Karwa chauth kise kahte hai ? आप सभी ने करवा चौथ के बारे में तो अवश्य सुना होगा, हमारे भारत में हर साल करवा चौथ का व्रत बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है, करवा चौथ मुख्य रूप से हिंदू धर्म के मानने वाले लोगों का त्यौहार है परंतु जो भी पत्नी अपने पति की लंबी उम्र चाहती है वह इस व्रत को करती है. karwa chauth ke fayde kya hai ?
फिर चाहे वह किसी भी मजहब की क्यों ना हो, हिंदू धर्म से जुड़े हुए लोग इस दुनिया में जहां भी हैं वहां पर भी वह करवा चौथ का व्रत बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाते हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि करवा चौथ का व्रत शादी शुदा लड़कियां करती है और इस व्रत को करने के पीछे यह है कि इस व्रत को करने से उनके पति की उम्र लंबी होती है और इसके साथ ही इस व्रत को करके वह यह दर्शाने की कोशिश करती हैं कि वह अपने पति से कितना प्यार करती है.
करवा चौथ के दिन सुहागिनी लड़कियां सुबह से ही उपवास रखती हैं और इस दिन वह पार्लर जाकर अपने आप को सजाती भी है, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है और इस व्रत में भगवान गणेश की पूजा की जाती है.
साथ ही इस व्रत में दिन भर उपवास किया जाता है,यह व्रत पति पत्नी के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह व्रत पति पत्नी से ही संबंधित होता है, इसीलिए इस व्रत को हर साल सुहागिन महिलाएं मनाने की है.
सुहागिन महिलाएं इस व्रत से पति की लंबी आयु की और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए भगवान भोलेनाथ की पूजा करती हैं, इस व्रत में पूरे दिन उपवास रखा जाता है और शाम को समय चांद दिखाई देने पर भोजन ग्रहण किया जाता है और करवाचौथ का व्रत खत्म किया जाता है.
वर्तमान में भी बहुत सी महिलाएं इस प्रथा के अनुसार इस व्रत को मनाती हैं परंतु अधिकतर महिलाएं इस व्रत को रात को अपने पति के हाथों से पानी पीने के बाद खत्म करती हैं, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस व्रत की सबसे खास बात यह है कि इस व्रत को किसी भी धर्म अथवा मजहब की महिलाएं कर सकती हैं.! यह पोस्ट आप OSir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है !
इस व्रत को करने से उनके पति की उम्र लंबी होती है, साथ ही उनके पति का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है,सामान्य तौर पर इस व्रत को लगातार 12 से 16 साल तक किया जाता है और समय पूरा हो जाने पर इसका उद्यापन किया जाता है परंतु महिलाएं चाहें तो इस व्रत को आजीवन भी रख सकती है, इस व्रत के जैसा कोई भी और व्रत सौभाग्य दायक नहीं है.
करवा चौथ का व्रत करने की विधि क्या है ? | Method of fasting Karva Chauth
करवा चौथ का व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती है, इस व्रत को करने के लिए कुछ नियम है जिसके बारे में बहुत से लोगों को नहीं पता होता है, आइए जानते हैं कि करवा चौथ का व्रत करने की विधि क्या है.
करवा चौथ का व्रत करने के लिए सबसे पहले महिलाओं को करवा चौथ के दिन सुबह जल्दी उठकर नहाना होता है, उसके बाद उन्हें साफ और स्वच्छ कपड़े पहन कर अपने घर में भगवान की पूजा करनी होती है.
पूजा करने के बाद भगवान गणेश को पीले फूलों की माला पहनाई जाती है और उन्हें प्रसाद में लड्डू भी चढ़ाया जाता है, इसके बाद भगवान शंकर को बेलपत्र अर्पित किया जाता है साथ ही भगवान श्री कृष्ण को माखन और मिश्री का प्रसाद चढ़ाया जाता है.
और इन सभी भगवानों के सामने घी के दीपक जलाए जाते हैं, इसके बाद पूजा पूरी होने के बाद करवा चौथ की कथा सुनी जाती है,करवा चौथ की कथा का जाप किसी पुरुष को ही करना चाहिए ऐसा करना अति उत्तम रहेगा.
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कथा सुनने के बाद गणेश भगवान का भजन करना चाहिए और जो आपने गणेश भगवान को प्रसाद चढ़ाया था उसमें से कुछ प्रसाद को आपको आसपास के लोगों को बांट देना चाहिए और इसके बाद आपको अपने घर के बड़े बुजुर्गों से आशीर्वाद लेना चाहिए और फिर शाम के समय जब चंद्रमा निकल आए तो उसे भोग लगाकर आपको अपने पति की लंबी उम्र की कामना करनी चाहिए.
चंद्रमा को भोग लगाने के बाद आपको अपने पति से अपने आप को पानी पिलाने के लिए कहना चाहिए और जब आपका पति आपको पानी पिलाता है तो ऐसा करने से करवा चौथ का व्रत पूरा हो जाता है.
इसके बाद आप कोई भी भोजन कर सकते हैं,जब आप चंद्रमा को भोग लगा रहे हो तो पति की उम्र लंबी करने के लिए आपको नीचे दिए गए मंत्र का 11 बार जाप करना चाहिए,मंत्र इस प्रकार है.
‘नमस्त्यै शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभा। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे।’
करवा चौथ की आरती क्या है ? | Aarti of Karva Chauth
ऊँ जय करवा मइया, माता जय करवा मइया ।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया ।।
ऊँ जय करवा मइया।
सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।
यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी ।।
ऊँ जय करवा मइया।
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।
दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती ।।
ऊँ जय करवा मइया।
होए सुहागिन नारी, सुख सम्पत्ति पावे।
गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।।
ऊँ जय करवा मइया।
करवा मइया की आरती, व्रत कर जो गावे।
व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।।
ऊँ जय करवा मइया।
चंद्रमा पुजन मंत्र : Moon Worship Mantra
‘ॐ शिवायै नमः’ से पार्वती का, ‘ॐ नमः शिवाय’ से शिव का,‘ॐ षण्मुखाय नमः’ से स्वामी कार्तिकेय का, ‘ॐ गणेशाय नमः’ से गणेश का तथा ‘ॐ सोमाय नमः’
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करवा चौथ की कथा सुनने का तरीका क्या है ? How to Hear Karwa Chauth Vrat Katha
करवा चौथ की कथा सुनने के लिए आपको सबसे पहले एक थाली लेनी है और उसके अंदर आपको 13 बिंदिया रखनी है और फिर आपको एक छोटे से बर्तन के अंदर पानी लेना है, साथ ही आपको गेहूं अथवा चावल के 13 दाने लेने हैं और बाद में आपको करवा चौथ की कथा सुननी है.
कथा सुनने के बाद आपको अपनी सास के पैर को छूकर आशीर्वाद लेना है और आपने जो गेहूं के दाने और बर्तन में पानी लिया था उसे अलग रख देना है.! यह पोस्ट आप OSir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है !
आपने जो गेहूं के दाने और पानी अलग रख दिए हैं उसका इस्तेमाल आपको चंद्रमा की पूजा करते समय करना है, जब चंद्रमा निकल आए तो एक चलनी की सहायता से आपको सबसे पहले चंद्रमा को देखना है और उसके बाद में आपको अपने पति का चेहरा देखना है.
इसके बाद में आपको अपने पति के हाथों से पानी पीना है,ऐसा करने से व्रत पूरा हो जाता है फिर आप या आपका पति कोई भी भोजन या फिर पूरा आहार ले सकते हैं.