Mahalaxmi puja kaise kare vidhi kya hai ? हेलो दोस्तों नमस्कार आज हम आपको बताएंगे कि महालक्ष्मी पूजन की विधि और उनकी तैयारी कैसे की जाती है दोस्तों महालक्ष्मी पूजन की तैयारी करने के लिए आपको इस आर्टिकल को पूरा पढ़ना होगा जिससे आपको भी पता चल सके कि महालक्ष्मी पूजन की तैयारी कैसे की जाती है दोस्तों महालक्ष्मी की पूजा दीपावली वाले दिन भी की जाती है।
भगवान गणेश के साथ तो उसके लिए भी काम आ सकती है या तैयारी तो चलिए दोस्तों अब हम आपको बताते हैं कि महालक्ष्मी पूजन की तैयारी कैसे करें तैयारी बताने से पहले कुछ चीजें आपको बताएंगे जो जानना आपके लिए बेहद जरूरी है दोस्तों शुक्रवार महालक्ष्मी पूजन व्रत का उपवास होता है।
और मां को कई रूपों में पूजा जाता है मां वैभव लक्ष्मी की पूजा अर्चना हर शुक्रवार को की जाती है और वही मां महालक्ष्मी की पूजा साल में एक बार की जाती है। इस पूजा का विशेष बखान शास्त्रों में किया गया है इस वक्त व्रत की कथा का पाठ करने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है।
दोस्तों अगर शास्त्रों को माने तो यह व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण होता है इस व्रत को करने से मां लक्ष्मी सारी मनोकामनाएं पूरी कर देती हैं और जीवन में हर प्रकार की समस्याओं का अंत होता है अगर किसी कारण वश व्रत ना रख पाए तो कम दिन भी इस व्रत को रख सकते हैं इस व्रत में अन्य ग्रह नहीं किया जाता और 16 दिन पूजा करके इस व्रत का उद्यापन किया जाता है।
- 1. महालक्ष्मी जी को क्या पसंद है ?
- 2. महालक्ष्मी जी का पवित्रीकरण मंत्र और विधी
- 3. लक्ष्मी पूजन की तैयारी | Mahalaxmi puja vidhi
- 3.1. 1. लक्ष्मी पूजन की चौकी
- 3.2. 2. कलश स्थापना
- 3.3. 3. पूजा
- 4. महालक्ष्मी पूजन की सरल विधि | Mha laxmi pujan ki saral vidhi
- 5. लक्ष्मी पूजन संकल्प
- 6. लक्ष्मी पूजन में करें देवियों के 12 नामों के जाप
- 6.1. 1. ये है श्री लक्ष्मी द्वादशनाम स्तोत्रम् ?
- 7. श्री महालक्ष्मी पूजन प्रारंभ
- 7.1. 1 . ध्यान एवं आवाहन : ( ध्यान एवं आवाहन हेतु अक्षत, पुष्प प्रदान करें)
- 7.2. 2. आसन :- (अक्षत)
- 7.3. 3. पादय एवं अर्घ्य :-
- 7.4. 4. स्नान :- (हल्दी, केशर, अक्षतयुक्त जल)
- 7.5. 5. वस्त्र एवं उपवस्त्र :- (वस्त्र)
- 7.6. 6. चंदन :- (घिसा हुआ चंदन)
- 7.7. 7. पुष्पमाला :- (पुष्पों की माला)
- 8. लक्ष्मी जी को प्रसन्न कैसे करे ?
- 9. लक्ष्मी पूजन का पूर्ण विवरण
- 10. महालक्ष्मी पूजन की महाआरती
- 10.1. लक्ष्मीजी की आरती
महालक्ष्मी जी को क्या पसंद है ?
- लक्ष्मीजी, गणेशजी की दाहिनी ओर रहें सही दिशा में रखें।
- कलश को लक्ष्मीजी के पास चावलों के ऊपर रखें।
- देवी लक्ष्मी को पुष्प में कमल या गुलाब दें सकते है।
- सीताफल, बेर , श्रीफल अनार व सिंघाड़े प्रिय है।
- मूर्तियों वाली चौकी के सामने छोटी चौकी रखकर उस पर लाल वस्त्र बिछाएं।
- सुगंध में केवड़ा , गुलाब , चंदन के इत्र का प्रयोग इनकी पूजा में अवश्य करें।
- अनाज में चावल पसंद है।
- मिठाई में शुद्धता पूर्ण घर में बनी केसर की मिठाईया हलवे का प्रयोग करें।
- प्रकाश के लिए गाय का घी मूंगफली या तिल्ली का तेल मां को शीघ्र पसंद है।
- मां लक्ष्मी को स्वर्ण आभूषण पसंद है।
- मां लक्ष्मी के स्थान को गाय के गोबर से लीपा जाना चाहिए
- उनके आसन पर बैठकर पूजा करने से तुरंत फल मिलता है
महालक्ष्मी जी का पवित्रीकरण मंत्र और विधी
आप हाथ में पूजा के जल पात्र से थोड़ा सा जल ले और फिर उससे मूर्तियों के ऊपर छड़के साथ में मंत्र पढ़ें इस मंत्र को और पानी को छिड़ककर आप अपने आपको पूजा की सामग्री को और आपके आसन को कुछ भी पवित्र ले।
ॐ पवित्रः अपवित्रो वा सर्वावस्थांगतोऽपिवा।
यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स वाह्यभ्यन्तर शुचिः॥
पृथ्विति मंत्रस्य मेरुपृष्ठः ग षिः सुतलं छन्दः
कूर्मोदेवता आसने विनियोगः॥
अब पृथ्वी पर जिस जगह आपने आसन बिछाया है, उस जगह को पवित्र कर लें और मां पृथ्वी को प्रणाम करके मंत्र बोलें-
ॐ पृथ्वी त्वया धृता लोका देवि त्वं विष्णुना धृता।
त्वं च धारय मां देवि पवित्रं कुरु चासनम्॥
पृथिव्यै नमः आधारशक्तये नमः
अब आचमन करें
पुष्प, चम्मच या अंजुलि से एक बूंद पानी अपने मुंह में छोड़िए और बोलिए-
ॐ केशवाय नमः
और फिर एक बूंद पानी अपने मुंह में छोड़िए और बोलिए-
ॐ नारायणाय नमः
फिर एक तीसरी बूंद पानी की मुंह में छोड़िए और बोलिए-
ॐ वासुदेवाय नमः
फिर ॐ हृषिकेशाय नमः कहते हुए हाथों को खोलें और अंगूठे के मूल से होंठों को पोंछकर हाथों को धो लें। पुनः तिलक लगाने के बाद प्राणायाम व अंग न्यास आदि करें। आचमन करने से विद्या तत्व, आत्म तत्व और बुद्धि तत्व का शोधन हो जाता है तथा तिलक व अंग न्यास से मनुष्य पूजा के लिए पवित्र हो जाता है।
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लक्ष्मी पूजन की तैयारी | Mahalaxmi puja vidhi
पूजा शुरू करने से पहले घर की अच्छी तरह से सफाई करें और सजाएं पूजा की प्रक्रिया शुरू करने से पहले शुद्धीकरण अनुष्ठान के लिए पूरे घर में और घर के पुरे सदस्यों में गंगाजल का छिड़काव करें।
1. लक्ष्मी पूजन की चौकी
एक चौकी स्थापित करें जहां पर पूजा करना है फिर चौकी पर एक लाल कपड़ा बिछाए और उस पर अनाज के दाने फैलाएं हल्दी पाउडर से एक कमल बनाएं और उस पर देवी लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति रखें।
2. कलश स्थापना
तांबे के बर्तन में तीन चौथाई पानी भरकर उसमें सिक्के सुपारी किसमिस लॉन्ग सूखे मेवे और इलायची डालें बर्तन में आम के पत्ते गोलाकार में रखें और उसके बीच में एक नारियल रखें कलर्स को सिंदूर और फूलों से सजाएं।
3. पूजा
लक्ष्मी पूजन से पहले गणेश भगवान की पूजा की जाती है और फिर लक्ष्मी जी की पूजा होती है प्रसाद में आमतौर पर बताशा , लड्डू सुपारी और मेवा , सूखे मेवे , नारियल , मिठाई, घर की रसोई में बने व्यंजन होते हैं इसके बाद पूजा में कुछ सिक्के भी रखे जाते हैं मंत्र जाप के दौरान दीपक या अगरबत्ती जलाई जाती है और फूल चढ़ाए जाते है।
महालक्ष्मी पूजन की सरल विधि | Mha laxmi pujan ki saral vidhi
समस्त सामग्री एकत्र करने के बाद और सारी तैयारी पूरी होने के बाद कैसे करें महालक्ष्मी पूजन की सरल विधि।
लक्ष्मी पूजन संकल्प
आप हाथ में अक्षत लें, पुष्प और जल ले लीजिए। ये सब हाथ में लेकर संकल्प मंत्र को बोलते हुए संकल्प कीजिए कि मैं अमुक व्यक्ति अमुक स्थान व समय पर अमुक देवी-देवता की पूजा करने जा रहा हूं जिससे मुझे शास्त्रोक्त फल प्राप्त हों। सबसे पहले गणेशजी व गौरी का पूजन कीजिए। उसके बाद वरुण पूजा यानी कलश पूजन करनी चाहिए।
लक्ष्मी पूजन में करें देवियों के 12 नामों के जाप
1. ये है श्री लक्ष्मी द्वादशनाम स्तोत्रम् ?
ईश्वरीकमला लक्ष्मीश्चलाभूतिर्हरिप्रिया।
पद्मा पद्मालया सम्पद् रमा श्री: पद्मधारिणी।।
द्वादशैतानि नामानि लक्ष्मी संपूज्य य: पठेत्।
स्थिरा लक्ष्मीर्भवेत्तस्य पुत्रदारादिभिस्सह।।
- इस स्तोत्रम् में देवी लक्ष्मी के 12 नाम बताए गए हैं।
- ईश्वरी, कमला, लक्ष्मी, चला, भूति, हरिप्रिया, पद्मा, पद्मालया, संपद्, रमा, श्री, पद्मधारिणी।
- इन 12 नामों का जाप करने से भक्त को स्थिर लक्ष्मी यानी धन, संतान सुख मिल सकता है और दरिद्रता दूर हो सकती है।
- आप चाहें तो लक्ष्मी पूजा में लक्ष्मीजी के अन्य मंत्रों का भी जाप कर सकते हैं।ऐसे कर सकते हैं मंत्र जाप
श्री महालक्ष्मी पूजन प्रारंभ
1 . ध्यान एवं आवाहन : ( ध्यान एवं आवाहन हेतु अक्षत, पुष्प प्रदान करें)
परमपूज्या भगवती महालक्ष्मी सहस्र दलवाले कमल की कर्णिकाओं पर विराजमान हैं। इनकी कांति शरद पूर्णिमा के करोड़ों चंद्रमाओं की शोभा को हरण कर लेती है। ये परम साध्वी देवी स्वयं अपने तेज से प्रकाशित हो रही हैं। इस परम मनोहर देवी का दर्शन पाकर मन आनंद से खिल उठता है। वे मूर्तमति होकर संतप्त सुवर्ण की शोभा को धारण किए हुए हैं। रत्नमय आभूषण इनकी शोभा बढ़ा रहे हैं। उन्होंने पीतांबर पहन रखा है। इस प्रसन्न वदनवाली भगवती महालक्ष्मी के मुख पर मुस्कान छा रही है। ये सदा युवावस्था से संपन्न रहती हैं। इनकी कृपा से संपूर्ण संपत्तियाँ सुलभ हो जाती हैं। ऐसी कल्याणस्वरूपिणी भगवती महालक्ष्मी की हम उपासना करते हैं।
( अक्षत एवं पुष्प अर्पित कर प्रणाम करें) पुनः अक्षत व पुष्प लेकर आवाहन करें-
हे माता! महालक्ष्मी पूजन हेतु मैं आपका आवाहन करता हूँ। आप यहाँ पधारकर पूजन स्वीकार करें।
( अक्षत, पुष्प अर्पित करें)
2. आसन :- (अक्षत)
भगवती महालक्ष्मी ! जो अमूल्य रत्नों का सार है तथा विश्वकर्मा जिसके निर्माता हैं, ऐसा यह विचित्र आसन स्वीकार कीजिए।
( आसन हेतु अक्षत अर्पित करें)
3. पादय एवं अर्घ्य :-
ॐ महालक्ष्मी ! आपको नमस्कार है। आपके चरणों में यह पाद्य जल अर्पित है। आपके हस्त में यह अर्घ्य जल अर्पित है।
4. स्नान :- (हल्दी, केशर, अक्षतयुक्त जल)
श्री हरिप्रिये ! यह उत्तम गंधवाले पुष्पों से सुवासित जल तथा सुगंधपूर्ण आमलकी चूर्ण शरीर की सुंदरता बढ़ाने का परम साधन है। आप इस स्नानोपयोगी वस्तु को स्वीकार करें।
ॐ श्री महालक्ष्मी ! आपको नमस्कार है। आपके समस्त अंगों में स्नान हेतु यह सुवासित जल अर्पित है।
( श्रीदेवी को स्नान कराएँ)
5. वस्त्र एवं उपवस्त्र :- (वस्त्र)
देवी ! इन कपास तथा रेशम के सूत्र से बने हुए वस्त्रों को आप ग्रहण कीजिए।
ॐ श्री महालक्ष्मी ! आपको नमस्कार है। आपकी प्रसन्नतार्थ विभिन्न वस्त्र एवं उपवस्त्र अर्पित करता हूँ।
( श्रीदेवी को वस्त्र व उपवस्त्र अर्पित है)
6. चंदन :- (घिसा हुआ चंदन)
देवी ! सुखदायी एवं सुगंधियुक्त यह चंदन सेवा में समर्पित है, स्वीकार करें।
ॐ श्री महालक्ष्मी ! आपको नमस्कार है। आपकी प्रसन्नतार्थ चंदन अर्पित है।
( चंदन अर्पित करें)
7. पुष्पमाला :- (पुष्पों की माला)
विविध ऋतुओं के पुष्पों से गूँथी गई, असीम शोभा की आश्रय तथा देवराज के लिए भी परम प्रिय इस मनोरम माला को स्वीकार करें।
ॐ श्री महालक्ष्मी ! आपको नमस्कार है। आपकी प्रसन्नतार्थ विभिन्न पुष्पों की माला अर्पित करता हूँ।
( कमल, लाल गुलाब के पुष्पों की माला अर्पित करें)
लक्ष्मी जी को प्रसन्न कैसे करे ?
1. मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अपने घर एवं अपने व्यवसायिक स्थल पर साफ-सफाई रखते हुए पवित्रता कायम रखें ।
2. कभी भी जुठे हाथ से पैसे को स्पर्श ना करें ।
3. शुक्रवार के दिन घर के मुख्य द्वार पर बाहर की तरफ जमीन पर रोली या लाल रंग में माता लक्ष्मी के पैरों के चिन्ह बनाएं ।
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लक्ष्मी पूजन का पूर्ण विवरण
1. पूजा के दिन सबसे पहले एक बड़ी और साफ चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछा दें उसके बाद उसके ऊपर गणेश और लक्ष्मी की मूर्ति को स्थापित कर दें ।
2. लक्ष्मी जी के पास जल से भरा कलर्स जरूर रखें कलर्स के ऊपर एक नारियल उसको लाल धागे में लपेट कर रखें नारियल का आग्रभाग दिखाई देता रहे कलर्स के पास दो बड़े दीपक जरूर रखें ।
3. जिसमें से एक घी का दीपक होना चाहिए और दूसरा तेल का दीपक होना चाहिए ।
4. एक दीपक चौकी के दाई और रखें और दूसरा मूर्तियों के चरणों में रखें ।
5. एक दीपक गणेश भगवान के पास जरूर रखें ।
6. गणेश जी की ओर चावल की 16 प्रतीक बनाए ।
महालक्ष्मी पूजन की महाआरती
कपूर एवं घी का दीपक जलाकर महालक्ष्मी की आरती करें :
लक्ष्मीजी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसिदिन सेवत, हर-विष्णु विधाता ॥ॐ जय…॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग माता ।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ॐ जय…॥
दुर्गारूप निरंजनि, सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥ॐ जय…॥
तुम पाताल निवासिनि तुम ही शुभदाता ।
कर्मप्रभाव प्रकाशिनी भवनिधि की त्राता ॥ॐ जय…॥
जिस घर तुम रहती तहं, सब सद्गुण आता ।
सब संभव हो जाता, मन नहिं घबराता ॥ॐ जय…॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता ।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥ॐ जय…॥
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षिरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहिं पाता ॥ॐ जय…॥महालक्ष्मी की आरती, जो कोई नर गाता ।
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता ॥ॐ जय…॥
आरती करके शीतलीकरण हेतु जल छोड़ें।
( स्वयं व परिवार के सदस्य आरती लेकर हाथ धो लें।)