Gayatri mantra kya hai ? ओम भूर्भुव स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात । यह गाय गायत्री मंत्र समस्त हिंदू समाज के लिए एक बहुत बड़ी प्रेरणा great inspiration का सबूत है यह गायत्री मंत्र न सिर्फ मंत्र के रूप में जाना जाता है |
बल्कि इस मंत्र का उपयोग एवं इसके विषय में जानकारी स्कूलों कॉलेजों schools colleges आदि में अभी दी जाती है गायत्री मंत्र एक अत्यंत शक्तिशाली मंत्र powerful mantra है जिसके उच्चारण मात्र से मनुष्य की तमाम परेशानियां दूर हो जाती हैं मनुष्य जब कभी किसी मुसीबत में फंसता है तो उसे भगवान की याद आती है |
ऐसे में फिलहाल यह कहना तो गलत होगा कि आप गायत्री मंत्र Gayatri Mantra का जप मुशीबत में करें ना सिर्फ मुसीबत में बल्कि सदैव भगवान God को याद करें तभी आपको किसी भी प्रकार का कोई मंत्र लाभ दे सकता है |
क्योंकि यदि आप सिर्फ अपने मतलब से ही भगवान को याद करते हैं तो इसका लाभ नहीं बल्कि आपको एक प्रकार से हानि की प्राप्ति होगी | इसलिए आपसे निवेदन है कि अपने जीवन में अपने सभी कामों के साथ-साथ भगवान को भी महत्व दें एवं उसके लिए समय निकाल ले |
गायत्री मंत्र का जप करने के लिए सबसे सही समय जो होता है वह होता है सूर्य उदय से कुछ क्षण पहले | इस समय गायत्री मंत्र का जप शुरू करने के उपरांत जब तक सूर्य निकलता है तब तक उसका जाप करते रहना चाहिए |
जब दोबारा इस मंत्र का जप करने का दिल करे तो आपको दोपहर के समय में भी इस गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए और अंतिम बार दिन में जब दिन ढल जाता है शाम के समय में आपको सूर्यास्त से पहले जप शुरू करना चाहिए |
सूर्य अस्त होने तक जप करना चाहिए | आज हम आपको गायत्री मंत्र के विषय में ऐसी बहुत सी जानकारियां देने वाले हैं जिनसे शायद आप अभी तक अनजान थे ।
- 1. गायत्री मंत्र का हिंदी अर्थ क्या है ? Hindi meaning of Gayatri Mantra
- 2. गायत्री मंत्र की उत्पत्ति कब हुई थी ? Origin of Gayatri Mantra
- 3. गायत्री मंत्र की सच्चाई क्या है ? What is the truth of Gayatri Mantra ?
- 4. गायत्री मंत्र का जाप कैसे किया जाता है ? Gayatri Mantra Chanting
- 5. ब्रम्ह गायत्री मन्त्र के माध्यम से किये जाने वाले उपाय क्या है ? Brahma Gayatri Mantra
- 6. गायत्री मंत्र के मुख्य लाभ क्या है ? Main Benefits of Gayatri Mantra
- 7. गायत्री शब्द का अर्थ क्या है ? Meaning of the word Gayatri
गायत्री मंत्र का हिंदी अर्थ क्या है ? Hindi meaning of Gayatri Mantra
बहुत से लोग गायत्री मंत्र का जप तो अवश्य करते हैं परंतु उन्हें इसका पूरा मतलब समझ नहीं आता है क्योंकि गायत्री मंत्र संस्कृत के शब्दों से बना हुआ है और संस्कृत के शब्द बहुत अधिक कठिन होते हैं |
इसलिए आज हम आपको गायत्री मंत्र का हिंदी मतलब बताने वाले हैं जिसके माध्यम से आप जान सकेंगे कि गायत्री मंत्र का असल मतलब होता क्या है गायत्री मंत्र एक ऐसा मंत्र है जिसके माध्यम से आप किसी भी देवता को खुश कर सकते है |
गायत्री मंत्र तीनों देव ब्रह्मा विष्णु महेश का सारांश मात्र है गायत्री मंत्र में सभी देवों का गुण विद्यमान है वहीं अगर बात की जाए महाभारत की तो महाभारत में श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा था कि गायत्रीछंदशामहम अर्थात इसका हिंदी मतलब होता है गायत्री मंत्र में स्वयं में ही हूं ।
ओम भूर भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेंयं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् ।
ॐ : परब्रह्मा का अभिवाच्य शब्द है
भू ; भूलोक व अंतरिक्ष लोक
स्वतः स्वर्ग लोग परमात्मा अथवा ब्रह्मा
स्वितुः ; ईश्वर और दुनिया बनाए वाला
वरेण्यम ; पूजनीय
भरगः ; न जाने वाला या पाप से निकालने वाला
देवस्य ; ज्ञान का एक स्वरूप भगवान , हम जिसका ध्यान करते हैं ।
धियो ;बुद्धि प्रज्ञा
योनः जो हमें
प्रचोदयात् ; प्रकाशित करें ।
अर्थात हम इस जिस भगवान की महिमा का बहुत अधिक ध्यान करते हैं भगवान जिसने इस पूर्ण समस्त संसार को उत्पन्न किया है वह अत्यंत पूजनीय एवं पूजा योग्य है जो ज्ञान का बहुत बड़ा भंडार है |
वह हमारे पापों एवं हमारी अज्ञानता को दूर करने वालों में है वह हमें प्रकाश दिखाएं एवं सही रास्ते पर ले जाएं इस बात की प्रार्थना करना ही गायत्री मंत्र है ।
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गायत्री मंत्र की उत्पत्ति कब हुई थी ? Origin of Gayatri Mantra
पुराने समय में जो विद्वान हुए हैं जिन्होंने बहुत सारे ग्रंथ लिखे हैं उन सभी का यही मानना था कि दुनिया में गायत्री मंत्र की उत्पत्ति भगवान ब्रह्मा के देन है सर्वप्रथम इस दुनिया में उनके ऊपर ही गायत्री मंत्र प्रकट हुआ था |
इसके बाद ब्रह्मा जी ने उस गायत्री मंत्र को उनकी पत्नी देवी गायत्री की कृपा से अपने चारों मुखों की मदद से गायत्री मंत्र को चार वेदों में बांट कर उसे बहुत सारे देवताओं के लिए ही संभाल कर रखा था |
परंतु कहा जाता है कि महर्षि विश्वामित्र ने बहुत अधिक कठोर तप करने के उपरांत इस गायत्री मंत्र को प्राप्त किया था महर्षि विश्वामित्र अत्यंत कठोर तप करने वाले योग्य साधुओं में से एक माने जाते हैं उनके आगे भगवान भी सर झुका देते थे |
उनकी तपस्या इतनी कठोर थी कि वह किसी भी भगवान को धरती पर लाने के लिए विवश देते थे और उनकी की कृपा से आज गायत्री मंत्र हमारे और आपके बीच मौजूद है |
गायत्री मंत्र की सच्चाई क्या है ? What is the truth of Gayatri Mantra ?
अगर बात की जाए गायत्री मंत्र की सच्चाई के विषय में तो बहुत से लोगों का यह मानना है कि गायत्री मंत्र काम नहीं करता है परंतु अगर सच्चाई की तरफ जाए तो हमें पता चलता है कि गायत्री मंत्र आज से नहीं आया है बल्कि वह भगवान ब्रह्मा जी की देन है |
उन्होंने मुख्यता यह मंत्र देवताओं को दिया था परंतु जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया है वहां से विश्वामित्र की कठोर तपस्या की बदौलत यह मंत्र हमारे और आपके बीच आया है ।
ओम भूर्भुव स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात ।
गायत्री मंत्र का जाप कैसे किया जाता है ? Gayatri Mantra Chanting
अगर बात की जाए कि इस गायत्री मंत्र का जप किस प्रकार किया जाता है तो आज हम आपको बताएंगे इस गायत्री मंत्र को हम किस प्रकार जप करें कि उससे हमें पूर्ण रूप से लाभ प्राप्त हो गायत्री मंत्र का जप करने के लिए हमें सर्वप्रथम तो समय का खास ध्यान देना है |
क्योंकि सही समय पर जप करने से ही हमें इस गायत्री मंत्र का पूर्ण रूप से लाभ मिल सकता है गायत्री मंत्र का जप करने के लिए सुबह सूरज निकलने से कुछ क्षण पहले का समय सबसे अच्छा माना गया है इसी समय पर गायत्री मंत्र का जाप शुरू करें |
सूर्य निकलने तक जप करते रहे यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको उसका पूर्ण रुप से लाभ प्राप्त होगा और दोबारा आपको दोपहर के समय भी जप करना चाहिए और अंत में जब शाम को सूर्यास्त होने वाला हो तब आपको गायत्री मंत्र का जप करना चाहिए ।
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ब्रम्ह गायत्री मन्त्र के माध्यम से किये जाने वाले उपाय क्या है ? Brahma Gayatri Mantra
बहुत से लोगों के मन में सवाल होता है कि गायत्री मंत्र और ब्रह्म गायत्री मंत्र में क्या अंतर है परंतु हम आपको बता देना चाहेंगे कि गायत्री मंत्र और ब्रह्म गायत्री मंत्र लगभग एक ही चीज है बस इस में ध्यान देने योग्य बात यह है कि गायत्री मंत्र जब सर्वप्रथम आया था |
तब वह सिर्फ ब्रह्मा जी के ऊपर ही आया था और उन्होंने उस मंत्र को अपने ऊपर एवं कुछ देवताओं के लिए संभाल कर रखा था परंतु महर्षि विश्वामित्र ने अपनी कठोर तपस्या के दम पर इस गायत्री मंत्र को पृथ्वी पर लाने में सफलता प्राप्त की थी |
इसलिए गायत्री मंत्र वही है बस कुछ लोग उसे ब्रह्म गायत्री मंत्र के नाम से जानते हैं और कुछ लोग उसे गायत्री मंत्र के नाम से भी जानते हैं परंतु बात अगर की जाए कि ब्रह्म गायत्री मंत्र आखिर है क्या तो ब्रह्म गायत्री मंत्र भी गायत्री मंत्र ही है वह कुछ अलग नहीं है बस लोगों की अपनी अपनी सोच की बात है ।
गायत्री मंत्र के मुख्य लाभ क्या है ? Main Benefits of Gayatri Mantra
गायत्री मंत्र के माध्यम से बहुत सारे फायदे भी होते हैं अब आप सोच रहे होंगे कि वह फायदे किस प्रकार हैं तो आज हम आपको बहुत सारे लाभ बताने वाले हैं जो कि हमें गायत्री मंत्र का उच्चारण करने से प्राप्त होते हैं और वह लाभ कुछ इस प्रकार से है –
1.गायत्री मंत्र का उच्चारण यदि कोई विद्यार्थी अपनी पढ़ाई के समय में करता है तो उसे अध्ययन करने में सफलता प्राप्त होती है और वह जो कुछ भी पढता है उसे बहुत जल्दी याद हो जाता है |
2. जिसके परिणाम स्वरुप वह अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर लेता है परंतु इसके लिए विद्यार्थियों को कम से कम 108 बार इस मंत्र का जाप करना है ।
3. बहुत से लोग शादी होने के बाद भी परेशान रहते हैं कि उन्हें कोई संतान की प्राप्ति नहीं होती है ऐसे में आपको गायत्री मंत्र के माध्यम से भी संतान प्राप्ति का सुख मिल सकता है उसके लिए आपको सफेद वस्त्र पहन कर यो संपुट के साथ यात्री मंत्र का जाप करना होगा |
जिसके परिणाम स्वरूप आपकी समस्त बीमारियों का समाधान हो जाएगा और आप एक संतान के पिता बन जाएंगे ।
4. बहुत से लोग परेशान हैं कि उनका कारोबार सही समय पर या फिर सही से नहीं चल रहा है तो उनके लिए भी यही उपाय है कि वह गायत्री मंत्र का सही समय पर उच्चारण करें यदि आप गायत्री मंत्र का उच्चारण सही समय पर और सही तरीके से करते हैं | तो उसके परिणाम स्वरूप आपका कारोबार बहुत तेजी के साथ चलने की संभावना होगी ।
5. शादी विवाह के लिए भी गायत्री मंत्र एक रामबाण इलाज है यदि आपका या आपके घर में या आपके रिश्तेदारी में किसी की शादी विवाह में अड़चन आ रहे हैं तो आपको दिन में कम से कम 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करना है जिससे आपकी शादी में आ रही अड़चन टल जाएगी और आपकी जल्द से जल्द शादी हो जाएगी ।
गायत्री शब्द का अर्थ क्या है ? Meaning of the word Gayatri
गायत्री शब्द का अर्थ क्या होता है बहुत से लोगों के मन में यह सवाल भी होता है तो आपके इन सभी सवालों का जवाबkya ahi आज हम देंगे गायत्री मंत्र को गायत्री मंत्र क्यों कहा जाता है इसमें गायत्री शब्द का क्या रोल है गायत्री शब्द भगवान ब्रह्मा की देन है |
उन्होंने मां गायत्री की मदद से इस मंत्र का निर्माण किया था और उसे देवताओं के लिए चुना था इसीलिए इस मंत्र को गायत्री मंत्र कहा जाता है ।
गायत्री मंत्र एक ऐसा मंत्र है जो कि समस्त हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि दुनिया के कोने कोने में गाया जाता है बहुत से हिंदू धर्म के मानने वाले दुनिया के अलग-अलग देशों में रहते हैं और वहां गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हैं |
गायत्री मंत्र के उच्चारण मात्र से आपकी सभी समस्याओं एवं बीमारियों आदि का समाधान हो जाता है इसलिए आप सभी से निवेदन है कि दिन में कम से कम एक बार गायत्री मंत्र का उच्चारण अवश्य करें और सबसे अच्छी बात यह है कि गायत्री मंत्र का उच्चारण सुबह सूर्योदय से पहले से शुरू करें |
सूर्य निकलने तक करें जिसका बहुत अधिक लाभ हमें मिलता है क्योंकि पहली बात तो यह कि सुबह जल्दी उठने से हमारे शरीर में एनर्जी की मात्रा अधिक रहते हैं |
इसके साथ-साथ यदि आप सूर्य नमस्कार एवं गायत्री मंत्र का जाप करते हैं तो आपका दिमाग पूरी तरह से स्वस्थ रहता है और आपको किसी प्रकार की एक कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता है ।