Kali mata ka vrat kaise kare ? आदिकाल से ही हमारे देश में देवी देवताओं को शक्ति का स्वरुप माना जाता रहा है और सभी देवी देवताओं की अलग अलग उपासना भी करते रहे है उनकी पूजा बिधि को भी अलग अलग बताया जाता रहा है| काली माता के व्रत में क्या खाना चाहिए ?
सभी देवताओं को उनकी नाम की महिमा का भी एवं उनकी शकित्यों का भी विरूप से ग्रंथो में वर्णित किया गया है उन्ही देवी शक्तियों में एक रूप माँ काली भी मिलता हैं जिन्हें हम शक्ति की प्रमुख देवी मानते है माँ काली को शत्रु संघार की देवी मना जाता है| kali mata ki sadhana kaise kare?
अब बात माँ काली के व्रत में खाने की बात की जाय तो हम पहले ये बता दे कि खाने के पहले हमे माँ काली की पूजा की विधियों को तथा उनका तरीका और क्या-क्या सामग्री लगेगी तब हमें उस विधि विधान के पूर्ण करने के बाद हमे क्या खाना चाहिए तो आइए सबसे पहले हम यह जाने कि माँ काली की पूजा की विधियों और तरीकों और सामग्री के बारे, क्या क्या लगेगी |
माँ काली को शास्त्रो में दो तरीके बताये गये हैं पहला-सामान्य पूजा तथा दूसरा तन्त्र पूजा| जिसमे सामान्य पूजा को कोई भी कर सकता है लेकिन जो तन्त्र पूजा की जाती है वः किसी ज्ञानी गुरु के ही सानिध्य में करना हिन् सर्वोत्तम होता है |
अब आइये हम माँ काली की पहले पूजा विधि के बारे में बता दे की कब और कैसे करे?
- 1. काली माँ की पूजा विधि क्या है ? Worship method of mother Kali
- 2. माँ काली के व्रत में क्या खाना चाहिए ? What should be eaten and what should not be eaten during Maa Kali’s fast?
- 3. माँ काली की उपासना पूजा आदि के मन्त्र कौन से है ? Some mantras and their names for worship of Maa Kali, worship etc.
काली माँ की पूजा विधि क्या है ? Worship method of mother Kali
- माँ काली की पूजा करने के लिए सबसे अच्छा एवं उत्तम समय रात का गया है| और माँ कलि की पूजा के समय लाल और काली चीजों का इस्तेमाल करना सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण मना गया है इसके आलावा पूजा के लिए विशेष मुहूर्त अमावस्या की रात्रि का होता है| माँ काली की पूजा करने से पहले साफ़ सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए |
- माँ काली की पूजा करने के लिए सबसे पहले घर या मंदिर में माँ काली किफोतो या मूर्ति की स्थापना करे उसके बाद उस मूर्ति पर तिलक लगाकर पुष्प आदि को अर्पित करे और पुला करने के समय काले कपड़े पहने|
- जब ब्पुजा करने के लिए आसन पर बैठे तो माँ काली के लिए किसी एक मन्त्र का जाप करे ध्यान रहे की जाप के समय मन्त्र का जाप 108 बार से कम न हो|
- माँ काली के जाप के समय काली माँ को प्रसाद के रूप में माँ का भोग लगाये उसके बाद माँ काली के मन्त्रो को एवं पूजा को निरंतर जारी रखे पूजा के दौरान मन्त्र का उच्चारण करते रहे |
- माँ काली की पूजा उपासना करते समय मन्त्रो का जप जब करे तो ध्यान रहे की मन्त्रो का उच्चारण सही हो तथा जाप के समय यह भी यद् रखे की मन्त्र जाप की संख्या कम या ज्यादा ण हो माँ काली के मन्त्र ह्रीं और क्रीं जैसे मन्त्र का जाप करना काफी फलदायी होता है |
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- यदि ज्ञान और सिद्धि के लिए माँ काली की पूजा उपासना करते है तो माँ काली के एकाअक्षरी मन्त्र क्रीं क्रीं क्रीं का जाप करना नहत्त्व्पूर्ण होता है इस मन्त्र का जप भी 108 बार करने से सभी दुखो का नाश होता है इस मन्त्र का जाप करने से जीवन में धन धान्य की बढ़ोत्तरी और पारिवारिक शांति भी मिलती है |
- माँ काली के प्रचंड रूप में की साधना के लिए पूजा बिधि में द्विअक्षारी तथा त्रिअक्षरी मन्त्रो का जाप करना काफी फलदायी होता है यह मन्त्र तान्त्रिक साधनों के लिए होता है| इस मन्त्र का जाप तांत्रिक साधनाओं के पहले और बाद दोनों में किया जा सकता है |
- ग्रहों से जुड़े मन्त्र ॐ ऐँह्रीं क्लीं चामुंडाये विच्चे का जाप भी एक पूजा बिधि में शामिल है इस मन्त्र ॐ ऐँह्रीं क्लीं चामुंडाये विच्चेका जप करने से गृह दशाएं शांत बनी रहती हैं |इस मन्त्र का जाप नवरात्र के समय करना सबसे अच्छा होता है|
- माँ काली की पूजा करने में एक मन्त्र ॐ क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं स्वाहा का जाप करना भी माँ काली को प्रसन्न करने के लिए होता है इस मन्त्र भी जाप नवरात्र में करना सबसे अच्छा होता है |
- जब हम किसी देवी देवता की पूजा या बरत करते है तो उस ब्रत में कुछ खाद्य सामग्रियों का सेवन करते है| ऐसे में ही माँ काली का जब व्रत करते हैं तो हमे कुछ खाने की वस्तुओं का ध्यान रखना पड़ता है तो अब हम यहाँ पर माँ काली के ब्रत में क्या खाना चाहिए क्या नही खाना चाहिए इसके विषय में जानकारी दे रहें हैं |
माँ काली के व्रत में क्या खाना चाहिए ? What should be eaten and what should not be eaten during Maa Kali’s fast?
माँ काली की पूजा करने के बाद खाने के लिए अनाज से बना हुआ कोई भी सामान नही खाना चाहिए इसकी जगह पर खाने में आलू का सिंघाड़े का अता या फिर साबूदाना जैसी बस्तुओं का सेवन क्र सकते हैं| इसके आलावा आपको फलों का सेवन करना भी उत्तम रहता है |
ये भोजन खाने की प्रक्रिया पूजा करने के बाद सूर्यास्त के बाद ही करना चाहिए माँ काली के व्रत जिस दिन रखते हैं उस दिन नशे का सेवन तथा प्याज अदरक लाल मिर्च लहसुन आदि का भी सेवन करना वर्जित है |
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माँ काली की उपासना पूजा आदि के मन्त्र कौन से है ? Some mantras and their names for worship of Maa Kali, worship etc.
माँ काली की पूजा अर्चना के लिए कुछ विशेष मन्त्र है जिनका जप करके अपने जीवन में कुछ न कुछ प्राप्त कर सकते हैं तो आइये जाने कुछ माँ काली के विशेष मन्त्र और उनको किस नाम से जानते हैं यह भी जाने –
एकाक्षर मन्त्र | क्रीं |
द्विअक्षर मन्त्र | क्रीं क्रीं |
त्रिअक्षर मन्त्र | क्रीं क्रीं क्रीं |
ज्ञान प्रदाता मन्त्र | ह्रीं |
चेतक मन्त्र | क्रीं क्रीं क्रीं स्वाहा |
छः अक्षर का मन्त्र | क्रीं क्रीं फट स्वाहा |
८ अक्षर का मन्त्र | क्रीं क्रीं क्रीं क्रीं क्रीं स्वाहा |
नवार्ण मन्त्र | ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे |
११ अक्षर का मन्त्र | ऐं नमः क्रीं क्रीं कालिकायै स्वाहा |
इस तरह से उम्मीद करता हूँ कि आपको समझ में आ गया होगा की माँ काली के व्रत में क्या क्या नियम और विधियां है और क्या क्या खाना चाहिए और क्या नही खाना चाहिए और क्या मन्त्र है और उनके क्या नाम से जाना जाता हैं |