Hanuman ashtak ka path karne se kaun se fayde hote hai pdf link ? जो भी भक्त पूरी निष्ठा और सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा करता है,उसकी सभी मनोकामना अवश्य पूरी होती हैं|
हनुमान जी की साधना करने के लिए विभिन्न प्रकार के विधानो का निर्माण किया गया है, जिसमें हनुमान चालीसा, हनुमान स्तुति मंत्र,बजरंग बाण तथा हनुमान अष्टक शामिल है|
हनुमान अष्टक का जाप करने से सभी कष्टों का निवारण होता है और इसका जाप करने से आप हनुमान जी की शक्ति का एहसास भी कर सकते हैं| हनुमान जी को भगवान श्री राम का परम भक्त कहा जाता है, क्योंकि जब भगवान श्रीराम 14 साल के लिए वनवास गए थे
तब हनुमान जी ने उनका हर पल साथ दिया था| यहां तक की माता सीता को खोजने के लिए भी हनुमान जी ने अपनी पूरी शक्ति लगा दी थी और अपनी शक्ति और पराक्रम के बल पर ही उन्होंने लंका में जाकर कई राक्षसों का वध करके माता सीता का पता लगाया था और उनकी जानकारी भगवान श्रीराम को दी थी|
भगवान श्री राम हनुमान जी को अपना सेवक कम अपना सखा और मित्र अधिक मानते थे| इसीलिए भगवान श्री राम के जहां-जहां भी मंदिर है, वहां पर मंदिर में स्थित भगवान श्री राम की मूर्ति के साथ हनुमान जी की मूर्ति भी अवश्य होती है|
अगर हम यह कहे कि भगवान श्री राम और भगवान हनुमान जी दो जिस्म एक जान थे, तो उसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी| हनुमान भगवान को कलयुग का जागृत देवता कहा जाता है| क्योंकि जब भगवान श्री राम माता सीता सहित वैकुंठ जा रहे थे|
तब भगवान हनुमान जी ने भी उनके साथ वैकुंठ जाने की इच्छा प्रकट की थी| तब भगवान श्रीराम ने हनुमानजी को अमृत का वरदान दिया था और उनसे कहा था कि आपकी कलयुग में मुझसे भी ज्यादा पूजा होगी और लोग आपकी कृपा प्राप्त करेंगे|
इसीलिए आपको कलयुग में भी रहना होगा और तब से ही भगवान हनुमान जी अदृश्य तौर पर कलयुग में भी विराजमान है और अपने भक्तों की इच्छा पूरी करने का और उनके सभी संकटों को हरने का काम कर रहे हैं|
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भगवान श्री राम के भक्त हनुमान जी की अगर आप सच्चे श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं, तो यह आपसे अवश्य प्रसन्न होंगे और आपकी सभी इच्छाओं को पूरा करेंगे|
परंतु हमारे भारत देश में कुछ जगह ऐसी है, जहां पर साक्षात हनुमान जी विराजमान है और वहां पर जाकर दर्शन करने वाले लोगों की मनोकामना पूरी होती है और ऐसा भक्तों का मानना है|
हनुमान जी का हनुमान अष्टक क्या है ? Hanuman Ashtak of Hanumanji
बाल समय रवि भक्षि लियो, तब तीनहुं लोक भयो अंधियारो।
ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो।।
देवन आनि करी विनती तब, छांंिड़ दियो रवि कष्ट निवारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।
बालि की त्रास कपीस बसै गिरि, जात महाप्रभु पंथ निहारौ।
चौंकि महामुनि शाप दियो तब, चाहिए कौन विचार विचारो।।
कै द्विज रूप लिवाय महाप्रभु, सो तुम दास के शोक निवारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।
अंगद के संग लेन गये सिय, खोज कपीस ये बैन उचारो।
जीवत ना बचिहों हमसों, जु बिना सुधि लाये यहां पगुधारो।।
हेरि थके तट सिन्धु सबै तब, लाय सिया, सुधि प्राण उबारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।
रावन त्रास दई सिय की, सब राक्षसि सों कहि शोक निवारो।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु, जाय महा रजनीचर मारो।।
चाहत सीय अशोक सों आगि, सो दे प्रभु मुद्रिका शोक निवारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।
बान लग्यो उर लछिमन के तब, प्रान तजे सुत रावन मारो।
ले गृह वैद्य सुषेन समेत, तबै गिरि द्रोण सुबीर उपारो।।
आन संजीवन हाथ दई तब, लछिमन के तुम प्रान उबारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।
रावन युद्ध अजान कियो तब, नाग की फाँस सबै सिर डारौ।
श्री रघुनाथ समेत सबै दल, मोह भयौ यह संकट भारो।।
आनि खगेश तबै हनुमान जी, बन्धन काटि सो त्रास निवारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।
बंधु समेत जबै अहिरावन, लै रघुनाथ पताल सिधारो।
देविहिं पूजि भली विधि सों, बलि देहुं सबै मिलि मंत्र विचारो।।
जाय सहाय भयो तब ही, अहिरावन सैन्य समेत संहारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।
काज किये बड़ देवन के तुम, वीर महाप्रभु देखि विचारो।
कौन सो संकट मोर गरीब को, जो तुमसौं नहिं जात है टारो।।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु, जो कुछ संकट होय हमारो।
को नहिं जानत है जग में, कपि संकटमोचन नाम तिहारो।।
श्री हनुमान अष्टक दोहा
लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।
वज्र देह दनव दलन, जय जय जय कपि सूर।।
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हनुमान अष्टक का पाठ करने की विधि क्या है ? Method to Chant Hanuman Ashtak in Hindi
हनुमान अष्टक का पाठ करके हनुमान जी को प्रसन्न करके अपना मनवांछित फल पाने के लिए आपको मंगलवार के दिन हनुमान जी की एक तस्वीर अपने सामने रखनी है और साथ में ही भगवान श्री राम की तस्वीर भी आपको रखनी है और उसके बाद आपको उनके सामने एक आसान बिछाकर बैठ जाना है|
इसके बाद आपको दोनों तस्वीरों के सामने घी का दीपक जलाना है और साथ ही तांबे के गिलास में आपको पानी भर कर रख देना है| इसके बाद आपको पूरी श्रद्धा भाव से हनुमान अष्टक का पाठ करना है और जैसे ही आप का पाठ समाप्त हो जाए तो तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी आपको पीड़ित व्यक्ति को पिला देना है या फिर उस व्यक्ति को पिलाना है|
जिसके लिए यह पाठ किया गया हो| पानी के साथ आप पूजा के दरमियान हनुमान जी को तुलसी का पत्ता भी चढ़ा सकते हैं| जब आपका पाठ खत्म हो जाए तब आप यह तुलसी के पत्ते भी रोगी को खिला सकते हैं| इस तरह से व्यक्ति के सभी शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर होते हैं|
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संकट मोचन हनुमान अष्टक के क्या लाभ हैं ? Benefits of Chanting Hanuman Ashtak
संकट मोचन हनुमान अष्टक पाठ का पूरा लाभ तभी साधक को प्राप्त होता है, जब वह पूरी विधि विधान से और नियमों का पालन करते हुए इसका जाप करता है| संकट मोचन हनुमान अष्टक का जाप करने से आदमी के बड़े से बड़े कष्ट भी दूर हो जाते हैं|
अगर आपकी कोई मनोकामना है, तो ऐसे में संकट मोचन हनुमान अष्टक का जाप करना आपके लिए काफी फायदेमंद रहेगा और लगातार 21 दिन तक हनुमान अष्टक का जाप करने से आपकी मनोकामना निश्चित ही पूरी होती है|
अगर आपको डर लगता है या फिर आपको ऐसा लगता है कि कोई नेगेटिव एनर्जी आपके आसपास है, तो उसे दूर करने के लिए भी आप इसका जाप कर सकते हैं|
नेगेटिव एनर्जी को दूर हटाने के लिए और घर में सुख शांति लाने के लिए तथा हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए भी आप हनुमान अष्टक का पाठ कर सकते हैं|