मां शैलपुत्री मंत्र | maa shailputri mantra : दोस्तों हम सभी जानते हैं कि जब नवरात्र का दिन आता है तो मां दुर्गा के नौ रूपों में मां शैलपुत्री की भी पूजा की जाती है और प्रथम दिन मां शैलपुत्री को ही समर्पित किया गया है।
मां दुर्गा के अवतार के रूप में पर्वतों की राजा शैल के यहां अवतार लेने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। मां शैलपुत्री प्रकृति की देवी हैं और दूसरी तरफ पार्वती का अवतार मानी जाती हैं मां शैलपुत्री के बाएं हाथ में त्रिशूल दाएं हाथ में डमरू है और इनका वाहन मुख्य रूप से बैल है इन्हें मूलाधार चक्र की देवी भी माना जाता है।
नवरात्रि के दिनों में मां शैलपुत्री की पूजा के साथ-साथ मंत्रों के द्वारा इनकी सख्त का जागृत किया जाता है शक्ति प्राप्त करने के लिए भक्तजन Maa ShailPutri Mantra उपासना मंत्र और कवच मंत्र का मंत्र उच्चारण करके उन्हें प्रसन्न करते हैं और अभय दान प्राप्त करते हैं।
- 1. मां शैलपुत्री मंत्र | Maa ShailPutri Mantra
- 1.1. माँ शैलपुत्री उपासना मंत्र
- 2. माँ शैलपुत्री ध्यान मंत्र
- 3. माँ शैलपुत्री स्तोत्र | Maa shailputri stotram
- 4. माँ शैलपुत्री कवच | Maa shailputri kavacham
- 5. शैलपुत्री की आरती | Maa shailputri aarti
- 6. मां शैलपुत्री के मंत्र
- 7. मां शैलपुत्री के प्रभावशाली मंत्र
- 8. मां शैलपुत्री का मंत्र जपने से लाभ | Maa shailputri mantra labh
- 9. मां शैलपुत्री के लिए भोग सामग्री
- 10. मां शैलपुत्री का स्वरूप
- 11. मां शैलपुत्री के पूजा मंत्र
- 12. मां शैलपुत्री की पूजा विधि | Maa shailputri puja vidhi
- 13. FAQ : Maa ShailPutri Mantra
- 13.1. मां शैलपुत्री को क्या चढ़ाया जाता है ?
- 13.2. मां शैलपुत्री का प्रथम मंत्र कौन सा है ?
- 13.3. मां दुर्गा का मंत्र क्या है ?
- 14. निष्कर्ष
मां शैलपुत्री मंत्र | Maa ShailPutri Mantra
दोस्तों मां शैलपुत्री की नवरात्रि में पूजा के दौरान कई प्रकार के मंत्र जाप किए जाते हैं आइए हम आपको मां शैलपुत्री मंत्र के बारे में बताते हैं :
माँ शैलपुत्री उपासना मंत्र
मां शैलपुत्री की उपासना के लिए नीचे दिए गए मंत्र का जाप किया जाता है। मां शैलपुत्री उपासना मंत्र इस प्रकार से है
वन्दे वांछितलाभाय चन्दार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम।।
माँ शैलपुत्री ध्यान मंत्र
योग साधना के दौरान भक्तों को मां शैलपुत्री ध्यान मंत्र का मंत्रोचार करना होता है मां शैलपुत्री का ध्यान मंत्र इस प्रकार से है :
वंदे वांच्छितलाभायाचंद्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढांशूलधरांशैलपुत्रीयशस्विनीम्॥पूणेंदुनिभांगौरी मूलाधार स्थितांप्रथम दुर्गा त्रिनेत्रा।
पटांबरपरिधानांरत्नकिरीटांनानालंकारभूषिता॥प्रफुल्ल वदनांपल्लवाधरांकांतकपोलांतुंग कुचाम्।
कमनीयांलावण्यांस्मेरमुखीक्षीणमध्यांनितंबनीम्॥
माँ शैलपुत्री स्तोत्र | Maa shailputri stotram
नवरात्र के दिनों में अगर आप नवरात्रि के पर्व पर व्रत धारण करते हैं और दुर्गा मां के नौ रूप की पूजा करते हैं तो आपको मां शैलपुत्री की पूजा प्रथम दिन करनी होती है मां शैलपुत्री की पूजा के मंत्र के साथ-साथ आप स्त्रोत का भी पाठ कर सकते हैं जो इस प्रकार से है।
प्रथम दुर्गा त्वहिभवसागर तारणीम्।
धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम्॥त्रिलोकजननींत्वंहिपरमानंद प्रदीयनाम्।
सौभाग्यारोग्यदायनीशैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम्॥चराचरेश्वरीत्वंहिमहामोह विनाशिन।
भुक्ति, मुक्ति दायनी,शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम्॥चराचरेश्वरीत्वंहिमहामोह विनाशिन।
भुक्ति, मुक्ति दायिनी शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम्॥
माँ शैलपुत्री कवच | Maa shailputri kavacham
मां शैलपुत्री अपने भक्तों को किसी भी प्रकार से कोई नुकसान नहीं करती हैं अगर आप सच्ची श्रद्धा के साथ उनकी साधना पूजा करते हैं तो आपको हर संकट से छुट्टी मिलती है मां शैलपुत्री के कवच मंत्र को भी जाप और सिद्ध करने से आपकी सुरक्षा मिलती हैं।
ओमकार: में शिर: पातुमूलाधार निवासिनी।
हींकार,पातुललाटेबीजरूपामहेश्वरी॥श्रीकार:पातुवदनेलज्जारूपामहेश्वरी।
हूंकार:पातुहृदयेतारिणी शक्ति स्वघृत॥फट्कार:पातुसर्वागेसर्व सिद्धि फलप्रदा।
शैलपुत्री की आरती | Maa shailputri aarti
दोस्तों किसी भी देवी देवता की पूजा और उपासना करने के उपरांत आरती का भी प्रावधान है ऐसे में जब आप नवरात्र के दिनों में मां शैलपुत्री की पूजा उपासना करते हैं तो आप मां शैलपुत्री की इस आरती का गायन करना चाहिए जो इस प्रकार से हैं।
शैलपुत्री मां बैल असवार।
करें देवता जय जयकार।शिव शंकर की प्रिय भवानी।
तेरी महिमा किसी ने ना जानी।पार्वती तू उमा कहलावे।
जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू।
दया करे धनवान करे तू।सोमवार को शिव संग प्यारी।
आरती तेरी जिसने उतारी।उसकी सगरी आस पुजा दो।
सगरे दुख तकलीफ मिला दो।घी का सुंदर दीप जला के।
गोला गरी का भोग लगा के।श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं।
प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।जय गिरिराज किशोरी अंबे।
शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।मनोकामना पूर्ण कर दो।
भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।
मां शैलपुत्री के मंत्र
जहां एक और हम मां शैलपुत्री की साधना और पूजा के लिए कई प्रकार के स्त्रोत और आरती का पाठ करते हैं वही हम इनकी साधना सिद्धि के लिए कुछ मंत्र भी होते हैं इन मंत्रों को सिद्ध करने से साधक को मां शैलपुत्री की असीम अनुकंपा प्राप्त होती है आइए हम मां शैलपुत्री के प्रभावशाली मंत्र के बारे में जानते हैं।
मां शैलपुत्री के प्रभावशाली मंत्र
1- ऊँ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥
2- वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
3- या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
मां शैलपुत्री का मंत्र जपने से लाभ | Maa shailputri mantra labh
दोस्तों मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि मां शैलपुत्री के मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में सुख और सौभाग्य प्राप्त होता है मां शैलपुत्री चंद्रमा से संबंधित हैं जब हम इनके मंत्रों का जाप करते हैं तो मां शैलपुत्री की कृपा से चंद्रमा से संबंधित किसी भी प्रकार का दोष दूर हो जाता है और भक्तों को सुख समृद्धि प्रदान होती है।
मां शैलपुत्री के लिए भोग सामग्री
मां शैलपुत्री की पूजा और आराधना के दौरान हम उनको समर्पित करने के लिए भोग सामग्री के रूप में सफेद मिठाई और घी अर्पित करते हैं क्योंकि मां शैलपुत्री को सफेद वस्तुएं अत्यधिक प्रिय हैं इसलिए इनको हम सफेद कपड़े भी चोला के रूप में अर्पित करते हैं हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार मां शैलपुत्री की पूजा अगर कोई कुंवारी कन्या करती है तो उसे इच्छित वर प्रधान होता है।
मां शैलपुत्री का स्वरूप
दोस्तों मां शैलपुत्री पर्वतराज फाइल की पुत्री हैं अगर हम इनके स्वरूप पर बात करें तो मां शैलपुत्री के हाथ में त्रिशूल है तो एक हाथ में कमल का पुष्प है तथा नंदीबैल पर सवारी करते हैं और हिमालय पर हमेशा विराजमान रहते हैं इन्हें उमा के नाम से भी जाना जाता है.
मां शैलपुत्री के पूजा मंत्र
माता शैलपुत्री की पूजा षोडशोपचार विधि से होती है इनकी पूजा करने से पूर्व सभी नदियों तीर्थों और दिशाओं का आवाहन करते हैं नवरात्रि के प्रथम दिन से लेकर अंतिम दिन तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है जिसमें प्रतिदिन घर में कपूर जलाना चाहिए और मां शैलपुत्री की पूजा करनी चाहिए इसके लिए आपको नीचे दिए गए मंत्र का जाप करना चाहिए।
वन्दे वांछितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखरम्।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।
पूणेन्दु निभां गौरी मूलाधार स्थितां प्रथम दुर्गा त्रिनेत्राम्॥
पटाम्बर परिधानां रत्नाकिरीटा नामालंकार भूषिता॥प्रफुल्ल वंदना पल्लवाधरां कातंकपोलां तुंग कुचाम् ।
कमनीयां लावण्यां स्नेमुखी क्षीणमध्यां नितम्बनीम् ॥या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:।ओम् शं शैलपुत्री देव्यै: नम:।
मां शैलपुत्री की पूजा विधि | Maa shailputri puja vidhi
मां शैलपुत्री की पूजा नवरात्रि के दिनों में होती है प्रमुख रूप से चैत्र माह की नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने के लिए स्नानादि करके सफेद कपड़े पहन कर एक चौकी बनाएं और गंगाजल से पवित्र करके मां दुर्गा की प्रतिमा लगाएं।
इसके बाद कलश स्थापना करके मां शैलपुत्री का ध्यान करें मां को रोली चावल का तिलक लगाएं और सफेद फूल चढ़ाएं तथा सफेद वस्त्र ही अर्पित करें और संकल्प लें तथा मां के सामने धूप दीप जलाकर आरती करें तथा सायं काल में मां की आरती और ध्यान अवश्य करें।
FAQ : Maa ShailPutri Mantra
मां शैलपुत्री को क्या चढ़ाया जाता है ?
मां शैलपुत्री का प्रथम मंत्र कौन सा है ?
यह मंत्र प्रथम मां दुर्गा के रूप में शैलपुत्री का मंत्र है इस मंत्र का जाप करने पर मां को गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए।ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:।
मां दुर्गा का मंत्र क्या है ?
मंत्र मां दुर्गा का मंत्र है जिसका दुर्गा नवरात्रि में जाप किया जाता है।'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै'
निष्कर्ष
दोस्तों हम अपनी इस आर्टिकल में दुर्गा के नव रूप में प्रथम रूप शैलपुत्री मंत्र के बारे में बताया है हम जब नवरात्रि का पर्व व्रत करते हैं तो निश्चित है कि पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं जिससे हमारी सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।