kaal sarp dosh ke lakshan ? मनुष्य के जीवन में अनेकों प्रकार के ग्रह दोष प्रभावित करते रहते हैं| जिसमें से कालसर्प दोष भी व्यक्ति की कुंडली में लग जाता है, तो व्यक्ति को जीवन में कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है और अनेकों प्रकार के कष्ट सहने पड़ते हैं|
कालसर्प दोष एक ऐसी स्थिति है| जिससे व्यक्ति बुरी तरह प्रभावित होता है और ऐसा माना जाता है कि कालसर्प दोष का कारण उसके पूर्व जन्म के कर्म होते हैं| kaal sarp dosh ke lakshan
ज्योतिष शास्त्र कहता है कि व्यक्ति के जीवन में लगभग 47 साल तक कालसर्प दोष प्रभावित करता है, कभी-कभी व्यक्ति का पूरा जीवन काल सर्प दोष के कारण प्रभावित रहता है|
कालसर्प दोष अनेकों प्रकार के होते हैं| ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत 288 प्रकार के कालसर्प दोष बताए गए हैं| जिनका अलग-अलग समय पर अपना प्रभाव होता है|
- 1. कालसर्प दोष क्या है ? What is Kalsarp defect
- 2. कालसर्प दोष कितने प्रकार का होता है ? How many types of Kaal Sarp defects are
- 3. कालसर्प दोष के क्या लक्षण है ? kaal sarp dosh ke lakshan ?
- 4. कालसर्प दोष का निवारण कैसे करें ? How to troubleshoot Kalsarp
- 4.1. 1. गायत्री मंत्र का जाप करें
- 4.2. 2. भगवान नटराज की पूजा करें
- 4.3. 3. नाग पंचमी पर उपवास करें
- 4.4. 4. सर्पों का शिकार ना करें उन्हें ना मारे
- 4.5. 5. शिव के मंदिर में सर्प दोष पूजा करें
- 4.6. 6. नाग देवता की पूजा करें
- 4.7. 7. ओम नमः शिवाय मंत्र जाप करें
- 4.8. 8. रामेश्वरम जैसे पवित्र स्थान पर पूजा करें
- 4.9. 9. महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें
- 5. कालसर्प दोष के लाभ क्या है ?
- 5.1. 1. व्यक्ति ईमानदार बनता है
- 5.2. 2. बहादुर बनता है
- 5.3. 3. भटके को राह दिखाता है
- 6. लाल किताब के अनुसार कालसर्प दोष निवारण कैसे होता है ? According to the red book, how is Kalsarp defect prevention
- 7. कालसर्प दोष की पूजा के लिए क्या-क्या चाहिए ? What do you want for worship of Kaal Sarp defect
- 8. कालसर्प दोष पूजा की प्रक्रिया क्या है ? What is the process of salvation worship
- 9. कालसर्प दोष निवारण कवच क्या है ? What is Kalsarp defect prevention armor
- 10. कालसर्प दोष निवारण के लिए अंगूठी कौन सी है ? What is the ring for Kalkarp defect
कालसर्प दोष क्या है ? What is Kalsarp defect
जब सभी सात प्रकार के ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाते हैं, तो इस स्थिति को कालसर्प दोष कहा जाता है| कालसर्प दोष संपूर्ण जीवन में अनियमिता आर्थिक तनाव वैवाहिक जीवन में तनाव और बीमारियों से ग्रसित करता रहता है|
कालसर्प दोष हमेशा ज्योतिष के आधार पर व्यक्ति की कुंडली में ग्रह दोष के आधार पर निर्भर होता है| जिनके परिणाम हमेशा खराब आते हैं, ग्रहों के दोष के कारण कालसर्प दोष ज्यादातर लोगों को परेशान करता है|
कालसर्प दोष कितने प्रकार का होता है ? How many types of Kaal Sarp defects are
सामान्य रूप से कालसर्प दोष 12 प्रकार के बताए गए हैं, जो व्यक्ति की जन्मपत्री में राहु और केतु के आधार पर निर्भर करते हैं| कालसर्प दोष के 12 प्रकार इस प्रकार हैं|
- अनंतकालसर्प दोष
- कुलिक कालसर्प दोष
- वासुकि कालसर्प दोष
- शंखपालकपाल सर्प दोष
- पदमकालसर्प दोष
- महापद्मकाल कालसर्प दोष
- तक्षककपाल सर्प दोष
- कर्कोटक कालसर्प दोष
- शंखनादकालसर्प दोष
- घटक कालसर्प दोष
- विशारदकालसर्प दोष
- शेषनागकालसर्प दोष
कालसर्प दोष के क्या लक्षण है ? kaal sarp dosh ke lakshan ?
व्यक्ति के जीवन में यदि कालसर्प दोष प्रभावी है, तो उसके जीवन में दिन-प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के लक्षण प्रकट होते रहते हैं, जो इस प्रकार से हैं :
- अधिकांश लोगों को रात्रि में कालसर्प योग के कारण मृत लोगों के सपने दिखाई देते हैं।
- हमेशा जीवन में संघर्ष बना रहता है कभी बीमारी तो कभी अन्य परेशानियां होती है इसके अलावा व्यक्ति को हमेशा अकेलापन महसूस होता है।
- कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति को हमेशा रात्रि में स्वप्न के रूप में सर्प दिखाई देते रहते हैं कभी कभी ऐसा सपना दिखाई देता है कि चारों ओर सर्प लिपटे हुए हैं और आप डर जाते हैं।
- कालसर्प दोष यदि कुंडली में है तो वह ऊंचे स्थानों से डरता है उसे दर्द में अकेलापन महसूस होता है कालसर्प दोष के कारण एयरोप्रोफोबिया से पीड़ित हो सकते हैं।
- यदि कोई भी व्यक्ति विभिन्न प्रकार के समस्या भरे मुद्दों से सामना करता है तो उसकी कुंडली में कालसर्प योग होता है|
- कालसर्प दोष क्या है और कालसर्प दोष को कैसे दूर करें ? kaal sarp dosh aur uske upay
- सोम प्रदोष व्रत क्या होता है ? Some Pradosh व्रत करने की विधी और महत्व ! What and how Soma Pradosh Vrat hindi?
कालसर्प दोष का निवारण कैसे करें ? How to troubleshoot Kalsarp
यदि किसी भी व्यक्ति के जीवन में कालसर्प दोष प्रभावित है और वह अपने जीवन में अनेकों कष्ट उठा रहा है, तो उसे कालसर्प दोष निवारण के लिए उपाय जरूरी हैं, तो आइए हम कालसर्प दोष निवारण के उपाय बताते हैं :
1. गायत्री मंत्र का जाप करें
अगर आपके जीवन में कालसर्प योग है, तो उससे छुटकारा पाने के लिए गायत्री मंत्र का जाप करना जरूरी है प्रतिदिन व्यक्ति को प्रातः काल उठकर 21 या 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें|
गायत्री मंत्र जाप करने के लिए प्रतिदिन सुबह उठकर दैनिक कार्य से निवृत्त होकर स्नान करके सूर्य की ओर मुंह करके मंत्र जाप करें| जिससे कालसर्प दोष समाप्त हो जाएगा|
2. भगवान नटराज की पूजा करें
कालसर्प दोष निवारण के लिए भगवान शंकर के नृत्य रूप भगवान नटराज की पूजा करनी चाहिए| यह पूजा षष्ठी तिथि पर प्रारंभ करनी चाहिए| भगवान नटराज की पूजा करने के लिए षष्ठी तिथि से विधिवत विधि विधान से पूजा करें| इससे कालसर्प योग समाप्त हो जाता है|
3. नाग पंचमी पर उपवास करें
कालसर्प योग यदि कुंडली में निवास है और व्यक्ति कालसर्प से परेशान हैं, तो ऐसे में राहु और केतु के प्रभाव को कम करने के लिए नाग पंचमी के दिन उपवास या व्रत करना चाहिए| जिससे कालसर्प दोष समाप्त होता है।
4. सर्पों का शिकार ना करें उन्हें ना मारे
सर्प भगवान शिव के गले का हार है ऐसे में कहीं भी किसी भी प्रकार के सर्प को ना तो मारे और ना ही उन्हें चोट पहुंचाए|
कालसर्प दोष के निवारण के लिए प्रत्येक षष्ठी तिथि को कम से कम 21 बार सांपों के नव नाम लेकर जाप करें और उनसे प्रार्थना करें कि हमारे ऊपर जो भी दोष लगे हैं उनको समाप्त करें।
5. शिव के मंदिर में सर्प दोष पूजा करें
अगर आपके ऊपर कालसर्प दोष है, तो इसके निवारण हेतु भगवान शिव जी के मंदिर में जाकर पुजारियों के साथ कालसर्प दोष निवारण पूजा करें।
6. नाग देवता की पूजा करें
कालसर्प दोष निवारण हेतु व्यक्ति को प्रत्येक रविवार और पंचमी की तिथि को नागों की पूजा करनी चाहिए तथा नागों से प्रार्थना कहीं की उनके जीवन में जो भी कालसर्प दोष समाप्त हो जाए|
7. ओम नमः शिवाय मंत्र जाप करें
कालसर्प दोष निवारण हेतु व्यक्ति को प्रतिदिन ओम नमः शिवाय का जाप करना चाहिए| इस मंत्र को प्रतिदिन कम से कम 108 बार जाप करने से कालसर्प दोष समाप्त हो जाता है|
8. रामेश्वरम जैसे पवित्र स्थान पर पूजा करें
किसी भी व्यक्ति के जीवन में राहु केतु दोष के कारण कालसर्प योग बनता है| ऐसे में इन से मुक्त होने के लिए रामेश्वरम अथवा भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग जैसे पवित्र स्थान की यात्रा करके वहां पर पूजा करें और कालसर्प दोष से छुटकारा पाएं|
9. महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें
नकारात्मक प्रभाव और कालसर्प दोष निवारण के लिए प्रतिदिन व्यक्ति को 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए| इससे कालसर्प दोष बहुत जल्दी समाप्त हो जाता है।
कालसर्प दोष के लाभ क्या है ?
व्यक्ति के जीवन में विभिन्न प्रकार के दोष यदि उसे परेशानियों में डालते हैं, तो कहीं ना कहीं उसे लाभ भी मिलता है| इसी प्रकार से कालसर्प दोष के बहुत से लाभ भी हो जाते हैं, तो आइए हम जानते हैं कि कालसर्प दोष से लाभ क्या हैं ?
1. व्यक्ति ईमानदार बनता है
जब किसी भी व्यक्ति के जीवन में कालसर्प दोष प्रभावी हो जाता है, तो व्यक्ति जो भी गतिविधि करता है, वह पूरी ईमानदारी के साथ करता है।
2. बहादुर बनता है
काल सर्प दोष व्यक्ति को अपने कार्य के प्रति ईमानदार के साथ-साथ काम में सफलता के लिए बहादुर बनाता है अर्थात व्यक्ति पूरे होश और जोश के साथ कार्य को अंजाम देता है।
व्यक्ति कर्म और जीवन के प्रति अपनी कमजोरियों को दूर करके कार्य के प्रति मजबूत प्रयास करता है|
3. भटके को राह दिखाता है
बहुत सी व्यक्ति के जीवन में अपने कार्यों के प्रति भटक जाते हैं और अनेकों गलत कार्य की ओर झुक जाते हैं| ऐसे में कालसर्प दोष तथा अन्य ग्रह दोष व्यक्ति को उसके सही मार्ग की ओर प्रेरित करते हैं।
लाल किताब के अनुसार कालसर्प दोष निवारण कैसे होता है ? According to the red book, how is Kalsarp defect prevention
हमारे विभिन्न प्रकार के ज्योतिष शास्त्र और अन्य भविष्य वक्ताओं के द्वारा विभिन्न प्रकार के ग्रह दोषों के निवारण के लिए उपाय बताए गए हैं| जिसमें से लाल किताब भी कालसर्प दोष निवारण के लिए कुछ उपाय बताती हैं, तो आइए हम लाल किताब के द्वारा कालसर्प दोष निवारण कैसे करें ? इसके बारे में जानते हैं :
- कालसर्प दोष निवारण के लिए व्यक्ति को प्रतिदिन रसोई में बैठकर भोजन करना चाहिए|
- प्रतिदिन सवेरे दांतों में दातून करते समय गाय के मूत्र से दांत साफ करें|
- 16 श्राद्ध करने में भाद्र पद में एक नारियल समुद्र में या बहती हुई नदी में प्रवाहित करें|
- प्रतिदिन भगवान शिव और दुर्गा देवी की पूजा और आराधना करनी चाहिए तथा दुर्गा सप्तशती दुर्गा सुक्तम का जाप करना चाहिए|
- कालसर्प दोष निवारण के लिए उपाय की व्यवस्था करनी चाहिए।
- रविवार के दिन व्यक्ति को बरगद के पेड़ की पूजा करके उस पर जल चढ़ाना चाहिए।
- लाल किताब के अनुसार भगवान गणेश की पूजा करने से भी कालसर्प योग समाप्त होता है।
- कालसर्प योग से पीड़ित व्यक्ति को भगवान हनुमान जी की पूजा आराधना और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
- नाग पंचमी के दिन नाग की पूजा करनी चाहिए।
- व्यक्ति को प्रतिदिन पशु पक्षियों को भोजन और दूध खिलाना पिलाना चाहिए।
- लाल रंग के कपड़े तथा अन्य वस्तुएं किसी जरूरतमंद को अथवा भिखारी या दरिद्र को दान करें।
- कालसर्प दोष हटाने के लिए व्यक्ति को अपने प्रमुख द्वार पर सिल्वर रंग की स्वास्तिक लगाना चाहिए।
- मछलियों को कम से कम साल भर में एक बार या दो बार भोजन देना चाहिए हो सके तो प्रतिदिन करें।
- राहु मंत्र का पाठ करने के बाद व्यक्ति को एक मुट्ठी हरी बीन देनी चाहिए।
- सांप को दूध पिलाएं हो सके तो सांप खरीद कर लाए और उन्हें दूध पिलाकर जंगल में छोड़ने जाएं।
- अपने से बड़ों का सम्मान करें माता-पिता की प्रतिदिन पैर छुए और बड़ों का मार्गदर्शन प्राप्त करें।
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कालसर्प दोष की पूजा के लिए क्या-क्या चाहिए ? What do you want for worship of Kaal Sarp defect
यदि अपने जीवन में कालसर्प दोष को दूर करना चाहते हैं, तो उसके लिए कालसर्प दोष की पूजा करनी जरूरी होती है| ऐसे में पूजा सामग्री कौन-कौन सी लगती है ? आइए यहां पर हम आपको पूजा सामग्री के विषय में बताते हैं :
श्री फल | 1 |
सुपारी | 11 |
लौंग | 10 ग्राम |
इलायची | 10 ग्राम |
पान के पत्ते | 7 |
रोली | 100 ग्राम |
मोली | 5 गोली |
जनेऊ | 11 |
कच्चा दूध | 100 ग्राम |
दही | 100 ग्राम |
- देशी घी = 1 किलो ग्राम
- शहद = 50 ग्राम
- शक्कर = 500 ग्राम
- साबुत चावल = 1 किलो 250 ग्राम
- पंच मेवा = 250 ग्राम
- पंच मिठाई= 1किलो
- ॠतु फल = श्रद्धा अनुसार
- फूल माला,फूल = 5
- धूप, अगरबत्ती =1-1 पैकेट
- हवन सामग्री = 1किलो ग्राम
- जौ = 500 ग्राम
- काले तिल =1 किलो ग्राम
- कमल गठ्ठा =20 रू
- लाल चन्दन = 20 रू
- पीली सरसों = 20 रू
- गुग्गल = 20 रू
- जटामसी = 20 रू
- तिल का तेल = 1 किलो ग्राम
- सूखा बेल गीरी = 25 रू
- भोज पत्र =20 रू
- मिट्टी के बड़ा दीया = 2
- मिट्टी के छोटे दीये =11
- रूई = 1पैकेट
- नव ग्रह समिधा = 1 पैकेट
- गोला = 1
- काली मिर्च = 100 ग्राम
- पीला कपड़ा = सवा मीटर
- कपूर = 11 टिक्की
- लोहे की कटोरी = 1
- दोने = 1 पैकेट
- आम के पत्ते = 11पत्ते
- आम की लकडियां = 5किलो ग्राम
- साबुत उडद की दाल = 250 ग्राम
- लकड़ी की चौकी = 1
- बेल पत्री = 11
- शिव लिंग = 1
- नाग = 9
कालसर्प दोष पूजा की प्रक्रिया क्या है ? What is the process of salvation worship
कालसर्प दोष की पूजा एक ही दिन में हो जाती है| इस पूजा को करने के लिए गणपति एक स्वर्ण नाग राव की एक रजत मूर्ति काल की एक रजत मूर्ति को रखकर पूजा करना है| पूजा करने के बाद नवग्रह की पूजा करना होता है|
इसके लिए कलश पर भगवान शिव की पूजा और काला टीका लगाकर की सेवन करें| पूजा करते समय तथा बाद में उस दिन घर के सभी सदस्य नए कपड़े पहने पुरुषों को कुर्ता धोती पहनना और महिलाओं को नई साड़ी पहनना चाहिए|
ध्यान रहे कि गर्भवती महिलाएं तथा जो लोग बालों में सरसों का तेल लगाएं हैं| वह लोग पूजा ना करें। पूजा करने के बाद रुद्राभिषेक करके पूजा की प्रक्रिया पूरी करें| कालसर्प दोष निवारण पूजा के लिए निम्नलिखित मंत्रों का प्रयोग कर सकते हैं|
कालसर्प दोष निवारण मंत्र
“ऊँ क्रौं नमो अस्तु सर्पेभ्यो कालसर्प शांति कुरु-कुरु स्वाहा।।”
“ऊँ नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथिवीमनु ये अन्तरिक्षे ये दिवि तेभ्यः सर्पेभ्यो नम:।। ऊँ सर्पेभ्यो नमः।।”
उपयुक्त मंत्रों के साथ पूजा किसी भी दिन प्रारंभ कर सकते हैं| इसके लिए स्नान आदि करके उत्तर की ओर मुंह करके मंत्रों का जाप करें और हवन करें|
कालसर्प दोष निवारण कवच क्या है ? What is Kalsarp defect prevention armor
कालसर्प दोष के निवारण के लिए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 8 मुखी रुद्राक्ष का कवच बनाया गया है| जिसमें एक मुखी रुद्राक्ष और पांच मुखी रुद्राक्ष का मिश्रण है| यह 8 मुखी रुद्राक्ष सभी सिद्धियों का प्रतिनिधित्व करते हुए राहु केतु का निवारण करता है|
जिसमें एक मुख्य रुद्राक्ष भगवान शंकर का प्रतिनिधित्व करता है, तो पांच मुख वाला हनुमान का प्रतीक है| शनिवार के दिन किसी भी व्यक्ति को इस कवच को गंगा जल और दूध व दही से धोकर पहना दिया जाता है| जिससे कालसर्प दोष समाप्त हो जाता है|
धारण करते समय चंदन की धूप देकर चांदी के कवच में या फिर काले धागे में बांधकर पहने| इस कवच को धारण करते समय भगवान शिव के मंत्र का जाप करें, जो इस प्रकार है :
ओम नमः शिवाय
कालसर्प दोष निवारण के लिए अंगूठी कौन सी है ? What is the ring for Kalkarp defect
व्यक्ति के जीवन में कालसर्प दोष के निवारण के लिए अंगूठी भी बनाई गई है| जिसमें 9 धातुएं प्रयोग की गई हैं और यह सोने और चांदी तथा अन्य आठ धातु की बनी हुई होती है| इस अंगूठी को पहनने से व्यक्ति के जीवन में सभी प्रकार की समस्याएं समाप्त होती हैं और व्यक्ति में उत्साह भी होता है|
इस अंगूठी को धारण करने के दिन सुबह स्नान करने के बाद ही धारण करें| यंत्र धारण करने के बाद व्यक्ति के जीवन में सुख समृद्धि प्राप्त होती है और बुरे ग्रहों का प्रभाव हट जाता है| किसी भी प्रकार की दुर्घटना तथा अन्य समस्याएं समाप्त हो जाते हैं, स्वास्थ्य के प्रति अच्छा लाभ मिलता है|