Ganesh mantra kya hai ? गजानन,लंबोदर,गणपति,उमा सुत, विनायक, विघ्नहर्ता,मंगलकारी आदि नामों से प्रसिद्ध और देवताओं में प्रमुख देवता गणेश जी को सभी देवताओं प्रथम स्थान प्राप्त है तथा इन्हें रिद्धि सिद्धि तथा मंगलकारी शक्तियों का स्वरूप माना जाता है।
गणेश जी की पूजा विशेष रुप से बुधवार के दिन होती है यदि गणेश जी की पूजा विधि विधान से नवरात्रि के दिनों में भी की जाती है तो सभी प्रकार से व्यक्ति को लाभ मिलता है। गणेश जी एक ऐसे देवता हैं जो हर प्रकार के संकट से मुक्त कर देते हैं.
इसीलिए सभी शुभ कार्यों में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है क्योंकि उनके बिना कोई कार्य सफल होना संभव नहीं माना जाता है। सभी प्रकार से विघ्नहर्ता गणेश जी को दूर्वा सिंदूर और लाल पुष्प सबसे प्रिय हैं.
इसीलिए जब भी भगवान गणेश की पूजा आराधना की जाती है तो दूर्वा सिंदूर और लाल पुष्प का होना, जरूरी है इसके साथ ही भगवान गणेश को लड्डू बहुत प्रिय है इसलिए पूजा आराधना करने के बाद लड्डुओं का भोग जरूर लगाएं।
- 1. गणेश जी की पूजा कैसे की जाती है ? Ganesha worshiped
- 2. गणेश जी के मंत्र कौन-कौन से हैं ? mantras of Ganesh ji
- 3. सर्व बाधा हरण मंत्र | all obstacles removal mantra
- 3.1. मंत्र इस प्रकार हैं | Mantras are as follows
- 4. गणेश गायत्री मंत्र | Ganesh Gayatri Mantra
- 4.1. गणेश गायत्री मंत्र इस प्रकार है | Ganesh Gayatri Mantra is as follows
- 5. सर्वकार्य सिद्धी मंत्र | Sarva Karya Siddhi Mantra
- 5.1. मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
- 5.2. मंत्र इस प्रकार है|
- 5.3. मंत्र इस प्रकार है | The mantra is as follows.
- 6. विवाह दोषों को दूर करने के लिए गणेश मंत्र | Ganesh Mantra to remove marriage defects
- 6.1. मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
- 7. कुंडली दोष निवारक मंत्र | Kundali Dosh Nirbhak Mantra
- 7.1. मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
- 8. शुभ कार्य के लिए मंत्र | mantra for good work
- 8.1. मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
- 9. बिगड़े काम बनाने के लिए मंत्र | Mantra to make bad work
- 9.1. मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
- 10. बुद्धि प्रदान मंत्र | Wisdom Grant Mantra
- 10.1. मंत्र इस प्रकार हैं | Mantras are as follows
- 11. विघ्न विनाशक और मंगलकारी मंत्र | Destroyer of obstacles and auspicious mantra
- 11.1. मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
- 12. भगवान गणेश को दीप दर्शन मंत्र | Deep Darshan Mantra to Lord Ganesha
- 12.1. मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
- 13. गणेश जी का सिंदूर अर्पण मंत्र | vermilion offering mantra of ganesh ji
- 13.1. मंत्र इस प्रकार हैं | Mantras are as follows
- 14. नैवेद्य समर्पण मंत्र | Naivedya Surrender Mantra
- 14.1. मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
- 15. पूजा के समय पुष्पमाला अर्पण मंत्र | Mantra to offer flowers at the time of worship
- 15.1. मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
- 16. यज्ञोपवीत समर्पण मंत्र | Yagyopaveet Surrender Mantra
- 16.1. मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
- 17. आसन समर्पण मंत्र | Asana Surrender Mantra
- 17.1. मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
- 18. आवाहन मंत्र | invocation mantra
- 18.1. मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
- 19. प्रातः काल भगवान श्री गणेश जी का स्मरण मंत्र | Remembrance mantra of Lord Shri Ganesh ji in the morning
- 19.1. मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
- 20. भगवान गणेश जी का ध्यान मंत्र | Meditation Mantra of Lord Ganesha
- 21. श्री गणेश चालीसा क्या है ? What is Shri Ganesh Chalisa?
- 21.1. दोहा
- 21.2. चौपाई
- 21.3. दोहा
गणेश जी की पूजा कैसे की जाती है ? Ganesha worshiped
हिंदू धर्म में पूजा और उससे जुड़े नियमों को ध्यान में रखकर भगवान गणेश की पूजा आराधना बुधवार के दिन की जाती है इसके अलावा भगवान गणेश की पूजा नवरात्रि के दिनों में भी किया जा सकता है।
बुधवार के दिन विघ्न विनाशक गणेश जी की पूजा करने के लिए गणेश जी के मंत्रों के साथआवाहन किया जाता है श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करके मंत्र उच्चारण किया जाता है गणेश जी की पूजा अर्चना करने से सभी प्रकार की समस्याओं से निजात मिलता है।
गणेश जी की पूजा सभी प्रकार की कामनाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है गणेश जी की पूजा के लिए दूर्वा सिंदूर और लाल पुष्प लेकर पूजा करें और लड्डुओं का भोग लगाएं
गणेश जी की पूजा हमेशा गणेश जी के मंत्रों से करी जाती है और पूजा करते समय इनके हाथ या सिर पर दूर्वा चढ़ाई जाती है उसके बाद गणेश जी के चालीसा और आरती करके पूजा सफल की जाती है।
गणेश जी के मंत्र कौन-कौन से हैं ? mantras of Ganesh ji
गणेश जी की पूजा करने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए विभिन्न प्रकार के मंत्रों का जाप किया जाता है इसके लिए आप जिस प्रकार की बाधा दूर करना चाहते हैं उस प्रकार का मंत्र जाप करें गणेश जी के विभिन्न प्रकार के विघ्न विनाशक मंत्र इस प्रकार हैं
सर्व बाधा हरण मंत्र | all obstacles removal mantra
सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने के लिए गणेश जी के इस मंत्र का जाप किया जाता है इस मंत्र का जाप करने से पहले गणेश भगवान के सामने धूप दीप को जलाकर मंत्र उच्चारण किया जाता है।
मंत्र इस प्रकार हैं | Mantras are as follows
वनस्पतिरसोद्भूतो गन्धाढ्यो गन्ध उत्तम:। आघ्रेय सर्वदेवानां धूपो यं प्रतिगृह्यताम।।
गणेश जी की उपासना का विशेष मंत्र
गणेश जी की पूजा अर्चना के लिए उनका एक विशेष मंत्र होता है जो सभी प्रकार की विघ्नों को हरता है।
ऊं गणानां त्वा गणपति(गुँ) हवामहे प्रियाणां त्वा प्रियपति(गुँ) हवामहे, निधीनां त्वा निधिपति(गुँ) हवामहे व्वसो मम।
इस मंत्र को बुधवार को सुबह या शाम के वक्त गणेश जी को सिंदूर अक्षत दुर्वा चढ़ाकर और लड्डुओं का भोग लगाकर मंत्र का जाप करते हैं जिससे रिद्धि सिद्धि का स्मरण होता है और जीवन में सुख समृद्धि आती है।
गणेश गायत्री मंत्र | Ganesh Gayatri Mantra
अपनी बाधाओं को दूर करने के लिए गणेश जी के गायत्री मंत्र का भी जाप बुधवार के दिन किया जाता है।
गणेश गायत्री मंत्र इस प्रकार है | Ganesh Gayatri Mantra is as follows
‘ऊँ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुद्धि प्रचोदयात।।
गणेश जी के गायत्री मंत्र का प्रतिदिन श्रद्धा और शांति मंत्र 108 बार जाप करने से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती हैं।
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सर्वकार्य सिद्धी मंत्र | Sarva Karya Siddhi Mantra
सर्व कार्य सिद्धि मंत्र का जाप करने से सभी प्रकार की कामनाएं पूरा हो जाती हैं इसके लिए नीचे दिए गए मंत्र का जाप प्रतिदिन करें।
मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
‘ॐ गं गणपतये नमः’
धन व आत्मबल के लिए मंत्र
धन और आत्म बल प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को गणेश जी के इस मंत्र का जाप प्रतिदिन करना चाहिए।
मंत्र इस प्रकार है|
|’ॐ गं नमः।।
रोजगार के लिए लक्ष्मी गणेश मंत्र
व्यक्ति अपने रोजगार को बढ़ाने के लिए रोजगार लक्ष्मी मंत्र का जाप प्रतिदिन करता है रोजगार में उन्नति होती है।
मंत्र इस प्रकार है | The mantra is as follows.
ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये
वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
विवाह दोषों को दूर करने के लिए गणेश मंत्र | Ganesh Mantra to remove marriage defects
दिवाली यदि कोई दोष है तो उसे दूर करने के लिए विवाह दोष निवारक गणेश मंत्र का जाप करें
मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
कुंडली दोष निवारक मंत्र | Kundali Dosh Nirbhak Mantra
यदि किसी भी जातक की कुंडली में किसी प्रकार का ग्रह दोष है तो उपरोक्त मंत्र को 11 बार जाप करने से कुंडली दोष समाप्त हो जाता है इस मंत्र को भगवान गणेश के सामने बैठकर जाप किया जाता है।
मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।’
शुभ कार्य के लिए मंत्र | mantra for good work
जब हम किसी प्रकार का शुभ कार्य करते हैं तो गणेश जी को प्रथम याद करते हैं ऐसे में भगवान गणेश का यह मंत्र सरल और प्रभावशाली है इस मंत्र का जाप करने से शुभ कार्य में कोई बाधा नहीं आती है।
मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥.
बिगड़े काम बनाने के लिए मंत्र | Mantra to make bad work
यदि आप कोई भी कार्य करते हैं और कार्य बनते बनते बिगड़ जाता है तो ऐसे में नीचे दिए गए मंत्र का जाप प्रतिदिन 21 बार करें जिससे बिगड़े काम बनना प्रारंभ हो जाते हैं।
मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय।।
नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।।
बुद्धि प्रदान मंत्र | Wisdom Grant Mantra
इस मंत्र का जाप करने से भगवान गणेश व्यक्ति को बुद्धि प्रदान करते हैं जिससे व्यक्ति विद्वान बनता है।
मंत्र इस प्रकार हैं | Mantras are as follows
ऊँ गं गणपतये नमः ।।
विघ्न विनाशक और मंगलकारी मंत्र | Destroyer of obstacles and auspicious mantra
इस मंत्र का नित्य जाप करने से भगवान गणेश हर प्रकार से विघ्नविनाशक बनते हैं और मंगल कार्य करते हैं।
मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित्।
भगवान गणेश को दीप दर्शन मंत्र | Deep Darshan Mantra to Lord Ganesha
भगवान गणेश का दीप दर्शन करने के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है
मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
साज्यं च वर्तिसंयुक्तं वह्निना योजितं मया |
दीपं गृहाण देवेश त्रैलोक्यतिमिरापहम् |
भक्त्या दीपं प्रयच्छामि देवाय परमात्मने |
त्राहि मां निरयाद् घोरद्दीपज्योत
गणेश जी का सिंदूर अर्पण मंत्र | vermilion offering mantra of ganesh ji
सिद्धिविनायक गणेश जी को पूजा के समय सिंदूर अर्पण किया जाता है सिंदूर अर्पण करने के लिए इस ganesh mantra का पाठ किया जाता है।
मंत्र इस प्रकार हैं | Mantras are as follows
सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम् |
शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम् ||
नैवेद्य समर्पण मंत्र | Naivedya Surrender Mantra
नैवेद्य समर्पण करने के लिए भगवान गणेश को इस मंत्र के साथ नैवेद्य अर्पण करना चाहिए।
मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
नैवेद्यं गृह्यतां देव भक्तिं मे ह्यचलां कुरू |
ईप्सितं मे वरं देहि परत्र च परां गरतिम् ||
शर्कराखण्डखाद्यानि दधिक्षीरघृतानि च |
आहारं भक्ष्यभोज्यं च नैवेदनैवेद्यं गृह्यतां देव भक्तिं मे ह्यचलां कुरू |
ईप्सितं मे वरं देहि परत्र च परां गरतिम् ||
शर्कराखण्डखाद्यानि दधिक्षीरघृतानि च |
आहारं भक्ष्यभोज्यं च नैवेद
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पूजा के समय पुष्पमाला अर्पण मंत्र | Mantra to offer flowers at the time of worship
सिद्धिविनायक गणेश जी को पूजा करते समय पुष्पमाला अर्पण करते हैं तो इस मंत्र का जाप करते हुए पुष्प माला अर्पण करें।
मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो |
मयाहृतानि पुष्पाणि गृह्यन्तां पूजनाय भोः ||
यज्ञोपवीत समर्पण मंत्र | Yagyopaveet Surrender Mantra
यदि हम भगवान गणेश की पूजा करते हैं तो उन्हें यगोपवित समर्पण करते हैं यगोपवित समर्पण करते समय इस मंत्र का जाप करें।
मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
नवभिस्तन्तुभिर्युक्तं त्रिगुणं देवतामयम् ||
उपवीतं मया दत्तं गृहाण परमेश्वर ||
आसन समर्पण मंत्र | Asana Surrender Mantra
जब हम भगवान गणेश जी को आसन समर्पित करते हैं तो हमें आसन समर्पण ganesh mantra का जाप करना चाहिए।
मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
नि षु सीड गणपते गणेषु त्वामाहुर्विप्रतमं कवीनाम् |
न ऋते त्वत् क्रियते किंचनारे महामर्कं मघवन्चित्रमर्च ||
आवाहन मंत्र | invocation mantra
गजानन गणेश जी को जब हम पूजा करने से पहले उनका आवाहन करते हैं तो उनके लिए आवाहन ganesh mantra का जाप करना चाहिए।
मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
गणानां त्वा गणपतिं हवामहे
प्रियाणां त्वा प्रियपतिं हवामहे |
निधीनां त्वा निधिपतिं हवामहे वसो ममआहमजानि गर्भधमा त्वमजासि गर्भधम् ||
प्रातः काल भगवान श्री गणेश जी का स्मरण मंत्र | Remembrance mantra of Lord Shri Ganesh ji in the morning
तत्काल भगवान ganesh mantra जी को स्मरण करने के लिए उनके स्मरण मंत्र को जपना चाहिए।
मंत्र इस प्रकार है | the mantra is as follows
प्रातर्नमामि चतुराननवन्द्यमानमिच्छानुकूलमखिलं च वरं ददानम् |
तं तुन्दिलं द्विरसनाधिपयज्ञसूत्रं पुत्रं विलासचतुरं शिवयोः शिवाय ||
भगवान गणेश जी का ध्यान मंत्र | Meditation Mantra of Lord Ganesha
भगवान गणपति गणेश जी का ध्यान मंत्र इस प्रकार है :
खर्व स्थूलतनुं गजेन्द्रवदनं लम्बोदरं सुन्दरं
प्रस्यन्दन्मदगन्धलुब्धमधुपव्यालोलगण्डस्थलम |
दंताघातविदारितारिरूधिरैः सिन्दूरशोभाकरं
वन्दे शलसुतासुतं गणपतिं सिद्धिप्रदं कामदम् ||
श्री गणेश चालीसा क्या है ? What is Shri Ganesh Chalisa?
गजानन गणपति गणेश लंबोदर जैसे नामों से प्रसिद्ध हिंदू धर्म के प्रमुख देवता गणेश जी के चालीसा पाठ से व्यक्ति के जीवन में सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती है और व्यक्ति हर प्रकार से सुख समृद्धि से भरपूर हो जाता है ऐसे में भगवान गणेश जी की चालीसा का पाठ इस प्रकार है।
दोहा
जय गणपति सद्गुण सदन कविवर बदन कृपाल।
विघ्न हरण मंगल करण जय जय गिरिजालाल॥
चौपाई
जय जय जय गणपति राजू। मंगल भरण करण शुभ काजू॥
जय गजबदन सदन सुखदाता। विश्व विनायक बुद्धि विधाता॥
वक्र तुण्ड शुचि शुण्ड सुहावन। तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन॥
राजित मणि मुक्तन उर माला। स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला॥
पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं। मोदक भोग सुगन्धित फूलं॥
सुन्दर पीताम्बर तन साजित। चरण पादुका मुनि मन राजित॥
धनि शिवसुवन षडानन भ्राता। गौरी ललन विश्व-विधाता॥
ऋद्धि सिद्धि तव चँवर डुलावे। मूषक वाहन सोहत द्वारे॥
कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी। अति शुचि पावन मंगल कारी॥
एक समय गिरिराज कुमारी। पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी॥
भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा। तब पहुंच्यो तुम धरि द्विज रूपा।
अतिथि जानि कै गौरी सुखारी। बहु विधि सेवा करी तुम्हारी॥
अति प्रसन्न ह्वै तुम वर दीन्हा। मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा॥
मिलहि पुत्र तुहि बुद्धि विशाला। बिना गर्भ धारण यहि काला॥
गणनायक गुण ज्ञान निधाना। पूजित प्रथम रूप भगवाना॥
अस कहि अन्तर्धान रूप ह्वै। पलना पर बालक स्वरूप ह्वै॥
बनि शिशु रुदन जबहि तुम ठाना। लखि मुख सुख नहिं गौरि समाना॥
सकल मगन सुख मंगल गावहिं। नभ ते सुरन सुमन वर्षावहिं॥
शम्भु उमा बहुदान लुटावहिं। सुर मुनि जन सुत देखन आवहिं॥
लखि अति आनन्द मंगल साजा। देखन भी आए शनि राजा॥
निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं। बालक देखन चाहत नाहीं॥
गिरजा कछु मन भेद बढ़ायो। उत्सव मोर न शनि तुहि भायो॥
कहन लगे शनि मन सकुचाई। का करिहौ शिशु मोहि दिखाई॥
नहिं विश्वास उमा कर भयऊ। शनि सों बालक देखन कह्यऊ॥
पड़तहिं शनि दृग कोण प्रकाशा। बालक शिर उड़ि गयो आकाशा॥
गिरजा गिरीं विकल ह्वै धरणी। सो दुख दशा गयो नहिं वरणी॥
हाहाकार मच्यो कैलाशा। शनि कीन्ह्यों लखि सुत को नाशा॥
तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधाए। काटि चक्र सो गज शिर लाए॥
बालक के धड़ ऊपर धारयो। प्राण मन्त्र पढ़ शंकर डारयो॥
नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे। प्रथम पूज्य बुद्धि निधि वर दीन्हे॥
बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा। पृथ्वी की प्रदक्षिणा लीन्हा॥
चले षडानन भरमि भुलाई। रची बैठ तुम बुद्धि उपाई॥
चरण मातु-पितु के धर लीन्हें। तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें॥
धनि गणेश कहि शिव हिय हरषे। नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे॥
तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई। शेष सहस मुख सकै न गाई॥
मैं मति हीन मलीन दुखारी। करहुँ कौन बिधि विनय तुम्हारी॥
भजत रामसुन्दर प्रभुदासा। लख प्रयाग ककरा दुर्वासा॥
अब प्रभु दया दीन पर कीजै। अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै॥
दोहा
श्री गणेश यह चालीसा पाठ करें धर ध्यान।
नित नव मंगल गृह बसै लहे जगत सन्मान॥
सम्वत् अपन सहस्र दश ऋषि पंचमी दिनेश।
पूरण चालीसा भयो मंगल मूर्ति गणेश॥
गणेश जी को प्रसन्न करने और विभिन्न प्रकार की बाधाओं को दूर करने के लिए गणपति अथर्वशीर्ष, संकटनाशन गणेश स्तोत्र, गणेशकवच, संतान गणपति स्तोत्र, ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र, मयूरेश स्तोत्र, गणेश चालीसा ganesh mantra का पाठ किया जाता है.
जिससे भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति को सुख समृद्धि धन वैभव प्राप्त होता है।