जाने लड़का या लड़की : किस महीने में लड़का होता है ?| Kis month me ladka hota hai ?

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किस महीने में लड़का होता है | kis mahine mein Ladka hota hai : महिलाओं को मां बनना बहुत ही सुखद अनुभव होता है लेकिन जब उन्हें यह पता होता है कि उनकी गर्भ में पल रहा से लड़का है तो उन्हें बेहद खुशी हो जाती है, बहुत सी महिलाएं गर्भधारण करने से पहले अपने मन में सवाल रखती हैं कि किस महीने में लड़का होता है जिससे उसी दौरान कंसीव किया जाए।

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यह एक प्रकार का मानसिक भ्रम होता है कि किस महीने में लड़का पैदा होता है दरअसल लड़का या लड़की होना व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर नहीं करता है क्योंकि जब भी कोई महिला पुरुष गर्भधारण करने के लिए कंसीव करना चाहते हैं तो उन्हें इस बात से अवगत होना चाहिए कि मनुष्य के द्वारा मैथुन के दौरान शुक्राणुओं का स्खलन होता है जो महिला के गर्भाशय में लिंग का निर्धारण करते हैं।

मैथुन क्रिया के बाद गर्भाशय में पहुंचने वाले शुक्राणु लिंग का निर्धारण कर देते हैं तो उस वक्त लड़का या लड़की की पहचान करना संभव नहीं है इसलिए यह कह पाना संभव नहीं है कि किस महीने में लड़का होगा अथवा लड़की होगी। केवल गर्भधारण के तीसरे या चौथे महीने में लिंग परीक्षण कराकर ही इस बात का निर्धारण किया जा सकता है कि गर्भ में पलने वाला बच्चा लड़का है या लड़की।

किस महीने में लड़का होता है ? | kis mahine mein Ladka hota hai ?

किसी भी महिला के गर्भ में पलने वाला शिशु लड़का या लड़की में से कोई एक हो सकता है जहां बात आती है कि किस महीने में लड़का होता है तो यह हम सभी जानते हैं कि संतान होने के लिए कोई समय दिन या महीना निर्धारित नहीं होता है बल्कि महीनों के हिसाब से अलग-अलग लड़के होते हैं।

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फिर भी तार्किक रूप से देखा जाए तो इन महीनों में सबसे अधिक लड़के पैदा होते हैं पूरे वर्ष के 12 महीने में लड़का और लड़की होने की प्रायिकता लगभग एक समान होती है लेकिन वर्ष के 12 महीनों में 7 महीने ऐसे होते हैं जिनमें सबसे ज्यादा लड़के पैदा होते हैं वह महीने कुछ इस प्रकार से हैं।

सबसे ज्यादा बच्चे पैदा होने वाले महीने

जनवरी-मार्च मई जुलाई अगस्त अक्टूबर और दिसंबर वर्ष के ऐसे महीने हैं जिनमें सबसे अधिक बच्चे पैदा होते हैं क्योंकि इन महीनों में 31 दिन होते हैं इस हिसाब से देखा जाए तो इन्हीं महीनों में सबसे ज्यादा बच्चे पैदा होते हैं।

हर महिला के लिए मासिक धर्म का महीना अलग अलग होता है इसलिए संतान उत्पत्ति हर महीने में और प्रतिदिन होती रहती है संसार बहुत बड़ा है इसलिए प्रतिदिन लड़कों की संख्या गिनना थोड़ा असहज है और असंभव सा लगता है लेकिन महीनों की गणना के आधार पर ऊपर दिए गए 7 महीने में लड़के अधिक पैदा होते हैं।

किस महीने में लड़के कम पैदा होते हैं ?

दोस्तों जब बात आ जाती है कि किस महीने में लड़के सबसे कम पैदा होते हैं तो वर्ष के यह 4 महीने सबसे कम समय के होते हैं क्योंकि इन महीनों में केवल 30 दिन होते हैं इसलिए इस महीने में देखा जाए तो संतान उत्पत्ति सबसे कम होती है।

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सबसे कम दिनों वाले महीने अप्रैल जून सितंबर और नवंबर साल के यह 4 महीने 30 दिन के होते हैं जिसकी वजह से लड़कों की संख्या इन महीनों में कम होती हैं और फरवरी एक ऐसा महीना है जो 28 या 29 दिन का होता है जिसकी वजह से फरवरी में सबसे ज्यादा कम बच्चे पैदा होते हैं।

सबसे कम लड़के किस महीने में पैदा होते हैं ?

वर्ष के 12 महीने के दिनों की गणना करने से यह पता चलता है कि फरवरी एक ऐसा महीना है जिस महीने में लड़के सबसे कम पैदा होते हैं क्योंकि फरवरी 28 दिन की होती है इसके अलावा हर चौथे वर्ष फरवरी 29 दिन की हो जाती है जिसकी वजह से यह महीना सबसे कम दिनों का होता है और इस दृष्टि से फरवरी एक ऐसा महीना है जिस महीने में सबसे कम बच्चे पैदा होते हैं।

इस दृष्टि से देखा जाए तो वर्ष के 12 महीनों में कम ज्यादा बच्चे पैदा होने की गणना की जा सकती है क्योंकि वर्ष के 365 दिन में प्रतिदिन कहीं ना कहीं लड़का या लड़की का जन्म होता रहता है इसके पीछे कारण यह है कि महिला के अंदर हर महीने होने वाला मासिक स्राव की तारीख अलग अलग होती है।

इसके साथ साथ महिला में गर्भधारण भी अलग-अलग समय में होता है जिसकी वजह से हम एक वास्तविक गणना पर नहीं पहुंच सकते हैं लेकिन जहां बात आती है कि किस महीने में सबसे ज्यादा बच्चे पैदा होते हैं तो वह गणना साल के महीनों के हिसाब से कर सकते हैं।

हिंदी महीनों के अनुसार सबसे कम बच्चे किस महीने में पैदा होते हैं ?

दोस्तों जहां बात आती है कि हिंदी महीने मैं ऐसा कौन सा महीना है ? जिसमें सबसे कम बच्चे पैदा होते हैं, तो हिंदी महीनों में हिंदू सनातन धर्म के अनुसार तथा वार्षिक कैलेंडर के अनुसार अलग-अलग महीने में अलग-अलग दिन और तारीखों का ह्रास हो जाता है. जिसकी वजह से किसी इस वर्ष मलमास का महीना आ जाता है और जिस महीने में मलमास लग जाता है. उस महीने में सबसे कम बच्चे पैदा होते हैं।

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उदाहरण के रूप में देखा जाए यदि कार्तिक महीने में मलमास लग गए हैं, तो कार्तिक का महीना 15 दिन का हो जाता है. क्योंकि मलमास को उस महीने में गणना नहीं की जाती है, तो यह मान लिया जाएगा कि कार्तिक के महीने में सबसे कम बच्चे पैदा होते हैं।

इसके अलावा भारतीय हिंदू सनातन धर्म में 15 दिन का पितृपक्ष मनाया जाता है, जो लगभग क्वार के महीने में होता है. इस गणना के आधार पर अर्थात पितृपक्ष के अनुसार कुंवार महीना 15 दिन का रह जाता है तो इस महीने में भी बच्चे या लड़के कम पैदा होंगे। इसी तरह से कई महीने कम और ज्यादा तारीखों में हो जाते हैं उसी अनुसार इस महीने में बच्चे भी कम या ज्यादा पैदा होंगे।

इस्लाम धर्म के अनुसार किस महीने में बच्चे सबसे कम होंगे

मुस्लिम या इस्लाम धर्म के अनुसार वर्ष को 354 दिनों का या 55 दिनों का माना गया है जिसमें प्रत्येक महीना लगभग 29 दिन का माना जाता है। इस्लाम धर्म में चंद्र कालदर्शक के अनुसार वर्ष का वर्णन किया जाता है.

इसलिए 11 दिन कम हो जाता है ऐसे में अगर इस्लाम धर्म के अनुसार देखा जाए तो सबसे कम बच्चे किस महीने में पैदा होते हैं, तो यह कहना ज्यादा उचित है कि इस्लाम धर्म में कोई महीना 30 दिन से ज्यादा नहीं माना जाता है,

तो लगभग इस धर्म के अनुसार प्रत्येक महीने में बराबर लड़कों का जन्म होता है.

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यानी कि कम ज्यादा बच्चे इस्लाम धर्म के अनुसार किसी महीने में नहीं होते हैं। इस्लामिक धर्म के अनुसार सरकार दिवस 11 दिन कम हो जाता है और चंद्र कालदर्शक के अनुसार हिजरी संवत चलता है. जिसकी वजह से महीनों की गणना कम ज्यादा हो जाती है और उसी अनुसार महीनों में कम ज्यादा संतान उत्पत्ति होती है. इसीलिए इस्लाम धर्म के अनुसार हर महीने में बच्चे पैदा होने की स्थितियां अलग अलग होती हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों संतान या लड़के का जन्म होना किसी दिन या महीने या वर्ष पर निर्भर नहीं करता है इसलिए हम जनगणना नहीं कर सकते हैं कि किस महीने में लड़का होता है, लड़का होना या लड़की होना गर्भधारण पर निर्भर करता है और कंसीव करते समय माता पिता के अंडाणु और शुक्राणु के मिश्रण से बच्चे पैदा होते हैं वैज्ञानिक आधार देखा जाए तो माता में समरूप लक्षण होते हैं और पिता में विपरीत लक्षण होते हैं जो लिंग निर्धारण करते हैं।

पिता के लिंग निर्धारण गुणसूत्र ही लड़का और लड़की होने की संभावना को देखते करते हैं ऐसे में यदि पिता के लिंग गुणसूत्र जो माता के लिंग गुणसूत्र से संलयन करता है उसी अनुसार संतान का जन्म होता है अब यदि पिता का वाई गुणसूत्र माता के एक्स गुणसूत्र से मिलन करता है तो लड़का होगा अगर पिता का एक्स गुणसूत्र माता के एक्स गुणसूत्र से मिलन करता है तो लड़की होगी ।

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