क्या व्रत में दवा खा सकते हैं Kya vrat me dawa kha sakte hai : दोस्तों व्रत या उपवास हमारे धर्म की एक सात्विक परंपरा है धर्म के आधार पर शास्त्रों में कहा गया है कि व्रत के दौरान व्यक्ति को बहुत सारी चीजें नहीं सेवन करना चाहिए तथा कुछ क्रियाकलाप भी व्रत के दौरान नहीं किए जा सकते हैं।
अगर बात आती है कि क्या व्रत में दवा खा सकते हैं तो धार्मिकता के आधार पर और मनुष्य की सात्विक विचारधारा के आधार पर व्रत में कुछ चीजें खाना निषेध माना जाता है क्योंकि इन चीजों से हमारा व्रत या उपवास खंडित होता है और हम जिस संकल्प को लेकर व्रत करते हैं उस संकल्प में बाधाएं उत्पन्न हो जाती है।
प्रति व्यक्ति का व्यक्तिगत निर्णय होता है परंतु कुछ लोग विभिन्न प्रकार के साधनाओ हेतु या किसी अहम कार्य की पूर्ति के लिए व्रत रखते हैं वहीं कुछ लोग व्रत इसलिए रखते हैं कि व्यक्ति के पेट संबंधित कुछ समस्याएं ना हो।
परंतु अगर आप व्रत रखते हैं तो व्यक्तिगत स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए व्रत रहने का निर्णय लेना चाहिए क्योंकि बहुत से लोग व्रत के दौरान दवाइयां लेने के लिए मजबूर होते हैं प्रमुख रूप से जो लोग डायबिटीज के रोगी हैं या ब्लड प्रेशर की बीमारी से ग्रसित हैं उन लोगों के लिए व्रत के दौरान दवाइयां लेना ही पड़ता है।
धार्मिकता के आधार पर व्रत या उपवास रखने पर कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है जिसमें से प्रमुख रूप से क्षमा, सत्य, दया, दान, शौच, इन्द्रिय-संयम, देवपूजा, अग्निहो़त्र, संतोष तथा चोरी ना करना शामिल है इन सभी नियमों का पालन करते हैं व्यक्ति के खानपान को लेकर भी उपवास में प्रतिबंधित किया गया है ऐसे में क्या व्रत में दवा खा सकते हैं तो कुछ व्रत ऐसे हैं जिनमें दवाई खाई जा सकती हैं।
- 1. व्रत क्या है ? | Vrat kya hai
- 2. क्या व्रत में दवा खा सकते हैं ? | Kya vrat me dawa khana chahiye | Kya vrat me dawa kha sakte hai
- 3. व्रत में दवा क्यों नहीं कहनी चाहिये ?
- 4. FAQ : क्या व्रत में दवा खा सकते हैं ?
- 4.1. व्रत में क्या क्या खा सकते हैं?
- 4.2. व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए?
- 4.3. अगर भूल से व्रत टूट जाए तो क्या करें?
- 5. निष्कर्ष
व्रत क्या है ? | Vrat kya hai
वृत्त का उद्देश्य किसी चीज की प्राप्ति होती है जिसमें हम दिन भर अन्न या जल अथवा अन्य प्रकार के भोजन का त्याग कर कर देते हैं। वही व्रत का अर्थ संकल्प से भी है क्योंकि अधिकांश लोग व्रत अपने संकल्पों की पूर्ति के लिए कर लेते हैं। व्रत और उपवास दोनों अलग-अलग चीजें हैं सही रूप में देखा जाए तो व्रत का अर्थ संकल्प से है। और इसमें भी बहुत से लोग कुछ इस प्रकार से व्रत करते हैं कि जब तक उनका कार्य पूरा नहीं होगा तब तक अन्न या जल सब कुछ त्याग देंगे।
वास्तव में मनुष्य अपने जीवन में सदा सुख की कामना करता है और दुख से निवृत्ति चाहता है ऐसे में अपने अनुकूल परिस्थितियों को बनाने के लिए व्रत का सहारा लेता है हमारे धर्म शास्त्रों में विभिन्न प्रकार के ऋषि-मुनियों ने सुख की कल्पना के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय बताए हैं जिनमें से व्रत को भी स्थान दिया गया है।
व्रत को धर्म का साधन कहा जाता है धर्म के मार्ग पर चलने वाले लोग व्रत के आचरण से पाप और पुण्य के बीच अंतर करते हैं आत्मा और मन की शुद्धि जीवन में शांति और पुरुषार्थ की सिद्ध करते हैं। हिंदू धर्म में अनेकों तीज त्यौहारों को मनाया जाता है जिसमें 33 कोर्ट के देवी देवताओं को मनाने के लिए और सुख की कल्पना के लिए दिन प्रतिदिन व्रत रखे जाते हैं।
क्या व्रत में दवा खा सकते हैं ? | Kya vrat me dawa khana chahiye | Kya vrat me dawa kha sakte hai
दोस्तों क्या व्रत में दवा खा सकते हैं यह एक अहम सवाल है कारण यह है कि समाज में हर व्यक्ति अपने हिसाब से व्रत रखता है उपवास करता है और जिस दिन जिस कार्य हेतु व्रत रखता है उसके नियमों का पालन भी करता है क्योंकि व्रत में कई नियमों का पालन करने के लिए शास्त्रों में वर्णित किया गया।
- व्रत के दौरान क्षमा, सत्य, दया, दान, शौच, इन्द्रिय-संयम, देवपूजा, अग्निहो़त्र, संतोष तथा चोरी ना करना नियमों का पालन करना पड़ता है।
- शास्त्रों के अनुसार व्रत के दौरान बार-बार पानी पीना, खानपान करना, दिन में सोना,मैथुन करना वर्जित है।
- व्रत करने वाले व्यक्ति को कांसे का बर्तन का प्रयोग नहीं करना चाहिए शहद नहीं खाना चाहिए तथा पराए अन्न का उपभोग ना करना शामिल है और अशुद्ध वस्त्रों का उपयोग नहीं करना चाहिए
- व्रत करने वाले व्यक्ति को सुंदर वस्त्र अलंकारिक वस्तुएं तथा सुगंधित वस्तु नहीं धारण करना चाहिए इत्र जैसे चीजों का प्रयोग ना करें
- व्यक्ति को किसी के प्रति ईर्ष्या द्वेष की भावना नहीं होनी चाहिए और स्वार्थ लालच नहीं करना है।
अगर बात दवा खाने की है कि क्या व्रत मैं दवा खा सकते हैं तो इसके लिए अलग-अलग मत हैं लेकिन धार्मिक शास्त्रों के अनुसार बहुत सारे व्रतों में दवा का प्रयोग वर्जित है परंतु जो लोग डायबिटीज या ब्लड प्रेशर की बीमारी से पीड़ित हैं उन लोगों को व्रत में दवा खाने की आवश्यकता है इसीलिए ऐसे लोगों को व्रत की सलाह नहीं दी जाती है और इन लोगों को व्रत नहीं रखना चाहिए।
व्रत में दवा क्यों नहीं कहनी चाहिये ?
इसके बारे में विस्तार से जानने के लिये हमारा यह लेख पढ़े :
FAQ : क्या व्रत में दवा खा सकते हैं ?
व्रत में क्या क्या खा सकते हैं?
व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए?
अगर भूल से व्रत टूट जाए तो क्या करें?
निष्कर्ष
दोस्तों अगर आप किसी भी प्रकार का धार्मिक व्रत करते हैं और इस दौरान आपके मन में सवाल आता है कि क्या व्रत में दवा खा सकते हैं तो इस संबंध में यह कहा जाता है धार्मिक व्रत में किसी भी प्रकार की दवा नहीं खानी चाहिए इससे व्रत खंडित होता है बहुत से व्रत में नमक तक खाने को वर्जित किया गया है।
हमारे समाज में महिलाएं करवा चौथ कजरी तीज जैसे व्रतों में किसी भी प्रकार का खान-पान नहीं करती हैं बल्कि निर्जल पूरे दिन व्रत रहती हैं वहीं दूसरी तरफ बहुत से ऐसे भी व्रत हैं जिनमें फलाहार किया जाता है कुछ व्रत ऐसे हैं जिनमें चने की दाल से बने व्यंजन का प्रयोग किया जाता है जैसे बृहस्पतिवार का व्रत।
मृत सात्विक विचारधारा का प्रमाण होता है ऐसे में किसी प्रकार की ऐसी चीजों का सेवन नहीं किया जाए जो आपकी सात्विकता पर धब्बा बना दें क्योंकि ज्यादातर दवाएं जानवरों की जिलेटिन से तैयार की जाती हैं ऐसे में एक शाकाहारी व्यक्ति को व्रत के दौरान किसी भी प्रकार की दवा नहीं लेनी चाहिए।