Lingashtakam in hindi lyrics ? हेलो दोस्तों नमस्कार आज हम आप लोगों को Lingashtakam in hindi lyrics के बारे में बताएंगे और आप लोगों को लिंगाष्टकम इन हिंदी लिरिक्स भी देंगे वैसे तो लिंगाष्टकम एक अष्टक है जिसे हम लोग 8 छन्दों वाला भजन कहते हैं.
जिसका उच्चारण भगवान शिव की पूजा करते समय किया जाता है भगवान शिव की पूजा के लिए ” लिंग ” के रूप में लिंगाष्टकम को माना जाता है इस भजन को बार बार पढ़ने से मन को शांति मिलती है और बुरी आदतें या बुराई दूर हो जाती है.
ऐसा माना जाता है कि कोई भी भक्ति के साथ लिंगाष्टकम अष्टक का पाठ करने से घर में सुख शांति और वह व्यक्ति शिवलोक पहुंच सकता है तो चलिए आज हम आप लोगों को lingashtakam in hindi lyrics लिंगाष्टकम का भजन बताएंगे और सुनाएंगे भी तो चलिए शुरू करते हैं लिंगाष्टकम का भजन।
- 1. लिंगाष्टकम क्या है ?
- 2. लिङ्गाष्टकं स्तोत्रम् का पाठ कैसे करे ?
- 3. Lingashtakam in hindi lyrics | लिंगाष्टकम् इन हिंदी लिरिक्स
- 4. लिङ्गाष्टकं स्तोत्रम् के लाभ
- 5. lingashtakam in hindi lyrics
- 5.1. लिंगाष्टकम का पाठ करने के क्या लाभ हैं ?
- 5.2. लिंगाष्टकम में कितने श्लोक हैं ?
- 5.3. लिंगाष्टकम कब बोलना चाहिए?
- 6. निष्कर्ष
लिंगाष्टकम क्या है ?
वैसे तो लिंगाष्टकम एक अष्टक है जिसे हम लोग 8 छन्दों वाला भजन कहते हैं जिसका उच्चारण भगवान शिव की पूजा करते समय किया जाता है भगवान शिव की पूजा के लिए ” लिंग ” के रूप में लिंगाष्टकम को माना जाता है. इस भजन को बार बार पढ़ने से मन को शांति मिलती है और बुरी आदतें या बुराई दूर हो जाती है ऐसा माना जाता है कि कोई भी भक्ति के साथ लिंगाष्टकम अष्टक का पाठ करने से घर में सुख शांति और वह व्यक्ति शिवलोक पहुंच सकता है।
लिङ्गाष्टकं स्तोत्रम् का पाठ कैसे करे ?
हमारे हिंदू धर्म के अनुसार जो भी व्यक्ति लिंगाष्टकम स्त्रोत का पाठ करता है उसकी मनचाही मनोकामना पूर्ण हो जाती है लेकिन इसको करने के लिए सबसे पहले आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निश्चिंत होने के बाद शिवलिंग के सामने लिंगाष्टकम का पाठ करना होगा उसके बाद शिवलिंग का कच्चे दूध से और जल से अभिषेक करना होगा उसके तत्पश्चात धूप , दीप , पुष्प और नैवैद्य अर्पित करने होंगे उसके बाद लिंगाष्टकम का पाठ करके इस पूजा को समाप्त करना होगा तभी आपको आपका मनचाहा वरदान प्राप्त हो जाएगा।
Lingashtakam in hindi lyrics | लिंगाष्टकम् इन हिंदी लिरिक्स
ब्रह्ममुरारि सुरार्चित लिंगं
निर्मलभासित शोभित लिंगम् |
जन्मज दुःख विनाशक लिंगं
तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ‖ 1 ‖
मैं उन शिवलिंग को प्रणाम करता हूं जिनकी पूजा अर्चना सभी देवी देवता यानी कि ब्रह्मा विष्णु सभी लोग करते हैं जिनको सदैव निर्मल भाषाओं द्वारा पूजा जाता है जोकि जन्म और मृत्यु के चक्र का विनाश करता है।
देवमुनिप्रवरार्चित लिंगं, कामदहं करुणाकर लिंगं|
रावणदर्पविनाशन लिंगं तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगं॥२।।सभी मुनियों और देवताओं द्वारा पूरी जाने वाली लिंग जो काम का दमन करता है जिसे करो ना मै शिव का स्वरूप माना जाता है जिन की शक्ति से रावण के अभिमान का भी नाश हो जाता है मैं उन सदाशिव लिंग को प्रणाम करता हूं।
सर्वसुगंन्धिसुलेपित लिंगं, बुद्धिविवर्धनकारण लिंगं|
सिद्धसुरासुरवन्दित लिंगं, तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगं॥३जिन्हें सभी सुगंधित पदार्थों द्वारा सुलेपित लिंग जो की बुद्धि का विकास करने वाली होती है तथा सिद्ध – सूर एवं देवताओं और असुरों सबके लिए वंदित है उन सदाशिव लिंग को प्रणाम करता हूं।
कनकमहामणिभूषित लिंगं, फणिपतिवेष्टितशोभित लिंगं|
दक्षसुयज्ञविनाशन लिंगं, तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगं॥४
स्वर्ण एवं महामणियों से विभूषित, एवं सर्पों के स्वामी से शोभित सदाशिव लिंग जो कि दक्ष के यज्ञ का विनाश करने वाल है ; आपको प्रणाम।
कुंकुमचंदनलेपित लिंगं, पंङ्कजहारसुशोभित लिंगं|
संञ्चितपापविनाशिन लिंगं, तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगं॥५
कुंकुम एवं चन्दन से शोभायमान, कमल हार से शोभायमान सदाशिव लिंग जो कि सारे संञ्चित पापों से मुक्ति प्रदान करने वाला है, उन सदाशिव लिंग को प्रणाम ।
देवगणार्चितसेवित लिंग, भवैर्भक्तिभिरेवच लिंगं|
दिनकरकोटिप्रभाकर लिंगं, तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगं॥६
आप सदाशिव लिंग को प्रणाम जो कि सभी देवों एवं गणों द्वारा शुद्ध विचार एवं भावों द्वारा पुजित है तथा जो करोडों सूर्य सामान प्रकाशित हैं।
अष्टदलोपरिवेष्टित लिंगं, सर्वसमुद्भवकारण लिंगं|
अष्टदरिद्रविनाशित लिंगं, तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगं॥७
आठों दलों में मान्य, एवं आठों प्रकार के दरिद्रता का नाश करने वाले सदाशिव लिंग सभी प्रकार के सृजन के परम कारण हैं – आप सदाशिव लिंग को प्रणाम।
सुरगुरूसुरवरपूजित लिंगं, सुरवनपुष्पसदार्चित लिंगं|
परात्परं परमात्मक लिंगं, ततप्रणमामि सदाशिव लिंगं||सभी देवताओं एवं देव गुरु द्वारा स्वर्ग के वाटिका के पुष्पों से पूजित परमात्मा स्वरुप जिनकी सभी व्याख्या करते हैं उन सदाशिव लिंग को मैं प्रणाम करता हूं।
लिङ्गाष्टकं स्तोत्रम् के लाभ
- अगर आप शिवलिंग के सामने बैठकर लिंगाष्टकम का पाठ करते हैं तो भगवान शिव आप से जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं क्योंकि भगवान शिव का या लिंगाष्टकम स्रोत अत्यंत प्रिय है इस लिंगाष्टकम स्त्रोत से जन्मों के पापों से छुटकारा मिल जाता है।
- अगर कोई व्यक्ति लिंगाष्टकम का पाठ प्रतिदिन करता है तो उस मनुष्य को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और भगवान शिव सदा शिव मोक्ष प्रदान करते हैं और जो भी मनुष्य लिंगाष्टकम का नित्य पाठ करता है उसे शिव धाम में वास मिलता है।
- जो भी व्यक्ति लिंगाष्टकम स्त्रोत का श्रद्धा पूर्वक पाठ करता है उसकी सभी मनोकामनाएं तथा उसकी सारी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं उसकी सारी इच्छाएं स्वयं शिव शंकर भगवान पूर्ण कर देते हैं।
lingashtakam in hindi lyrics
लिंगाष्टकम का पाठ करने के क्या लाभ हैं ?
ऐसा कहा जाता है कि अगर सावन के महीने में जो कोई भी लिंगाष्टकम सुन लेता है तो उसके सारे कष्ट क्षण भर में दूर हो जाते हैं।
लिंगाष्टकम में कितने श्लोक हैं ?
लिंगाष्टकम में कुल 8 श्लोक होते हैं इन श्लोक को कोई व्यक्ति पड़ता है और भगवान शंकर की आराधना करता है तो भगवान शंकर उसे मनचाहा वरदान मांगने का आशीर्वाद देते हैं।
लिंगाष्टकम कब बोलना चाहिए?
ऐसा कहा जाता है कि लिंगाष्टकम को शिवरात्रि की रात में अगर पढ़ा जाए तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है जो भी व्यक्ति शिवलिंग की पूजा करते समय अगर इस मंत्र का जाप करता है तो उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
निष्कर्ष
दोस्तों जैसा कि आज मैंने आप लोगों को बताया कि Lingashtakam in hindi lyrics किसे कहते हैं और यह लिरिक्स मैंने आपको इस लेख में दिया है तो आप इस लिरिक्स को पढ़कर जान सकते हैं कि यह किस भगवान का है. तो आप लोग इस लिरिक्स को जरूर पढ़ें या लिरिक्स बहुत ही प्यारा व अच्छा है। इसमें शंकर भगवान के गुणों का वर्णन किया गया है तो आप इस लिरिक्स को जरूर पढ़ें।