम ऐसा करते नहीं हैं। अगर हम चाहें तो अपने ज्ञान को बहुत ऊपर तक ले जा सकते हैं। अपने इसी ज्ञान को बढाना ही ज्ञान शक्ति कहलाती है ।
कुंडलिनी शक्ति क्या है ? Kundalini Shakti
भारतीय आयुर्वेद और पारंपरिक औषधि विज्ञान के अनुसार हम सबके शरीर में सात चक्र होते हैं जिन्हें सप्त चक्र या कुंडली ऊर्जा कहते है। कुंडलिनी शक्ति जीवन शक्ति की ऊर्जा कहलाती है जो कि इस संसार के हर मनुष्य के अंदर मौजूद होती है । कुंडली ऊर्जा को जब जागृत किया जाता है तभी हमारे अंदर मौजूद यही सात चक्र जागृत होते हैं । इन सातों चक्र के जागृत होने के बाद इंसान को शक्ति और सिद्धि का ज्ञान होता है।
सप्त चक्र कौन से है ? Seven chakras ?
- मूलाधार चक्र
- स्वाधिस्ठान चक्र
- मणिपुर चक्र
- अनाहत चक्र
- विशुद्धि चक्र
- आज्ञा चक्र
- सहस्त्रार चक्र
कुंडलिनी शक्ति को कैसे जगायें ? How to awaken kundalini power ?
कुण्डलिनी शक्ति जगाने से सबसे हम इन सातों चक्र को एक-एक करके विस्तार से समझेंगे।
1. मूलाधार चक्र : Root chakra
यह चक्र रीढ़ की हड्डी के निचली सतह गुदा और लिंग के बीच होता है । इस चक्र को आधार चक्र भी कहा जाता है । इस चक्र का काम शरीर में दाएं और बाएं दोनों तरफ संतुलन बनाये रखने और अंगों को स्वच्छ करने का काम करता है। इस मूलाधर चक्र को जगाने के लिए हमे योगासन की जरूरत पड़ती है । जैसे कपालभाती, सुबह की सैर ,प्रणायायाम और जॉगिंग करने से जागृत होती है।
2. स्वाधिष्ठान चक्र : Swadhisthana Chakra
यह चक्र रीढ़ में पेशाब की थैली के ठीक पीछे की तरफ पाया जाता है । स्वाधिष्ठान चक्र के जागृत होने से अविश्वास, क्रूरता और आलस्य जैसे दुर्गुणों का नाश होता है । माना जाता है कि जीवन में मौज-मस्ती जरुरी है लेकिन इन क्रियाओं को नियंत्रित करके स्वाधिष्ठान चक्र को जगाया जा सकता है ।
3. मणिपुरी चक्र : Manipuri Chakra
यह चक्र हमारी नाभि के ठीक पीछे होता है। जिन व्यक्तियों की ऊर्जा यहां पर इकट्ठा होती है वह ज्यादा काम करते है और ऐसे लोगों को कर्मयोगी कहां जाता है | यह चक्र पाचक और अन्तःश्रावि ग्रंथियों से जुड़ा होता है। इस चक्र का काम हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाना है। इस चक्र के जागृत होने से हमारे अंदर आत्म शक्ति में बढ़ोतरी होती है।
4. अनाहत चक्र : Anahata Chakra
यह चक्र हमारे दिल यानी हृदय के ठीक पीछे पाया जाता है । यह चक्र हृदय और फेफड़ों की सफाई करके उनकी काम करने की शक्ति को बढ़ाता है । इसके जागृत होने से कपट, चिंता, डर जैसे भाव दूर होने लगते है और हमें खुशी और प्रेम जैसे भावों की अनुभूति होती है ।
5. विशुद्धि चक्र : Vishuddhi Chakra
यह चक्र गले की थॉयराइड ग्रंथि के ठीक पीछे पाया जाता है । यह चक्र पूरे शरीर को शुद्ध करता है । इस चक्र में 16 पंखुडी होती हैं जिसके जागृत होने से हमे 16 कलाओं का ज्ञान होता है। इसके जागृत होने के बाद भूख और प्यास को रोक जा सकता है ।
6. आज्ञा चक्र : Command wheel
यह चक्र हमारी दोनों भौवों के बीच पाया जाता है। इस चक्र में बहुत सी अपार सिद्धियां औऱ शक्तिओं का निवास होता है । यह मानसिक स्थिरता और शांति बनाए रखने का काम करता है । यह चक्र मनुष्य के ज्ञान चक्षु को खोलता है ।
7. सहस्त्रार चक्र : Sahasrara Chakra
यह चक्र सिर के ऊपरी हिस्से में होता है । इस चक्र को शांति का प्रतीक भी कहा जाता है । यह चक्र शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक स्तर में बैलेंस(संतुलन) बनाता है । बाकी छह चक्र जागृत होने के बाद यह स्वयं जागृत हो जाता है ।
कुंडलिनी शक्ति को हम कुंडलिनी मेडिटेशन (ध्यान ) के द्वारा जागृत कर सकते हैं । कुंडलिनी शक्ति को जागृत करने के लिए ऊपर बताए गए सातों चक्र को जगाना होता है जो कि हम कुंडलिनी मेडिटेशन के द्वारा जगा सकते हैं इसके लिए आपको नीचे बताई गई विधि का, पालन करना होगा ।
- सबसे पहले आपको ब्रह्म मुहूर्त के समय उठ जाना है और ध्यान करने का आसन ग्रहण कर लेना है आप ध्यान हमेशा एक ही समय पर एक ही स्थान पर करें आप अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा करके पद्मासन के आसन में बैठ जाइए और अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर फैलाकर कर रखिए । अपनी पहली उंगली और अंगूठे को मिलाकर वृक बनाएं और फिर आंखें बंद करके पूरा ध्यान लगाएं । इस पूरे ध्यान को करने के लिए आपको किसी ना किसी गुरु की जरूरत पड़ती है क्योंकि यह शक्ति इतनी ऊर्जावान और भारी होती है कि आपका शरीर इसे सहन नहीं कर पाता है ।
- इस विधि को करने के लिए आप ऐसे स्थान पर बैठे जहाँ आस-पास कोई भी इंसान ना हो ताकि आपका इस विधि में ध्यान जल्दी से जल्दी लग जाए ।
- कुंडलिनी मेडिटेशन करते समय आप हल्के कलर के कपड़े पहने ताकि आपके मस्तिष्क में सकारात्मक विचार आए ।
- यह ध्यान आप ब्रह्म मुहूर्त के समय ही करें इस समय सकारात्मक ऊर्जा होने के कारण आपकी साधना जल्दी सफल होती है ।
- सातों चक्र को जगाने के लिए हमें शुद्ध आहार, व्यवहार में शुद्धता और पवित्रता की जरूरत होती है।
- इन सातों चक्र को जागृत करने के लिए हमें बहुत सारे योग और ध्यान की जरूरत होती है ।
- इन सातों चक्र को जागृत करने के लिए हमें बहुत सारे योग और ध्यान की जरूरत होती है ।
हम मनुष्यों के शरीर में लगभग 72000 नाड़िया (नशे) मौजूद होती है । इनमें से 12 मुख्य नाड़िया हमारे दिमाग में होती हैं जो शरीर का संचालन करती है। मनुष्य के रीढ़ की हड्डी में दो तरफ इडा और पिंगला नाड़ी होती हैं। इन नाड़ियों के बीच सुषुम्ना नाड़ी होती है, जिसमे कुंडलिनी शक्ति स्थापित रहती है । इड़ा और पिंगला नाड़ियों के जागृत होने के बाद ही सुषुम्ना नाड़ी जागृत होती है । इसके बाद हमारे सातो चक्र जागृत होते हैं ।
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मातृका शक्ति क्या है ? Mother power
यह बहुत ही उच्च श्रेणी की शक्ति होती है इसमें पूरा खेल हमारे मन का होता है। यह शक्ति बहुत ही कम लोगों को प्राप्त होती है । अगर आपका मन आपके वश में है तो आप को इस शक्ति को प्राप्त करने में ज्यादा कठिनाई नहीं होती है।
परा शक्ति क्या है ? Super power
परा शक्ति का मतलब ऐसी शक्ति जो विज्ञान से परे है यानी कि, ऐसा स्थान जहां से विचार पैदा होते हैं। परा शक्ति बहुत ही दुर्लभ शक्तियां होती है। इसके जरिये हम आत्माओं से बात कर सकते हैं अपना शरीर त्याग सकते हैं । दूसरी दिव्य शक्तिओं से बात कर सकते हैं । अपनी आत्मा किसी दूसरे के शरीर में डाल सकते हैं । यह सभी आध्यात्मिक बातें हो जाती है जिन्हें समझने के लिए आपको बहुत ही योग और साधना की जरुरत होती है।
दोस्तों आज का यह लेख बनाने का मकसद सिर्फ आपके अंदर की शक्तियों के बारे में बताना और इनमें से तीन शक्तियां इच्छा शक्ति क्रिया शक्ति और ज्ञान शक्ति हमारे लिए बहुत जरूरी हैं क्योंकि यह हमारे वश में है बाकी 3 शक्तियां हमें इतनी जल्दी दिखाई नहीं देती है उन्हें समझने के लिए आपको बहुत ज्यादा ध्यान साधना और योग की जरूरत है ।
शुरुआत की तीन शक्तियों पर काम करके हम अपनी जिंदगी में बहुत ही आगे तक जा सकते हैं और जीवन में आसानी से किसी भी काम को करके सफलता प्राप्त कर सकते हैं । ऐसे ही जानकारी लिए हमारे साथ जुड़े रहिए ।
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