बच्चे पैदा करने के लिए कितनी बार करना चाहिए | Bache paida karne ke liye kitni baar karna chahiye : दोस्तों मनुष्य के जीवन में एक संतान का होना अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि जब कोई भी व्यक्ति वैवाहिक संबंध में बंद कर पति पत्नी के रूप में नई जिंदगी की शुरुआत करता है तो उसकी एक इच्छा होती है कि उसके जीवन में एक संतान जन्म ले जिससे उसके आंगन में संतान रूपी फूल महके और घर आंगन में खुशियां आएं। एक पुत्र प्राप्ति के लिए नव दंपत्ति के मन में सवाल आता है कि बच्चे पैदा करने के लिए कितनी बार करना चाहिए।
दोस्तों एक पति पत्नी के रूप में इंसान संतान की प्राप्ति के लिए भोग करता है. क्योंकि यही वह माध्यम है जिससे नई संतान का जन्म होता है. लेकिन यह आवश्यक नहीं है कि भोग मात्र एक बार करके संतान प्राप्त हो जाए। हां यह बात सत्य है कि कई लोगों को पहली बार में ही संतान प्राप्ति हो जाती है. लेकिन कुछ लोगों को कई बार स्त्री के साथ संबंध बनाने के बावजूद भी संतान प्राप्ति नहीं होती है।
कुछ नए अध्ययन से पता चला है कि कई व्यक्ति संतान प्राप्ति के लिए शुरुआती दिनों में लगभग 1 महीने में 13 से 14 बार स्त्री से सहवास करते हैं। परंतु इसके बाद भी लोगों को संतान सुख की प्राप्ति नहीं हो पाती है। कई सर्वे इस बात को बताते हैं कि कुछ लोग स्त्री की प्रेगनेंसी को लेकर शुरुआत के दिनों में प्रतिदिन भोग करते हैं। फिर भी उन्हें बच्चे नहीं होते हैं ऐसे में बच्चे पैदा करने के लिए कितनी बार करना चाहिए आइए हम इस संबंध में बताते हैं।
- 1. बच्चे पैदा करने के लिए कितनी बार करना चाहिए ? | Bache paida karne ke liye kitni baar karna chahiye ?
- 2. बच्चा पैदा करने के लिए ध्यान देने योग्य बातें
- 2.1. 1. मासिक का समय से होना
- 2.2. 2. ओवुलेशन का समय
- 3. बच्चे ना पैदा होने के कारण | Bache na paida hone ke karan
- 3.1. 1. महिला में अंडाणु का ना बनना
- 3.2. 2. मासिक में उतार-चढ़ाव
- 3.3. 3. पुरुष में शुक्राणु की संख्या और गुणवत्ता में कमी
- 3.4. 4. नशीली दवाओं का सेवन
- 3.5. 5. गर्भाशय का छोटा होना
- 3.6. 6. मोटापा या शारीरिक कमजोरी
- 4. निष्कर्ष
बच्चे पैदा करने के लिए कितनी बार करना चाहिए ? | Bache paida karne ke liye kitni baar karna chahiye ?
दोस्तों अब बात आती है कि बच्चे पैदा करने के लिए कितनी बार करना चाहिए अर्थात एक संतान उत्पत्ति के लिए हमें अपने जीवन में कितनी बार भोग की प्रक्रिया से गुजरना है और कितनी बार नहीं क्योंकि महिला की प्रेगनेंसी कई बार करने से नहीं होती है. बल्कि यहां पर हमें विज्ञान के माध्यम से यह समझना आवश्यक है कि संतान कैसे होती है ? जब हम इस बात को समझ पाएंगे, तब स्वयं में यह बात समझ में आ जाएगी कि बच्चे पैदा करने के लिए कितनी बार करना चाहिए ?
यदि कोई महिला गर्भधारण करना चाहती है तो पति और पत्नी दोनों को इस बात को समझना जरूरी है कि हमें भोग कब करना चाहिए कितनी बार करना चाहिए और किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए जब इन तरीकों को हम समझ जाते हैं तो हमारी यह समझ में आता है कि बच्चे पैदा करने के लिए कितनी बार करना चाहिए ? दोस्तों अध्ययनों से पता चलता है क्या लगभग 40% लोग कंसीव करने के लिए मानसिक रूप से दबाव महसूस करते हैं.
उन्हें प्रेगनेंसी को लेकर एक असंभव भी डर लगा रहता है और तनावग्रस्त रहते हैं वह यह समझते हैं कि गर्भधारण प्रक्रिया एक बड़ी मेहनत होती हैं जिसकी वजह से भी तनाव महसूस करते हैं लेकिन जहां पति और पत्नी की चाहत संतान की होती है वहां पर इन बातों से तनाव महसूस नहीं करना चाहिए बल्कि कंसीव करने के लिए हमें भोग की प्रक्रिया से गुजरना होता है।
बच्चा पैदा करने के लिए ध्यान देने योग्य बातें
गर्भधारण के लिए कुछ बातों को ध्यान देना जरूरी है कंसीव करने के लिए या बच्चा पैदा करने के लिए हम जितनी बार चाहे उतनी बार कर सकते हैं परंतु हम कितनी बार भी भोग करें बच्चा होना तभी संभव है जब नीचे दी जा रही बातें स्पष्ट रूप से समझ पाएंगे।
1. मासिक का समय से होना
एक महिला गर्भधारण तभी कर सकती है जब उसके अंदर हर महीने होने वाला मासिक सही समय पर और सही तरीके से होता है, मासिक आने के बाद महिला के लिए 1 सप्ताह बहुत महत्वपूर्ण होता है. क्योंकि इसी सप्ताह में प्रेगनेंसी के अवसर अधिक होते हैं। जब महिला में मासिक आता है तो लगभग 4 दिन रजोधर्म होता है और उसके बाद अगले 5 से 6 दिन एक ओवुलेशन का समय होता है यही वह समय होता है जब भोग करने से प्रेग्नेंसी के चांस बढ़ जाते हैं।
2. ओवुलेशन का समय
महिलाओं में हर महीने मासिक होता है. जिसका चक्र 28 दिन पर दोहराता है और लगभग 4 दिन रजोनिवृत्ति होती है. उसके बाद अगले 5 से 6 दिन और ओवुलेशन का समय होता है. यह समय फर्टाइल विंडो का समय होता है। महिला में यह समय अभी लेट होने से 2 या 3 दिन पहले शुरू होता है और यही वह समय होता है, जब एक महिला के लिए गर्भधारण का उचित अवसर होता है. रजोधर्म होने के बाद ओवुलेशन का समय होता है, तो नियमित रूप से भोग की क्रिया से गुजरने पर गर्भधारण की क्षमता अधिक होती है.
क्योंकि इस दौरान स्त्री के गर्भाशय से अंडाणु का उत्सर्जन होता है जो फेलोपियन ट्यूब से होता हुआ नीचे आता है जहां पर लगभग 12 से 24 घंटे तक रहता है इसी दौरान यदि हम भोग करते हैं तो पुरुष के द्वारा स्पर्म अंडाणु तक पहुंच जाता है और उसे फर्टिलाइज करके गर्व की क्षमता को बढ़ा देता है। सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर और विशेषज्ञों का मानना है कि जो महिला लगभग हर दूसरे दिन भोग करती है उसने कंसीव करने की संभावनाएं अधिक होती है सभी महिलाओं में पीरियड का समय अलग-अलग होता है तथा ओवुलेशन भी उसके पीरियड के अनुसार ही होता है.
ऐसे में जब भी पीरियड के बाद ओवुलेशन समय आता है तो लगभग प्रतिदिन बच्चे पैदा करने के लिए भोग करना चाहिए यदि प्रतिदिन संभव ना हो सके तो दूसरे दिन अवश्य करना चाहिए जिससे गर्भधारण की संभावना अधिक रहती है। महिला और पुरुष दोनों को ओवुलेशन समूह पर ध्यान देना चाहिए. क्योंकि पीरियड खत्म होने के बाद अगले 5 से 6 दिन तक ओवुलेशन समय होता है और इसी दौरान अंडाणु निषेचन करके गर्भ धारण कर सकती हैं।
बच्चे ना पैदा होने के कारण | Bache na paida hone ke karan
दोस्तों अब हम आइए आपको बच्चा ना पैदा होने के कारण के बारे में बताएंगे क्योंकि जब किसी भी नव दंपति को कई वर्ष तक बच्चे नहीं प्राप्त होते हैं तो कुछ कारण इस प्रकार से हो सकते हैं
1. महिला में अंडाणु का ना बनना
कई बार महिलाओं में देखा गया है कि मासिक सही समय से आता है और उनके अंदर पीरियड आने के बाद ओवुलेशन सही से नहीं हो पाता है, जिसकी वजह से गर्भधारण नहीं हो पाता है. ऐसे में महिलाओं की जांच करना अनिवार्य होता है. जिसके लिए आप मेडिकल का सहारा ले सकते हैं. क्योंकि मेडिकल रिसर्च ही सही से इसका निदान कर पाते हैं.
2. मासिक में उतार-चढ़ाव
कई बार महिलाओं में मासिक के उतार-चढ़ाव के के कारण भी गर्भधारण करने में दिक्कत आती है, कुछ महिलाओं में शारीरिक कमजोरी या अन्य कई दिक्कतों की वजह से मासिक समय से पहले या समय के बाद प्रारंभ होता है. जिसकी वजह से अंडाणु सही से विकसित नहीं हो पाते हैं और गर्भधारण नहीं हो पाता है.
जिस प्रकार से महिलाओं में शुक्राणुओं की गुणवत्ता में कमी होती है उसी प्रकार से पुरुषों के शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता में कमी हो सकती है जो महिला के अंदर गर्भधारण को बाधित करता है. माना जाता है कि यदि पुरुष में 20,00,000 से कम शुक्राणुओं का उत्पादन एक बार में होता है, तो महिला में प्रेग्नेंसी के चांस नहीं रहते हैं. ऐसे में पुरुषों को अपने शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता की जांच कराना अनिवार्य होता है.
4. नशीली दवाओं का सेवन
बहुत सी महिलाएं और पुरुष नशा की आधी होती हैं. जिसकी वजह से गर्भधारण करने में समस्याएं उत्पन्न होती हैं, कुछ महिलाएं बीड़ी, सिगरेट, पान मसाला आदि का सेवन करती हैं. जिसकी वजह से गर्भाशय पर असर पड़ता है. इसीलिए कई बार गर्भधारण करने के बावजूद भी गर्भपात हो जाता है. इस तरह की समस्याएं महिलाओं को बच्चा पैदा करने में दिक्कत करती हैं.
5. गर्भाशय का छोटा होना
बहुत सी महिलाओं में गर्भाशय का मुंह छोटा होता है. जिसकी वजह से भी गर्भधारण नहीं हो पाता है. ऐसे में बच्चा होने में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. इन सभी समस्याओं में गर्भाशय का मुंह छोटा होना भी बच्चे ना पैदा होने का कारण बनता है.
6. मोटापा या शारीरिक कमजोरी
बहुत सी महिलाओं में मोटापा अधिक हो जाने के कारण भी गर्भधारण करने में समस्याएं उत्पन्न होती हैं. इसके अलावा यदि महिलाएं शारीरिक रूप से कमजोर होती हैं. तब भी गर्भधारण करने में समस्याएं आती हैं.
निष्कर्ष
बच्चे पैदा करने के लिए कितनी बार करना चाहिए जिसको बच्चा पैदा करने के लिए कितनी बार करने से कोई मतलब नहीं है बल्कि उपरोक्त कारण यदि आपके अंदर हैं तो गर्भधारण नहीं हो सकता है आप बच्चा पैदा करने के लिए चाहे जितनी बार करें. दूसरी तरफ हम महिला के साथ भोग कितनी बार भी करें यह आवश्यक नहीं है कि आवश्यकता से अधिक बार भोग करने से बच्चे का जन्म हो सकता है बल्कि उचित और सही समय पर ही भोग करने से बच्चे पैदा हो सकते हैं.