Kali kapalini sadhna aur mantra kya hai ? काली कपालिनी सिद्धि एक बहुत ही खतरनाक सिद्धि है। जिसको करने के बाद साधक को तमाम शक्तियां प्राप्त हो जाती। यह साधना मां काली के लिए कि जाती है जिसे कपालिनी नाम से जाना जाता है। kali kapalini sadhana kaise kare ?
दरअसल काली कपालिनी सिद्धि दुर्गा मां की सिद्धियों का एक रुप है जिसने कपालिनी सिद्धि बहुत ही खतरनाक सिद्ध होती है। सिद्ध होने के बाद कपालिनी कभी भी साधक को आकर वचन दे सकती है। यह साधना 21 दिन लगातार करनी होती। इस साधना में साधकों को बहुत ही सावधानी के साथ मंत्र जाप करना पड़ता है।
- 1. काली कपालिनी को सिद्धि कैसे करें ? | Kali Kapalini Siddhi
- 2. काली कपालिनी साधना कैसे करे ?
- 3. गुरु के सानिध्य में काली कपालिनी साधना कैसे करे ?
- 4. काली कपालिनी साधना में प्रथम दिन क्या होता है ?
- 5. काली कपालिनी साधना के तीसरे दिन क्या होता है?
- 6. काली कपालिनी साधना के चौथे दिन क्या होता है ?
- 7. काली कपालिनी साधना के पांचवें दिन क्या होता है?
- 8. काली कपालिनी साधना के छठवें दिन क्या होता है?
- 9. काली कपालिनी साधना के 7 वे दिन क्या होता है?
- 10. काली कपालिनी साधना के आठवें दिन से 20 वें दिन तक क्या होता है?
- 11. काली कपालिनी साधना के 21वें दिन क्या होता है?
- 12. काली कपालिनी साधना कैसे कार्य करती है?
- 13. काली कपालिनी साधना का मंत्र क्या होता है ? | Kali Kapalini Mantra
काली कपालिनी को सिद्धि कैसे करें ? | Kali Kapalini Siddhi
इस साधना को करने के लिए साधक कों लाल वस्त्र धारण करके मध्य रात्रि में शमशान में जाकर मंत्र जाप करना होता है। साधना करने और मंत्र जाप करने से पहले साधक एक तलवार या छोटा सा छुरा लेकर लाल वस्त्र पर रख दे, एक चिराग जलाए, मिट्टी के प्याले में मदिरा और मांस रखकर गुलाब चमली या मोगरा की धूप जलाएं।
अपने माथे और तलवार पर सिंदूर का तिलक लगाकर तलवार की पूजा करें तथा तलवार पर लाल कनेर के फूल चढ़ाएं। इसके साथ-साथ लड्डू मांस और मदिरा का सेवन न करे |
काली कपालिनी साधना कैसे करे ?
मंत्र जाप करने से पहले त्रिशूल से अपनी चारों ओर एक सुरक्षा रेखा खींचें। उसके बाद 21 दिन तक इस साधना को मंत्र जाप द्वारा करें।
ध्यान रहे कि साधना के दौरान कपालिनी आपके आसपास घूमने शुरू कर देती यह स्थिति पहले दिन से ही होती है लेकिन जब भी आपको आवाज सुनाई दें तो तुरंत उसे बचन लेना चाहिए क्योंकि कपालिनी किसी भी समय आपको वचन दे सकती।
साधक के आसपास कपालिनी के साथ-साथ कपाल और कपाली अदृश्य व सहायक रूप में होती है। काली कपालिनी का रुप बहुत ही उग्र होता है इसलिए बहुत ही सावधानीपूर्वक साधना करनी होगी।
इस साधना को बिना योग गुरु के नहीं करनी चाहिये क्योंकि बिना गुरु के सानिध्य में आप साधना करते हैं तो आपके लिए खतरा या नुकसान बहुत अधिक होने की संभावना है।
गुरु के सानिध्य में काली कपालिनी साधना कैसे करे ?
जो भी व्यक्ति इस साधना को गुरु के सानिध्य में कर रहा है उसको चाहिए कि गुरु से कम से कम 25 मीटर दूर बैठे। गुरु के निर्देशानुसार मंत्र का जाप करें ।
काली कपालिनी साधना में प्रथम दिन क्या होता है ?
ध्यान रहे कि जाप करते समय आपके आसपास प्रथम 2 दिन भूत प्रेत की आत्माएं दिखाई देती है जो आप पर किसी भी प्रकार से हमला कर सकती हैं ।इस प्रकार की भूत प्रेत आत्माएं पूरे साधना काल में करती रहती हैं। दूसरे दिन क्या होता है ?
दूसरे दिन शमशान से स्त्री की आत्मा आती है और आपको डराती धमकाती है।
काली कपालिनी साधना के तीसरे दिन क्या होता है?
तीसरे दिन की साधना में आपके सामने एक साथ दिखाई देता है जो आपके पास रखी हुई सामग्री से होकर आपकी टांगो में घुस जाता है यह केवल डराने वाला भ्रम होता है इस दौरान आपको डरना नहीं चाहिए यदि आप डर गए तो आपकी साधना से आपको बहुत बड़ा नुकसान हो सकता।
काली कपालिनी साधना के चौथे दिन क्या होता है ?
चौथी दिन की साधना में साधक के सामने अनेकों भूत प्रेत आत्मा आती हैं और आपको परेशान करने के लिए जमीन को हिलाती डुलाती हैं। ऐसा लग रहा है जैसे कोई जमीन को ऊपर नीचे उठा रहा है यह भी भ्रम ही है आपको डरना नहीं है |
काली कपालिनी साधना के पांचवें दिन क्या होता है?
पांचवें दिन जब आप साधना करने बैठते हैं तो आपको आत्मा जमीन फाड़ कर बाहर निकलती हुई दिखाई देती है,जो कपालिनी होती है।
काली कपालिनी साधना के छठवें दिन क्या होता है?
छठी दिन की साधना में भी ऐसा महसूस होता है कि कोई कुत्ता आता है और आपके पास रखा हुआ मांस खा जाता है।
काली कपालिनी साधना के 7 वे दिन क्या होता है?
सातवें दिन शमशान में आपको भूत प्रेत का बहुत बड़ा हंगामा होता हुआ दिखाई देता है और इसी दिन कपालिनी आपको जमीन से बाहर गर्दन निकालकर देखती हुई दिखाई देती है।
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काली कपालिनी साधना के आठवें दिन से 20 वें दिन तक क्या होता है?
आठवें दिन से 20वें दिन तक आपको शमशान के अंदर कई तरह के हंगामे और उपद्रव भूत प्रेत व कपालिनी द्वारा करते हुए दिखाई देते हैं। कपालिनी तेज हवा के झोंके की तरह घूमती हुई अपना भोग गृहण करती है।
काली कपालिनी साधना के 21वें दिन क्या होता है?
एक चीज हे दिन शमशान ने बहुत तरह के उपद्रव करते हुए कपालिनी शक्ति धरती उखाड़ना शुरु कर देती है और आपके सामने दुर्गा या काली के रूप में अष्ट भुजा वाली शक्ति के रूप में दिखाई देते हैं और साधक को डराती है।
आखिरी दिन कपालिनी त्रिशूल और डमरु लिए हुए तथा नाक चपटी दो दांत बाहर निकले मुंह से रक्त बहता हुआ साधक के सामने आ जाती है और बचन देती है और सिद्ध होती है।
काली कपालिनी साधना कैसे कार्य करती है?
कपालिनी सिद्धि होने के बाद साधक के सारे कार्य फुटबॉल की तरह खोपड़ी रूप में करती है और साधक जो कहता है वह ही करती है।
काली कपालिनी साधना का मंत्र क्या होता है ? | Kali Kapalini Mantra
ॐ ह्रुं ह्रीं काली कपालिनी ह्रीं ध्रीं ध्रु फट
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