नवग्रहों में गुरु ग्रह को सबसे शुभ ग्रह माना जाता है यह ग्रह जिस की कुंडली में अच्छी स्थिति में रहता है उसे दीर्घायु धन लाभ परिवार का साथ तथा कन्या के लिए अच्छे जीवन साथी की प्राप्ति होती है । guru yntra benefit and use kaese kare ?
जिस किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु अशुभ स्थिति में होता है उनके लिए बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न होती हैं तथा पारिवारिक झगड़े भी होते हैं कन्या के विवाह में देरी मान प्रतिष्ठा में कमी तथा व्यर्थ के झगड़े विवाद होते रहते हैं।
गुरु ग्रह या बृहस्पति ग्रह विवाह नौकरी ज्ञान परिवार आदि के लिए होता है। गुरु की स्थिति में होने की वजह से अशुभ प्रभाव होते हैं ऐसे ही गुरु यंत्र की सहायता से अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है।! यह पोस्ट आप OSir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है !
- 1. गुरु यंत्र / बृहस्पति यन्त्र के क्या फायदे और लाभ है ? What are the advantages and benefits of Guru yntra / Brihaspati yntra?
- 2. गुरु यंत्र स्थापित करने के लिये ध्यान रखने योग्य आवश्यक बातें क्या है ? What are the important things to keep in mind to install Guru Yantra?
- 3. गुरु यंत्र / बृहस्पति यन्त्र की स्थापना विधि क्या है ? What is the installation method of Guru Yantra / Brihaspati Yantra?
- 4. गुरु यंत्र का बीज मंत्र क्या होता है ? What is the seed mantra of Guru Yantra ??
- 5. गुरु यंत्र के प्रमुख लाभ क्या है ? What are the major benefits of Guru Yantra?
- 6. गुरु यंत्र धारण करने की विधि क्या है ? how to wear Guru Yantra?
गुरु यंत्र / बृहस्पति यन्त्र के क्या फायदे और लाभ है ? What are the advantages and benefits of Guru yntra / Brihaspati yntra?
- गुरु यंत्र की पूजा करने से व्यक्ति को बृहस्पति देव की शक्तियां प्राप्त हो जाती हैं और उसे धन समृद्धि व्यापार कारोबार में लाभ प्राप्त होता है।
- गुरु यंत्र की पूजा उपासना करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है और सकारात्मक शक्ति का संचार होता है।
- छात्र तथा प्रतियोगी परीक्षा देने वाले लोगों के लिए गुरु यंत्र का प्रयोग लाभदायक सिद्ध होता है।
- इस यंत्र के पूजा अर्चना और स्थापना करने से शुभ प्रभाव पड़ता है जिससे जातक को मान सम्मान धन समृद्धि जीवन में सुख शांति प्राप्त होती है।
- वैवाहिक जीवन में आने वाली सभी प्रकार की समस्याएं इस यंत्र की पूजा करने से समाप्त हो जाती हैं।
- इस यंत्र के शुभ प्रभाव से जातक को मान-सम्मान, धनलाभ और जीवन में सुख-शांति आदि प्राप्त होती है।
- जिन लोगों का विवाह होने में देरी हो रही है ऐसे लोगों को गुरु यंत्र की स्थापना करने से शीघ्र लाभ मिलता है और वैवाहिक दोष दूर हो जाते हैं |
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गुरु यंत्र स्थापित करने के लिये ध्यान रखने योग्य आवश्यक बातें क्या है ? What are the important things to keep in mind to install Guru Yantra?
इस यंत्र को स्थापित करने के लिए सबसे पहले शुद्धिकरण प्राण प्रतिष्ठा करना आवश्यक है जिससे लाभ अधिक प्राप्त होता है क्योंकि बिना गुरु यंत्र विशेष लाभ प्रदान नहीं कर पाता है |
इसलिए इस यंत्र को स्थापित करने से पहले विधिवत प्राण प्रतिष्ठा करवाना जरूरी है यदि आप किसी से खरीद रहे हैं तो किसी योगी गुरु से सलाह लेकर ही यंत्र खरीदें।
गुरु यंत्र की स्थापना बृहस्पतिवार के दिन ही करना चाहिए।
गुरु यंत्र / बृहस्पति यन्त्र की स्थापना विधि क्या है ? What is the installation method of Guru Yantra / Brihaspati Yantra?
गुरु यंत्र स्थापित करने से पहले प्रातः काल नित्य कर्मों से निवृत्त होकर स्नान करके गुरु यंत्र को पूजा स्थान पर रखकर गुरु मंत्र को 21 बार जाप करें।
इसके बाद गुरु मंत्र को गोमूत्र गंगाजल और कच्चे दूध से स्नान करवाकर भगवान बृहस्पति के सामने हाथ जोड़कर शुभ फल के लिए प्रार्थना करें।
गुरु यंत्र स्थापित करने के बाद पीले रंग के फूल फल और मिठाई अर्पित करें बेसन की बनी चीजें भी अर्पित करते हैं।
गुरु यंत्र स्थापित करने के बाद प्रतिदिन नियमित रूप से स्नान आदि करके पूजा करनी चाहिए तथा मंत्र जाप करना चाहिए।
गुरु यंत्र का बीज मंत्र क्या होता है ? What is the seed mantra of Guru Yantra ??
“ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नम:”
गुरु यंत्र के प्रमुख लाभ क्या है ? What are the major benefits of Guru Yantra?
- इस यंत्र को स्थापित करने से गुरु के शुभ प्रभाव की प्राप्ति होती है।
- इस यंत्र को धारण करने वाला व्यक्ति निष्ठावान और ईमानदार बनता है।
- इसे स्थापित करने से व्यक्ति में आध्यात्मिक रुचि बढ़ती है।! यह पोस्ट आप OSir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है !
गुरु यंत्र धारण करने की विधि क्या है ? how to wear Guru Yantra?
गुरु यंत्र को पीले धागे में तथा पीले कपड़े में सील कर बृहस्पतिवार के दिन सूर्य उदय होने के 2 घंटे बाद तथा पूर्व दिशा की ओर मुख करके गले में धारण करना चाहिए। इस यंत्र को धारण करने के बाद व्यक्ति के अंदर अद्भुत परिवर्तन के साथ चरित्र में बदलाव होने लगता है।
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