अपना भाग्य कैसे देखें ? भविष्य जानने की 10 तरीके Apna future kaise jane

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Apna bhagya janne ka tarika ? दोस्तों लोगों के अंदर हमेशा से एक जिज्ञासा जरूर रही है कि वह अपना भविष्य Future जाने और भविष्य जानने के पीछे केवल एक ही Reasion कारण रहा है कि उसका भाग्य कैसा रहेगा? हर व्यक्ति अपने भाग्य के विषय में जानना चाहता है और दूसरे के भाग्य के बारे में भी जानने को उत्सुक रहा है।

सभी व्यक्ति यह जानते हैं कि हम जैसे कर्म करते हैं हमारा भाग्य वैसे ही बनता है विश्व कर्म प्रधान Karmic prime है जो जैसा कर्म करता रहता है उसको वैसे परिणाम मिलते हैं फिर भी हर व्यक्ति अपना भाग्य Future जानने के लिए तमाम तरह के बाबाओं और भविष्य वक्ताओं ज्योतिषियों से मिलता रहता है।

जब भी कोई भविष्यवक्ता या ज्योतिषी गांव Village गलियों में घूमता है तो बहुत सारे लोग अपना भविष्य पूछने के लिए उसके पास इकट्ठा हो जाते हैं और सभी लोग अपना भाग्य जानने के लिए हाथ दिखाते हैं या फिर बहुत से ज्योतिषी ऐसे भी हैं जो केवल आपको देखते ही बहुत से भाग्य संबंधी बातें बखान करने लगते हैं।

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हमारे देश में बहुत से ज्योतिषी भविष्य विचारने का कार्य करते हैं जो आपके भाग्य में लिखा हुआ है उससे संबंधित बातें बताने लगते हैं। यह ज्योतिषी Astrologers कितना सही और कितना झूठ बोलते हैं इसका तो अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है परंतु बहुत से ज्योतिषी ऐसे होते हैं जो आपके भाग्य को सटीक बता देते हैं।

यदि किसी को अपना भविष्य और भाग्य पहचानना है तो सबसे पहले अपने कर्मों को सुधारना होता है क्योंकि अच्छे कर्म अच्छा परिणाम Result हमेशा होता है ऐसे में बहुत से लोग जो अपना भाग्य और भविष्य जानना चाहते हैं तो हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से कुछ तरीकों को बताएंगे जिनसे अपना भाग्य देख सकते हैं

1. ज्योतिष विद्या से अपना भाग्य कैसे देखें ? How to see your luck with astrology

आज के दौर में ज्योतिष विद्या पर लोग बहुत ही विश्वास करते हैं क्योंकि ज्योतिष विद्या एक ऐसी विद्या है जिसके माध्यम से भाग्य का सही वर्णन किया जा सकता है भारत जैसे देश में सैकड़ों ज्योतिष विद्या चलन में हैं जिनके माध्यम से लोगों के भाग्य और भविष्य का निर्धारण किया जाता है।

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भारत में लगभग प्रचलित ज्योतिष विद्या के अंतर्गत कुंडली ज्योतिष लाल किताब की विद्या अंक ज्योतिष नंदी नाड़ी ज्योतिष हस्तरेखा ज्योतिष नक्षत्र ज्योतिष सामुद्रिक विद्या चीनी ज्योतिष और टैरो कार्ड जैसी है इन विद्याओं के माध्यम से व्यक्ति के भविष्य और भाग्य का वर्णन किया जाता है।

अधिकतर अंक ज्योतिष हस्तरेखा ज्योतिष तथा टैरो कार्ड प्रचलन में रहते हैं इन विद्याओं से लोग दिन प्रतिदिन का भाग्य निर्धारित करते हैं ज्योतिष विद्या के अंतर्गत हस्तरेखा विज्ञान के जानकार बहुत सारे मिलते हैं ऐसे में उनसे मिलकर हम अपने भविष्य का निर्धारण और सही जानकारी ले सकते हैं।

2. स्वप्न शास्त्र से जाने अपना भविष्य ? Know your future from dream scripture 

भारत जैसे देश में स्वप्न शास्त्र बहुत ही महत्वपूर्ण है स्वप्न में दिखाई देने वाले बहुत से प्रकरण व्यक्ति के भविष्य और भाग्य का निर्धारण करते हैं इन सपनों में दिखाई देने वाले दृश्य कभी-कभी हानिकारक होते हैं तो कभी-कभी लाभदायक ही होते हैं किसी भी व्यक्ति का शुक्र इस बात पर निर्भर करता है कि उस स्वप्न को उसने किस तरीके से देखा है जिसका निर्धारण स्वप्न शास्त्र के ज्ञाता बता सकते हैं।

बहुत स्वप्न बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं जो संपूर्ण भाग्य का निर्धारण कर देते हैं और आने वाले समय में आपके भाग्य में क्या क्या होने वाला है इस बात की जानकारी मिल जाती है। भारत जैसे देश में सपनों का बहुत बड़ा महत्व है क्योंकि हर सपना किसी न किसी विशेष घटना से जुड़ा हुआ होता है।

अधिकतर जो भी सपने दिखाई देते हैं वे रात्रि में 2:00 बजे के पहले ही लगभग दिखाई देते हैं क्योंकि स्वप्न पाचन प्रणाली से संबंधित होते हैं व्यक्ति का भोजन रात्रि के 2:00 बजे के पहले पच नहीं पाता है जिससे वात पित्त कफ दोष हो जाता है इसी वजह से विभिन्न प्रकार के सपने दिखाई देते हैं |

बहुत सारी स्वप्न दिन के प्रथम पहर में दिखाई देते हैं दिन के प्रथम पहर में दिखाइए लेने वाले स्वप्न में यदि व्यक्ति हाथी घोड़ा बैल शेर चीता या किसी प्रकार के फल फूलों से संबंधित सपने देखता है तो ऐसे में वह सो की उसके लिए मान सम्मान और प्रतिष्ठा के लिए भी होते हैं ।

फल फूल देखने वाला व्यक्ति काशी धनवान होता है यदि कोई व्यक्ति देवी देवताओं के दर्शन करता है तो उसका भाग्य उन्नत की ओर होगा इसी प्रकार से बहुत सारे सपनों के परिणाम भविष्य और भाग्य का निर्धारण करते हैं।

3. विचारों से भविष्य और भाग्य का निर्धारण कैसे होता है ? determine future and fate

व्यक्ति के विचार ही व्यक्ति का भाग्य बनते हैं विज्ञान के अनुसार माना जाता है कि व्यक्ति की मन मस्तिष्क में 24 घंटे में लगभग 60,000 से अधिक विचार आते हैं।
इन विचारों को हम अपना भाग्य समझ सकते हैं क्योंकि जैसा हम सोचते हैं यदि वैसा ही कार्य करना शुरू कर देते हैं तो हमारा भाग्य उसी अनुरूप कार्य करने लगता है हमारी सोच ही हमारे उन्नति और पतन की ओर ले जाती है।

इसलिए कहा जाता है कि हम जैसा सोचते हैं वैसे ही हमारे मन मस्तिष्क में प्रभाव पड़ता है यदि आपके मन के विचार सकारात्मक हैं तो भविष्य और भाग्य दोनों सकारात्मक होगा यदि आपके विचार नकारात्मक हैं तो निकट भविष्य आपका नकारात्मक ऊर्जा से भरा हुआ होगा।

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आपके विचार आपकी सोच जिस तरह से भारी होगी उस तरह से आपका भाग्य निर्धारित हो जाता है आप अधिकतर बहुत से फिल्म सीरियल आज देखते होंगे तो उसके विषय में सोचना शुरु कर देते होंगे वही विचार आपके मन मस्तिष्क में आने लगते हैं यदि आप उसी तरह से प्रयास करना शुरू कर देते हैं तो आपके साथ आपका भाग्य बनना शुरू हो जाता है।

4. टेलीपैथी से भाग्य कैसे जाने ? luck by telepathy

टेलीपैथी एक प्रकार की ऐसी विद्या है जिसके माध्यम से किसी भी दूर दराज हो रही घटना को जान लेना या व्यक्ति के मन मस्तिष्क को पढ़ लेना होता है टेलीपैथी का ज्ञाता व्यक्ति पार इंद्रिय ज्ञान से परिपूर्ण होता है अर्थात उसके द्वारा भविष्य और दूरदराज की घटना की जानकारी करने की क्षमता होती है।

टेलीपैथी के माध्यम से दूर की हो रही घटनाओं का सचित्र वर्णन किया जा सकता है जैसे महाभारत में संजय ने धृतराष्ट्र कोई युद्ध का वर्णन घर बैठे सुनाया था इस प्रकार की विद्या से यह क्षमता हो जाती है ।

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जब टेलीपैथी का ज्ञान हो जाता है तो व्यक्ति अपने भाग्य और भविष्य का खुद निर्माता बन जाता है वह मन की बात तुरंत भाग लेता है और सामने वाले व्यक्ति भी मन की बात बहुत आसानी से पढ़ लेता है। यह विद्या निरंतर अभ्यास मांगती है अर्थात जो व्यक्ति इस विद्या में पारंगत होते हैं उन्हें इस विद्या का निरंतर अभ्यास करना पड़ता है

5. सम्मोहन विद्या से भाग्य कैसे देखें ? luck with hypnosis

सम्मोहन विद्या भी एक बहुत ही सर्वश्रेष्ठ विद्या और प्राचीन विद्या है सम्मोहन विद्या को ही प्राण विद्या और त्रिकाल विद्या के नाम से भी जाना जाता है यह विद्या आदिकाल से भारत में बहुत ही महत्वपूर्ण रही है इसके माध्यम से वशीकरण जैसी प्रक्रिया की जाती है |

सम्मोहन विद्या के माध्यम से व्यक्ति किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व को परख लेता है और मानसिक चिकित्सा भी कर लेता है इस विद्या को जानने के बाद व्यक्ति अपने भाग्य और भविष्य के साथ-साथ दूसरों के भी भाग्य और भविष्य को बता देता है यह एक बहुत ही चमत्कारी विद्या है जिसके माध्यम से हम कुछ भी कर सकते हैं परंतु अगले को पता नहीं चल सकता है |

6. परा और अपरा विद्या से भाग्य कैसे जाने ?

यह एक प्रकार की लौकिक और पारलौकिक विद्यालय होती हैं जिन्हें धर्म ग्रंथों में परा और अपरा विद्या के नाम से जाना जाता है
पर और अपरा विद्या के माध्यम से बड़े-बड़े जादूगर संत महात्मा भूत भविष्य का निर्माण करने की जानकारी देते हैं तथा भाग्य का निर्धारण बता देते हैं इस विद्या के माध्यम से लोग जादू टोना टोटका करने की शक्ति ही प्राप्त कर लेते हैं।

7. पेंडुलम डाउजिंग से अपना भाग्य कैसे जाने ? Your luck by dowsing the pendulum

संसार की जितनी भी प्राणी है उनमें एक अलौकिक शक्ति पाई जाती है जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति ब्रह्मांड में मौजूद सभी प्रकार की तरंगों से संपर्क कर सकता है ब्रह्मांड का संपूर्ण ज्ञान कर सकता है और एक दूसरे से जुड़ा रह सकता है।

इस विद्या के माध्यम से हम जो भी जानना चाहते हैं वह पल भर में जान लेते हैं यह एक ऐसी विद्या है जिसके माध्यम से जमीन के अंदर भी हम छिपी हुई चीज को देख सकते हैं तथा किसी भी प्रकार से कोई वस्तु खो जाने की स्थिति में उसे तलाश कर सकते हैं और भविष्य में होने वाली विभिन्न प्रकार की घटनाओं को भी हम जान सकते हैं।

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इस विद्या में हम पेंडुलम विराट का उपयोग करते हैं जिसको हाथ से पकड़ कर किसी भी प्रकार का सवाल करते ही पेंडुलम अपने आप दर्द करेगा और आपको सकारात्मक निर्देश दे देता है यदि सही नहीं है तो पेंडुलम नकारात्मक जवाब दे देता है अर्थात उल्टे हाथ की ओर गत करने लगता है

8. जाग्रत स्वप्न और सुषुप्ति से भाग्य कैसे जाने ? Luck from waking dreams and sleeping

व्यक्ति की तीन अवस्थाएं होती हैं जो जाग्रत स्वप्न सुषुप्ति कही जाती है इन तीनों में जागृत अवस्था स्थूल जगत की अनुभूति कराता है तो सोच में जगत स्वप्न से अनुभव करते हैं तथा सुषुप्ति अवस्था में संसार की अनुभूत करते हैं।

यह विचारों पर निर्भर करता है कि आपके मन में उठने वाले विचार किस प्रकार के हैं क्योंकि व्यक्ति के मन में विचार और भाव निरंतर चलते रहते हैं धीरे-धीरे यह विचार काफी मजबूत होने लगते हैं जो किसी न किसी प्रकार की धारणा बन जाते हैं।

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जो धारणा है हमारे भविष्य में बनती हैं वही धारणाएं हमारा भविष्य और भाग्य बन जाती हैं। यही धारणा है हमारी स्वप्न का रूप धारण कर लेती हैं जो स्वप्न हमारे भाग्य से संबंधित घटनाओं को दर्शा देते हैं।

हमारी धारणा ही हमारा भविष्य और भाग्य निर्धारण करती हैं वैज्ञानिकों के अनुसार व्यक्ति जब कोई भी सोच मन में उत्पन्न करता है तो उसकी खोज धीरे-धीरे प्रबल होती जाती है और वही भाग्य निर्धारित कर देती है

9. संकेतों से अपना भाग्य कैसे जाने ? your destiny by signs

अक्सर आप लोगों ने सुना होगा कि बहुत से लोग कहते हैं कि मेरी दाईं आंख आंख फड़क रही है। समुद्र शास्त्र में अंग फड़कने के अर्थों का विधिवत वर्णन मिलता है |

ऐसा कई बार देखा गया है कि यदि कोई अंग फड़कता है तो उससे संबंधित बहुत सारी घटनाएं घटती हैं अर्थात जी निर्धारण हो जाता है कि जब कोई अंग धड़कता है तो कोई ना कोई संबंधित घटना होने वाली है।

10. अंग फड़कने और उनसे संबंधित घटना कौन है ? limb twitching and its related phenomena

पुरुष का बायां आंख फड़कना 

किसी भी पुरुष का बाया अंग जैसे आंख फड़कती है तो इसका मतलब यह निकलता है कि निकट भविष्य में कोई दुखद घटना हो सकती है।
यदि किसी भी पुरुष का दाहिना अंग फड़कता है तो किसी प्रकार की खुशखबरी हो सकती हैं।

यदि महिलाओं में बाया अंग फड़कता है तो कोई सुखद घटना होती है और यदि दाना अनु सुरक्षा हेतु किसी दुखद घटना के होने की संभावना है।

किसी व्यक्ति के माथे पर यदि हलचल दिखाई देती है तो भौतिक सुख समृद्धि का संकेत मिलता है वही कनपटी के आसपास का अंग फड़कता है तो धन लाभ होने की

संभावना रहती है |

यदि किसी भी पुरुष का मस्तक खड़कता है तो जमीनी लाभ होने वाला है वही ललाट अगर फड़कता है तो किसी पवित्र स्थान पर जाकर स्नान का लाभ मिलता है जैसे गंगा नहाने का अवसर मिल जाता है।

यदि नेत्र फड़कते हैं तो धन लाभ होता है और दाई आंख फड़कती है तो इच्छाएं पूर्ण होती है बाई आंख फड़कने पर कोई अच्छी खबर मिल सकती है।
इस तरह से भी भाग्य से सम्बंधित कई जानकारियां मिल जाती है।

11. पूर्वाभास से भविष्य और भाग्य कैसे जाने ? Foreshadowing future and fate

बहुत से लोगों में एक छठी इंद्री काफी विकसित पाई जाती है यह इंद्रीअतीन्द्रिय मानी जाती है। इसके विकसित होने पर व्यक्ति को पहले ही बहुत सी घटनाओं के विषय में आभास होने लगता है। सामान्य तौर पर देखा होगा कि पशु पक्षियों में भी भविष्य के प्रति जागरूकता पाई जाती है।

बहुत सारे पशु पक्षी जैसी कुत्ता बिल्ली कौवा आदि में कुछ ऐसे व्यवहार देखे जाते हैं जिनसे निकट भविष्य में होने वाली घटनाओं के विषय में जानकारी मिल जाती है

लगभग एक तिहाई लोगों में छठी इंद्री काफी विकसित और सक्रिय होती है जिससे उन्हें यदि ध्यान लगाकर विकसित करते हैं तो भविष्य के प्रति जानकारी प्राप्त कर लेते हैं और आने वाली विभिन्न प्रकार की घटनाओं को संकेत के रूप में आभास होता है।

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इसलिए कभी भी शरीर में होने वाली किसी भी प्रकार की किस क्रियाकलाप को ध्यान दिया जाए तो भविष्य की जानकारी दीजिए इन क्रियाकलापों को समझने की जरूरत है।

बहुत से लोगों को सुना होगा कि अपने निकट भविष्य में होने वाली घटनाओं को पहले ही वर्णित कर देते हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब वह शांत मन से एकाग्र चित्त से किसी भी विषय में विचार करते हैं तो वह विचार उनके लिए निकट भविष्य में होने वाली घटनाओं से संबंधित होने लगता है और वह उसके विषय में बता देते हैं।

अपना भाग्य कैसे जाने जैसे प्रश्नों को समाधान के लिए ऐसे तमाम तरह के उपाय और तरीके हमारे ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत बताए जाते हैं यदि कोई भी व्यक्ति ज्योतिष शास्त्र के किसी भी शाखा को अध्ययन करता है तो वह अपने भविष्य और भाग्य के विषय में पूर्ण जानकारी प्राप्त कर लेता है और दूसरों के विषय में संपूर्ण जानकारी दे सकता है।

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