संपूर्ण धनतेरस पूजा विधि-विधान ,मंत्र ,पूजा सामग्री लिस्ट एवं लाभ | dhanteras pooja vidhi

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धनतेरस पूजा विधि | Dhanteras pooja vidhi : हमारे हिंदू धर्म में जितने भी त्यौहार होते हैं वह सभी बहुत ही महत्वपूर्ण माने जाते हैं उसी प्रकार भारत के सभी बड़े त्यौहार दीपावली की शुरुआत धनतेरस से होती है जैसा कि धनतेरस नाम सुनते ही पता चल रहा होगा कि यह त्यौहार धन से संबंधित है धनतेरस के त्यौहार पर सुख संपत्ति और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है धनतेरस की पूजा से संबंधित कुछ ऐसी कथाएं हैं जो बहुत ही प्रसिद्ध है.

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धनतेरस का त्यौहार बहुत ही प्रमुखता रूप से मनाया जाता है खास तौर पर इस दिन नए वस्त्र , आभूषण और बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है धनतेरस वाले दिन माता लक्ष्मी के साथ साथ धन्वंतरि, मृत्यु के देवता यमराज धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है। धनतेरस का त्यौहार कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है.

इसीलिए आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से dhanteras pooja vidhi के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे और उसी के साथ धनतेरस पूजा के लाभ धनतेरस की पूजा क्यों की जाती है और धनतेरस की पूजा में कौन कौन से मंत्र का प्रयोग किया जाता है इन सभी विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे अगर आप लोग हमारे द्वारा दी गई जानकारी को प्राप्त करना चाहते हैं और विधि विधान पूर्वक धनतेरस की पूजा करना चाहते हैं.

तो आप हमारे इस लेख को अंत ताकि आप लोगों को इन सभी विषयों के बारे में जानकारी अवश्य प्राप्त हो। आप अपने घर पर धनतेरस की पूजा करके माता लक्ष्मी , कुबेर देवता आदि देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।

धनतेरस पूजा क्यों की जाती है ? | Dhanteras Puja Kyon Ki Jaati Hai ?

भारत देश में धनतेरस दीपावली का त्यौहार बहुत ही शुभ तरीके से मनाया जाता है धनतेरस का त्यौहार कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है यह दिन सभी व्यक्तियों के लिए बहुत ही शुभ होता है इस दिन आप कुबेर देवता , माता लक्ष्मी , यमराज अन्य देवताओं की पूजा करके आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और उसके साथ सौभाग्य में 13 गुना ज्यादा वृद्धि कर सकते हैं।

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धनतेरस वाले दिन खासतौर पर नए वस्त्र ज्वेलरी , बर्तन , झाडू आदि प्रकार की सामग्री खरीदी जाती है। धनतेरस पूजा का त्यौहार निश्चित तारीख पर नहीं होता है लेकिन धनतेरस का त्यौहार नवंबर के महीने में अधिकतर होता है धनतेरस त्यौहार के पीछे एक ऐसी कहानी बताई जाती है जैसे कि देवताओं और दानवों द्वारा समुद्र मंथन किया गया था जिस समुद्र मंथन से धन्वंतरि जी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे यही वजह है.

कि इस दिन धन्वंतरि त्रयोदशी के नाम से जाना जाता है हिंदू धर्म के लोगों के लिए यह त्यौहार बहुत ही खास होता है इस दिन अधिकतर लोग बर्तन नए वस्त्र , ज्वेलरी आदि प्रकार की सामग्री खरीदते हैं और शाम के समय माता लक्ष्मी , कुबेर की पूजा करते हैं और उस पूजा में लाई गई नई सामग्री अवश्य रखते हैं।

धनतेरस पूजा सामग्री | Dhanteras Puja samagri

  1. धनतेरस की पूजा में विभिन्न प्रकार की सामग्री की आवश्यकता होती है जो कि निम्न प्रकार से है।
  2. धनतेरस की पूजा में माता लक्ष्मी और गणेश के साथ कुबेर भगवान की मूर्ति की स्थापना चौकी के ऊपर करें।
  3. एक लाल कपड़े की आवश्यकता होती है जो चौकी के ऊपर बिछाई जाती है।
  4. एक पूजा की थाली
  5. मिट्टी का एक दीपक
  6. रोली
  7. मोली
  8. चावल
  9. पंचामृत जिसमें दूध , दही , घी , शहद
  10. फूल और फूल माला आदि चीजों की आवश्यकता होती है।
  11. सुपारी
  12. पान के पत्ते
  13. साबुत धनिया
  14. साबुत हल्दी
  15. मिठाई
  16. कपूर
  17. आम के पत्ते
  18. चन्दन
  19. धुप

धनतेरस पर पूजा करते समय करें इन मंत्रों का जाप

धनतेरस पूजा करते समय विभिन्न प्रकार के मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है अगर आप मंत्रों के जाप के साथ धनतेरस की पूजा करते हैं तो आपके धनतेरस की पूजा सफल हो जाती है।

1. माता लक्ष्मी का मंत्र

20 नाखून कछुआ की कीमत

* ओम् महालक्ष्म्यै नमो नम:

विष्णुप्रियायै नमो नम:
धनप्रदायै नमो नम:
विश्वजनन्यै नमो नम:
* श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
* ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमो नम:

* लक्ष्मी नारायण नम:

2. भगवान कुबेर का मंत्र

* ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं में देहि दापय।।

* ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः ।।

* ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः ।।

3. भगवान धन्वन्तरि का मंत्र

* ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवा य धन्वंतराये:

अमृतकलश हस्ताय सर्वभय विनाशाय सर्वरोगनिवारणाय ।

त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप

श्री धन्वंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः ।।

* ॐ धन्वंतरये नमः ।।

धनतेरस पूजा विधि | Dhanteras pooja vidhi

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  1. धनतेरस की पूजा दीपावली के 1 दिन पहले या फिर दीपावली के 1 दिन बाद होती है।
  2. धनतेरस की पूजा वाले दिन घर की साफ सफाई करें और सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत होने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  3. उसके पश्चात धनतेरस की पूजा के लिए पंचोपचार विधि से देवता धनवंतरि की पूजा करें।
  4. उसके पश्चात पंचोपचार विधि के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करे।
  5. पूजा करते समय कुबेर और माता लक्ष्मी के चित्र को या फिर मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं।
  6. उसके पश्चात माता लक्ष्मी गणेश और कुबेर के सामने सुगंधित पुष्प अर्पित करें और उसके साथ धूप दीप जलाकर कुबेर और लक्ष्मी एवं गणेश का ध्यान करें।
  7. उसके पश्चात श्री सुक्त का पाठ करें और कुबेर भगवान के किसी भी मंत्र का 108 बार मंथन करें।
  8. धनतेरस की पूजा में चांदी का सिक्का या फिर घर में रखी किसी सोने या चांदी के गहने को अवश्य रखें या फिर धनतेरस के दिन खरीदा हुआ बर्तन उस पूजा में अवश्य रखें।
  9. उसके बाद धनवंतरि और मां लक्ष्मी की आरती करें.
  10. उसके बाद शाम के समय अपने घर के मुख्य द्वार पर एक दीपक जला कर रखें।

धनतेरस पर क्या-क्या खरीदें ? | Dhanteras par kya – kya kharide ?

धनतेरस की पूजा पूरे भारत में मनाई जाती है धनतेरस वाले दिन नए वस्त्र , नई ज्वेलरी और नए बर्तन खरीदे जाते हैं। धनतेरस त्यौहार वाले दिन सोने चांदी से बनी किसी भी चीज को खरीद सकते हैं अगर आप में से कोई भी व्यक्ति धनतेरस की पूजा वाले दिन लक्ष्मी और गणेश की चांदी की मूर्ति को अपने घर में लाकर उसकी पूजा करके स्थापित करता है तो उसे धन प्राप्ति अर्थात सफलता में उन्नति प्राप्त होती है।

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शास्त्रों के मुताबिक धनतेरस की पूजा की कई ऐसी कहानियां बताई गई हैं जिनमें से एक कहानी हमने आपको बताई है अगर आप हमारे इस लेख को ध्यान से पढ़ते हैं तो आपको धनतेरस से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त होंगी धनतेरस की पूजा वाले दिन खासतौर पर झाड़ू , बर्तन , चांदी से बनी वस्तुएं आदि सामग्री अवश्य खरीदी जाती हैं।

लक्ष्मी कुबेर और धन्वंतरि जी की धनतेरस पर पूजा क्यों होती है ?

धनतेरस की पूजा हमारे भारत में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाई जाती है धनतेरस की पूजा वाले दिन हमारे हिंदू धर्म में लक्ष्मी कुबेर और गणेश के साथ धन्वंतरि की पूजा की जाती है धनतेरस की पूजा के पीछे कुछ ऐसी कहानियां बताइए गई है जैसे कि कहा गया है कि समुद्र मंथन से धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे इसी की वजह से इस दिन को धनतेरस कहा जाता है यह सोच रहे होंगे कि धनतेरस की पूजा में धन्वंतरि की पूजा तो होती ही है.

लेकिन इसमें गणेश कुबेर और लक्ष्मी की पूजा क्यों की जाती है कहा गया है कि देवी लक्ष्मी समुद्र मंथन से ही प्रकट हुई थी इसीलिए लक्ष्मी के साथ गणेश की पूजा अवश्य की जाती है और गणेश के साथ कुबेर भगवान की पूजा अवश्य करनी चाहिए धनतेरस की पूजा में धोत्री की पूजा विशेष लाभदायक होती है उसके पश्चात इस पूजा में यम देव की पूजा भी की जाती है.

लक्ष्मी

ऐसा कहा गया है कि अगर किसी भी व्यक्ति के घर में अकाल मृत्यु का भय होता है तो ऐसे में धनतेरस की पूजा वाले दिन यम देव की पूजा करने से घर से अकाल मृत्यु का भय दूर हो जाता है। उसके पश्चात जैन धर्म में धनतेरस को धन्य तेरस या फिर ध्यान तेरस के रूप में मनाया जाता है ऐसा कहा गया है कि भगवान महावीर इस दिन तीसरे और चौथे ध्यान में जाने के कारण योग्य निरोध के लिए चले गए थे.

3 दिन के ध्यान के बाद यह दीपावली वाले दिन मोक्ष को प्राप्त हुए इसीलिए धनतेरस को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रुप में मनाया जाता है धनतेरस की पूजा का विशेष महत्व है हमारे पूरे भारत में धनतेरस की पूजा हिंदू धर्म के हर जाति में मनाई जाती है।

धनतेरस पूजा के लाभ | Dhanteras Puja ke Labh

वैसे तो आप लोग सोच रहे होंगे कि धनतेरस का मतलब धन से जुड़ा ही हो सकता है आप को धनतेरस का एक ही लाभ दिखाई दे रहा होगा कि इससे धन लाभ हो सकता है लेकिन हम आपको बता दें कि धनतेरस एक ऐसा त्यौहार है जिससे कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं इसीलिए आज हम आपको नीचे विस्तार से धनतेरस के लाभ के बारे में बताएंगे।

  1. अगर आप में से कोई भी व्यक्ति विधि विधान पूर्वक धनतेरस की पूजा करता है तो उसे स्वास्थ्य लाभ यानी कि रोग और दोष से छुटकारा मिल जाता है।
  2. इसके अलावा अगर कोई भी व्यक्ति धनतेरस की पूजा में यमदेव के लिए दीप दान करता है तो उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है और उसकी आयु दीर्घ हो जाती है।
  3. उसके पश्चात धनतेरस की पूजा में माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और इनकी पूजा करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है और घर में खुशहाली आती रहती है।
  4. धनतेरस की पूजा में कुबेर देवता की पूजा की जाती है कुबेर देवता की पूजा करने से व्यापार और धन में वृद्धि होती है।
  5. गणेश भगवान को हमारे हिंदू धर्म में विघ्नहर्ता के रूप में पूजा जाता है ऐसा कहा जाता है कि भगवान गणेश सभी प्रकार की बाधाएं दूर कर देते हैं इसीलिए धनतेरस की पूजा में गणेश भगवान की पूजा करने से सर्व कार्य सिद्धि का वरदान प्राप्त होता है और सफलता भी प्राप्त होती है।

FAQ : dhanteras pooja vidhi

धनतेरस पर हमें कितने दीये जलाने चाहिए ?

अगर आप में से कोई भी व्यक्ति या जानना चाहता है कि धनतेरस की पूजा में कितने दिए जलाना चाहिए तो हम आपको बता दें कि अगर आपका पूरा परिवार धनतेरस की पूजा में मौजूद है तो आपको तेरा मिट्टी के दीपक जलाने चाहिए और उन सभी दीपक को अपने घर के बाहर जहां पर भी आप कूड़ा फेंकते हैं वहां पर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके वह सारे दीपक रखा दे।

धनतेरस के दिन दीपक कैसे जलाएं ?

धनतेरस की पूजा में दीपक जलाना बहुत ही आसान है ऐसी मान्यता है कि धनतेरस की पूजा में यम के नाम से दीपदान किया जाता है और उसके साथ यमराज के लिए आटे का चौमुखी दीपक जलाकर घर के मुख्य द्वार पर रखना चाहिए वह दीपक बुझने ना दें।

धनतेरस का दिया कैसे जलाते हैं ?

साथिया जानना चाहते हैं कि धनतेरस का दीपक कैसे जलाया जाता है तो हम आपको बता दें कि धनतेरस का दीपक जलाने के लिए घर के मुख्य द्वार पर जाएं और चौमुखी दीपक जलाकर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके दीपक को जलाकर रख दें और उसी दक्षिण दिशा की ओर मुख करके इस मंत्र का जाप करें। 'मृत्युनां दण्डपाशाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम्' ।

निष्कर्ष

दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम dhanteras pooja vidhi के बारे में बताया इसके अलावा धनतेरस पूजा के लाभ क्या है और धनतेरस की पूजा में कौन कौन से मंत्र का प्रयोग किया जाता है धनतेरस की पूजा क्यों की जाती है आदि विषयों से जुड़ी जानकारी देने की कोशिश की है अगर आपने हमारे इस लेख को ध्यानपूर्वक पड़ा है तो आपको इन सभी विषयों के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी।

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