बिना माला के जाप कैसे करें bina mala ke mantra jaap kaise kare : हेलो दोस्तों आज हम आप सभी को इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे बिना माला के जाप कैसे करें क्योंकि शास्त्रों के अनुसार माना गया है ईश्वर को प्रसन्न करने और किसी भी प्रकार के संकट को दूर करने के लिए मंत्रों का जाप इंसान के लिए काफी ज्यादा लाभदायक होता है.
और मंत्र जाप करने के लिए लिए मंत्र संख्या गिनना काफी महत्वपूर्ण होती है क्योंकि शास्त्रों में कहा गया है कि बिना गिने मंत्रों के जाप को आसुरी जाप कहते हैं जो शुभ फल नहीं देता है इसीलिए जाप करने के लिए माला की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है
ऐसे में अगर आपके पास किसी कारण की वजह से मंत्र जाप करने वाली माला उपलब्ध नहीं है तो आज हम आपको इस आर्टिकल में बिना माला के मंत्र जाप करने के लिए बेहतर तरीका बताएंगे जिसके माध्यम से बिना माला के आसानी से जाप करके ईश्वर को प्रसन्न किया जा सकता है
क्योंकि उज्जैन के ज्योतिषाचार्य मनीष शर्मा का कहना है यदि मंत्र जाप के लिए किसी भी कारण से माला उपलब्ध ना हो तो एक बहुत ही आसन विधि से निश्चित संख्या में मंत्र जाप किया जाता है जिसे करमाला कहां जाता है इसलिए आज हम आप सभी लोगों को करमाला के माध्यम से मंत्र जाप करने की पूरी प्रक्रिया बताएंगे
- 1. बिना माला के जाप कैसे करें ? | Bina mala ke mantra jaap kaise kare ?
- 1.1. करमाला के अनुसार मंत्र जाप करने का तरीका
- 2. शास्त्रों के अनुसार जाप करते समय मंत्रों की संख्या कितनी होनी चाहिए ?
- 3. जाप कितने प्रकार का होता है ?
- 4. मंत्र जाप करने के लिए आसन लगाना क्यों जरूरी होता है ?
- 5. आसन से जुड़े कुछ नियम
- 6. मंत्र जाप करने के फायदे | Mantra jaap ke fayde
- 6.1. 1. देवताओं से जुड़ जाता है संबंध
- 6.2. 2. नियमित मंत्र जाप शरीर को सक्रिय करते हैं
- 6.3. 3. दुख और मन की निराशा को दूर करें
- 6.4. 4. बुद्धि का विकास होने लगता है
- 6.5. 5. ईश्वर से मिलने की अपेक्षा बढ़ जाती है.
- 7. FAQ : बिना माला के जाप कैसे करें
- 7.1. मंत्र जाप में आसन का क्या महत्व है ?
- 7.2. मंत्र जाप करने से क्या लाभ होते हैं ?
- 7.3. मंत्र जाप की संख्या कितनी होती है ?
- 8. निष्कर्ष
बिना माला के जाप कैसे करें ? | Bina mala ke mantra jaap kaise kare ?
अगर आपके पास मंत्र जाप करने के लिए माला उपलब्ध नहीं है तो इस दौरान आप करमाला यानी उंगलियों पर मंत्रों की गिनती करके मंत्र जाप कर सकते हैं इसीलिए आइए जानते हैं कि करमाला के माध्यम से किस प्रकार मंत्र जाप किया जाता है
करमाला के अनुसार मंत्र जाप करने का तरीका
- इस प्रक्रिया में आपको अपने दाएं हाथ की अनामिका अंगुली यानी कि मिडल फिंगर उंगली के बीच के पुरुओ से होते हुए कनिष्ठ उंगली यानी लिटिल फिंगर के पुरुओ से होती हुई तर्जनी उंगली के फिंगर के मूल तक के 10 पुरुओ को गिन कर मंत्र जाप करें.
- अपनी अनामिका अंगुली यानी कि मिडिल फिंगर के बीच के दो पुरुओ को माला समझ कर मंत्रों का जाप करके गिनती को पार करें.
- फिर दाएं हाथ अनामिका उंगली के माध्यम से यानी कि मिडिल फिंगर के बीच के पुरुओ से दत्त मंत्र का जाप करते हुए मंत्र जाप की संख्या गिने.
- जब आप दाएं हाथ के साथ-साथ बाएं हाथ से मंत्रों के जाप करेंगे तो 10 बार गिनने पर मंत्रों की 100 संख्या पूरी हो जाएगा.
- इस तरह से आप आखरी के बचे हुए 8 मंत्र को दाएं हाथ उसी तरह से अनामिका उंगली के माध्यम से मध्य भाग से गिनती शुरू करें और फिर बच्चे हुए शेष 8 मंत्रों का जाप पूरा करें इस प्रकार से आप बिना माला के 108 मंत्र का जाप आसानी से कर सकते हैं.
शास्त्रों के अनुसार जाप करते समय मंत्रों की संख्या कितनी होनी चाहिए ?
शास्त्रों के अनुसार बताया गया है कि जब भी कोई व्यक्ति जाप करने के लिए बढ़ता है तो उसे एक बार में आसन लगाने पर 108 मंत्र बार मंत्र जाप करना आवश्यक होता है
जाप कितने प्रकार का होता है ?
जब करने के कई प्रकार बताए गए हैं जिनमें से कर्मयोग, भक्तियोग, ज्ञान योग, राजयोग, इन सबको प्रमुख माना जाता है इसके अलावा जबकि अन्य प्रकार कुछ इस प्रकार के हैं
- नित्य जप
- नैमित्तिक जप
- काम्य जप
- निषिद्ध जप
- प्रायश्चित जप
- अचल जप
- चल जप
- वाचिक जप
- उपांशु जप
- भ्रमर जप
- मानस जप
- अखंड जप
- अजपा जप और प्रदक्षिणा जप इत्यादि।
अगर आप हमारे द्वारा बताए गए ऊपर के 4 मंत्र जाप को करते हैं तो आपको इन 14 प्रकार के मंत्र जाप के लाभ प्राप्त हो जाएंगे क्योंकि यह उन्हीं के रूप में.
मंत्र जाप करने के लिए आसन लगाना क्यों जरूरी होता है ?
शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि जब भी कोई पूजा या फिर मंत्र जाप किया जाता है तो हमारे शरीर में एनर्जी का होना बहुत ज्यादा जरूरी होता है ऐसे में अगर आप आसन लगाकर मंत्र का जाप करेंगे तो आपके शरीर में एनर्जी बनी रहेगी.
इसी के विपरीत अगर आप किसी प्रकार के मंत्र जाप करने के लिए आसन का प्रयोग नहीं करेंगे तो जमीन के द्वारा आपके एनर्जी अवशोषित कर ली जाती है जिसके माध्यम से आप अपने मंत्र जाप को पूरा नहीं कर पाएंगे इसलिए मंत्र के लिए आसन बेहद आवश्यक होता है.
आसन से जुड़े कुछ नियम
आसन लगाने के कुछ नियम बनाए गए हैं इसलिए आपको आसन लगाने से पहले उन नियमों की जानकारी होना आवश्यक है :
- जब भी आप मंत्र जाप करने के लिए आसन का स्थान चुने तो इसके लिए आप एक बात याद रखें कि आप दूसरे व्यक्ति की द्वारा मंत्र जाप की गई जगह पर ना बैठे.
- आसन के लिए आप सफेद रंग के चादर का ही इस्तेमाल करें.
- पूरे 108 बार मंत्रों का जाप करके ही आसन से उठे बीच में आप आसन को नहीं छोड़ सकते अगर आप आसन को बीच में छोड़ देंगे तो आपको मंत्र जाप करने का कोई लाभ नहीं मिलेगा.
- मंत्र जाप करने के बाद आसन से तुरंत ही ना उठ जाए इसके लिए आप आसन को प्रणाम करें और और आसन वाली जगह पर थोड़ा जल अर्पण कर दे.
- उसके बाद भी आप सभी देवी देवताओं का ध्यान करें फिर आसन से उठ जाए और फिर आसन के लिए बिछाई गई चादर को सही तरीके से उठाकर स्वच्छ स्थान पर रख दे.
मंत्र जाप करने के फायदे | Mantra jaap ke fayde
अगर कोई व्यक्ति ईश्वर पर पूरी श्रद्धा पूर्वक मंत्र जाप करता है तो इससे उसे कई प्रकार के चमत्कारी फायदे प्राप्त होते हैं जो इस प्रकार से दर्शाया जा सकते हैं
1. देवताओं से जुड़ जाता है संबंध
वेद पुराणों के अनुसार माना गया है कि अगर कोई व्यक्ति सच्चे मन से नियमित रूप से किसी देवता के प्रति मंत्र जाप करता है तो उसका संबंध सीधा ईश्वर से जुड़ जाता है जिससे उसके अंदर सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है और नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाती है
2. नियमित मंत्र जाप शरीर को सक्रिय करते हैं
कई वैज्ञानिक अध्ययनों के मुताबिक पता चला है कि जो व्यक्ति नियमित रूप से आसन लगाकर मंत्र जाप करता है तो इससे उसके शरीर में ध्वनि तरंग उत्पन्न होती है जिससे उस व्यक्ति का पूरा शरीर सूक्ष्म शरीर से सक्रिय शरीर में परिवर्तित होता है और शरीर में रक्त संचार भी अच्छे से बना रहता है
3. दुख और मन की निराशा को दूर करें
वेद पुराणों के अनुसार माना गया है कि जब कोई व्यक्ति किसी संकट या दुख में पड़ जाता है तो ऐसे समय में उसके अंदर नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करने लगती है अगर ऐसी स्थिति में वह व्यक्ति सच्चे मन से आसन लगाकर मंत्रों का जाप करता है तो इससे वह उस संकट से छुटकारा पा जाता है और उसके अंदर नकारात्मक ऊर्जा की जगह सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करके संघर्ष से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं
4. बुद्धि का विकास होने लगता है
अगर कोई व्यक्ति नियमित रूप से अपनी राशि के हिसाब से आसन लगाकर मंत्रों का जाप करता है तो उसकी बुद्धि का बहुत तेजी से विकास होता है और फिर उसके अंदर कभी नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं करती हैं जिससे उसके जीवन में हमेशा सुख शांति बनी रहती है
5. ईश्वर से मिलने की अपेक्षा बढ़ जाती है.
कई प्रकार के रिसर्च और वेद पुराणों के अनुसार माना गया है कि अगर कोई व्यक्ति सच्चे मन से आसन लगाकर वेद मंत्र का जाप करता है तो इनसे उस व्यक्ति का संबंध सीधा ईश्वर से जुड़ जाता है जिसकी वजह से उस इंसान को कई प्रकार की सिद्धियां प्राप्त हो जाती हैं और फिर उसे मृत्यु के बाद सीधा असर से मिलने की अपेक्षा हो जाती है
FAQ : बिना माला के जाप कैसे करें
मंत्र जाप में आसन का क्या महत्व है ?
मंत्र जाप करने से क्या लाभ होते हैं ?
मंत्र जाप की संख्या कितनी होती है ?
निष्कर्ष
दोस्तों जैसा कि आज हमने आप सभी लोगों को इस आर्टिकल के माध्यम से बिना माला के मंत्र जाप कैसे करें इसके बारे में बताया है अगर आपने हमारे आर्टिकल को शुरू से अंत तक पढ़ा होगा तो आपको बिना माला के मंत्र जाप करने के विषय में पूरी जानकारी प्राप्त हो गई होगी तो दोस्त हम उम्मीद करते हैं आपको हमारे द्वारा बताई गई जानकारी बेहतर लगी होगी और आपको हमारा लेख पसंद आया होगा